Sunday , November 24 2024

देश

केरल में चुनावी सभा में पहुंचे अमित शाह, बोले- पीएफआई से मदद लेती है कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस

अमित शाह ने केरल में एक चुनावी रैली में कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने वाली वेलफेयर पार्टी भी कांग्रेस का समर्थन कर रही है। कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस प्रतिबंधित पीएफआई का समर्थन ले रहे हैं। कम्युनिस्ट पार्टी चुप है, जबकि पीएम मोदी देश की रक्षा के लिए निरंतर काम करे हैं।

केरल में एक चुनावी सभा में गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे। उन्होंने इस सभा में कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस पर तीखे वार किए। उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी न केवल देश से बल्कि विश्व से ही गायब होती जा रही है। वहीं कांग्रेस पार्टी के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस का भी पतन शुरू हो चुका है। क्योंकि यहां बीजेपी का समय है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग पीएफआई से मदद लेते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाला समय भाजपा का है, कांग्रेस और कम्युनिस्ट का पतन शुरू हो गया है। गृहमंत्री अमित शाह में चुनावी रैली में कहा यह भी कहा कि आपको सही विकल्प याद रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि भाजपा के सर्वेक्षण के अनुसार पूरा केरल राज्य मोदी के साथ है। क्योंकि इस बार का चुनाव राज्य को हिंसा से मुक्त कराने का चुनाव है। अमित शाह ने कहा कि इस बार का चुनाव मोदी को तीसरी बार पीएम बनाने का चुनाव है। इस बार का चुनाव भाजपा को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का चुनाव है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का चुनाव है।

वीवीपैट से हर वोट के सत्यापन की मांग वाली अर्जियों पर EC ने दिया स्पष्टीकरण, कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ ईवीएम का उपयोग करके डाले गए सभी वोटों के सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। उम्मीद जताई जा रही थी कि अदालत आज अपना फैसला सुना देगी। हालांकि, चुनाव आयोग के अधिकारी से कुछ सवालों पर स्पष्टीकरण मांगने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। बुधवार सुबह जब सुनवाई शुरू हुई तो अदालत ने चुनाव आयोग से कुछ सवालों पर स्पष्टीकरण मांगा था। साथ ही उसके अधिकारी को दोपहर दो बजे अदालत में पेश होने और कुछ सवालों के जवाब देने के लिए कहा था।

बता दें, इससे पहले जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने 18 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा था। चुनावी प्रणाली में मतदाताओं की संतुष्टि और विश्वास के महत्व को सर्वोपरि मानते हुए शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं से कहा था कि हर बात पर संदेह नहीं किया जाना चाहिए।

चुनावी प्रक्रिया में शुचिता होनी चाहिए
पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से कहा था कि चुनावी प्रक्रिया में शुचिता होनी चाहिए। कोर्ट ने चुनाव आयोग से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अपनाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताने को कहा था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि यह एक चुनावी प्रक्रिया है। इसमें पवित्रता होनी चाहिए। किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि जो कुछ संभावनाएं बनती हैं, वह नहीं किया जा रहा है।

वीवीपैट के साथ डाले गए वोटों के सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने मौजूद ईसीआई अधिकारी ने ईवीएम और वीवीपैट की कार्यप्रणाली के बारे में बताया था। उससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने   इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की आलोचना करने वालों की निंदा की थी। कोर्ट ने कहा था कि देश में चुनाव कराना एक बड़ी चुनौती है, ऐसे में हमें सिस्टम को पीछे की तरफ नहीं ले जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में उस समय का भी जिक्र किया, जब बैलेट पेपर से चुनाव होते थे और मतपेटियां लूट ली जातीं थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कही थी ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ एडीआर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की थी। दरअसल, याचिका में मांग की गई थी कि ईवीएम में डाले जाने वाले वोट का सौ फीसदी वीवीपैट मशीन के साथ क्रॉस वेरिफिकेशन कराया जाए, ताकि मतदाता को पता चल सके कि उसने सही वोट दिया है।

कतर से रिहा होकर लौटे सौरभ और उनके पिता ने PM को लिखा पत्र, कहा- उम्मीद थी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे

नई दिल्ली:कतर ने जिन आठ भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मचारियों को मौत की सजा सुनाई थी, उन्हें भारत की तमाम कोशिशों के बाद रिहा कर दिया गया था। अब रिहा हुए आठ भारतीय नौसेना कर्मियों में से एक कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और उनके पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने पीएम के नेतृत्व के लिए प्रशंसा की और उनका धन्यवाद किया है।

कैप्टन वशिष्ठ ने अपने जीवन के सबसे चुनौतीपूर्ण समय में मोदी के अटूट समर्थन और अथक प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रभु की कृपा और पीएम मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप से ही घर लौट सका हूं।

कठिन समय में आप आशा के रूप में उभरे
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि कठिन समय में आप आशा की किरण बने। उन्होंने आगे कहा कि आपका यह संकल्प कि कोई भी भारतीय पीछे नहीं रहेगा, यह हमारी आत्माओं में गूंजता है और बार-बार आपने उस प्रतिबद्धता का प्रदर्शन भी किया है। गौरतलब है, सभी आठ अधिकारियों को कतर ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी, जो बाद में हुई थी। हालांकि, भारत के लगातार हस्तक्षेप ने फरवरी में उनकी रिहाई सुनिश्चित की और वे घर लौट आए।

वशिष्ठ ने कहा कि कतर की जेल में एकांत कारावास में उन्हें उम्मीद थी कि उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रमुख राजनयिक कार्यक्रमों जैसे कि संयुक्त राज्य सरकार के राज्य अतिथि, फ्रांस में बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि और भारत में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी का अवलोकन किया।

भगवान राम भी हमें रिहाई का आशीर्वाद दे रहे थे
उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने के साथ ही मुझे लगा कि भगवान राम भी हमें रिहाई का आशीर्वाद दे रहे थे। हमारी आजादी के लिए आपने जो अटूट लड़ाई की और हमारे न रहते हुए हमारे परिवारों के कल्याण की रक्षा की उसके लिए मैं हमेशा आपका ऋणी रहूंगा।’

सौरभ वशिष्ठ ने कहा कि परिस्थिति चाहे जो भी हो, हर भारतीय की भलाई के लिए मोदी दृढ़ से खड़े हैं। वशिष्ठ ने पीएम मोदी के नेतृत्व और सहानुभूति का उदाहरण देने के लिए उनकी प्रशंसा की। अधिकारियों ने बताया कि कैप्टन वशिष्ठ के पिता विंग कमांडर राजिंदर कुमार वशिष्ठ (सेवानिवृत्त) ने भी बेटे की वापसी के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा की और धन्यवाद दिया।

कई नेताओं को देखा है
86 साल के राजिंदर कुमार ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा, ’18 महीनों के इस दुख भरे समय में, आप हमारी चट्टान, हमारी आशा के अटूट स्तंभ के रूप में उभरे। मैं अपने बेटे को कगार से वापस लाने के आपके प्रयासों के लिए आभारी हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि अपने जीवन के दशकों में उन्होंने बदलते समय और युगों से गुजरे हैं। कई नेताओं को देखा है, फिर भी किसी ने भी हमारे देश और इसके नागरिकों के प्रति ऐसी करुणा नहीं दिखाई, जैसे पीएम मोदी ने दिखाई है।

चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के भाषण के खिलाफ दर्ज शिकायतों की जांच शुरू की, कांग्रेस-लेफ्ट ने उठाया था मुद्दा

नई दिल्ली:चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान में दिए गए भाषण के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि कांग्रेस और मार्क्सवादी कांग्रेस पार्टी (माकपा) ने पीएम के बयान को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था। इसमें पीएम मोदी ने आरोप लगाया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह लोगों की संपत्ति को मुस्लिमों को बांट देगी।

चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, पीएम के बयान को लेकर दर्ज शिकायतों पर विचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आयोग से 140 पेज में 17 शिकायतें की हैं। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से अपील की कि वह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे। पार्टी ने तर्क दिया है कि पीएम मोदी के विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण बयान देकर आचार संहिता का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है। पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी और 15 अन्य विषयों पर शिकायतें कीं। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और गुरदीप सप्पल शामिल थे।

दूसरी तरफ माकपा ने सोमवार को कहा कि उसने राजस्थान में संपत्ति के वितरण संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करने के साथ दिल्ली पुलिस प्रमुख को एक शिकायत भेजी थी। इस मामले में एक चिट्ठी दिल्ली के पुलिस आयुक्त को भेजी गई थी।

पीएम मोदी ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राजस्थान की एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर घुसपैठियों और ज्यादा बच्चा पैदा करने वालों को बांट देगी। मोदी ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर ‘पहला हक’ अल्पसंख्यक समुदाय का है।

‘वह एक आम मजदूर का CM बनना हजम नहीं कर सकते’, शिंदे का आरोप- उद्धव ने की आपत्तिजनक टिप्पणी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और यूबीटी वाली शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। शिंदे ने ठाकरे के आपत्तिजनक बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अगर कोई आम मजदूर सीएम बन जाए तो वे हजम नहीं कर सकते।

शिंदे का आरोप- उद्धव ठाकरे ने किया अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल
सीएम एकनाथ शिंदे ने बुलढाणा में एक चुनावी रैली में कहा, ‘कल उन्होंने (उद्धव ठाकरे) मेरे लिए अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया। अगर एक किसान का बेटा, एक आम मजदूर मुख्यमंत्री बन जाता है तो आप इसे पसंद नहीं करते। आप इस बात को हजम नहीं कर पा रहे हैं।’

वोट देने की अपील की
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर आप देखें तो यह मेरा अपमान नहीं है। यह सभी किसान पुत्रों का अपमान है, यह गरीबों की माताओं-बहनों का अपमान है, जिस समाज से मैं आता हूं उसका अपमान है।’ उन्होंने लोगों से लोकसभा चुनाव 2024 में उनकी पार्टी को वोट देने की अपील की। साथ ही कहा, ‘मुझे विश्वास है कि लोग 26 अप्रैल को मतपेटी के माध्यम से इसका जवाब देंगे।’

जनता मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए उत्सुक
21 अप्रैल को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में विजय संकल्प सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि देश के लोग मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा, ‘एक उम्मीदवार को वोट देने का मतलब मोदी को वोट देना है। देश की जनता मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए उत्सुक है।’

उन्होंने कहा, ‘जैसे सूरज इस धरती पर चमक रहा है वैसे ही पीएम मोदी का नेतृत्व देश में चमक रहा है। यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है। पीएम मोदी ने इस देश में राम मंदिर ही नहीं रामराज्य लाने की कोशिश की है। इंडिया ब्लॉक देश से पूछ रहा है कि हमारे पास राहुल, सोनिया, स्टालिन, केजरीवाल हैं, आपके पास क्या है? इस पर देश की जनता जवाब देती है कि हमारे पास मोदी की गारंटी है।’

‘मौजूदा वैश्विक हालात में फिर बढ़ी है हार्ड पावर की अहमियत’, आर्मी चीफ बोले- आत्मनिर्भरता से बढ़ी ताकत

थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे मंगलवार को एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज के वैश्विक हालात में किसी भी देश की हार्ड पावर की अहमियत फिर से बढ़ी है। भारत की हार्ड पावर को आकार देने में आत्मनिर्भरता कैसे अहम भूमिका निभा रही है, इस पर आर्मी चीफ ने अपने विचार रखे। अपने संबोधन में थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कहा कि ‘मौजूदा भू-रणनीतिक परिदृश्य में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। हाल की भू राजनीतिक गतिविधियां बताती हैं कि जहां भी राष्ट्रीय हितों को लेकर चिंताएं उभरेंगी, देश युद्ध से भी पीछे नहीं हटेंगे। इन सब बदलावों से हार्ड पावर की अहमियत फिर से साबित हुई है।’

थलसेना अध्यक्ष ने कहा कि ‘विघटनकारी प्रौद्योगिकी की असीमित क्षमता, आधुनिक युद्धों के बदलते चरित्र, सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में गहन बदलाव और मौजूदा वैश्विक भू-राजनीति के रुझान, भारतीय सेना में बदलाव के चार प्रमुख चालक हैं। भारतीय सेना का विजन एक आधुनिक, तकनीक सक्षम और आत्मनिर्भर भविष्य के लिए तैयार सेना में तब्दील होना है। जो मल्टी डोमेन ऑपरेशन स्थिति में, राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए भी युद्ध रोकने और जीतने में सक्षम हो।’

क्या है हार्ड पावर
किसी भी देश की ताकत को हार्ड पावर और सॉफ्ट पावर में बांटकर देखा जाता है। सॉफ्ट पावर में जहां बिना किसी संघर्ष और शक्ति प्रयोग के देश अपने उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं और किसी अन्य देश को प्रभावित करते हैं। वहीं हार्ड पावर में किसी भी देश की सैन्य और आर्थिक ताकत शामिल होती है। जिससे देश किसी अन्य देश पर जीत हासिल करते हैं। हार्ड पावर में मुख्यतः हथियारों, सेना और प्रतिबंध आदि का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं सॉफ्ट पावर में सांस्कृतिक गतिविधियां, अध्यात्म और योग जैसी अमूर्त चीजों के प्रभाव का इस्तेमाल किया जाता है। मौजूदा समय में रूस यूक्रेन युद्ध, इस्राइल हमास युद्ध समेत कई संघर्ष चल रहे हैं।

सीएम सिद्धारमैया ने नेहा हिरेमथ के पिता से की बात, कहा- मुझे माफ करना, आपके साथ खड़ा हूं

कांग्रेस पार्षद निरंजन हिरेमथ की हत्या के बाद मंगलवार को मंत्री एचके पाटिल नेहा के घर पहुंचे। वहां उन्होंने सीएम सिद्धारमैया की फोन पर निरंजन से बातचीत करवाई। सीएम ने कहा कि नेहा के साथ जो हुआ उसके लिए वे माफी चाहते हैं। वे उनके साथ खड़े हैं। मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि वे इस मामले की जांच सीआईडी से करवाएंगे। साथ ही मामले की पूरी सुनवाई के विशेष अदालत में होगी।

नेहा की चाकू मारकर हत्या के मार्मिक घटनाक्रम के बाद नेहा को न्याय दिलाने के लिए छात्र संगठन भी सड़कों पर उतर आए हैं। काली पट्टी बांधकर छात्र-छात्राएं नेहा के लिए न्याय और छात्राओं की सुरक्षा का वादा मांग रही हैं। नेहा हिरेमथ के कॉलेज परिसर में उसके सहपाठी द्वारा चाकू से हमला कर मारने के बाद से ही कर्नाटक में कई सारे आंदोलन शुरू हो चुके हैं।

मंगलवार को कर्नाटक नेता एचके पाटिल निरंजन हिरेमथ से मिलने पहुंचे, उन्होंने कहा कि इस घटना की वह घोर निंदा करते है। कांग्रेस पार्षद निरंजन और उसके परिवार को सांत्वना देने यहां आया हूं, मेरी पूरी सहानुभूति है। मुख्यमंत्री ने भी इस घटना पर शोक प्रकट करते हुए निरंजन को धैर्य बनाए रखने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि इस मामले में वे उनके साथ हैं। इस मामले की पूरी सुनाई विशेष अदालत में होगी, साथ ही इस मामले की छानबीन अब सीआईडी करेगी। राज्य सरकार इस मामले का सच बाहर लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी, ताकि आरोपी को उसकी इस हरकत की सजा दी जा सके।वहीं निरंजन हिरेमथ ने कहा कि जब तक मेरी बेटी को न्याय नहीं मिलता, तब तक मैं लड़ता रहूंगा। मैंने अपनी बेटी से वादा किया है कि मैं उसके हत्यारे को सजा दिलवाऊंगा।

ओडिशा के विधायक मोहम्मद मुकीम की सजा निलंबित, कोर्ट ने राज्य सरकार को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के मामले में ओडिशा के कांग्रेस विधायक मोहम्मद मुकीम की सजा निलंबित कर दी। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ चुनोती देने वाली विधायक की याचिका पर ओडिशा सरकार को नोटिस जारी किया है। पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों के वरिष्ठ वकील को सुनने और सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता की सजा निलंबित करने का आदेश दिया जाता है।

विजिलेंस कोर्ट ने सुनाई थी सजा
विधायक मोहम्मद मुकीम को विजिलेंस कोर्ट द्वारा 29 सितंबर 2022 को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाया गया था। विजिलेंस कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मुकीम ने मेट्रो बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर रहते हुए एक आईएएस अफसर के साथ मिलकर एक रियल एस्टेट फर्म को फायदा पहुंचाया था। उस दौरान कोर्ट ने विधायक को तीन साल की कैद और 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद मोहम्मद मुकीम ने हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी लेकिन दस अप्रैल को कोर्ट ने यह अपील खारिज की थी।

‘जहां हिंसा हुई, वहां चुनाव की अनुमति नहीं’, मुर्शिदाबाद मामले में हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी

रामनवमी के दिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग से मौजूदा स्थिति को देखते हुए बरहामपुर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव स्थगित करने को कहा। दरअसल, मामले की एनआईए जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी। अब अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सख्त निर्देश दिए कि वह उन निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव की अनुमति नहीं देगा, जहां रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। अदालत ने कहा, ‘अगर लोग 8 घंटे शांति से किसी भी पर्व का आनंद और जश्न नहीं मना सकते, तो हम चुनाव आयोग को ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव नहीं कराने की सिफारिश करेंगे।’ अदालत ने सख्त लहजे में कहा, ‘यदि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद दो समूहों के लोग लड़ रहे हैं तो एक-दूसरे को अपने प्रतिनिधि को वोट देने का कोई हक नहीं है।’

भड़काऊ भाषण मामले में नितेश राणे और गीता जैन के खिलाफ दर्ज किया मामला, पुलिस ने हाईकोर्ट को दी जानकारी

महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि उसने भाजपा विधायकों नितेश राणे और गीता जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने जांच में पाया कि दोनों ने जनवरी में ठाणे जिले में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान आपत्तिजनक भाषण दिए थे। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने पिछले हफ्ते संबंधित पुलिस आयुक्तों से निजी रूप से इस बात का सत्यापन करने को कहा था कि क्या दोनों नेताओं ने आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषण दिया था।

लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर ने आज अदालत को बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि इस साल जनवरी में मीरा भायंदर (ठाणे जिले में) हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरा राणे और जैन द्वारा दिए गए भाषण अपमानजनक थे। वेनेगांवकर ने कहा कि राणे पर मुंबई के मलवानी, मानखुर्द और घाटकोपर इलाकों रैलियों में नफरती भाषण देने का आरोप है। उन्होंने बताया कि जैन पर मीरा भायंदर में एक रैली में नफरती भाषण देने का आरोप है।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (धर्म के आधार पर लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 504 (उकसाने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने आगे कहा कि 22 से 26 जनवरी के बीच मीरा भायंदर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में अन्य व्यक्तियों के खिलाफ 13 अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। वेनेगांवकर ने बताया कि सभी मामलों की जांच जारी है।