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मनीष सिसोदिया ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया ने शराब नीति घोटाला के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सिसोदिया ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों में अपनी जमानत याचिका खारिज करने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। जस्टिस अरविंद कुमार और संदीप मेहता की पीठ मंगलवार को सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है।

हाई कोर्ट ने 21 मई को शराब घोटाले के संबंध में ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज अलग अलग मामलों में उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि यह मामला उनके (सिसोदिया) द्वारा सत्ता के दुरुपयोग और जनता के विश्वास के उल्लंघन से जुड़ा है। उन्होंने कहा, “सिसोदिया का आचरण लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ बड़ा विश्वासघात है।”

हाई कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया दिल्ली सरकार में एक बहुत ही शक्तिशाली व्यक्ति थे। उनके पास 18 विभाग थे, जिसमें आबकारी विभाग भी शामिल था। उन्हें दिल्ली में नई आबकारी नीति बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पिछले साल 26 फरवरी को शराब घोटाले में शामिल होने के आरोप में सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई की तरफ से दर्ज एफआईआर के बाद नौ मार्च 2023 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया। सिसोदिया ने 28 फरवरी 2023 में दिल्ली कैबिनेट इस्तीफा दे दिया था।

सिसोदिया के लिए जमानत की मांग करते हुए उनके वकील ने उच्च न्यायालय के समक्ष कहा था कि ईडी और सीबीआई अभी भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लोगों को गिरफ्तार कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि इसके जल्द समापन का कोई समाधान नहीं है।

क्या थी दिल्ली की नई शराब नीति
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा।

सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई।

‘देश नकारात्मक ताकतों से आजाद होने जा रहा है’, लोकसभा चुनाव परिणाम पर बोले अखिलेश यादव

लखनऊ:  सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव परिणाम घोषित होने से एक दिन पहले मीडिया को संबोधित करते हुए दावा किया कि 4 जून को देश नकारात्मक शक्तियों से आजाद होने जा रहा है। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल पर बयान दिया। मुद्दों के सहारे मोदी सरकार के कार्यकाल पर सवाल उठाए।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के झूठे राष्ट्रवाद ने देश को नुकसान पहुंचाया। सामाजिक रूप से देश का सौहार्द्र बिगाड़ा। भाईचारा खत्म किया। जाति के खिलाफ जाति और संप्रदाय के खिलाफ संप्रदायों को लड़वाया। संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण को साजिशन खत्म करने की कोशिश की गई। बेरोजगारों से छल किया। पेपर लीक कराए। देश के लिए आगे बढ़कर लड़ने वालों के लिए अपने मंत्रियों से जानबूझकर अपशब्द कहलवाए। मणिपुर, हाथरस, महिला पहलवान, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार और सबसे खराब व्यवहार किए जाने का रिकॉर्ड बनाया।

भाजपा ने आर्थिक रूप से इलेक्टोरल बॉन्ड का ऐतिहासिक भ्रष्टाचार किया। इसके जरिए पैसा कमाने के लिए मुनाफाखोरी को बढ़ावा दिया जिसने महंगाई को बढ़ाया। अपने फायदे के लिए भाजपा ने जनता पर महंगाई थोप दी। नोटबंदी से व्यापार चौपट कर दिया। भ्रष्ट जीएसटी से छोटे दुकानदार को मंदी का शिकार बना दिया। किसानों की जमीन हड़पनी चाही। काले कृषि कानून लाए। खाद की बोरी की चोरी की। लाभकारी मूल्य नहीं दिया। देश को अब तक की सबसे बड़ी बेरोजगारी में धकेल दिया। महंगाई से गरीब को और गरीब कर दिया। अमीरों के अरबों के लोन माफ कर दिए लेकिन किसानों का ऋण नहीं माफ किया। उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया। ब्याज की दरें घटाकर मध्यमवर्ग की बचत को बेकार कर दिया।

बैंकों में तरह-तरह के चार्ज से लोगों का धन दीमक की तरह खा गए। बैंक लॉकरों के नाम पर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। नैतिक रूप से चंदे का पैसा तक खा गए। केयर के आगे पीएम के नाम का इस्तेमाल कर बाद में हिसाब देने से मना कर दिया। अपराधियों को शामिल करने उनके कृत्यों पर पर्दा डालने जैसे मणिपुर में अपने संघी साथियों द्वारा बेटियों के साथ अमानवीय व्यवहार में और बीएचयू में अभद्रता कांड में, खीरी किसान हत्याकांड में, हाथरस की बेटी के बलात्कार, हत्या व कानपुर देहात कांड में जहां मां-बेटी को झोपड़ी में जिंदा जलाकर मार डाला ऐसे अनगिनत उदाहरण भाजपा सरकार के हैं।

कर्नाटक विधान परिषद की छह सीटों के लिए मतदान, छह जून को जारी किए जाएंगे नतीजे

बंगलूरू: कर्नाटक में स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से विधान परिषद की छह सीटों के लिए सोमवार को मतदान शुरू हो गया। मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम चार बजे तक जारी रहेगा। इन छह सीट पर 78 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतगणना छह जून को होगी। दरअसल, तीन सीटें स्नातक एमएलसी और तीन सीटें शिक्षक एमएलसी का कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली हुई हैं।

कर्नाटक विधान परिषद की 75 सीट में से कांग्रेस 29 पर काबिज है। जिन छह सीट पर मतदान हो रहा है उनमें कर्नाटक उत्तर पूर्व स्नातक, कर्नाटक दक्षिण पश्चिम स्नातक, बंगलूरू स्नातक, कर्नाटक दक्षिण-पूर्व शिक्षक, कर्नाटक दक्षिण-पश्चिम शिक्षक और कर्नाटक दक्षिण शिक्षक सीट शामिल हैं।

किसका-किसका हुआ कार्यकाल पूरा
कर्नाटक नॉर्थ-ईस्ट ग्रेजुएट्स से डॉ. चंद्रशेखर बी पाटिल, कर्नाटक साउथ-वेस्ट ग्रेजुएट्स से अयानुरु मंजूनाथ, बंगलूरू ग्रेजुएट्स से ए देवेगौड़ा, कर्नाटक साउथ-ईस्ट टीचर्स से डॉ. वाईए नारायणस्वामी, कर्नाटक साउथ-वेस्ट टीचर्स के एसएल भोजे गौड़ा और कर्नाटक साउथ टीचर्स के मैरिथिब्बे गौड़ा 21 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

विधान परिषद के छह सदस्यों की सेवानिवृत्ति के बाद ये सीट खाली हुई हैं। स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में क्रमशः 3.63 लाख और 70,260 मतदाता हैं। निर्वाचन आयोग ने शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 170 और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 461 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं।

कांग्रेस ने इन लोगों को उतारा मैदान में
कांग्रेस ने दक्षिण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से मरिथिब्बा गौड़ा, दक्षिण-पश्चिम शिक्षक सीट से के. के. मंजूनाथ, दक्षिण-पश्चिम स्नातक सीट से अयानुर मंजूनाथ, उत्तर-पूर्व स्नातक सीट से चंद्रशेखर पाटिल, बंगलूरू स्नातक सीट से रामोजी गौड़ा और दक्षिण-पूर्व शिक्षक सीट से डी टी श्रीनिवास को चुनाव मैदान में उतारा है।

भाजपा की ओर से यह प्रत्याशी
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सहयोगी जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) विधान परिषद चुनाव एक साथ लड़ रहे हैं। भाजपा चार सीट पर तो जेडीएस दो सीट पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने कर्नाटक उत्तर-पूर्व स्नातक सीट पर अमरनाथ पाटिल, कर्नाटक दक्षिण-पश्चिम स्नातक सीट पर डॉ. धनंजय सरजी, बंगलुरू स्नातक निर्वाचन सीट पर ए देवेगौड़ा और दक्षिण-पूर्व शिक्षक सीट पर वाई ए नारायणस्वामी को प्रत्याशी घोषित किया है।

सिक्किम में प्रेम सिंह तमांग को चुना गया विधायक दल का नेता; अरुणाचल में भी जल्द होगा फैसला

पूर्वोत्तर के दो राज्यों अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए।सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने भारी बहुमत के साथ जीत हसिल की। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में एक बार फिर पेमा खांडू सरकार (भाजपा) की वापसी हुई। बता दें कि दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपनी-अपनी सीट से जीत हासिल की। सिक्किम में प्रेम सिंह तमांग ने एसकेएम का विधायक दल का नेता चुना गया। इसी के साथ अब वह जल्द ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगें। अरुणाचल प्रदेश में भी अब जल्द फैसला होने वाला है।

सीएम आवास में रविवार को हुई चर्चा
रविवार की रात को सभी 31 नवनिर्वाचित विधायक सीएम के आधिकारिक आवास पर उपस्थित हुए। सीएम आवास में हुई बैठक में एसकेएम के प्रधान सचिव अरुण उप्रेती ने विधायक दल के नेता के रूप में तमांग के नाम का प्रस्ताव रखा। संघा विधायक सोनम लामा ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। तमांग को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया।

पार्टी के नेताओं ने तमांग को चुनाव के लिए बधाई दी और उनके साथ मिलकर काम करने की शपथ ली। विधानसभा चुनाव में सिक्किम की 31 सीटों में एसकेएम ने 31 पर जीत हासिल की है. बता दें कि नतीजे रविवार को जारी किए गए थे। सिक्किम के अलावा अरुणाचल प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव के नतीजे रविवार को घोषित किए गए। राज्य की 60 सीटों पर भाजपा ने 46 सीटों पर जीत हासिल की। इसके अलावा कांग्रेस को एक, एनपीपी को पांच और अन्य को आठ सीटों पर जीत मिलीं।

अखिलेश यादव ने दी एग्जिट पोल पर तीखी प्रतिक्रिया, कहा- इन आंकड़ों का आधार ईवीएम नहीं डीएम हैं

शनिवार की शाम आए एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार साफ बनते हुए दिख रही है। भाजपा भारी बहुमत के साथ वापसी करती दिख रही है। इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दर्ज कराई है। अपने एक्स एकांउट पर उन्होंने एक्जिट पोल की क्रोनोलॉजी समझाई है।

एग्जिट पोल की क्रोनोलॉजी समझिए:
– विपक्ष ने पहले ही घोषित कर दिया था कि भाजपाई मीडिया भाजपा को 300 पार दिखाएगा, जिससे घपला करने की गुंजाइश बन सके।
– आज का ये भाजपाई एक्ज़िट पोल कई महीने पहले ही तैयार कर लिया गया था बस चैनलों ने चलाया आज है।
– इस एग्जिट पोल के माध्यम से जनमत को धोखा दिया जा रहा है।
– इस एक्ज़िट पोल को आधार बनाकर भाजपाई सोमवार को खुलनेवाले शेयर बाज़ार से जाते-जाते लाभ उठाना चाहते हैं।
– अगर ये एक्ज़िट पोल झूठे न होते और सच में भाजपा हार न रही होती तो भाजपावाले अपनों पर ही इल्ज़ाम न लगाते।
– भाजपाइयों के मुरझाए चेहरे सारी सच्चाई बयान कर रहे हैं।
– भाजपाई ये समझ रहे हैं कि पूरे देश का परिणाम चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव की तरह बदला नहीं जा सकता है क्योंकि इस बार विपक्ष पूरी तरह से सजग है और जनाक्रोश भी चरम पर है।

– भाजपा से मिले हुए भ्रष्ट अधिकारी भी सर्वोच्च न्यायालय की सक्रियता देखकर धांधली करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं, साथ ही वो जनता के क्रोध का भी शिकार नहीं होना चाहते हैं।

इंडिया गठबंधन के सभी कार्यकर्ता, पदाधिकारी और प्रत्याशी ईवीएम की निगरानी में एक प्रतिशत भी चूक न करें। इंडिया गठबंधन जीत रहा है। इसीलिए चौकन्ने रहकर मतगणना कराएं और जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही विजय का उत्सव मनाएं।
एक अन्य ट्वीट में अखिलेश ने लिखा। Exit Poll का आधार EVM नहीं DM है। प्रशासन याद रखे जनशक्ति से बड़ा बल और कोई नहीं होता।

पोल में भाजपा को बड़ी जीत
मालूम हो कि करीब-करीब सभी एग्जिट पोल में भाजपा और उसके सहयोगियों को साढ़े तीन सौ से लेकर चार सौ सीट तक जीतता हुआ दिखाया गया है। यूपी में भाजपा 62 से 72 सीटें तक जीत सकती है, ऐसा करीब करीब हर एग्जिट पोल ने अनुमान प्रकट किया है।

अरुणाचल-सिक्किम में जश्न शुरू, थोड़ी देर में राज्यपाल से मिलेंगे दोनों राज्यों के सीएम

ईटानगर गंगटोक:  पूर्वोत्तर के दो राज्यों अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए।सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने भारी बहुमत के साथ जीत हसिल की। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में एक बार फिर पेमा खांडू सरकार (भाजपा) की वापसी हुई। बता दें कि दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपनी-अपनी सीट से जीत हासिल की।

सिक्किम की 32 सीटों में एसकेएम ने 31 सीटें जीतीं, जबकि एक सीट सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के खाते में गई। अरुणाचल प्रदेश की 60 सीटों पर भाजपा ने 46 सीटों पर जीत हासिल की। इसके अलावा कांग्रेस को एक, एनपीपी को पांच और अन्य को आठ सीटों पर जीत मिलीं। इस बीच, दोनों ही राज्यों में कार्यकर्ता खुशियां मना रहे हैं। दोपहर बाद दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री राज्यपाल से मिलेंगे।

41 सीटें जीत कर दूसरी बार सीएम बने थे पेमा
2019 के अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 41 सीटें जीतीं और पेमा खांडू फिर से मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस ने केवल 4 सीटें जीतीं जबकि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और एनपीपी ने क्रमशः 7 और 5 सीटें जीतीं। इससे पहले 2014 के में हुए अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा केवल 11 सीटें जीतने में सफल रही। पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) ने 5 सीटें जीतीं। लेकिन प्रदेश में राजनीतिक उठा-पटक के बाद जुुलाई, 2016 में पेमा खांडू पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

अरुणाचल प्रदेश में भाजपा निर्विरोध हासिल की जीत
अरुणाचल प्रदेश में कोई बड़ी क्षेत्रीय राजनीतिक दल नहीं है। यहां पर भाजपा और कांग्रेस दो बड़े दल हैं और इन्हीं के बाच लड़ाई है। हालांकि, भाजपा ने राज्य की सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस ने केवल 19 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। भाजपा पहले ही बोमडिला, चौखम, ह्युलियांग, ईटानगर, मुक्तो, रोइंग, सागली, ताली, तालिहा और जीरो-हापोली सहित 10 सीटें बिना किसी प्रतियोगिता के जीत चुकी है।

सिक्किम: बहुमत के साथ सीएम बने थे गोले
एसकेएम ने 2019 में 24 साल 5 महीने और 15 दिन पुरानी एसडीएफ के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग को हराया था। इस तरह से एसकेएम के प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। 2019 सिक्किम विधानसभा चुनाव में, एसकेएम ने 17 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया और प्रेम सिंह मुख्यमंत्री बने। राज्य में मौजूदा एसडीएफ 15 सीटों पर सिमट गई थी। 2014 के सिक्किम विधानसभा चुनाव में एसडीएफ ने 22 सीटें जीतीं और पवन कुमार चामलिंग लगातार पांचवीं बार सीएम बने थे।

NDA एग्जिट पोल से भी ज्यादा सीटें जीतेगी; केंद्रीय मंत्री अठावले बोले- दलित समाज ने दिया समर्थन

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में एनडीए एग्जिट पोल के अनुमान से भी ज्यादा सीटें जीतेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली NDA 543 लोकसभा सीटों में से 400 से ज्यादा सीटें जीतेगी।

‘राजस्थान, MP और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी एग्जिट पोल से ज्यादा सीटें मिलीं’

अठावले ने आगे कहा कि पिछले साल भाजपा ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भी एग्जिट पोल के अनुमान से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसलिए अभी एग्जिट पोल एनडीए को 375 बता रहे हैं, लेकिन एनडीए 400 के पार जाएगी।अठावले ने दावा किया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जो भी दुष्प्रचार किया एनडीए गठबंधन ने उसका माकूल जवाब दिया। यही कारण है कि दलित, बहुजन, बुद्धिस्ट और बाबा साहब को मानने वाले कांग्रेस के झांसे में नहीं आए। सभी लोगों ने सत्तारूढ़ दल को समर्थन दिया है।

एग्जिट पोल में NDA को बड़ी बहुमत

शनिवार को आए एग्जिट पोल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार सत्ता में आने का अनुमान लगाया गया है। अधिकतर एजेंसियों के सर्वे में एनडीए के लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया है।

इंडिया टुडे माय एक्सिस ने 543 लोकसभा सीट में से भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए के 361 से 401, जबकि इंडिया गठबंधन के 131 से 166 सीटें जीतने का अनुमान जताया है। वहीं एबीपी सी वोटर ने अपने सर्वे में एनडीए के लिए 353-383, जबकि इंडिया गठबंधन को 152-182 सीट दी है। वहीं टुडे चाणक्या ने अपने सर्वे में भाजपा को 335 और एनडीए के 400 सीटें जीतने का अनुमान जताया है। हालांकि इसमें 15 सीटें कम या ज्यादा बताई हैं। वहीं विपक्षी गठबंधन को 107 सीटों का अनुमान लगाया है। जिसमें 11 सीटें कम या ज्यादा हो सकती हैं। भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा दिया था।

अठावले ने कहा, ‘एग्जिट पोल एनडीओ के 350 से 375 सीटें जीतने की बात कर रहे हैं। लेकिन भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए और भी ज्यादा सीटें पाएगा। जबकि महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट में महायुति गठबंधन 35 से 40 सीटें जीतेगी।’ अठावले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया एनडीए का सहयोगी घटक है।

महाराष्ट्र में NDA के महायुति शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी पार्टियां शामिल हैं।

महाराष्ट्र में कांटे की टक्कर लेकिन जीत NDA को मिलेगी

अठावले ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में 18 रैलियों को संबोधित किया और सरकार के किए हुए विकास कामों से जनता को अवगत करवाया। जिस कारण एनडीए गठबंधन महाराष्ट्र में 35-40 सीटें जीतेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में एनडीए और विपक्षी गठबंधन की कांटे की टक्कर है लेकिन इसमें महायुति जीतेगी। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने चुनाव में दिल खोलकर महायुति के प्रत्याशियों का समर्थन किया है।

पहले बेंगलुरु दौरे पर इस मशहूर जगह पहुंचे थे जोमैटो के संस्थापक, जानें किससे की थी सबसे पहले मुलाकात

जोमैटो के सह संस्थापक दीपिंदर गोयल सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। उन्होंने अपनी कंपनी की उपलब्धियों से जुड़े पोस्ट साझा किए। पोस्ट साझा करने के साथ ही उन्होंने अपने अनुभव और रोमांच की झलक को भी दर्शाया। अपने लेटेस्ट पोस्ट में उन्होंने उद्यमी शकील हक के साथ अपनी बातचीत का जिक्र किया। बता दें कि शकील हक एंपायर चेन ऑफ रेस्तरां के संस्थापक हैं। दीपिंदर गोयल ने बंगलूरू की अपनी पहली यात्रा का भी अपने पोस्ट में जिक्र किया। उन्होंने बतया कि एंपायर ही वह पहला स्थान था, जहां वे 2015 में बंगलूरू की अपनी पहली यात्रा के दौरान रुके थे।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए दीपिंदर गोयल ने कहा, “एंपायर ही वह पहला स्थान था, जब मैं 2015 में पहली बार बंगलूरू गया, तब वहां रुका था। आज के समय में यह शहर का सबसे मशहूर खाना खाने वाले स्थानों में से एक है। ब्रेकिंग ब्रेड के लेटेस्ट एपिसोड में मैं एंपायर के संस्थापक के साथ शकील हक के साथ बैठा था। हमने सफलता के पीछे के नुस्खे के बारे में चर्चा की।”

इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर साझा करने के बाद इसे 3,14,000 यूजर्स ने देखा। पोस्ट को करीब 750 लाइक मिले। इस दौरान कई यूजर्स ने एंपायर के साथ अपनी यादें भी साझा की। एक यूजर ने कहा, “एंपायर केवल एक रेस्तरां ही नहीं, बल्कि बंगलूरू की एक संस्था है। शाकीब हक से जुनून और दृढ़ता सीखने के लिए उत्सुक हूं।”

एक अन्य यूजर ने लिखा, “आप 2016 में बंगलूरू गए थे? जोमैटो के शुरू होने के सात साल बाद? अगर यह सच है तो फिर स्टार्टअप के लिए बंगलूरू की जरूरत किसे है?” एक अन्य यूजर ने लिखा, “इन दोनों के अलावा 90 के दशक इंपीरियल अधिक मशहूर था। उनका कुश्का और कबाब कुछ अलग ही था।” जोमैटो की स्थापना 2008 में हुई थी, चीन के एंट ग्रुप द्वारा समर्पित, यह देश के सबसे प्रमुख स्टार्टअप्स में से एक है।

पीएम मोदी ने हीटवेव और चक्रवात को लेकर की चर्चा, इन अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली:मौसम विभाग ने इस साल भीषण गर्मी पड़ने की भविष्यवाणी की है। मई के माह में तापमान 50 के पार जा चुका है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में हीटवेव की स्थिति से निपटने की तैयारी और देश में शुरू हुए मानसून को लेकर बैठक रविवार दिल्ली में समीक्षा बैठक की। अधिकारियों ने मौसम विभाग की अनुमान से प्रधानमंत्री को अवगत करवाया। मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में हीटवेव बने रहने की संभावना है।प्रधानमंत्री ऑफिस ने बताया कि इस साल मानसून सामान्य या सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान है। हालांकि प्रायद्वीपों में सामान्य से कम रह सकता है।

राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में कुछ दिनों तक बनी रहेगी हीटवेव

अधिकारियों ने मौसम विभाग की अनुमान से प्रधानमंत्री को अवगत करवाया। मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में हीटवेव बने रहने की संभावना है।

प्रधानमंत्री ऑफिस ने बताया कि इस साल मानसून सामान्य या सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान है। हालांकि प्रायद्वीपों में सामान्य से कम रह सकता है।
प्रधानमंत्री ने आग की घटनाओं से निपटने के लिए रोकथाम और पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया है।

आग की घटनाओं से निपटने और उनकी रोकथाम के लिए तैयारी के निर्देश

प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश देते हुए कहा कि आग और बिजली से बचने के लिए अस्पतालों और सार्वजनिक जगहों पर लगातार जांच करें। प्रधानमंत्री के सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव सहित अन्य अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे।

इन विषयों पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी आज विभिन्न विषयों पर सात बैठक कर रहे हैं। चक्रवात के बाद की स्थिति की समीक्षा के लिए पहली बैठक की। इस दौरान विशेष रूप से पूर्वोत्तर के राज्यों की स्थिति पर चर्चा की। पीएमओ ने बताया कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को प्रभावित राज्यों पर चक्रवात के प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई। मिजोरम, असम, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में भूस्खलन और बाढ़ के कारण मानव जीवन के नुकसान और घरों और संपत्तियों को हुए नुकसान पर भी चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार चक्रवात से प्रभावित राज्य को पूरा सहयोग देना जारी रखेगी। प्रधानमंत्री ने गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करने और बहाली के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए नियमित रूप से मामले की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया।

अरुणाचल में कांग्रेस को एकमात्र सीट से किसने दिलाई जीत? जानें कुमार वाई का सियासी सफरनामा

ईटानगर:  अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ विजय अभियान जारी रखा। राज्य की कुल 60 सीटों में से 46 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है। इसके अलावा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने पांच, कांग्रेस ने एक सीट जीत दर्ज की। अन्य के खाते में आठ सीटें आईं। कांग्रेस ने जिस एकमात्र सीट पर जीत हासिल की है, वह बामेंग विधानसभा सीट है। राज्य के पूर्व गृहमंत्री कुमार वाई को इस विधानसभा क्षेत्र से जीत मिली। उन्होंने 635 वोटों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी दोबा लामिनो से हराया। आइए आपको बताते हैं कि आखिर कुमार वाई कौन हैं?

लगातार तीन चुनावों में बामेंग विधानसभा क्षेत्र से जीते
52 वर्षीय कुमार वाई मूल रूप से पूर्वी कमांग जिले के वाई गांव के रहने वाले हैं। कुमार वाई ने 2004, 2009 और 2014 में बामेंग विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते। हालांकि इसके बाद राज्य की राजनीति में उथल-पुथल हुई और वाई ने भाजपा का दामन थाम लिया। उन्हें तत्कालीन पेमा खांडू सरकार में गृहमंत्री का पद सौंपा गया। हालांकि, इसके ठीक दो साल बाद यानी 2019 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य की राजनीति में हलचल मच गई। कुमार वाई ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) का दामन थाम लिया। इस दौरान भाजपा के दो मंत्रियों और 12 विधायकों सहित कुल 15 नेताओं ने एक साथ पार्टी छोड़ी और एनपीपी में शामिल हो गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में कुमार वाई एनपीपी के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन, भाजपा प्रत्याशी गोरुक पोर्डुंग से हार गए थे।

2023 में दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए
वर्ष 2023 में कुमार वाई की एक बार फिर से कांग्रेस में वापसी हुई। कांग्रेस में शामिल होते ही कुमार वाई ने अरुणाचल की पेमा खांडू सरकार और भाजपा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश में यूएपीए की शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। इस बार यानी 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बामेंग विधानसभा क्षेत्र से फिर ताल ठोकी और भाजपा प्रत्याशी दोबा लामिनो को 635 वोटों के अंतर से हराया।