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भारत का रक्षा निर्यात पहली बार 21 हजार करोड़ रुपये के पार, रक्षा मंत्री ने पीएम मोदी को दिया श्रेय

भारत का रक्षा बजट पहली बार 21 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर यह जानकारी दी। राजनाथ सिंह ने लिखा कि ये बताते हुए बेहद खुशी महसूस हो रही है कि भारत का रक्षा निर्यात अभूतपूर्व तरीके से बढ़कर 21 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 32.5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 21,083 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।

रक्षा मंत्री ने पीएम मोदी को दिया श्रेय
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि ‘पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और रक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों के चलते भारत के रक्षा निर्यात में यह ग्रोथ देखी गई है।’ रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘हमारे रक्षा उद्योग, जिसमें निजी और डीपीएसयू भी शामिल हैं, ने हाल के वर्षों में शानदार काम किया है। रक्षा निर्यात के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए सभी शेयरधारकों को बधाई।’

कई देशों को हथियार निर्यात कर रहा भारत
जनवरी 2022 में भारत ने फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सौदा किया था। यह सौदा करीब 37 करोड़ डॉलर का था। कई अन्य देशों के साथ भी भारत की रक्षा निर्यात को लेकर बातचीत चल रही है। निजी क्षेत्र की भागीदारी से भी देश के रक्षा निर्यात में काफी बढ़ोतरी हुई है। भारत का रक्षा निर्यात 85 से अधिक देशों को हो रहा है। देश की 100 से ज्यादा कंपनियां रक्षा उत्पादों को दूसरे देशों को निर्यात कर रही हैं। इनमें लड़ाकू विमान, मिसाइलें और रॉकेट लॉन्चर्स आदि शामिल हैं।

रिपोर्ट लिखाने के लिए विधायक को देना पड़ा धरना, अखिलेश बोले- भाजपा नारी विरोधी

लखीमपुर खीरी में गैर जनपद के भाजपा सांसद की रिश्तेदार महिला से दरोगा अभय मिश्रा ने नशे में छेड़खानी की। महिला के आरोप लगाने के बाद शुक्रवार को देर रात जमकर हंगामा हुआ। भाजपा विधायक समेत तमाम नेता धरने पर बैठ गए। तब जाकर दरोगा समेत तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। अब इस मामले को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।

एक्स पर लिखा- भाजपा नारी विरोधी
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, ‘उप्र के लखीमपुर में भाजपा सरकार की पुलिस द्वारा भाजपा सांसद के परिवार की एक नारी के साथ छेड़छाड़ की घटना निंदनीय है। इससे नाराज होकर विधायक धरने पर बैठ गए, जिससे इस मामले की गंभीरता समझी जा सकती है।’ उन्होंने आगे लिखा, भाजपा नारी विरोधी है, जिसके हाथरस की बेटी, मणिपुर से लेकर पहलवान बहनों के साथ की गयी निर्लज्जता व कानपुर देहात की मां-बेटी को जिंदा जलाए जाने जैसे अनगिनत दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण हैं।

यह था मामला
नारकोटिक्स सेल के प्रभारी दरोगा अभय मिश्रा पीड़िता के ही मकान में किराए पर परिवार के साथ रहता था। आरोप है कि शुक्रवार की देर रात नशे में धुत होकर दरोगा ने मकान मालकिन के साथ छेड़खानी की। विरोध करने पर गालीगलौज और मारपीट की। शोर शराबा सुनकर मोहल्ले के लोग एकत्र हुए तो दरोगा जान से मारने की धमकी देने लगा। इसके बाद करीब देर रात 10.30 बजे पीड़ित परिवार शिकायत लेकर कोतवाली पहुंचा तो पुलिस मामले को दर्ज करने में टालमटोल करने लगी।

लालकृष्ण आडवाणी ‘भारत रत्न’ से सम्मानित; राष्ट्रपति ने घर जाकर किया सम्मान, PM मोदी भी रहे मौजूद

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में आडवाणी के आवास पर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी मौजूद थे।

इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पूर्व प्रधानमंत्रियों पीवी नरसिम्हा राव व चौधरी चरण सिंह, कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन और दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ मरणोपरांत प्रदान किया।

पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के लिए सम्मान उनके बेटे पीवी प्रभाकर राव ने स्वीकार किया। चौधरी चरण सिंह के लिए उनके पोते और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने राष्ट्रपति से यह सम्मान स्वीकार किया। वहीं, स्वामीनाथन की ओर से उनकी बेटी नित्या राव और कर्पूरी ठाकुर की ओर से उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने राष्ट्रपति मुर्मू से यह पुरस्कार लिया।

पाकिस्तान के कराची में जन्म
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है। उनके पिता पेशे से एक उद्यमी थे। शुरुआती शिक्षा उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से ग्रहण की थी। इसके बाद वह हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया।

विभाजन के समय मुंबई आ गए
1947 में आडवाणी देश के आजाद होने का जश्न भी नहीं मना सके क्योंकि आजादी के महज कुछ घंटों में ही उन्हें अपने घर को छोड़कर भारत रवाना होना पड़ा। विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई आकर बस गया। यहां उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है। उनके बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है।

विपक्षी गठबंधन में रार! कांग्रेस अध्यक्ष ने रणनीति पर उठाए सवाल, कहा- ‘आप’ का अलग लड़ना सबसे बड़ी भूल

देश के विपक्षी गठबंधन इंडिया में रार जैसे संकेत दिखाई दे रहे हैं। अब असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राज्य में लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने की विपक्षी पार्टियों की कोशिश ‘राष्ट्रीय राजनीति के कारण’ नाकाम हो गई।  उन्होंने दावा किया कि आम जनता पार्टी (आप) का राज्य में अलग चुनाव लड़ना उसकी सबसे बड़ी भूल होगी। जबकि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को कोई सीट देने से इनकार करने से पूर्वोत्तर राज्य में गठबंधन पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

बोरा ने कहा, ‘हमने इंडिया गठबंधन के बनने से आठ महीने पहले संयुक्त विपक्षी मंच असम (यूओएफए) का गठन किया था। हमारा 16 दलों का मंच है। इनमें से तीन सीधे लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन यह राज्य में मेरे नेतृत्व या राजनीति के कारण नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के कारण है।’

असम में 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
बता दें, राज्य की कुल 14 सीटों में से कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और एक सीट उसने यूओएफए के सदस्य असम जैत्य परिषद के लिए छोड़ी है। राज्य में यूओएफए के जिन अन्य घटकों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं उनमें आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और माकपा शामिल हैं।

कहीं सीटों का बंटवारा, कहीं अलग-अलग लड़ रहीं पार्टियां
बोरा ने कहा कि आप और कांग्रेस के बीच दिल्ली में सीटों का बंटवारा हो रहा है, लेकिन पंजाब में वे सभी सीटों पर अलग-अलग लड़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘असम में आप ने तीन सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया, लेकिन बाद में गुवाहाटी से उन्होंने नाम वापस ले लिया। मैंने आप के प्रदेश अध्यक्ष भाबेश चौधरी से आग्रह किया था कि उन्हें अकेले नहीं लड़ना चाहिए और हम उन्हें एक सीट देने के लिए तैयार थे, लेकिन उन्होंने तीन पर जोर दिया।’

बसे बड़ी राजनीतिक भूल होगी
असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) प्रमुख ने दावा किया, ‘मुझे लगता है कि यह आम आदमी पार्टी के लिए सबसे बड़ी राजनीतिक भूल होगी क्योंकि नतीजों के बाद यह साबित हो जाएगा कि वह राज्य में कुछ नहीं है।’

बंगाल की CM ममता बनर्जी की भाजपा को चुनौती, कहा- पहले 200 सीटें जीतकर दिखाएं; महुआ पर कही बात

लोकसभा चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने में लगी हुई हैं। वहीं भाजपा लगातार 400 से अधिक सीट पर जीत दर्ज करने का दावा कर रही है। इस पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को निशाना साधा। उन्होंने भगवा खेमे को कम से कम 200 सीटें जीतने की चुनौती दी। बनर्जी ने यह भी कहा कि वह राज्य में नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं होने देंगी। उन्होंने लोगों को आगाह किया कि सीएए के लिए आवेदन करने वाले विदेशी बन जाएंगे। इसलिए इसके लिए आवेदन नहीं करें।

400 पार का दे रही नारा
उन्होंने आगे कहा, ‘भाजपा नारा दे रही है इस बार 400 पार। मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि वह पहले 200 सीटों के मानदंड को ही पार कर लें। साल 2021 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने 200 से अधिक सीटों का आह्वान किया था, लेकिन 77 पर ही संतोष करना पड़ा।’

विदेशी बनाने का जाल
एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘सीएए वैध नागरिकों को विदेशी बनाने का एक जाल है। पश्चिम बंगाल में न ही सीएए और न ही एनआरसी लागू होने देंगे।’

हमारी सांसद का अपमान किया गया
टीएमसी प्रमुख बनर्जी ने कृष्णानगर में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार महुआ मोइत्रा के समर्थन में एक चुनावी रैली संबोधित की। उन्होंने विपक्षी गठबंधन इंडिया के सहयोगियों माकपा और कांग्रेस पर भाजपा से हाथ मिलाने का आरोप लगाया। कहा कि पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन नहीं है। माकपा और कांग्रेस बंगाल में भाजपा के लिए काम कर रही हैं।

दिल्ली में गरजे उद्धव ठाकरे, कहा- निरंकुशता की तरफ बढ़ रहा है देश; जनता से की यह अपील

दिल्ली के रामलीला मैदान में इंडी गठबंधन ने महारैली का आयोजन किया है। इस रैली में अलग अलग राज्यों से कांग्रेस के सहयोगी दल हिस्सा ले रहे हैं। इस बीच शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे भी रैली में पहुंचे।

निरंकुशता की तरफ बढ़ रहा देश- ठाकरे
ठाकरे ने दावा किया है कि देश निरंकुशता की ओर बढ़ रहा है। दिल्ली के रामलीला मैदान में इंडी गठबंधन की रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम यहां चुनाव प्रचार के लिए नहीं बल्कि लोकतंत्र बचाने के लिए आए हैं।

‘मेरी दो बहनें लड़ रही हैं, भाई क्यों पीछे रहे’
ठाकरे ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया। ठाकरे ने हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के लिए कहा कि जब मेरी दो बहनें लड़ रही हैं, तो यह भाई कैसे पीछे रह सकता है? इसलिए हम अपनी बहनों कल्पना जी और सुनीता जी के लिए यहां हैं। बता दें कि केजरीवाल और सोरेन दोनों को भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों में केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सोच रही है कि हेमंत सोरेन और केजरीवाल को गिरफ्तार करने से लोग डर जाएंगे लेकिन वे भारतीयों को नहीं जानते। हम डरने वाले लोग नहीं हैं।

जगन्नाथ मंदिर से हिरासत में लिया गया ब्रिटिश नागरिक, पुलिस की टीम पर हमला करने का आरोप

ओडिशा पुलिस ने एक ब्रिटिश नागरिक को हिरासत में लिया है। उस पर आरोप है कि पहले उसने जगन्नाथ मंदिर में अनाधिकृत तरीके से प्रवेश किया। जब पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने पुलिस की टीम पर ही हमला कर दिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उसे हिरासत में ले लिया। रविवार को एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

मंदिर में कैसे घुसा थॉमस?
पुलिस ने बताया कि विदेशी पर्यटक की पहचान थॉमस क्रेग शेल्डन के रूप में की गई है। थॉमस दक्षिण लंदन के वंड्सवर्थ का रहने वाला है। आपको बता दें कि 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित हैं। इसके बाद भी थॉमस ने मंदिर में प्रवेश किया। जब पुलिस कर्मियों ने उसे रोका और मंदिर परिसर छोड़ने के लिए कहा तो थॉमस ने कथित तौर पर पुलिस पर हमला कर दिया। पुरी के डीएसपी सिटी प्रशांत कुमार साहू ने कहा कि हमने विदेशी पर्यटक को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच जारी है।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
इससे पहले 23 मार्च को पोलैंड की एक महिला को मंदिर में प्रवेश करने पर हिरासत में लिया गया था। इसके ठीक एक हफ्ते बाद ब्रिटिश नागरिक थॉमस को हिरासत में लिया गया है। इससे पहले 3 मार्च को कुछ बांग्लादेशी नागरिकों को मंदिर में प्रवेश करते समय पकड़ा गया था। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था।

60 पर्यावरण समूह बोले-सुरक्षित करें हिमालय, सभी मेगा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर लगे प्रतिबंध

देश के 60 से अधिक पर्यावरण और सामाजिक संगठनों ने हिमालय में रेलवे, बांध, जलविद्युत परियोजनाओं तथा चार लेन राजमार्गों जैसी सभी मेगा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। साथ ही इन संगठनों ने सभी विकास परियोजनाओं के लिए जनमत संग्रह और सार्वजनिक परामर्श को अनिवार्य बनाने की अपील की।

पीपुल फॉर हिमालय अभियान का संयुक्त रूप से नेतृत्व करने वाले संगठनों ने एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सभी राजनीतिक दलों के लिए पांच सूत्री मांग पत्र जारी किया। इन्होंने मौजूदा परियोजनाओं के प्रभावों की व्यापक समीक्षा के साथ-साथ रेलवे, बांध, पनबिजली परियोजनाओं, सुरंग निर्माण, ट्रांसमिशन लाइनों और चार लेन राजमार्गों से संबंधित सभी मेगा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर पूर्ण रोक लगाने का आह्वान किया।

परियोजनाओं के लिए हो जनमत संग्रह
संगठनों ने मांग की कि बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए जनमत संग्रह और सार्वजनिक परामर्श के माध्यम से लोकतांत्रिक निर्णय लेना अनिवार्य बनाया जाए। संगठनों ने पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना-1994 को मजबूत करने, ईआईए-2020 संशोधनों और एफसीए-2023 संशोधनों को खत्म करने और सभी विकास परियोजनाओं के लिए ग्राम सभाओं की पूर्व सूचित सहमति की भी मांग की। एजेंसी

‘आज का युवा सरकारी नौकरी के पीछे भागने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला’, बैठक में बोले पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज का युवा सरकारी नौकरी के पीछे नहीं भागता है बल्कि रोजगार देने वाला बन गया है।

वोट डालने का अनुरोध
उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र के मलाड उपनगर में आदर्श वेलफेयर एसोसिएशन के निवासियों की शनिवार रात को हुई एक बैठक को केंद्रीय मंत्री गोयल संबोधित कर रहे थे। वहीं उत्तर मुंबई से भाजपा के मौजूदा सांसद गोपाल शेट्टी ने हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के सदस्यों से गोयल के लिए वोट डालने का अनुरोध किया।

आज के युवा देश को आगे ले जा रहे
पीयूष गोयल ने कहा, ‘आज के युवक और युवतियां सरकारी नौकरी के पीछे नहीं भागते हैं बल्कि खुद की प्रतिभा के दम पर रोजगार देने वाले बन जाते हैं। आज के युवा देश को नए प्रयोगों और तकनीकियों के साथ आगे ले जा रहे हैं।’

मोदी ने कई ठोस कदम उठाए
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 10 सालों में पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई ठोस कदम उठाए। उन्होंने सभी क्षेत्रों में सुशासन लाने की कोशिश की है। उन्होंने गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। मंत्री ने आगे कहा कि मोदी ने भारत को कमजोर अर्थव्यवस्थाओं से शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में लाने के लिए काम किया।

आम चुनाव के लिए 60 संगठनों ने जारी किया पांच सूत्री मांग पत्र, सोनम वांगचुक बोले- खतरे में हिमालय

देश में 60 से अधिक पर्यावरण और सामाजिक संगठनों ने हिमालय में बड़ी परियोजनाओं पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इनमें रेलवे की परियोजनाएं, जल विद्युत परियोजनाएं, चार लेन राजमार्ग परियोजनाएं शामिल हैं। इन 60 संगठनों की मांग है कि ऐसे किसी भी प्रोजक्ट को शुरू करने से पहले जनमत संग्रह और सार्वजनिक परामर्श लिया जाए। इस संगठन को पीपुल फॉर हिमालय नाम दिया गया है। संगठन द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पांच सूत्री मांग पत्र जारी किया गया है।

क्या है ‘पीपुल ऑफ हिमालया’ की मांग?
पीपुल ऑफ हिमालया संगठन की मांग है कि हिमालय के किसी भी क्षेत्र में बड़ी परियोजनाओं के लिए जनमत संग्रह के माध्यम से लोकतांत्रिक निर्णय लिया जाए। संगठन का कहना है कि ऐसे मेगा प्रोजक्ट्स की वजह से हिमालय का अस्तित्व खतरें में पड़ रहा है।

सोनम वांगचुक ने बताई यह बातें
जयवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधीत करते हुए कहा कि बड़ी परियोजनाओं की वजह से हिमालय का शोषण हो रहा है। इस वजह से स्थानीय लोगों को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पुनर्वास के प्रयासों के लिए सरकार द्वारा करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि सोनम वांगचुक ने लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत शामिल करने की मांग को लेकर 21 दिनों का जलवायु उपवास रखा था। उन्हें जनता का भारी समर्थन मिला था।

पूर्वोत्तर में गंभीर हो गई स्थिति- मोहन सैकिया
इस संगठन में पूर्वोत्तर संवाद मंच के मोहन सैकिया भी शामिल हैं। उनका कहना है कि स्थानीय लोगों की सहमति के बिना ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी घाटियों में बड़े पैमानें पर जलविद्युत परियोजनाएं चल रही हैं। ऐसे में परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं। इन प्रोजक्ट का दूरगामी प्रभाव प्राकृतिक आपदा के रूप में सामने आता है।

संगठनों ने रखी यह मांग
हिमालय नीति अभियान के गुमान सिंह और जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के कर्ता धर्ता अतुल सती ने कहा कि ब्यास बाढ़ और जोशीमठ में भूमि धंसाव होना ऐसी ही नीतियों का परिणाम है।