Saturday , November 23 2024

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‘गुवाहाटी हाईकोर्ट के दो जजों को किया जाए स्थायी’, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश

नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र से गुवाहाटी हाईकोर्ट के दो न्यायाधीश को स्थायी करने की सिफारिश की है। इसके अलावा, न्यायाधीश राजेश सेखरी को इस साल 29 जुलाई से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाने का सुझाव दिया है। बता दें, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और बीआर गवई वाली पीठ ने यह सुझाव दिया है।

इन लोगों को स्थायी न्यायाधीश बनाने की सिफारिश
न्यायमूर्ति सुष्मिता फुकन खौंड और मिताली ठाकुरिया, जो वर्तमान में गुवाहाटी हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप कार्यरत हैं, उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की गई है। सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक प्रस्ताव के माध्यम से सिफारिश को सार्वजनिक किया गया था। यह प्रक्रिया इस साल एक अप्रैल को हाईकोर्ट कॉलेजियम के प्रस्ताव के साथ शुरू हुई, जिसे बाद में असम, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने समर्थन दिया।

जस्टिस खौंड और ठाकुरिया स्थायी नियुक्तियों के लिए उपयुक्त
प्रक्रिया ज्ञापन के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस खौंड और ठाकुरिया की उपयुक्तता का मूल्यांकन करने के लिए गुवाहाटी हाईकोर्ट के कामकाज से परिचित न्यायाधीशों से परामर्श किया। इसके अतिरिक्त, दो-न्यायाधीशों की एक समिति ने उनके न्यायिक निर्णयों की समीक्षा की और पाया कि वे तर्कसंगत, तथ्यात्मक रूप से सुदृढ़ और प्रासंगिक मामले कानूनों द्वारा समर्थित हैं। रिकॉर्डों की गहन जांच, न्यायाधीशों और समिति की राय के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने निष्कर्ष निकाला कि जस्टिस खौंड और ठाकुरिया स्थायी नियुक्तियों के लिए उपयुक्त हैं।

स्थायी न्यायाधीश की नहीं जगह
एक अलग प्रस्ताव में, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उल्लेख किया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के कॉलेजियम ने 23 अप्रैल को न्यायमूर्ति राजेश सेखरी को नए कार्यकाल के लिए अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी। क्योंकि स्थायी न्यायाधीश की वहां कोई जगह नहीं है। इसलिए इस पर विचार किया जा सकता है।

‘पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए शिवकुमार ने 100 करोड़ रुपये ऑफर किए’, भाजपा नेता का बड़ा दावा

बंगलूरू:  कर्नाटक के भाजपा नेता जी देवाराजे गौड़ा ने राज्य के डिप्टी सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार पर बड़ा आरोप लगाया है। भाजपा नेता ने दावा किया कि डीके शिवकुमार ने पूर्व सीएम और जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए 100 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। देवाराजे गौड़ा को बीते दिनों यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया था। शनिवार को देवागौड़ा को न्यायिक हिरासत में भेजा गया, इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए देवागौड़ा ने बड़ा दावा किया।

भाजपा नेता का दावा- पीएम मोदी की छवि खराब करने की कोशिश
देवाराजे गौड़ा ने दावा किया कि ‘अश्लील वीडियो के मामले में उन्होंने बड़ी योजना बनाई थी, इसके तहत वे पीएम मोदी, एचडी कुमारस्वामी और भाजपा की छवि भी खराब करने की साजिश रच रहे थे। इसके लिए मुझे 100 करोड़ रुपये देने की पेशकश की गई थी और पांच करोड़ रुपये बतौर एडवांस भिजवा भी दिए गए थे। एक स्थानीय नेता को डील की मध्यस्थता के लिए चुना गया था। डीके शिवकुमार पीएम मोदी का नाम अश्लील वीडियो मामले से जोड़कर उनकी छवि को खराब करना चाहते थे। शिवकुमार एचडी कुमारस्वामी की राजनीति को खत्म करना चाहते थे।’ भाजपा नेता ने दावा किया कि जब उन्होंने इस साजिश में शामिल होने से इनकार कर दिया तो मुझे अत्याचार के मामले में फंसाने की कोशिश की गई और बाद में मेरे खिलाफ केस दर्ज करा दिया गया।’

भाजपा नेता ने लगाए शिवकुमार पर गंभीर आरोप
भाजपा नेता ने कहा ‘मुझे बताया गया था कि मैं ऐसा बयान दूं कि प्रज्ज्वल रेवन्ना मामले में अश्लील वीडियो के जो पेन ड्राइव प्रसारित किए गए, उन्हें एचडी कुमारस्वामी ने ही किया था, लेकिन असल में डीके शिवकुमार ने प्रज्ज्वल रेवन्ना के पूर्व ड्राइवर कार्तिक गौड़ा से ये पेनड्राइव प्राप्त की थीं और उन्होंने ही ये पूरी साजिश रची।’ देवागौड़ा ने कहा कि ‘जब मैंने शिवकुमार की पेशकश ठुकरा दी तो मेरे खिलाफ मामला दर्ज करा दिया गया और मुझे गिरफ्तार कर लिया गया। जब मैं रिहा हो जाऊंगा तो मैं उन्हें (शिवकुमार) बेनकाब करूंगा। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार गिरने वाली है।’

ठाणे कोर्ट ने पांच लोगों को किया बरी, 2016 में हत्या, डकैती के मामले में थे आरोपी

2016 में हुई एक हत्या और डकैती के मामले शनिवार को पांच लोगों को ठाणे की एक अदालत ने बरी कर दिया है। इनमें से एक आरोपी महिला भी थी। अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ सबूत पेश करने में विफल रहा था। विशेष लोक अभियोजक संजय मोरे ने बताया कि 18, 19 जुलाई 2016 में मुंब्रा इलाके में सब्बर खान पर हमला किया गया था। उनका कीमती सामान लूटा गया और जानलेवा हमला किया गया। जिसके बाद सब्बर खान को जख्मी हालत में अस्पताल ले जाया गया। जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत हत्या, डकैती, हत्या के साथ डकैती समेत कई आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान एक अन्य आरोपी मोसिन रफीक शेख की मृत्यु हो गई थी। वहीं नासिर सगीर शाह, रिजवान रियासाद सैय्यद, जावेद उर्फ मामू हबीब शेख, अस्मा कुरैशी, अब्दुल रहीम रहमान बिहारी भी आरोपी थे। विशेष न्यायाधीश अमित एम शेटे ने मामले की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष की कहानी परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित थी। परिस्थितियों की श्रृंखला में आरोपियों की सक्रिय भागीदारी गायब थी। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी आरोपियों के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए सामग्री रिकॉर्ड पर लाने में विफल रहे। उन्होंने यह भी कहा कि पुख्ता सबूतों के अभाव में आरोपियों को बरी किया जाता है।

‘एमएसपी को कानूनी मान्यता देने के अपने वादे को क्यों तोड़ा?’, जयराम रमेश ने पीएम मोदी से पूछा सवाल

नई दिल्ली:  कांग्रेस ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि उन्होंने फसलों के लिए एमएसपी को कानूनी मान्यता देने के अपने वादे को क्यों तोड़ दिया। हरियाणा की महिला पहलवानों के विरोध का जिक्र करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि उन्होंने सांसद बृजभूषण सिंह पर आखिर क्यों कार्रवाई नहीं की, जिस पर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के आरोप है। गौरतलब है कि पीएम मोदी शनिवार को हरियाणा के अंबाला और सोनीपत में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे।

जयराम रमेश ने एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी से तीन सवाल पूछेः-

  • प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए कानूनी एमएसपी के अपने वादे को क्यों तोड़ दिया है?
  • क्या प्रधानमंत्री मोदी भारत और हरियाणा की बेटियों को अपनी राजनीति में प्राथमिकता देंगे?
  • भाजपा शासित हरियाणा जैसे राज्यों में दलितों पर अत्याचार क्यों बढ़ रहे हैं?

किसानों के मुद्दे पर रमेश ने साधा निशाना
रमेश ने आरोप लगाया कि हरियाणा के किसानों ने दोगली मोदी सरकार पर से पूरी तरह से भरोसा खो दिया है। 2021 में प्रधानमंत्री के आश्वासन के कारण किसानों ने विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया। वे वापस चले गए। उन्हें लगा कि उनकी मांगे पूरी हो जाएंगी। मोदी सरकार की किसान संगठनों के साथ बातचीत धीमी हो गई। भाजपा ने एमएसपी के सवाल पर विचार-विमर्श के लिए एक पक्षपातपूर्ण समिति नियुक्त की। इसमें से एक स्वतंत्र सदस्य ने तुरंत इस्तीफा दे दिया था। विश्वासघात के बाद, किसान संगठनों को मजबूर होना पड़ा। एक बार फिर सड़कों उन्हें अपनी आवाज बुलंद करनी पड़ी। किसानों की बातों को सुनने के बजाए सरकार ने उन पर लाठियां बरसाईं। आंसू गैस के गोले छोड़े।

महिलाओं के आरोपों पर रमेश ने भाजपा सरकार को घेरा
जयराम रमेश ने कहा कि सांसद सिंह को महिला पहलवानों के साथ किए गए गलत बर्ताव पर दंडित किया जाना था लेकिन पार्टी ने कैसरगंज लोकसभा सीट से उनके बेटे करण सिंह को टिकट दे दिया। भाजपा का यह फैसला उन बेटियों के चेहरे पर तमाचा है, जिन्होंने अपने करियर पर दांव लगा दिया। वे न्याय की लड़ाई के लिए कई दिनों तक धूप और बारिश में सड़कों पर सोईं रहीं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में नारी शक्ति सिर्फ एक नारा है। मोदी सरकार में यौन हिंसा के अपराधियों को आश्रय दिया गया, चाहे बृजभूषण सिंह हो या फिर प्रज्ज्वल रेवन्ना। क्या पीएम मोदी के राज्य में महिलाएं कभी सुरक्षित रह पाएंगी।

अमिताभ कांत बोले- इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने की जरूरत, भारत ईवी राष्ट्र बने यह महत्वपूर्ण

भारत के लिए जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में तेजी लाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सरकार की पहल और परिवर्तन के साथ-साथ क्षेत्र में निजी कंपनियों के योगदान को भी महत्वपूर्ण माना। बता दें, कांत आज नई दिल्ली में आयोजित वार्षिक बिजनेस समिट- 2024 में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में कई कार्रवाई होगी।

इलेक्ट्रिक वाहनों की गति में तेजी लाएं
कार्यक्रम के बाद, एक मीडिया एजेंसी को साक्षात्कार देेते हुए अमिताभ ने बताया कि यह बहुत जरूरी है कि हम दोपहिया और तिपहिया वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की गति में तेजी लाएं। सरकार ने पहले ही 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 57,613 करोड़ रुपये आवंटित कर दिया है। उन्होंने इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और बसों के निर्माण में उछाल की भविष्यवाणी की।

बैटरी निर्माण में भारत होगा मजबूत
कांत ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मुझे लगता है कि यह अगली बड़ी चीज होगी। बैटरी निर्माण के लिए प्रोडक्शन इंसेंटिव स्कीम की बोली लगाई है। आपको भारत में टाटा से लेकर रिलायंस और मारुति से लेकर एक्साइड तक कई कंपनियां बैटरी बनाती दिखेंगी। उन्होंने कहा कि कई कंपनियां बैटरी निर्माण कर रही हैं। यह विकास अगला बड़ा घटक होगा। कांत ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि 2030 तक भारत दोपहिया, तिपहिया और बसों के मामले में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक हो जाए। हमें सुनश्चित करना आवश्यक है कि भारत एक इलेक्ट्रिक वाहन राष्ट्र बन जाए।

गुजरात में भाजपा सांसद-आप विधायक के बीच बहसबाजी, MLA पर सरकारी अधिकारी को धमकाने का आरोप

गुजरात में भाजपा नेता और आप नेता के बीच जमकर बहसबाजी हो गई। बहसबाजी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। घटना, नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा इलाके की है। पुलिस ने बताया कि भरूच से भाजपा सांसद मनसुख वसावा ने डेडियापाड़ा के आप विधायक चैतर वसावा पर सरकारी अधिकारी को धमकाने का आरोप लगाया। इसी वजह से आप विधायक भड़क गए। दोनों नेता इस दौरान अपने-अपने समर्थकों के साथ थे। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए हस्तक्षेप किया।

सांसद के एक्स पोस्ट से शुरू हुआ विवाद
पुलिस उपाधीक्षक लोकेश यादव ने बताया कि दोनों नेताओं के समर्थकों ने बाद में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायतों के आधार पर जांच की जा रही है। पूरा बखेड़ा शुक्रवार शाम को शुरू हुआ, जब भाजपा सांसद ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि आप विधायक डेडियापाड़ा तालुका विकास अधिकारी को धमका रहे हैं। इसलिए वह तुरंत टीडीओ कार्यालय पहुंच रहे हैं। उन्होंने दूसरे तालुका पंचायत सदस्यों को भी कार्यालय पहुंचाने के लिए कहा। उन्होंने एक्स पर ही कहा कि सरकारी कर्मचारी को घबराने की आवश्यकता नहीं है। सरकार आपके साथ है।

माहौल खराब करने की कोशिश मत करें
हालांकि, जब मनसुख अपने समर्थकों के साथ टीडीओ कार्यालय पहुंचे तो आप कार्यकर्ताओं से उनका आमना सामना हुआ। दोनों की इस मुद्दे पर बहस हो गई। वीडियो में चैतर कह रहे हैं कि अगर मैंने किसी को धमकाया है तो सबूत के साथ शिकायत दर्ज करें। हमारे यहां का माहौल खराब करने की कोशिश मत करें। इस पर भाजपा सांसद ने कहा- यह मेरा लोकसभा क्षेत्र है। मैं यहां आया हूं क्योंकि आपने अधिकारी को धमकाया है। यहां आना मेरा कर्तव्य है। घटना के बारे में सांसद ने कहा कि मैं तो सिर्फ 10 से 15 समर्थक के साथ आया था पर आप विधायक सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचे थे। आप बताएं कौन झगड़ा में पड़ना चाहता है।

गुजरात में भाजपा नेता और आप नेता के बीच जमकर बहसबाजी हो गई। बहसबाजी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। घटना, नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा इलाके की है। पुलिस ने बताया कि भरूच से भाजपा सांसद मनसुख वसावा ने डेडियापाड़ा के आप विधायक चैतर वसावा पर सरकारी अधिकारी को धमकाने का आरोप लगाया। इसी वजह से आप विधायक भड़क गए। दोनों नेता इस दौरान अपने-अपने समर्थकों के साथ थे। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए हस्तक्षेप किया।

सांसद के एक्स पोस्ट से शुरू हुआ विवाद
पुलिस उपाधीक्षक लोकेश यादव ने बताया कि दोनों नेताओं के समर्थकों ने बाद में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायतों के आधार पर जांच की जा रही है। पूरा बखेड़ा शुक्रवार शाम को शुरू हुआ, जब भाजपा सांसद ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि आप विधायक डेडियापाड़ा तालुका विकास अधिकारी को धमका रहे हैं। इसलिए वह तुरंत टीडीओ कार्यालय पहुंच रहे हैं। उन्होंने दूसरे तालुका पंचायत सदस्यों को भी कार्यालय पहुंचाने के लिए कहा। उन्होंने एक्स पर ही कहा कि सरकारी कर्मचारी को घबराने की आवश्यकता नहीं है। सरकार आपके साथ है।

माहौल खराब करने की कोशिश मत करें
हालांकि, जब मनसुख अपने समर्थकों के साथ टीडीओ कार्यालय पहुंचे तो आप कार्यकर्ताओं से उनका आमना सामना हुआ। दोनों की इस मुद्दे पर बहस हो गई। वीडियो में चैतर कह रहे हैं कि अगर मैंने किसी को धमकाया है तो सबूत के साथ शिकायत दर्ज करें। हमारे यहां का माहौल खराब करने की कोशिश मत करें। इस पर भाजपा सांसद ने कहा- यह मेरा लोकसभा क्षेत्र है। मैं यहां आया हूं क्योंकि आपने अधिकारी को धमकाया है। यहां आना मेरा कर्तव्य है। घटना के बारे में सांसद ने कहा कि मैं तो सिर्फ 10 से 15 समर्थक के साथ आया था पर आप विधायक सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचे थे। आप बताएं कौन झगड़ा में पड़ना चाहता है।

ममता बनर्जी का दावा- इस लोकसभा चुनाव में धूल चाटेगी भाजपा, 200 का आंकड़ा पार कर पाना भी मुश्किल

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर दावा किया है कि इंडी गठबंधन 2024 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करेगा। इंडी गठबंधन केंद्र में सत्ता में आएगी। उनका दावा है कि भाजपा इस बार 200 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी। इसी के साथ उन्होंने कांग्रेस और सीपीएम पर आरोप लगाया कि राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए राज्य में भाजपा के साथ दोनों पार्टियों ने सांठ-गांठ कर लिया है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि वे टीएमसी के अलावा किसी और को वोट न दें क्योंकि इससे सिर्फ भाजपा को ही फायदा होगा।

सीपीएम-कांग्रेस ने भाजपा से हाथ मिला लिया है
आरामबाग लोकसभा क्षेत्र के गोघाट में बनर्जी ने शनिवार को एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने गठबंधन का नाम INDIA सुझाया था। राष्ट्रीय स्तर पर हम मोदी सरकार का विरोध कर रहे हैं। इंडी गठबंधन को सत्ता में लाने के लिए हम अपनी भूमिका निभाएंगे। इस चुनाव में भाजपा धूल चाटेगी। भाजपा 200 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सीपीएम, कांग्रेस और अन्य दलों ने टीएमसी को बदनाम करने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया है।

मार्क्सवादी आतंक को खत्म करने के लिए हमने जान की बाजी लगाई
टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि वाम शासन के दौरान गोघाट और सिहार जैसी जगहों पर सामूहिक हत्याएं की गईं। उन्होंने दावा किया कि तत्कालीन विपक्ष की भूमिका में हमने अपनी जान की बाजी लगाई और मार्क्सवादी आंतक का सामना किया। मैं बंगाल में सीपीएम का असली चेहरा जानती हूं।

तिरुपति बालाजी मंदिर पहुंची राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति, कहा- देश सेवा के लिए मेहनत करूंगी

तिरुपति:  राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति आज तिरुपति बालाजी मंदिर पहुंची। यहां उन्होंने भगवान की पूजा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्यसभा सदस्य के रूप में चुने जाने पर मैं बहुत खुश हूं। मैं अपने देश की सेवा के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगी। बता दें, मूर्ति समाजसेवी और लेखिका भी हैं।

कौन हैं सुधा मूर्ति?
सुधा मूर्ति प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका हैं। सुधा मूर्ति ने आठ उपन्यास लिखे हैं। वह भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी टेल्को में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर भी हैं।

सुधा मूर्ति की पारिवारिक पृष्ठभूमि
सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं। सुधा मूर्ति के दो बच्चे हैं, बेटी अक्षता मूर्ति और बेटा रोहन मूर्ति। अक्षता नारायण मूर्ति ब्रिटेन में रहने वाली भारतीय फैशन डिजाइनर हैं और यूके के प्रधानमंत्री की पत्नी हैं। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सुधा मूर्ति के दामाद हैं। रोहन मूर्ति, मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया के साथ ही एक डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन स्टार्ट अप सोरोको के संस्थापक हैं।

सुधा मूर्ति का जीवन परिचय और शिक्षा
सुधा मूर्ति का जन्म उत्तरी कर्नाटक में शिगांव में 19 अगस्त 1950 को हुआ था। सुधा के पिता का नाम आर.एच कुलकर्णी और माता विमला कुलकर्णी है। उन्होंने बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, हुबली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। सुधा इंजीनियरिंग कॉलेज में 150 स्टूडेंट्स के बीच दाखिला पाने वाली पहली महिला थीं। जब वह क्लास में प्रथम आईं तो कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने उन्हें पदक से सम्मानित किया। बाद में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स की डिग्री ग्रहण की।

सुधा मूर्ति का करियर
भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता कंपनी टेल्को में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर सुधा मूर्ति बनीं। पुणे में विकास अभियंता के रूप में काम करने के बाद उन्होंने मुंबई और जमशेदपुर में भी काम किया। पति ने जब इंफोसिस फाउंडेशन की स्थापना की तो सुधा मूर्ति ने उन्हें 10000 रुपये उधार दिए और अपनी नौकरी छोड़कर कंपनी शुरू करने में पति नारायण मूर्ति की मदद की।

राहुल गांधी की दावेदारी पर सपा का दांव, कांग्रेस भी एकमत नहीं, रायबरेली में बताया जा रहा भावी पीएम

लखनऊ: लोकसभा चुनाव अपने शबाब पर पहुंच गया है। पांचवें चरण में 20 मई को अमेठी व रायबरेली में भी मतदान होगा। रायबरेली में कांग्रेस ने जीत के लिए राहुल के लिए पीएम पद का दांव चला है। लेकिन, सहयोगी दल सपा ने रणनीतिक दांव दे दिया जबकि कांग्रेस के अपने नेताओं के एकसुर न होने से मतभिन्नता उजागर हो गई।

दरअसल, इंडिया गठबंधन में तय हुआ था कि जनादेश मिलने पर पीएम का चयन चुनाव बाद सहयोगी दल मिलकर करेंगे। लेकिन, रायबरेली में पिछले कई दिनों से राहुल गांधी को भावी पीएम के तौर पर प्रोजेक्ट कर वोट मांगा जा रहा है। रायबरेली के पर्यवेक्षक और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल हर जगह कह रहे हैं कि आप सिर्फ सांसद नहीं, देश का पीएम चुन रहे हैं। इसके बाद तरह-तरह से सवाल किए जाने शुरू हो गए।

जानकार बताते हैं कि राहुल गांधी रायबरेली से इसलिए मैदान में आए क्योंकि वह जीती हुई सीट थी। परिवार का लगातार कब्जा रहा है। साथ ही मां सोनिया गांधी की भावनात्मक अपील भी साथ है। शुरुआत में राहुल एकतरफा आगे चल रहे थे। लेकिन, भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में गृहमंत्री अमित शाह की रैली व उनके पैतरों से भाजपा लड़ाई में लौट आई है। इसके बाद से कांग्रेस की रणनीति बदल गई। कांग्रेस के रायबरेली के प्रभारी व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल ने राहुल को पीएम दावेदार के रूप में पेश कर भावनात्मक फायदा उठाने का दांव चला। मगर, इससे गठबंधन व पार्टी की आंतरिक स्थिति भी उजागर हो गई।

दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ हुई प्रेसवार्ता में गठबंधन के पीएम पद पर राहुल की दावेदारी को लेकर सवाल हुआ। खरगे की उपस्थिति में सपा मुखिया इस सवाल को रणनीतिक फैसला कहकर टाल गए। दूसरी ओर, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि गठबंधन चुनाव बाद अपना नेता चुनेगा।

बड़ा सवाल : 17 सीटों पर लड़ने वाली पार्टी के नेता को पीएम का दावेदार कैसे मानें
अमेठी व रायबरेली के चुनाव को काफी करीब से देख रहे बीबीएयू अमेठी कैंपस के प्रो. सुशील पांडेय कहते हैं कि सपा को लग रहा है कि यूपी में मात्र 17 सीट पर ही चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस को पीएम पद का दावेदार कैसे माना जाए। यही वजह है कि अखिलेश इस पर खुलकर नहीं बोल रहे हैं। दूसरी ओर राहुल खुद इस सीट पर जीत को लेकर दबाव में हैं। उनका आत्मविश्वास डगमगाया नजर आ रहा है। उनको पीएम के रूप में प्रस्तुत करना पार्टी का एक रक्षात्मक कदम है। यहां लोगों के बीच में एक सवाल यह भी खड़ा है कि आखिर राहुल कौन सी सीट छोड़ेंगे?

गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए मनोज पांडेय, कई ब्लॉक प्रमुख भी हुए भाजपाई

रायबरेली:  गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को एक रैली को संबोधित करने के लिए रायबरेली पहुंचे। जहां उन्होंने सपा व कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जनता के वोट के कारण 500 साल के बाद रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हुए। वो अपने वोट बैंक के लिए राम का भी अपमान करते हैं। इस रैली में ही सपा से विधायक रहे मनोज पांडेय भाजपा में शामिल हो गए। इस मौके पर उनके साथ कई ब्लॉक प्रमुख भी भाजपाई हो गए।