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तीन से चार दशकों में हिमालय क्षेत्र में मौजूद ग्लेशियर झीलों का आकार बढ़ा, इसरो ने किया दावा

नई दिल्ली:   हिमालय क्षेत्र में खासतौर पर भारतीय क्षेत्र में ग्लेशियर के पिघलने से बनी झीलों के आकार में पिछले तीन से चार दशकों में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को 1984 से 2023 तक उपग्रह से ली गई तस्वीरों के आधार पर यह दावा किया है। इसरो के अनुसार पिछले 3 से 4 दशकों में लिए गए उपग्रह डेटा हिमालय के हिमाच्छादित वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

इसरो के अनुसार वर्ष 1984 से वर्ष 2023 के बीच उपग्रह से ली गई इन दीर्घकालिक तस्वीरों के अध्ययन से पता चलता है कि भारतीय क्षेत्र में इन हिमनद झीलों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं। इसरो के अनुसार 2016-17 के दौरान पहचाने गए 10 हेक्टेयर से बड़ी 2,431 झीलों में से 676 हिमनद झीलों का 1984 के बाद से उल्लेखनीय रूप से विस्तार हुआ है। विशेष रूप से, इनमें से 130 झीलें भारत के भीतर स्थित हैं, जिनमें से 65, 7 और 58 झीलें क्रमशः सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में स्थित हैं।

हिमालय के पर्वतों को अक्सर उनके व्यापक ग्लेशियरों और बर्फ के आवरण के कारण तीसरे ध्रुव के रूप में जाना जाता है। इन्हें वैश्विक जलवायु में परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। दुनिया भर में किए गए शोधों ने बार-बार इस बात की पुष्टि की है कि दुनिया में मौजूद ग्लेशियर अठारहवीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के बाद से पिघलने और घटने की अभूतपूर्व दर का अनुभव कर रहे हैं।
हिमालय क्षेत्र में खासतौर पर भारतीय क्षेत्र में ग्लेशियर के पिघलने से बनी झीलों के आकार में पिछले तीन से चार दशकों में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को 1984 से 2023 तक उपग्रह से ली गई तस्वीरों के आधार पर यह दावा किया है। इसरो के अनुसार पिछले 3 से 4 दशकों में लिए गए उपग्रह डेटा हिमालय के हिमाच्छादित वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

इसरो के अनुसार वर्ष 1984 से वर्ष 2023 के बीच उपग्रह से ली गई इन दीर्घकालिक तस्वीरों के अध्ययन से पता चलता है कि भारतीय क्षेत्र में इन हिमनद झीलों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं। इसरो के अनुसार 2016-17 के दौरान पहचाने गए 10 हेक्टेयर से बड़ी 2,431 झीलों में से 676 हिमनद झीलों का 1984 के बाद से उल्लेखनीय रूप से विस्तार हुआ है। विशेष रूप से, इनमें से 130 झीलें भारत के भीतर स्थित हैं, जिनमें से 65, 7 और 58 झीलें क्रमशः सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में स्थित हैं।

हिमालय के पर्वतों को अक्सर उनके व्यापक ग्लेशियरों और बर्फ के आवरण के कारण तीसरे ध्रुव के रूप में जाना जाता है। इन्हें वैश्विक जलवायु में परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। दुनिया भर में किए गए शोधों ने बार-बार इस बात की पुष्टि की है कि दुनिया में मौजूद ग्लेशियर अठारहवीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के बाद से पिघलने और घटने की अभूतपूर्व दर का अनुभव कर रहे हैं।

सेना और हथियार पर खर्च करने वाला भारत विश्व का चौथा सबसे बड़ा देश, 2023 में खर्च किए 83.6 अरब डॉलर

नई दिल्ली: दुनिया में सेनाओं और हथियारों पर खर्च करने के मामले में भारत चौथा बड़ा देश है। कुल 10 देशों ने सैन्य हथियारों पर बेतहाशा खर्च किया है। इसमें अमेरिका शीर्ष पर है। स्वीडन के स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में इस वक्त हथियारों, गोला-बारूद और दूसरे सैन्य साजो-सामान पर विभिन्न देश जितना धन खर्च कर रहे हैं, उतना इससे पहले कभी नहीं हुआ।

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में सैन्य खर्च 2022 के मुकाबले 6.8 फीसदी बढ़कर 24.4 खरब डॉलर पर पहुंच गया। जबकि, 2022 में यह 22.4 खरब डॉलर था। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2009 के बाद यह एक साल में सबसे बड़ी वृद्धि और लगातार नौवां साल है जब खर्च बढ़ा है। इस वृद्धि में जिन दस देशों का योगदान सबसे ज्यादा है, उनके सैन्य खर्च में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

अमेरिका शीर्ष पर तो चीन दूसरे स्थान पर
सबसे ज्यादा सैन्य खर्च करने वाले देशों में अमेरिका अब भी शीर्ष पर है। 2023 में अमेरिका ने 916 अरब डॉलर रक्षा पर खर्च किए जो दुनियाभर के कुल खर्च का 37% से भी ज्यादा है। दूसरे नंबर पर चीन है, जिसका खर्च अमेरिका से लगभग एक तिहाई है। उसने 296 अरब डॉलर खर्च किए, जो कुल खर्च का 12% है। यह 2022 से 6% ज्यादा है। इन दोनों देशों ने ही कुल खर्च में आधे का योगदान दिया।

2023 में भारत ने 83.6 अरब डॉलर खर्च किए
सैन्य खर्च के मामले में चौथा सबसे बड़ा देश भारत है जिसने 83.6 अरब डॉलर खर्च किए। 2022 के मुकाबले यह 4.2 फीसदी ज्यादा था। 2022 में जो सबसे ज्यादा खर्च करने वाले पांच देश थे, वे सभी 2023 में वैसी ही स्थिति में बने हुए हैं। इसमें तीसरे नंबर पर रूस है। इसके बाद भारत और सऊदी अरब का नंबर है। 2023 में रूस का खर्च 2022 के मुकाबले 24 फीसदी बढ़कर 109 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 2014 में जब रूस ने क्रीमिया को यूक्रेन से अलग किया था, उसके बाद से यह 57 फीसदी की वृद्धि है। रूस अपनी जीडीपी का 5.9 फीसदी सेना पर खर्च कर रहा है।

लोकसभा चुनाव से करीब नौ लाख अस्थायी नौकरियां, इन अहम क्षेत्रों में हुई भर्तियां

मुंबई: उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि देश में आम चुनावों के दौरान विभिन्न भूमिकाओं में करीब नौ लाख अस्थायी नौकरियों का सृजन हुआ है। इन नौकरियों की शुरुआत चुनावों के ऐलान से दो सप्ताह पहले हुई और चुनाव खत्म होने तक जारी रहेंगी। आम चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल को संपन्न हो चुका है। अभी छह चरण का चुनाव बाकी है।

वर्कइंडिया के सीईओ और सह-संस्थापक नीलेश डूंगरवाल के मुताबिक लोकसभा चुनावों के दौरान देशभर में पैदा होने वाली अस्थायी नौकरियों की सही संख्या चुनाव के पैमाने, मतदान केंद्रों की संख्या और चुनाव संबंधी गतिविधियों की जरूरत जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। हालांकि, मोटा अनुमान है कि चुनावों के दौरान नौ लाख नौकरियों का सृजन हुआ है।

उन्होंने बताया कि 2019 के आम चुनावों के दौरान उनके पोर्टल पर अकाउंटिंग (80 फीसदी), डाटा एंट्री (64 फीसदी), सुरक्षा कर्मी (86 फीसदी), बैक ऑफिस (70 फीसदी), डिलीवरी, ड्राइवर, फील्ड बिक्री एवं खुदरा (65 फीसदी), लेखन (67 फीसदी) जैसी नौकरियां की मांग बढ़ी थी। वहीं, सीआईईएल के मानव संसाधन निदेशक और सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि पिछले छह महीनों में यह अनुमान लगाया गया है कि आगामी चुनावों की तैयारी के दौरान लगभग दो लाख अस्थायी पद तैयार हुए हैं। एजेंसी

अहम क्षेत्रों में हुई भर्ती…चुनाव की तैयारी के लिए अहम क्षेत्रों में भर्ती हुई। इनमें आंकड़ा विश्लेषण, योजना, जनसंपर्क, बाजार सर्वेक्षण, मीडिया संबंध, सामग्री डिजाइन, सामग्री विपणन, सोशल मीडिया विपणन, एआई रणनीति और परियोजना प्रबंधन आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि ये नौकरियां केवल चुनावों के लिए हैं, इसलिए अस्थायी रोजगार में यह उछाल मौजूदा नौकरी बाजार की गतिशीलता को प्रभावित नहीं करेगा।

मेरठ में आज राजनीति के तीन दिग्गज, मायावती-अखिलेश करेंगे जनसभा, सीएम योगी शाम को करेंगे रोड शो

मेरठ:  आज दो पूर्व और एक वर्तमान मुख्यमंत्री मंगलवार को मेरठ में होंगे। बसपा सुप्रीमो मायावती सुबह 11 बजे हापुड़ रोड पर जनसभा करेंगी तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दोपहर दो बजे सिवालखास विधानसभा के गांव हर्रा में बागपत लोकसभा सीट के प्रत्याशी के समर्थन में रैली करेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शाम चार बजे शहर में रोड शो होगा।

मुख्यमंत्री का रोड शो पुरानी दिल्ली चुंगी से दोपहर चार बजे शुरू होगा। रोड शो यहां से शारदा रोड, देहली गेट चौराहा, कबाड़ी बाजार, अनाज मंडी, वैली बाजार होते हुए लाला बाजार चौराहा पर समाप्त होगा। जिले में योगी आदित्यनाथ का यह चौथा चुनावी दौरा होगा। इससे पहले मोदीपुरम में आयोजित रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ आ चुके हैं। सरधना के चौबीसी क्षेत्र में आयोजित जनसभा में भी योगी आदित्यनाथ आए थे। किठौर के सिसौली में आयोजित जनसभा में भी योगी आदित्यनाथ आ चुके हैं। रोड शो के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।

जगह-जगह मकानों की छतों पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। मुख्यमंत्री हेलिकाॅप्टर से भैसाली ग्राउंड में बने हेलीपैड पर पहुंचेंगे। यहां से कार द्वारा दिल्ली चुंगी तक आएंगे। वहीं, बसपा मुखिया एवं पूर्व सीएम मायावती हापुड रोड पर अल्लीपुर में बसपा प्रत्याशी देवव्रत त्यागी की चुनावी सभा को संबोधित करके वोट मांगेंगी। यह मेरठ में उनकी पहली जनसभा है। मायावती कई साल बाद मेरठ में जनसभा करने आ रही हैं।

जिले के हर्रा नगर पंचायत में पूर्व सीएम अखिलेश यादव बागपत लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी अमरपाल शर्मा की चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। अखिलेश यादव शनिवार को भी मेरठ आए थे। उन्होंने हापुड़ रोड पर मेरठ-हापुड़ लोकसभा की प्रत्याशी पूर्व महापौर सुनीता वर्मा के समर्थन में रैली की थी।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती रद्द की; 25,753 लोगों की नौकरियों पर संकट

कोलकाता: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने कथित तौर पर अवैध रूप से प्राप्त सभी नौकरियां रद्द कर दीं। जज देबांशु बसाक और जज मोहम्मद सब्बीर रशीद की कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा, “जो लोग लंबे समय से अवैध तरीके से काम कर रहे हैं, उन्हें ब्याज समेत सैलरी लौटानी होगी।” इस फैसले के तहत 25,753 नौकरियां रद्द कर दी गईं। उन्हें 2016 के पैनल में नौकरी मिली थी। पैनल का कार्यकाल खत्म होने के बाद जिन लोगों को नौकरी मिली है, उन्हें भुगतान करना होगा।

वादी पक्ष के वकील ने कहा, ”2016 का पूरा पैनल रद्द कर दिया गया है। कोर्ट ने डीएम को निर्देश दिया है।” डीआई चार सप्ताह के अंदर डीएम को सप्ताह के अंदर डीएम को इसकी जानकारी देनी होगी। 2016 की सभी चार भर्ती प्रक्रियाएं – ग्रुप सी, ग्रुप डी, 9वीं-10वीं, 11वीं-12वीं – पैनल को रद्द कर दिया गया है। सभी को वेतन वापस करना होगा। कोर्ट ने कहा है कि छह सप्ताह के भीतर वेतन वापस करना होगा। संबंधित डीआई को यह देखने की जिम्मेदारी दी गई है कि वेतन वापस किया गया है या नहीं।

ब्याज सहित वापस करना होगा वेतन
कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों को एसएससी पैनल की समाप्ति के बाद नौकरी मिली, उन्हें जनता के पैसे से भुगतान किया गया। सभी को चार सप्ताह के अंदर ब्याज सहित वेतन लौटाना होगा। सभी को 12 फीसदी सालाना ब्याज के साथ पैसा लौटाना होगा। बता दें कि 23 हजार 753 नौकरियां रद्द कर दी गईं। नए लोगों को नौकरी मिलेगी। हाई कोर्ट ने 15 दिनों के अंदर अंदर प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है।

दोषियों को सजा मिले, योग्य को बाधा नहीं आनी चाहिए: तृणमूल
सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “शिक्षक नौकरी के मामले। जहां गलत है, अन्याय है, कार्रवाई होनी चाहिए। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। लेकिन, योग्य उम्मीदवारों की नौकरी में बाधा नहीं आनी चाहिए। सरकार ने सच्ची सद्भावना के साथ उन्हें रोजगार देने का प्रयास किया है।”

संसद भवन के भीतर मस्जिद से 20 जोड़ी जूते गायब, नमाज पढ़कर नंगे पैर लौटे सांसद; स्पीकर ने जताई चिंता

इस्लामाबाद:   पाकिस्तान के संसद भवन (नेशनल असेंबली) के अंदर मस्जिद से जूते चोरी होने की एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, मस्जिद के बाहर से 20 जोड़ी जूते रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। इसे देखकर सुरक्षाकर्मी भी हैरान रह गए। बताया गया कि मस्जिद से जूते गायब होने के बाद संसद के स्पीकर सरदार अयाज सादिक ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सुरक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगी है।

मस्जिद से गायब हुए जूते
यह घटना शुक्रवार की नमाज के बाद की है। नमाज के दौरान नेशनल असेंबली के सदस्य, पत्रकार, संसदीय कर्मचारी समेत कई अन्य श्रद्धालु मस्जिद में मौजूद थे। जब तक वे नमाज पढ़कर बाहर निकलते उनमें से कई लोगों के जूते गायब हो चुके थे। स्थानीय मीडिया के अनुसार, जब मस्जिद में लोग नमाज अदा कर रहे थे, उसी दौरान चोर ने मौका पाकर 20 से अधिक जोड़ी जूते गायब कर दिए।

नमाज पढ़कर जब सांसद और पत्रकार बाहर निकले तब उन्होंने जो नजारा देखा, उसे देखकर वे चौंक गए। उनमे से अधिकांश के जूते गायब थे। जूते गायब होने पर कई लोगों ने हंगामा भी किया। इस दौरान उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या किया जाए। ऐसे में उन्हें नंगे पैर ही वापस लौटना पड़ा। हालांकि, कुछ लोग नंगे पैर जाने के लिए तैयार नहीं थे, वे अन्य विकल्प की तलाश कर रहे थे।

नेशनल असेंबली के स्पीकर ने सुरक्षा चूक पर जताई चिंता
इस घटना पर नेशनल असेंबली के स्पीकर सरदार अयाज सादिक ने सुरक्षा चूक पर गंभीर चिंता जताई है। सूत्रों के अनुसार, जब चोरी हुई, उस समय सुरक्षाकर्मी मौके पर मौजूद नहीं थे। इस घटना को लेकर अब कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। फिलहाल सीसीटीवी फुटेज के जरिए चोर को ढूंढने की कोशिश की जा रही है।

बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा, राहुल ने कहा- झूठ के कारोबार का अंत निकट

नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जहरीली भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी के पास वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कई रणनीतियां है। कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि झूठ के कारोबार का अंत अब निकट है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के लिए पीएम मोदी को घेरा है।

पीएम मोदी द्वारा संपत्ति के पुनर्वितरण वाली टिप्पणी को लेकर रविवार की रात कांग्रेस ने पलटवार किया। पार्टी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण में निराशा का सामना करने के बाद प्रधानमंत्री अब झूठ का सहारा ले रहे हैं। वह लोगों को वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए घृणास्पद भाषण दे रहे हैं।

महंगाई और बेरोजगारी पर कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा
सोमवार को कांग्रेस ने बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर एक वीडियो शेयर किया। पार्टी के सांसद राहुल गांधी ने कहा, “देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है और पीएम मोदी कह रहे हैं कि सब ठीक है।” उन्होंने आगे कहा, “पीएम मोदी के पास वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कई नई रणनीतियां है। लेकिन अब जूठ के कारोबार का अंत निकट आ गया है।”

पीएम मोदी पर जहरीली भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कई मुद्दों पर पीएम मोदी जहरीली भाषा का इस्तेमाल करते हैं। रमेश ने आगे कहा, “पीएम मोदी को एक आसान सवाल का जवाब देना चाहिए,। 1951 से हर साल जनगणना होती आ रही है। इससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आबादी का डेटा सामने आता है। इसे 2021 में भी हो जाना चाहिए था, लेकिन आजतक नहीं हुआ।” जयराम रमेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान को नष्ट करने का षड़यंत्र है।

भारतीय न्याय संहिता, सीएए..चिदंबरम ने बताया इंडी गठबंधन की सरकार बनी तो कौन से कानून बदले-वापस लिए जाएंगे

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कई कानून में बदलाव और संशाेधित करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसे 25 कानून की सूची हैं, जिनको संशोधित किया जाना है। उन्होंने कहा कि यदि वे जीते हैं तो नागरिकता संशोधन अधिनियम निरस्त करेंगे। कुछ अधिनियम निरस्त किए जाएंगे और नए नियम बनाए जाएंगे।

केरल में कांग्रेस के नेता ने अपने बयान में कहा कि हम सीएए- 2019, कृषक उत्पादन, व्यापार और वाणिज्य संवर्धन सुविधा अधिनियम 2020 को समीक्षा कर संशोधित या निरस्त करेंगे। इसके साथ ही भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता जो आईपीसी के समकक्ष है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जो कि सीआरपीसी है और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) अधिनियम जो साक्ष्य अधिनियम है। इन पांचों को पूरी तरह से निरस्त कर दिया जाएगा। फिर हमारे पास आठ कानून हैं जिन्हें रद्द कर नये कानून बनाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास 25 कानून हैं जिन्हें संशोधित करके संविधान में लाया जाएगा। नागरिकता संशोधन अधिनियम निरस्त किया जाएगा।

अनिवार्य जमानत का नियम भी लाया जाएगा
उन्होंने कहा कि कांग्रस अनिवार्य जमानत का नया कानून लेकर आएगी। इसमें जेल अपवाद की स्थिति में भेजा जाएगा। न्यायमूर्ति पी कृष्णा ने भी कहा कि जमानत नियम और जेल अपवाद को निचल अदालतें शायद की कभी फॉलो करते हैं। हर को 65 प्रतिशत लोग जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकते। पुलिस या सीबीआई पहले 15 दिनों की पूछताछ के बाद हर किसी को जमानत दी जानी चाहिए।

वायनाड में भारी मतों से जीतेंगे राहुल गांधी
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि वायनाड की जनता राहुल गांधी को बहुमत से जिताएगी। जब परिणाम आएगा तब पीएम मोदी को सहानुभूति के संदेश भेजे जाएंगे।

‘बंगाल में गुंडे राज कर रहे और लोग डर रहे’, ममता बनर्जी पर राजनाथ सिंह ने जमकर निशाना साधा

मुर्शिदाबाद: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में अराजकता का माहौल है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद संदेशखाली जैसी घटनाएं हो रही हैं।

पश्चिम बंगाल में अराजकता का माहौल
राजनाथ सिंह बंगाल के मुर्शिदाबाद में पहुंचे हुए थे। वह मुर्शिदाबाद लोकसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार गौरी शंकर घोष के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार के तहत पश्चिम बंगाल में अराजकता का माहौल है। उन्होंने यह भी कहा कि संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार के आरोपों पर दुनिया भर के लोग शर्मिंदा हैं। गौरतलब है, तृणमूल कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेताओं पर महिलाओं पर यौन अत्याचार करने और उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में आदिवासियों समेत ग्रामीणों की जमीन हड़पने का आरोप है।

यहां गुंडे राज कर रहे
सिंह ने दावा किया, ‘यहां गुंडे राज कर रहे हैं और लोग डरे हुए हैं।’ उन्होंने आगे कहा ममता दीदी मुख्यमंत्री बन गई। यहां आराजकजता का माहौल बना हुआ है। गुंडे बदमाशों के हौंसले बुलंद हैं। देश में पश्चिम बंगाल अपने अपराध के लिए जानी जा रही है और सांप्रदायिकता के लिए जानी जा रही है।’

संदेशखाली की घटना से पूरी मानवता शर्मसार
उन्होंने कहा, ‘यहां एक महिला मुख्यमंत्री के रहते संदेशखाली जैसी घटनाएं होती हैं। यहां ईडी और सीबीआई जांच के लिए आते हैं तो उनके ऊपर गुंडे हमले करते हैं। संदेशखाली की घटना से पूरी मानवता शर्मसार हुई है।’ उन्होंने कहा कि इस बार भाजपा को जीताइए, फिर देखते हैं की किसमें दम होगा संदेशखाली जैसी घटनाओं को अंजाम देने की। राजनाथ सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जहां सुनिए वहीं घोटाला होता है। ममता दीदी आपके नाम में ही ममता है तो आपको जनता का दुख-दर्द क्यों नहीं दिखाई देता है।

राहुल ने साझा किया ट्रेन के टॉयलेट में सफर करते यात्रियों का वीडियो, मोदी सरकार पर लगाए ये आरोप

नई दिल्ली:कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए पर रेलवे को अयोग्य बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र रेलवे को अयोग्य साबित कर इसे अपने दोस्तों को बेचने वाली है। इसी के साथ कांग्रेस नेता ने लोगों से मोदी सरकार को हटाकर आम आदमी के परिवहन को बचाने की अपील की है। राहुल ने रेलवे के बाथरूम और फर्श पर बैठकर यात्रा करने वाले यात्रियों की एक वीडियो शेयर कर मोदी सरकार को घेरा है।

राहुल ने वीडियो शेयर कर मोदी सरकार को घेरा
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें कई लोगों को ट्रेन के बाथरूम और फर्श पर बैठकर यात्रा करते हुए देखा गया। इस पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने अपने पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ट्रेन से यात्रा करना अब सजा बन गया है। मोदी सरकार आम लोगों के ट्रेनों से जनरल कोच कम कर केवल एलीट ट्रेनों को बढ़ावा दे रही है। ऐसा करते हुए सरकार हर वर्ग के यात्रियों को परेशान कर रही है।”

राहुल ने आगे बताया कि कंफर्म टिकट के साथ भी यात्री अपनी सीट पर शांतिपूर्वक नहीं बैठ पा रहे हैं। यात्री ट्रेन के बाथरूम के भीतर और फर्श पर बैठकर यात्रा करने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने आगे कहा, “मोदी सरकार अपनी नीतियों से रेलवे को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जिससे उन्हें रेलवे को अपने दोस्तों को बेचने का मौका मिल जाएगा।” कांग्रेस सांसद ने कहा कि अगर आम आदमी के परिवहन को बचाना है तो मोदी सरकार को हटाना होगा।