Sunday , November 24 2024

देश

पूर्व सीएम रामनरेश यादव के बेटे व कई पूर्व सांसद व विधायक भाजपा में शामिल, डिप्टी सीएम ने दिलाई सदस्यता

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले कई पूर्व सांसद व विधायकों का भाजपा को समर्थन मिलना जारी है। शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव के पुत्र अजय यादव भाजपा में शामिल हो गए।इसके अलावा, बसपा के पूर्व सांसद वीर सिंह, पूर्व सांसद प्रेम दास कठेरिया, पूर्व मंत्री साधना मिश्रा, पूर्व विधायक गजेंद्र सिंह व वासुदेव सिंह ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली।

बसपा के पूर्व विधायक आदित्य पांडेय भी भाजपा में शामिल हो गए। सभी को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भाजपा की सदस्यता दिलाई। उन्होंने कहा कि भाजपा यूपी में सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करेगी।

केरल में प्रवासी मजदूर को भीड़ ने खंभे से बांधकर पीटा, इलाज के दौरान मौत; अब तक 10 गिरफ्तार

केरल के मुवातुपुझ्झा में एक मॉब लिंचिंग का एक कथित सनसनीखेज मामला सामने आया है। बताया गया है कि यहां दो दिन पहले भीड़ ने एक प्रवासी मजदूर की पीट-पीटकर हत्या कर दी है। पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है पुलिस के मुताबिक, मृतक की पहचान अशोक दास (24) के तौर पर की गई है। वह अरुणाचल प्रदेश का रहने वाला बताया गया है। बताया गया है कि वह नौकरी के लिए केरल आया था और मुवातुपुझ्झा के करीब वलकम में एक किराए के घर में रह रहा था।

पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसके मुताबिक, दास को एक खंभे में बांधकर पीटा गया। दरअसल, वह इलाके में ही रहने वाली एक महिला मित्र से मिलने गया था। इसके बाद स्थानीय लोगों ने पहले उससे पूछताछ की और खंभे पर बांधकर जबरदस्त तरीके से पीटा। बाद में उसे करीब के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन हालत बिगड़ने के बाद उसे कोलेनचेरी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

पुलिस ने कहा कि दास को खंभे पर बांधकर इतनी बुरी तरह पीटा गया था कि उसे गंभीर चोटें आईं। इसी के चलते उसकी जान चली गई। पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना में आईपीसी की धारा 174 के तहत केस दर्ज किया गया है। शुरुआती जांच के बाद इसमें आईपीसी की धारा 302 (हत्या) को भी जोड़ दिया गया। पुलिस का कहना है कि इस घटना में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा और जल्द से जल्द सभी की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

‘BJP किसी को PM या CM बनाने के लिए नहीं बनी’, फडणवीस ने विपक्षी दलों पर निशाना साध कही यह बात

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि भाजपा का गठन किसी को प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं हुआ था और इसलिए उसे कभी आंतरिक विभाजन का सामना नहीं करना पड़ा। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि देश के इतिहास में उनकी एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसे कभी बंटवारे का सामना नहीं करना पड़ा।

भाजपा नेता कभी भी स्वार्थी नहीं रहे
बता दें, आज पार्टी अपना 44वां स्थापना दिवस मना रही है। एक कार्यक्रम के दौरान फडणवीस ने कार्यकर्ताओं से भारत को विकसित देश बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सैनिकों के समान काम करने को कहा।उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक सभी ने पार्टी को आगे बढ़ाने का काम किया है। उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भाजपा नेता कभी भी स्वार्थी नहीं रहे।

एक विचारधारा के लिए बनाई गई थी पार्टी
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा, ‘भाजपा कभी भी किसी को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई अन्य पद देने के लिए नहीं बनी थी, बल्कि इसकी स्थापना एक विचारधारा ‘राष्ट्र के हितों की सेवा करने’ के लिए गई थी। इस पार्टी ने हमेशा अपनी विचारधारा के अनुरूप काम किया और कभी बंटवारे का सामना नहीं किया।’

देश का भविष्य मोदी और भाजपा
उप मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मोदी और भाजपा देश का भविष्य हैं। उन्होंने कहा कि मोदी ने दुनियाभर में भारत की मजबूत और विकसित छवि बनाई है। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर काम करें।

‘लोगों ने वही किया, जो उन्हें करना चाहिए था’, NIA टीम पर हमले पर ममता बनर्जी ने कही चौंकाने वाली बात

बंगाल में ईडी के बाद एनआईए टीम पर हमले को लेकर राज्य की टीएमसी सरकार और सीएम ममता बनर्जी विपक्षियों के निशाने पर हैं। अपने ऊपर हो रहे हमलों को लेकर अब ममता बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। दक्षिण दिनाजपुर में एक चुनावी सभा से इतर ममता बनर्जी ने एनआईए पर हमले की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पूछा कि ‘उन्होंने (एनआईए) आधी रात में छापेमारी क्यों की? क्या उन्होंने पुलिस से इसकी इजाजत ली? स्थानीय लोगों ने वही किया, जो किसी अजनबी के उनकी जगह पर आने पर उन्हें करना चाहिए था। वे (एनआईए) चुनाव से ठीक पहले लोगों को गिरफ्तार क्यों कर रहे हैं?’

महिलाओं पर हमला होगा तो क्या वो चुप रहेंगी?
ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘भाजपा को क्या लगता है कि वे हर बूथ एजेंट को गिरफ्तार कर लेंगे? एनआईए को क्या अधिकार है? ये सब भाजपा के समर्थन के लिए हो रहा है। हम पूरी दुनिया को भाजपा की गंदी राजनीति के बारे में बताएंगे।’ ममता बनर्जी ने दावा किया कि साल 2022 में पटाखे फोड़ने के मामले में जांच के लिए एनआईए की टीम सुबह-सुबह पहुंच गई थी। भूपतिनगर की महिलाओं ने हमला नहीं किया था, बल्कि एनआईए की टीम द्वारा हमला किया गया था। अगर महिलाओं पर हमला होगा तो क्या वो चुप रहेंगी? ममता बनर्जी ने कहा कि ‘वह सिर्फ एनआईए के कुछ घरों में छापेमारी का विरोध कर रहीं थी।’

‘चुनाव आयोग निष्पक्ष होकर काम करे’
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चुनाव जीतने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘हम चाहते हैं कि चुनाव आयोग निष्पक्ष होकर काम करे और भाजपा द्वारा संचालित आयोग न बने।’ राज्य के पुलिस अधिकारियों के तबादले पर ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि ‘ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग के अधिकारियों के तबादले क्यों नहीं किए जा रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि एनआईए, सीबीआई भाजपा के भाई हैं और ईडी और आयकर विभाग, भाजपा के फंडिंग बक्से हैं।’ ममता बनर्जी ने कहा कि ‘चुनाव में सभी को बराबर का मौका मिलना चाहिए।’

मेडिकल कॉलेज में प्रवेश से वंचित OBC छात्र सामान्य श्रेणी में दाखिले के योग्य; गुजरात HC के फैसले पर रोक

एक अंतरिम राहत में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें जाति प्रमाण पत्र पर विवाद के बाद एक पानीपुरी विक्रेता के बेटे का मेडिकल कॉलेज में प्रवेश रद्द कर दिया गया था। इस रोक के साथ छात्र को एमबीबीएस पाठ्यक्रम में फिर से दाखिला मिलने की उम्मीद जग गई है।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि छात्र सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार के रूप में भी गुजरात के कई सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के भी योग्य है। नतीजन, पीठ ने छात्र के प्रवेश को रद्द करने के आदेश पर रोक लगाते हुए कॉलेज, गुजरात राज्य, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और महाराजा सयाजी राव विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया।

यह था मामला
उत्तर प्रदेश के मूल निवासी राठौड़ अब गुजरात के निवासी हैं। राठौड़ ने 20 अगस्त 2018 को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए एक जाति प्रमाण पत्र जमा किया था। हालांकि, जांच के बाद प्रवेश समिति ने जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया था। प्रवेश समिति ने कहा था कि यह गलत है, क्योंकि वह गुजरात में एसईबीसी समुदाय की तेली जाति से नहीं थे, बल्कि वह उत्तर प्रदेश में एक ओबीसी श्रेणी तेली जाति से आते हैं। जाति प्रमाण पत्र रद्द होने के साथ ही सितंबर 2023 में एमएसयू से संबद्ध वडोदरा के सरकारी मेडिकल कॉलेज ने उनके प्रवेश पर रोक लगा दी थी।

‘अपवित्र गठबंधन छोड़ें, भाजपा में शामिल हों..’, त्रिपुरा के पूर्व CM ने वामपंथी नेता को दी ये सलाह

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नेता माणिक सरकार को नसीहत दी है कि वह राज्य में कांग्रेस के साथ अपवित्र गठबंधन को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाएं। भाजपा ने नेता यह बात अगरतला के चंद्रपुर में पार्टी की एक बैठक के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में कांग्रेस और सीपीएम का गठबंधन अपवित्र प्रकृति का है, क्योंकि दोनों ही पार्टियां खूनी संघर्ष से भरे इतिहास को भूल चुकी हैं। रामनगर सीट पर पर लोकसभा और उपचुनाव में प्रचार के लिए माणिक सरकार के न उतरने का जिक्र करते हुए बिप्लब देब ने कहा, “वे (माणिक सरकार) कभी कांग्रेस और माकपा के गठबंधन को मंजूर नहीं करेंगे। लगातार चार बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहने के दौरान माणिक सरकार ने सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के लिए प्रचार किया है। यह पहली बार है, जब उन्हें उस पार्टी के लिए प्रचार करने को मजबूर किया जा रहा है, जिसका उन्होंने पूरी जिंदगी विरोध किया।”

बिप्लब ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी इस वक्त अस्तित्व के संकट से जूझ रही है और खुद को जिंदा रखने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए मजबूर है। उन्होंने कहा, “अपने राजनीतिक एजेंडा के लिए कांग्रेस और माकपा साथ आए हैं, न कि लोगों की भलाई करने के लिए। दोनों पार्टियों ने कई वर्षों तक त्रिपुरा के लोगों को धोखा दिया है और उनके काम उनकी बातों से ज्यादा बोलते हैं।”

भाजपा नेता ने इस दौरान माणिक सरकार के सीएम के तौर पर कार्यकाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर सरकार के चार कार्यकाल में लोगों के लिए पीएम आवास योजना के तहत महज 48 हजार घर ही बने। वहीं, 2018 में भाजपा की सरकार बनने के बाद 4.1 लाख घर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं।

भाजपा के खिलाफ त्रिपुरा में पहली बार कांग्रेस-लेफ्ट एकजुट
त्रिपुरा के 72 साल के चुनावी इतिहास में पहली बार कांग्रेस और वाम दलों ने भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर संयुक्त रूप से संसदीय चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन बनाया है। पिछले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वामपंथी दोनों पार्टियों ने एकजुट होकर सत्ताधारी पार्टी का विरोध किया था।

‘प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी घटिया भाषा का इस्तेमाल गलत’, केंद्रीय मंत्री ने खरगे पर बोला तीखा हमला

केंद्रीय मंत्री प्रद जोशी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तीखी आलोचना की है। प्रह्लाद जोशी ने खरगे पर पीएम मोदी के खिलाफ घटिया भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। दरअसल मल्लिकार्जुन खरगे ने राजस्थान में एक रैली के दौरान चीन के भारतीय सीमा में घुसने का दावा करते हुए पीएम मोदी पर टिप्पणी की थी।

खरगे का बयान निंदनीय
खरगे के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि ‘वह (पीएम मोदी) देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं और यह बात खरगे को समझनी चाहिए कि वह उनके खिलाफ किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वह एक कथित सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष हैं। उनके द्वारा ऐसी घटिया भाषा का इस्तेमाल करना निंदनीय है और मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।’

मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक जनसभा के दौरान कहा था कि जब चीन भारतीय सीमा में घुस रहा था, तब क्या प्रधानमंत्री क्या कर रहे थे। इस दौरान खरगे ने पीएम मोदी के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। खरगे के चीन को लेकर दिए बयान पर प्रह्लाद जोशी ने उल्टा सवाल दागते हुए पूछा कि जब 1962 में चीन ने भारत के 34000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था, तब की सरकार क्या कर रही थी? जोशी ने कहा कि भाजपा सरकार में भारतीय सीमाएं सुरक्षित हैं और चीन या किसी भी अन्य देश द्वारा कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है।

‘कोई भी देश हमारी एक इंच जमीन भी नहीं कब्जा सकता’
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि ‘मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि हमारी सरकार चीन को भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं करने देगी और भारत की एक इंच जमीन भी कोई देश नहीं कब्जा सकता।’ प्रह्लाद जोशी कर्नाटक की धारवाड़ सीट से चुनाव मैदान में हैं। कर्नाटक में 26 अप्रैल और 7 मई को दो चरणों में सभी 28 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होगा।

‘सेल्फी लेने वाले अगर वोट में बदलेंगे तो BJP की हार तय’, जोरहाट में चुनावी सभा में बोले गौरव गोगोई

असम के कलियाबोर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रचार अभियान के दौरान कहा कि अगर मेरे साथ सेल्फी लेने वालों की संख्या वोट में तब्दील हो जाए तो भाजपा की हार निश्चित है। गौरतलब है कि गौरव गोगोई असम के जोरहाट से चुनावी मैदान में है। उन्होंने दो दिन में जिलेभर में 12 नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया है। माजुली पहले लखीमपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा था, लेकिन पिछले साल चुनाव आयोग द्वारा किए गए परिसीमन में इसे जोरहाट में जोड़ा गया था। इस दौरान क्षेत्र के लोगों ने प्रचार अभियान के दौरान उन पर फूल बरसाएं, उन्हें पारंपरिक गमोचा (दुपट्टा) की माला पहनाई। कई युवाओं ने उनके साथ सेल्फी ली।

मैं आप लोगों का प्यार देखकर अभिभूत हूं- गौरव गोगोई
इस दौरान गौरव गोगोई ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आप लोगों का प्यार देखकर अभिभूत हूं। आपने मेरे साथ जितने तस्वीरें और सेल्फी ली हैं, अगर हम उन्हें वोट में बदल दें तो भाजपा की बुरी हार होगी। भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने दावा किया कि वह हर चुनाव से पहले बहुत सारे वादे करती रही है, लेकिन उनमें से शायद ही कोई पूरा हुआ हो।

मेरे पिता रहे सीएम, लेकिन मेरे नाम पर कोई फैक्ट्री नहीं- गोगोई
जोरहाट के लोगों (जो कभी गौरव के पिता तरूण गोगोई का निर्वाचन क्षेत्र था) ने 2014 में में भाजपा के प्रति ज्यादा भरोसा जताया था, जिन समुदायों की यहां खासा आबादी है उनमें अहोम, थेंगल-कचारी, मिसिंग और चाय जनजातियां शामिल हैं। परिसीमन में गौरव गोगोई की कलियाबोर सीट का नाम बदलकर काजीरंगा कर दिए जाने के बाद, उन्हें जोरहाट में भाजपा से मुकाबला करने का कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा है,

जो पिछले 10 वर्षों में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा का गढ़ बन गया है। बता दें इस सीट पर दोनों बार भाजपा बड़े अंतर से जीती थीं। सीएम हिमंत बिस्व सरमा और उनके परिवार पर कटाक्ष करते हुए गौरव गोगोई ने कहा कि मेरे पिता 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे। फिर भी मेरे नाम पर न तो कोई फैक्ट्री है और न ही चाय बागान है। मेरी मां के नाम पर कोई फैक्ट्री नहीं है।

मंच से खूब गरजे CM योगी, बोले- बागपत मतलब चुनावी गर्मी शुरू हो गई, जयकारों से गूंज उठा मैदान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रालोद प्रमुख चौधरी जयंत सिंह आज शुक्रवार को बागपत पहुंचे हैं। सीएम योगी का हेलीकॉप्टर पुलिस लाइन में लैंड हुआ। इसके बाद मुख्यमंत्री कार से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। सीएम योगी ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। इस दौरान पूरा मैदान जयकारों से गूंज उठा।

सीएम योगी ने गठबंधन प्रत्याशी राजकुमार सांगवान के पक्ष में रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने जनता से कहा कि गठबंधन प्रत्याशी राजकुमार सांगवान के समर्थन में हर बूथ पर मजबूती के साथ मतदान करना है।
गेटवे इंटरनेशनल स्कूल बागपत में विजय शंखनाद रैली में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें फिर से बागपत की पावन धरती पर आने का मौका मिला है। यह वह धरती है जहां से पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चरण सिंह ने अपनी राजनीति की शुरुआत की थी। बागपत की धरती से ही महाभारत की नींव रखी गई थी।

देश की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री को देश का सर्वोच्च सम्मान देकर देश के अन्नदाता और प्रदेश के लोगों का सम्मान किया है। पूर्व प्रधानमंत्री को सर्वोच्च सम्मान मिलने पर नमन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौधरी चाण सिंह के आदर्शों को ध्यान में रखकर पार्टी का एजेंडा बनाया और देश व प्रदेश में लागू किया है।

उन्होंने कहा कि बागपत का मतलब यानी चुनाव की गर्मी शुरू हो गई है। आज बागपत प्रगतिशील जनपत है। यह वही बागपत है, जहां से भगवान श्रीकृष्ण ने लीला की थी और यहीं से महाभारत की नींव तैयार हुई थी। आज प्रदेश की 120 चीनी मिलों में से 105 मिल दस दिन में भुगतान कर रही है। विदेशों में देश के लोगों का सम्मान हो रहा है। भाजपा सरकार देश की सीमा के अलावा व्यापारी वर्ग और बेटियां सुरक्षित हैं। आंतकवाद और आजाकता का खात्मा हुआ है। प्रदेश में निवेश को बढ़ावा मिला है।

एम योगी ने कहा कि पीएम मोदी की ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ इस बात पर बहुत लोगों को मिर्ची लगी होगी लेकिन, बागपत के लोगों को यह बात पसंद आई है। सीएम योगी ने कहा कि यदि मैं यहां से उम्मीदवार होता तो जितनी वोट आप मुझे देते, उससे ज्यादा वोट देकर राजकुमार सांगवान को जिताना है।

यूपी के 17 लाख मदरसा छात्रों को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 22 मार्च को दिए आदेश पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ‘यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004’ को असंवैधानिक बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के ये कहना कि मदरसा बोर्ड संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत का उल्लंघन करता है, ये ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही मदरसा बोर्ड के 17 लाख छात्रों और 10 हजार अध्यापकों को अन्य स्कूलों में समायोजित करने की प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले में केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया है।

हाईकोर्ट ने बताया था असंवैधानिक
अंशुमान सिंह राठौर नामक एक वकील ने यूपी मदरसा कानून की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने मदरसा कानून को असंवैधानिक मानते हुए इसे खत्म करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट की जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपने आदेश में कहा कि ‘सरकार के पास यह शक्ति नहीं है कि वह धार्मिक शिक्षा के लिए बोर्ड का गठन करे या फिर किसी विशेष धर्म के लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड बनाए।’ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अपने आदेश में राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह राज्य के मदरसों में पढ़ रहे छात्रों को अन्य स्कूलों में समायोजित करे।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा था कि मदरसा कानून ‘यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) कानून 1956’ की धारा 22 का भी उल्लंघन करता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 16,513 पंजीकृत और 8,449 गैर पंजीकृत मदरसे राज्य में संचालित हैं। जिनमें करीब 25 लाख छात्र पढ़ते हैं।