Sunday , November 24 2024

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‘PM मोदी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें’, रुझानों में BJP को बहुमत न मिलने पर कांग्रेस का वार

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के नवीनतम रुझानों में भाजपा के बहुमत के आंकड़े से नीचे आने के बाद कांग्रेस ने कटाक्ष किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चौंकाने वाली राजनीतिक रूप से एक नौतिक हार है। उन्होंने पीएम मोदी से इस्तीफा देने के लिए भी कहा। बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन बहुमत के आंकड़े से दूर है।

जयराम रमेश का भाजपा पर कटाक्ष
शनिवार को जारी एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। इसी के साथ भाजपा नीत एनडीए भारी बहुमत से सरकार बनाएगी। चुनाव के नवीनतम रुझानों को देखते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिक्रिया दी।

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “एग्जिट पोल क्या थे, इसका पर्दाफाश हो चुका है। 543 सीटों के रुझान उपलब्ध हैं। निम्नलिखित चीजें स्पष्ट हो चुकी है- यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चौंकाने वाली राजनीतिक रूप से एक नौतिक हार है। यह भी स्पष्ट हो गया कि उन्होंने जो एग्जिट पोल जारी किए थे, वे पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं।” कांग्रेस नेता पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “अपने आप को अभूतपूर्व होने का दिखावा करते थे। अब साबित हो गया है कि निवर्तमान प्रधानमंत्री भूतपूर्व होने वाले हैं। नैतिक जिम्मेदारी लें और इस्तीफा दें। यही इस चुनाव का संदेश है।”

मंगलवार को वोटो की गिनती की शुरुआती रुझानों में भाजपा नीत एनडीए के लिए निराशाजनक नतीजे सामने आए। भाजपा अपने ही गढ़ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में हारती दिख रही है। हालांकि, 290 सीटों के साथ भाजपा के सरकार बनाने की उम्मीद है। केरल, ओडिशा और तेलंगाना में भारी जीत के वाबजूद पार्टी बहुमत के आंकड़ों से नीचे गिरती दिख रही है।

मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में बड़ा झटका, अदालत ने कहा- जमानत याचिका पर अभी सुनवाई नहीं

 नई दिल्लीआम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि इस मामले में सिसोदिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज किया था।

शीर्ष अदालत ने क्या कहा?
शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई के आरोप पत्र दाखिल करने के बाद सिसोदिया फिर से जमानत के लिए याचिका दायर कर सकते हैं। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और संदीप मेहता की पीठ के समक्ष ईडी और सीबीआई के ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां 3 जुलाई तक आरोप पत्र दाखिल करेंगीं।

सिसोदिया ने वकील ने की जमानत की मांग
अदालत में सिसोदिया की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से जमानत की मांग करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी नेता 15 महीनों से हिरासत में हैं और इस मामले में अभी तक ट्रायल भी नहीं हुआ है। हालांकि, अदालत ने कहा कि सिसोदिया की जमानत याचिका पर अभी सुनवाई नहीं हो सकती।

क्या है कि दिल्ली का आबकारी नीति मामला?
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई आबकारी नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई आबकारी नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा।

मोहब्बत के नाम पर पड़े इंडी गठबंधन को वोट, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का साक्षात्कार

कांग्रेस को मिली सीटों से पार्टी के कार्यकर्ता और नेता उत्साहित हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि उनको जो वोट मिले हैं वो देश के लोगों ने मुहब्बत के नाम पर दिए हैं। दिन में जैसे जैसे परिणाम आते थे पार्टी के मुख्यालय पर ढोल नगाड़े बजते रहे। इस दौरान भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी. वी ने अमर उजाला डॉट कॉम से बात की। श्रीनिवास कहते हैं कि देश के लोगों ने जो वोट दिए हैं वो जनता का जनादेश है। बाकी भाजपा ने जैसा बोया था वैसा ही काटा है। वह कहते हैं कि अभी सियासत में बड़ी तस्वीर दिखने वाली है। पेश हैं श्रीनिवास से हुई बातचीत के अंश।

सवाल: जो परिणाम आ रहे हैं वो आपकी और पार्टी कितने उम्मीदों पर कितने खरे हैं।
जवाब: पूरा खरा है। जो राहुल गांधी ने बोला था वही हुआ है। देश के लोगों ने मोहब्बत के नाम पर वोट दिया है। भाजपा ने जो देश के जो हालात बनाए वो सबके सामने है।

सवाल: एक्जिट पोल के अनुमान गलत साबित होते दिख रहे हैं। हालांकि सरकार बनाने वाले नम्बर एनडीए के पास दिख रहे हैं।
जवाब: मैं पहले ही कह रहा था कि नतीजे अनुमानों से अलग होंगे। जो अब दिख रहे हैं। नम्बर की सियासत आप आगे देखते जाइए।

सवाल: लेकिन आंकड़े अभी भी आपके पक्ष में उस तरह नहीं हैं जिससे सरकार बन सके।
जवाब: आप इंतजार करो। जितने नम्बर हमारे पास आ रहे हैं वो परिवर्तन के लिए पर्याप्त है। बहुत कम मार्जिन है।

सवाल: भाजपा ने चार सौ पार की बात कही थी। लेकिन अब जो नम्बर दिख रहे हैं वो बहुत कम हैं।
जवाब: चार सौ पार ये चंडीगढ़ मेयर चुनाव के परिणामों के तर्ज पर कर रहे थे। लेकिन जनता ने एक्सपोज कर दिया। अब सब नम्बर हमारे और आपके सामने हैं।

सवाल: किन मुद्दों पर आपको लगता है कांग्रेस और गठबंधन को वोट मिले।
जवाब: जनता के मुद्दों पर। हम उन मुद्दों के साथ जनता के बीच में गए जो उनके वास्तविक मुद्दे थे। लोगों ने मुहब्बत के नाम पर जमकर वोटिंग की।

सवाल: अपने कहा कि परिवर्तन होगा और सरकार आप बनाएंगे। लेकिन अभी नम्बर नहीं दिख रहे हैं आपके पास। फिर किस तरह के परिवर्तन की बात कर रहे हैं। क्या और दल भी आपके संपर्क में हैं। या आपकी पार्टी या गठबंधन संपर्क कर रहे हैं।
जवाब: सियासत में सब संभव है। शाम तक पूरे परिणाम आने के बाद पार्टी की बैठके होंगी। उसके बाद सियासी तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी।

कैसे कांग्रेस के लिए लकी अध्यक्ष साबित हुए खरगे,अपनी इस रणनीति से बदली पार्टी की किस्मत!

लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी ने जबरदस्त वापसी की है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने सबसे खराब चुनावी प्रदर्शन के दौर से उभरते हुए पार्टी ने अपना अच्छा प्रदर्शन किया है। पार्टी के इस प्रदर्शन के पीछे कई अहम कारण बताए जा रहे हैं। इनमें अध्यक्ष पद में बदलाव और मल्लिकार्जुन खड़गे की समझौतावादी नीतियां प्रमुख है।

आमतौर पर कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद गांधी परिवार के सदस्यों के पास ही रहता हैं। सोनिया गांधी वर्षों तक पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही है। इसके बाद राहुल गांधी ने इस पद को संभाला। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी की कमान सोनिया गांधी के पास थी। जबकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इन दोनों चुनावों में कांग्रेस तिहाई का आंकड़ा नहीं छू पाई थी। 2014 के चुनावों में कांग्रेस को जहां 44 सीटें मिली थी, जबकि साल 2019 में पार्टी को महज 52 सीटें मिली थी।

लगातार दो लोकसभा और कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिलती करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर और बाहर विरोध के स्वर भी बुलंद हो रहे है। इसक बीच भाजपा और अन्य विरोधी दल भी कांग्रेस पर एक ही खानदान का वर्चस्व होने और परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते रहे। इसी बीच कांग्रेस ने अध्यक्ष पद किसी और नेता को देने की रणनीति अपनाई। 2022 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराया गया। इसमें मल्लिकार्जुन खरगे को पार्टी को कमान मिली।

दरअसल, खरगे कांग्रेस पार्टी का एक प्रमुख दलित चेहरा होने के साथ ही कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता भी है। आमतौर पर खरगे की पहचान समझौतावादी नेता के तौर पर होती हैं। वे आम सहमति के साथ सभी को लेकर चलने की कोशिश करते है। फिर चाहे वह कांग्रेस का अंदरुनी मामला हो या फिर इंडिया गठबंधन से जुड़ा को मुद्दा हो। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके इस रुख से कांग्रेस को काफी फायदा हुआ है। खड़गे की अगुवाई में ही कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के साथ सीट शेयरिंग का समझौता किया। कांग्रेस को कई प्रदेशों में समझौतावादी रुख अपनाना पड़ा। इसी का असर भी इन चुनावों में देखने को मिला। जो कांग्रेस साल 2014 और 2019 के चुनावों के मुकाबले इस बार बेहतर प्रदर्शन करते हुए नजर आ रही है।

‘पूरे देश की निगाहें इस विशेष सीट पर’, माधवी लता ने जताया हैदराबाद क्षेत्र से जीत का भरोसा

हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की भाजपा उम्मीदवार माधवी लता ने बताया कि पूरा देश लोकसभा चुनाव 2024 के इस विशेष सीट के नतीजे का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह काफी ज्यादा उत्सुक हैं। बता दें कि हैदराबाद सीट से माधवी लता का मुकाबला एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ था।

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों से पहले मीडिया से बात करते हुए भाजपा उम्मीदवार माधवी लता ने कहा, “मैं बहुत ज्यादा उत्सुक हूं। पूरे देशभर में जिन्होंने भी भाजपा को वोट दिया, वे सभी खासकर इस विशेष सीट के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। हम जीतेंगे और हैदराबाद की लोकसभा सीट पर न्याय लाएंगे।”

मुकाबला माधवी लता और असदुद्दीन ओवैसी के बीच
हैदराबाद की सीट पर यह मुकाबला एक लंबे समय के आरएसएस कार्यकर्ता बनाम एक प्रमुख मुस्लिम नेता के बीच है। बता दें कि ओवैसी 2004 से ही हैदराबाद सीट से जीत हासिल कर रहे हैं। पिछली लोकसभा चुनाव में उन्होंने तीन लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थीं। देश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदानों पर बात करते हुए भाजपा उम्मीदवार ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि पीएम मोदी ने दो कार्यकालों में देश के लिए जबरदस्त काम किए। उन्होंने केवल काम नहीं किया, बल्कि लोगों के दिलों में मोदी का परिवार एक खुबसूरत ऑटोग्राफ भी छोड़ा।”

लोकसभा चुनाव 2024 में 400 से अधिक सीटें जीतने का भरोसा जताते हुए माधवी लता ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि पूरा देश आज 400 पार के लिए प्रार्थना कर रहा होगा। इन आशीर्वाद के साथ ही हम हैदराबाद सीट जीतेंगे और देश में सकारात्कमता की आंधी आएगी।” एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी हैदराबाद में पार्टी कार्यालय में पहुंचे, क्योंकि पार्टी के काउंटिंग एजेंटों को दूसरे काउंटिंग केंद्रों पर भेज दिया गया है। तेलंगाना की सभी 17 सीटों पर 13 मई को मतदान हुआ था। राज्य में कुल 65.67 फीसदी मतदान हुए। लोकसभा चुनाव 2019 में बीआरएस ने 17 में से नौ सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को चार और कांग्रेस को तीन सीटों पर जीत मिली थीं।

चुनाव परिणाम के बाद हिंसा होने की आशंका, हर जगह सुरक्षा कड़ी

चुनाव परिणाम के बाद हिंसा होने की आशंका बढ़ गई है। विपक्षी दलों के बयानों से इस बात की आशंका पैदा हो गई है कि यदि अंतिम चुनाव परिणामों में विपक्ष की हार होती है तो विपक्षी दल सड़कों पर उतर सकते हैं। विपक्षी दलों ने अपने समर्थकों को भारी संख्या में मतगणना केंद्रों पर इकट्ठा होने के लिए कहा है। विपक्ष पहले ही ईवीएम में गड़बड़ी और जिलाधिकारियों के माध्यम से चुनाव परिणाम प्रभावित कराने की आशंका जताई है, इस बात की संभावना हो सकती है कि यदि चुनाव परिणाम विपक्ष के विपरीत आए तो उनके समर्थक अलग-अलग जगहों पर हिंसक प्रदर्शन कर सकते हैं। विपक्ष की इन बयानबाजियों के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने हर स्तर पर सुरक्षा बढ़ाने का दावा किया है।

दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा केंद्रों पर जवानों की तैनाती बढ़ा दी है। हर मतगणना केंद्र पर जवान आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी ने मतगणना के बाद किसी हिंसा की आशंका से इनकार नहीं किया है। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश के सभी मतगणना केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गए हैं। किसी हिंसा की आशंका को समाप्त करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों से असामाजिक तत्त्वों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया है।

पश्चिम बंगाल अपनी चुनावी हिंसा को लेकर कुख्यात रहा है। इस बार भी पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा चुनावी हिंसा देखने को मिली थी। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने मतगणना के समाप्त होने के बाद भी पश्चिम बंगाल में अगले 15 दिनों तक के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश दे दिये हैं। राज्य में अर्धसैनिक बलों के जवान अलग-अलग क्षेत्रों में 19 जून तक तैनात रहेंगे।

बिहार में पप्पू यादव जैसे कुछ नेताओं ने लोकतंत्र को बचाने के लिए अंतिम लड़ाई लड़ने जैसे शब्दों का उपयोग किया है और अपने समर्थकों से मतगणना केंद्रों पर लोकतंत्र को बचाने के लिए उपस्थित रहने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि इस तरह के बयानों से उनके समर्थक उपद्रव करने की ओर बढ़ सकते हैं। इसे देखते हुए बिहार में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

हिंसा हुई तो कांग्रेस जिम्मेदार- भाजपा नेता
भाजपा नेता अभिषेक वर्मा ने अमर उजाला से कहा कि कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र को अपमानित करने का काम किया है। इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर देश के लोकतंत्र का अपमान किया था। कांग्रेस आज तक उसका खामियाजा भुगत रही है। यदि आज के चुनाव परिणामों में अपनी हार होने के बाद कांग्रेस के समर्थक किसी तरह की हिंसा करते हैं तो इसके लिए कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता जिम्मेदार होंगे।

बंगलूरू में दो जून को हुई 111 मिमी बारिश, टूटा एक दिन में वर्षा का 133 साल पुराना रिकॉर्ड

बंगलूरू:  कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू में रविवार यानी की दो जून को 111 मिमी बारिश हुई। इसने जून में एक दिन में सबसे अधिक बारिश का 133 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया। मौसम विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। बेंगलुरु के वैज्ञानिक एन. पुवियारसन ने इसकी पुष्टि भी की।

एन. पुवियारसन ने कहा कि एक जून और दो जून को हुई 140.7 मिलीमीटर वर्षा जून के मासिक औसत से अधिक थी। भारी बारिश के कारण रविवार की रात ट्रिनिटी मेट्रो स्टेशन के पास एक पेड़ गिर गया, इससे यातायात प्रभावित हो गई। बेंगलुरु में कई स्थानों पर जनजीवन प्रभावित हुआ। जयनगर के निवासियों ने गिरे हुए पेड़ों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं।

आईएमडी बेंगलुरु के प्रमुख सी.एस. पाटिल ने कहा, दक्षिण-पश्चिमी मानसून कर्नाटक में आगे बढ़ गया है और पांच जून तक कुछ जिलों के लिए ‘येलो’ अलर्ट जारी किया गया है।तटीय कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़, उत्तरी कर्नाटक में बागलकोट, बेलगावी, धारवाड़, गडग, हावेरी, कोप्पल और विजयपुरा तथा दक्षिण कर्नाटक में बल्लारी, बेंगलुरु (ग्रामीण और शहरी), दावणगेरे, चित्रदुर्ग, हासन, मैसूर, तुमकुरु में अगले दो दिन में भारी वर्षा होने की संभावना है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि वह जल्द ही वर्षा प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लेंगे।

जुलाई-सितंबर तक मानसून के कारण मिल सकती है राहत, ला नीना के विकसित होने की संभावना

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने भविष्यवाणी की है कि अल नीनो साल के अंत तक ला नीना में परिवर्तित हो सकती है। अल नीनो के कारण दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और बढ़ता तापमान दर्ज किया गया है। दुनिया भर में अप्रैल सबसे गर्म और लगातार ग्यारहवां उच्च तापमान महीना महसूस किया गया है। संगठन के अनुसार, पिछले 13 महीनों से समुद्र की सतह का तापमान रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहा है।

अप्रैल-मई में दक्षिण एशिया में गर्मी
मौसम संगठन का कहना है कि प्राकृतिक रूप से होने वाले अल नीनो से मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में पानी असामान्य रूप से गर्म हो रहा है। भारत और पाकिस्तान सहित दक्षिण एशिया के लाखों लोगों ने अप्रैल और मई में भीषण गर्मी की तपिश झेली। जुलाई से सितंबर के दौरान ला नीना की स्थिति की संभावना 60 प्रतिशत और अगस्त से नवंबर के दौरान 70 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। इस दौरान अल नीनो के फिर से विसकित होने की संभावना न के बराबर है। अल नीनो के कारण भारत में कमजोर मानसूनी हवाएं रहती हैं। ला नीना अल नीनो के उलट है। ला नीना मानसून के दौरान भरपूर बारिश की ओर ले जाता है।

पिछले माह, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने भारत में मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया है। अगस्त-सितंबर तक अनुकूल ला नीना की स्थिति बनने की उम्मीद जताई थी। भारत के खेती-किसानी के लिए मानसून महत्वपूर्ण है। मानसून बिजली उत्पादन के साथ-साथ पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण जलाश्यों को फिर से भरने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

क्या होता है ला नीना और अल नीनो
मौसम विभाग के दीर्घकालिक पूर्वानुमान में इस साल देश के 80 प्रतिशत हिस्सों में जून से लेकर 30 सितंबर तक सामान्य से अधिक यानी कि 106 प्रतिशत वर्षा होने का अनुमान लगाया गया है। सामान्यतः इस 80 प्रतिशत हिस्से में भी कहीं कम तो कहीं अधिक वर्षा हो सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार प्रशांत महासागर में दक्षिण अमेरिका के निकट यदि विषुवत रेखा के इर्द-गिर्द समुद्र की सतह अचानक गरम होनी शुरू हो जाए तो ‘‘अल नीनो’’ बनता है।

यदि तापमान में यह बढ़ोतरी 0.5 डिग्री से 2.5 डिग्री के बीच हो तो यह मानसून को प्रभावित कर सकती है। इसका असर यह होता कि विषुवत रेखा के इर्द-गिर्द चलने वाली ट्रेड विंड कमजोर पड़ने लगती हैं। यही हवाएं मानसूनी हवाएं हैं जो भारत में बारिश करती हैं। ऐसी स्थिति में अल नीनो के ठीक विपरीत घटना होती है जिसे ‘‘ला नीना’’ कहा जाता है। ’’ला नीना’’ बनने से हवा के दबाव में तेजी आती है और ट्रेड विंड को रफ्तार मिलती है, जो भारतीय मानसून पर व्यापक प्रभाव डालती है।

पाकिस्तान कोर्ट ने इमरान खान को किया बरी, 2022 में विरोध मार्च के दौरान दो मामले हुए थे दर्ज

पाकिस्तान की एक अदालत ने सोमवार को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं को बरी कर दिया है। इमरान खान और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ वर्ष 2022 में विरोध मार्च के दौरान तोड़फोड़ के मामले दर्ज किए गए थे।71 वर्षीय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक को अप्रैल 2022 में पद से हटाया गया था। पद से हटाए जाने के बाद से संस्थापक पर आरोप लगाए गए और 200 मामलों में से कुछ में दोषी पाए जाने के बाद वह पिछले साल अगस्त से जेल में बंद हैं।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद की जिला और सत्र अदालत ने ‘हकीकी आजादी’ मार्च के दौरान तोड़फोड़ के दो मामलों में इमरान खान, पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, पूर्व संचार मंत्री मुराद सईद और अन्य पीटीआई नेताओं को बरी कर दिया पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के 71 वर्षीय संस्थापक पिछले साल अगस्त से जेल में हैं। उन्हें अप्रैल 2022 में सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद उन पर लगाए गए, लगभग 200 मामलों में से कुछ में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल में डाल दिया गया था।

मई 2022 में, पूर्व क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने लाहौर से इस्लामाबाद की तरफ जुलूस निकाला था, जिसका उद्देश्य शेहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार को गिराना था। यह सरकार तब सत्ता में आई थी, जब इमरान खान को अविश्वास मत के बाद प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था। यह रैली “वास्तविक स्वतंत्रता” प्राप्त करने और राष्ट्र को “अमेरिका समर्थित” गठबंधन सरकार की “गुलामी” से मुक्त कराने के लिए पीटीआई के संघर्ष का हिस्सा थी। खान ने गठबंधन सरकार पर “अमेरिका समर्थित साजिश” के माध्यम से सत्ता में आने का आरोप लगाया था। उस समय इस्लामाबाद पुलिस ने संघीय राजधानी में आगजनी और तोड़फोड़ के आरोपों पर खान, कुरैशी और पार्टी के अन्य नेताओं सहित 150 लोगों के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज किए थे।

इस महीने की शुरुआत में, इस्लामाबाद के एक न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भी खान को 2022 में उनकी पार्टी के दो लंबे मार्च के दौरान तोड़फोड़ के दो मामलों में बरी कर दिया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट शाइस्ता कुंडी ने इस्लामाबाद के लोही भैर और सहला पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामलों और अदालत में उनकी पेशी से संबंधित एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई की।

जयराम रमेश ने अमित शाह के खिलाफ लगाए आरोपों पर सबूत देने के लिए मांगा एक हफ्ता, आयोग ने ठुकराई याचिका

 नई दिल्ली:  चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश की उस याचिका को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने सबूत देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था। दरअसल, जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा चुनाव के मतदान समाप्त होने के बाद 150 जिलाधिकारियों को फोन किया था। चुनाव आयोग ने रमेश से तथ्यात्मक जानकारी और विवरण मांगा था। कांग्रेस नेता को आयोग ने सोमवार शाम सात बजे तक जवाब देने के लिए कहा है। इससे पहले दिन मुख्य राजीव कुमार ने जयराम रमेश के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अफवाहें फैलाना और हर किसी पर शक करना सही नहीं है।

जयराम रमेश ने कही थी ये बात
कांग्रेस महासचिव रमेश को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने कहा कि मतों की गिनती की प्रक्रिया प्रत्येक आरओ पर डाला गया एक पवित्र कर्तव्य है। एक वरिष्ठ, जिम्मेदार और अनुभवी नेता द्वारा इस तरह के सार्वजनिक बयान संदेह पैदा करते हैं।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी डीएम ने अनुचित प्रभाव की सूचना नहीं दी है। आयोग ने जयराम रमेश से 150 डीएम का विवरण और जानकारी मांगी है, जिन्हें अमित शाह ने प्रभावित किया है।

रमेश ने लगाए थे यह आरोप
शनिवार को जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री अमित शाह डीएम/कलेक्टरों को फोन कर रहे हैं। उन्होंने इसे भाजपा की हताशा कहा था। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को धमकी के दबाव में नहीं आना चाहिए। अब तक उन्होंने 150 लोगों से बात की है। चार जून को पीएम मोदी, अमित शाह और भाजपा सत्ता से बाहर हो जाएगी और इंडी गठबंधन विजयी होगा। अधिकारियों को किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए और संविधान को बनाए रखना चाहिए।