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संबलपुर लोकसभा सीट पर हाई प्रोफाइल ड्रामा, धर्मेंद्र प्रधान को बीजद के नेता प्रणब दास से कड़ी टक्कर

लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। इस बीच, पश्चिमी ओडिशा में संबलपुर लोकसभा सीट पर दिलचस्प टक्कर देखने को मिलेगी। दरअसल, सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने इस सीट पर केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ओडिशा के चेहरे माने जाने वाले धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ पार्टी महासचिव (संगठन) प्रणब प्रकाश दास को उतारा है।

बीजद में दूसरे नंबर का नेता
दास को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बाद बीजद में दूसरे नंबर का नेता माना जाता है। 53 साल के दास राज्य के तटीय क्षेत्र में जाजपुर सीट से तीन बार के विधायक हैं, जबकि राज्यसभा सदस्य प्रधान 15 साल के अंतराल के बाद चुनावी मैदान में लौटे हैं। ‘बॉबी’ के नाम से मशहूर प्रणब प्रकाश दास ने ओडिशा के पश्चिमी क्षेत्र की इष्ट देवी मां संबलेश्वरी के दर्शन कर शुक्रवार को अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया।

परिवार का इस शहर से मजबूत रिश्ता: दास
मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की। कहा कि ओडिशा तथा संबलपुर के कुशलक्षेम के लिए मां संबलेश्वरी का आशीर्वाद ले लिया है। यह पूछने पर कि क्या उन्हें संबलपुर में बाहरी होने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इस पर दास ने कहा, ‘मेरे दिवंगत पिता अशोक दास और उनकी बहन का संबलपुर से 60 साल पुराना नाता है। मेरे परिवार का इस शहर से मजबूत रिश्ता है और मेरे पिता वर्षों तक यहां रहे। आज, मुझे अपने घर में होने जैसा महसूस हो रहा है।’

आयकर विभाग के नोटिस पर फूटा कांग्रेस का गुस्सा, भाजपा पर लगाया कानून का उल्लंघन करने का आरोप

लोकसभा चुनाव से पहले आयकर विभाग ने पिछले वर्षों के कर रिटर्न विसंगतियों के लिए कांग्रेस को 1,823.08 करोड़ रुपये का नया नोटिस थमाया है। आयकर विभाग के इस नोटिस पर कांग्रेस नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। इस पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग और कानून का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया है।

आयकर विभाग के नोटिस पर फूटा कांग्रेसी नेताओं का गुस्सा
आयकर विभाग के नोटिस पर कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, “देश में लोकतंत्र है। कानून है। भाजपा सरकार अधिकारियों को निर्देश देकर इस तरह की कार्रवाई कर रही है। वे विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं। इसका मतलब यह है कि वे कांग्रेस और इंडी गठबंधन से डर रहे हैं। इंडी गठबंधन एनडीए को हराने वाली है। भाजपा इस कमजोरी को समझ चुकी है। उन्हें मालूम है कि भाजपा चुनाव हारने वाली है। इसलिए वह डर पैदा करने की कोशिश कर रही है। कल रात मुझे उस मामले को लेकर नोटिस भेजा गया, जो पहले ही सुलझ चुका है।”

लोकतंत्र को पंगु बनाने की कोशिश: प्रियांक खरगे
कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने आयकर विभाग के नोटिस पर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने इसे सरकार द्वारा जान बूझकर लिया गया फैसला बताया है। प्रियांक ने कहा, “भाजपा अपने आईटी और ईडी के मुखौटा संगठन को सक्रिय कर रही है। वे लोकतंत्र की प्रक्रिया को पंगु बनाने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा 400 से अधिक सीटें नहीं जीतने वाली है।”

क्यों चर्चा में है सास-बहू की यह जोड़ी? घर-घर जाकर परिवार की कसम देकर बचा रहीं अपना किला

मध्यप्रदेश में पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया खत्म हो गई है। इसी के साथ मैदान में अब चुनावी रंग दिखाई देने लगे हैं। प्रचार के लिए सभी दलों की तरफ से जोर लगाया जा रहा है। एमपी की चर्चित छिंदवाड़ा सीट पर भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिल रहा है। अपने गढ़ पर कब्जा बरकरार रखने के लिए पूर्व सीएम कमलनाथ का पूरा परिवार मैदान में उतर गया है।

पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे और वर्तमान सांसद, कांग्रेस प्रत्याशी नकुल नाथ को जिताने के लिए कमल नाथ की बहू प्रिया नाथ (नकुल नाथ की पत्नी) के साथ ही उनकी पत्नी अलका नाथ (नकुल नाथ की मां) ने भी मोर्चा संभाल लिया है। सास-बहू गांव से लेकर शहरभर में नकुलनाथ के लिए वोट मांगती नजर आ रही हैं। दोनों महिलाएं हर घर में दस्तक देती हुईं नजर आ रही हैं। ये दोनों न सिर्फ नकुलनाथ के लिए प्रचार कर रही हैं, बल्कि लोगों को 44 साल से नाथ परिवार के साथ जो उनका रिश्ता है, उसे भी याद दिला रही हैं। ये दोनों उन लोगों के घर भी पहुंच रही हैं, जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं।

अलका नाथ और प्रिया नाथ प्रमुख कार्यकर्ताओं के घर जाकर उनकी नाराजगी दूर करने का कम भी कर रही हैं। आदिवासी बहुल इस सीट पर सास-बहू की यह जोड़ी बेहद लोकप्रिय हो रही है। सूत्रों का कहना है कि पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना को भी भाजपा में जाने से रोकने में ही अलका ने अहम भूमिका निभाई है। दरअसल, कमल नाथ के भरोसेमंद पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना को लेकर अटकलें थीं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं, लेकिन यह कयास ही साबित हुए।

सक्सेना के एक बेटे अजय भाजपा में आ चुके हैं, इसलिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल समेत वरिष्ठ नेता सक्सेना को मनाने उनके घर भी पहुंचे। बात नहीं बनी तो इसे शिष्टाचार भेंट बताया। दीपक सक्सेना ने भी कहा कि वह भाजपा में नहीं गए हैं और कमल नाथ के साथ हैं। हालांकि, सक्सेना ने कांग्रेस के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया है। बताया जाता है कि उन्हें अलका नाथ ने मनाया है।

71 साल से कांग्रेस का कब्जा

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर कमलनाथ के परिवार का प्रभाव पिछले 44 वर्ष से है। बीते वर्षों में एक उप चुनाव को छोड़ दिया जाए, तो यह सीट पिछले 71 वर्ष से कांग्रेस के खाते में रही है। इसलिए इसे कमल नाथ का गढ़ कहा जाता है। यहां जीत दर्ज करने की मंशा के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आए, गिरिराज सिंह को संसदीय सीट का प्रभारी बनाया गया और बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई। भाजपा भी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में है। पार्टी को कोशिश है कि वह कैसे भी करके इस सीट पर अपनी जीत का परचम फहराए।

एनआईए ने तृणमूल कांग्रेस के आठ नेताओं को किया समन; पार्टी ने भाजपा पर जताया संदेह

एनआईए ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के आठ नेताओं को फिर से समन किया है। सभी को 2022 में पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में हुए विस्फोट के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। टीएमसी ने भाजपा पर साजिश रचने का आरोप लगाया है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने आठों को शनिवार सुबह 11 बजे अपने अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा है। इसकी वजह बताई गई है कि वे पहले भेजे गए समन के बाद पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे। तब उन्हें 28 मार्च को कोलकाता के पास न्यू टाउन में एनआईए कार्यालय आने को कहा गया था।

बता दें कि 3 दिसंबर, 2022 को भूपतिनगर में एक विस्फोट से फूस की छत वाला एक कच्चा घर धराशायी हो गया था। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि एनआईए के कदम के पीछे विपक्षी भाजपा का हाथ है। घोष ने दावा किया कि भाजपा ने केंद्रीय एजेंसी को पूर्ब मेदिनीपुर जिले के टीएमसी नेताओं की एक सूची मुहैया कराई है। एनआईए उनके घरों पर छापेमारी करने और उन्हें गिरफ्तार करने की योजना बना रही है।

मुइज्जू बोले- विदेशी राजदूत के आदेश पर काम करते थे इब्राहिम सोलिह; सैन्य ड्रोन खरीद का हो रहा विरोध

मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सैन्य ड्रोन की खरीद मामले में मुइज्जू को विपक्षी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति सोलिह ने उन्हें सलाह दी थी कि उन्हें अपनी जिद छोड़कर भारत जैसे पड़ोसियों से संबंधों को बेहतर बनाना चाहिए। ताजा घटनाक्रम में मुइज्जू ने कहा है कि उनके पूर्ववर्ती राष्ट्राध्यक्ष ‘एक विदेशी राजदूत’ के आदेश पर काम करते थे। मुइज्जू ने इब्राहिम सोलिह पर आरोप लगाने के बाद किसी देश का नाम नहीं लिया। बता दें कि मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति को चीन हितैषी माना जा रहा है।

मायावती ने मुख्तार की मौत पर जताया दुख, बोलीं- परिवार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच जरूरी

बसपा सुप्रीमो मायावती ने माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है जिससे कि मौत के सही तथ्य सामने आ सकें।

उन्होंने कहा कि ऐसे में उनके परिवार का दुखी होना स्वाभाविक है। कुदरत उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति दे। बता दें कि मुख्तार अंसारी ने खुद भी जेल में धीमा जहर देने की बात कही थी और अदालत को पत्र देकर इलाज कराने की गुहार लगाई थी।

अंसारी की मौत पर सियासी बवाल शुरू, BSP से लेकर AIMIM ने जहर देने के दावे की जांच की मांग की

बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता और डॉन मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। मेडिकल कॉलेज बांदा ने उसकी मौत की पुष्टि की है। पूरे यूपी में पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है। मऊ, गाजीपुर और बांदा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, अंसारी की मौत पर सियासी बवाल मच गया है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेडी), कांग्रेस से लेकर एआईएमआईएम तक ने यूपी के पूर्व विधायक की मौत को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती, आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार की मौत को निंदनीय और अफसोसजनक बताया।

यह है मामला
दरअसल, दो दिन पहले जब मुख्तार की हालत बिगड़ने पर उसे जेल से मेडिकल कॉलेज लाया गया था, तभी उसके भाई अफजाल और बेटे उमर अब्बास ने मौत की आशंका जताई थी। जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए था। अफजाल ने तो यह तक कहा था कि उसके भाई को जेल में जहर दिया जा रहा है। 63 साल का अंसारी मऊ सदर से पांच बार विधायक रहा था। वहीं साल 2005 से उत्तर प्रदेश और पंजाब में सलाखों के पीछे था। उसके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे।

उच्च-स्तरीय जांच जरूरी: मायावती
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा, ‘मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकाएं व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुखी होना स्वाभाविक है। कुदरत उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति दे।’

पाकिस्तान को फिर होना पड़ा शर्मिंदा, उसके राष्ट्रीय दिवस समारोह में नहीं शामिल हुआ कोई भारतीय अधिकारी

भारत-पाकिस्तान के बीच बिगड़े रिश्ते किसी से छिपे हुए नहीं हैं। पुलवामा हमले के बाद से यह रिश्ते और बदत्तर हो गए हैं। अब एक बार फिर पड़ोसी मुल्क को शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। दरअसल, पाकिस्तान ने इस साल अपना ‘राष्ट्रीय दिवस’ भारत में मनाने का फैसला लिया। इसी को लेकर कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि गुरुवार को नई दिल्ली में पाकिस्तान का राष्ट्रीय दिवस समारोह मनाया गया, लेकिन यहां शामिल होने के लिए भारत सरकार ने अपना कोई आधिकारिक प्रतिनिधि नहीं भेजा। कार्यक्रम के दौरान जब दोनों देशों के राष्ट्रगान बजाए गए तो पाकिस्तान के प्रभारी साद अहमद वाराइच अकेले खड़े थे।

बता दें कि, साल 2019 के बाद यह पहली बार है जब भारतीय अधिकारी समारोह में शामिल नहीं हुए। उस साल पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था, जिसके बाद भारत ने बालाकोट में जवाबी हमला कर बदला लिया था। राष्ट्रीय दिवस समारोह के अवसर पर पाकिस्तान के प्रभारी साद अहमद वाराइच ने जोर देकर कहा कि शांति और स्थिरता का लक्ष्य आपसी समझ को बढ़ाने, साझा चिंताओं पर बात करने और जम्मू- कश्मीर मुद्दे सहित लंबे समय से चले आ रहे विवादों को हल करने पर निर्भर करता है।

हमारे द्विपक्षीय संबंधों का इतिहास चुनौतीपूर्ण बना हुआ
वाराइच ने दावा किया कि पाकिस्तान ने बहुलवाद को मजबूत करने, लोकतंत्र को मजबूत करने, स्वतंत्र मीडिया को बढ़ावा देने और एक जीवंत नागरिक समाज का पोषण करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने आगे कहा, ‘भारत में पाकिस्तान के संस्थापकों ने दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध की कल्पना की थी। दुर्भाग्य से, हमारे द्विपक्षीय संबंधों का इतिहास अधिकांश समय चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम अतीत से बाहर निकल सकते हैं और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, संप्रभु समानता व आपसी सम्मान के आधार पर हमारे दोनों लोगों के लिए आशा का भविष्य लिख सकते हैं। शांति और स्थिरता का लक्ष्य आपसी समझ को बढ़ाकर, साझा चिंताओं को दूर करके और जम्मू-कश्मीर विवाद सहित लंबे समय से चले आ रहे विवादों को हल करके हासिल किया जा सकता है।’

बिल गेट्स ने की भारत की ‘डिजिटल सरकार’ की तारीफ, पीएम मोदी ने एआई पर रखा अपना नजरिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स से अपने आवास पर मुलाकात की। दोनों के बीच इस बैठक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लेकर डिजिटल पेमेंट्स तक के मुद्दे पर बात की। चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की लखपति दीदी योजना से लेकर स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र तक में बदलाव से बिल गेट्स को अवगत कराया। इस दौरान गेट्स ने भारत की डिजिटल सरकार की तारीफ भी की और पीएम मोदी को इस क्रांति के लिए बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने इस बैठक के दौरान कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है पूरा देश डिजिटल क्रांति को अपना चुका है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोनाकाल में भारत में कोविन एप के जरिए लोग ऑनलाइन ही वैक्सिनेशन के लिए बुकिंग करते थे और खुद ही समय लेते थे। इससे डिजिटल क्षेत्र ने कोरोना के समय में लोगों का काम आसान कर दिया।

पीएम मोदी ने आगे भारत की डिजिटल क्रांति के बारे में बताते हुए कहा, “देश के गांवों में दो लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनवाएं हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों को मैंने मॉर्डन टेक्नोलॉजी से सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों के साथ जोड़ दिया है। पीएम ने बताया कि कृषि को आधुनिक और वैज्ञानिक बनाने की जरूरत है। उसी लिए हमने ड्रोन दीदी योजना चलाई और ये सफलतापूर्वक चल रही हैं।

एआई पर क्या बोले पीएम मोदी?
चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि एआई के दुरुपयोग की संभावनाएं तब और बढ़ जाती हैं, जब बिना प्रशिक्षण के यह किसी को सौंपी जाती है। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि एआई-जनित सामग्री पर स्पष्ट वॉटरमार्क के साथ शुरुआत करनी चाहिए। ताकि कोई भी इसका दुरुपयोग न कर सके।

सपा ने मेरठ के प्रत्याशी भानु प्रताप का टिकट काटा, नया प्रत्याशी वैश्य, दलित या मुस्लिम समाज का हो सकता है

समाजवादी पार्टी ने मेरठ से अपने प्रत्याशी भानु प्रताप सिंह का टिकट काट दिया है। भानु की जगह नए कैंडिडेट का ऐलान आज ही होने की संभावना है। भानु प्रताप सिंह अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी चलाते हैं और पॉलिटिकल एक्टिविस्ट हैं लेकिन इनका मेरठ से कोई वास्ता नहीं था। उनके टिकट की घोषणा के बाद से ही समाजवादी पार्टी के नेताओं ने खुला विरोध किया जिसके चलते पार्टी को अपने फैसले से पीछे हटना पड़ रहा है। नया प्रत्याशी वैश्य, दलित या मुस्लिम समाज से हो सकता है।