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देश

सपा नेतृत्व पर हमलावर हुईं पल्लवी पटेल, बोलीं- पीडीए के साथ धोखे में मैं शामिल नहीं

राज्यसभा चुनाव के लिए सपा के उम्मीदवारों को लेकर पार्टी विधायक व अपना दल कमेरावादी नेता पल्लवी पटेल ने सपा नेतृत्व पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सपा को पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज के लोग वोट करते हैं लेकिन राज्यसभा के उम्मीदवारों में पीडीए के लोग शामिल नहीं हैं। ये पीडीए के साथ धोखा है। मैं इसमें शामिल नहीं हूं।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग भाजपा के खिलाफ लड़ाई में अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़ा है। उम्मीदवारों में मुस्लिम प्रत्याशी न होना उनके साथ धोखा है।

उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की घोषणा में उनकी राय नहीं ली गई है। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में सपा उम्मीदवारों के पक्ष में वोट न करने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि मैं इस धोखाधड़ी में शामिल नहीं हूं।

पल्लवी पटेल ने जया बच्चन को उम्मीदवार बनाए जाने पर कहा कि क्या पिछड़े समाज की कोई महिला प्रत्याशी नहीं हो सकती थी। उन्होंने प्रत्याशियों पर नाखुशी जाहिर की है।

डीटीयू में युवान-24 महोत्सव का रंगारंग आगाज, हजारों की संख्या में पहुंचे युवा

दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ( डीटीयू ) में युवान-24 का आयोजन मंगलवार से शुरू हो गया। साहित्य और फिल्म परिषद हर साल ‘युवान-साहित्य और फिल्म महोत्सव’ का आयोजन करती है। इस आयोजन में अमर उजाला नॉलेज पार्टनर है।

कार्यक्रम के पहले दिन हजारों की संख्या युवा शामिल हुए। युवाओं के नेतृत्व वाले सबसे बड़े महोत्सव युवान के पहले दिन की शुरुआत नृत्य प्रदर्शन से हुई। इसके बाद मधुरिमा ने मंत्रमुग्ध कर देने वाली गायन की प्रस्तुति दी। फेस्ट में सभी के लिए कुछ न कुछ था।

प्रसिद्ध स्टैंड अप कॉमिक बादल शर्मा ने अपनी कॉमेडी और रोस्टिंग कौशल से सभी का मनोरंजन किया। वहीं, युवराज दुआ, शुभम गौड़, राजेश यादव जैसी प्रसिद्ध सोशल मीडिया हस्तियों ने मनोरंजक टॉक शो में अपने जीवन की कहानियों और कठिनाइयों के बारे में बात की।

डीटीयू हिप-हॉप सोसाइटी आरथ्री पीआरएसएनटी ने एक सफल रैप बैटल की मेजबानी की। इसके अलावा मशहूर गीतकार डैनी केडोज ने भी अपनी गायन प्रतिभा की झलक दिखाई। कार्यक्रम का समापन वादक नवजोत आहूजा के लुभावने प्रदर्शन के साथ हुआ।

यूपी चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा बोले- रामजी की कृपा से भाजपा इस बार यूपी की सभी 80 सीटें जीतेगी

भाजपा के यूपी चुनाव प्रभारी ने बैजयंत पांडा ने लखनऊ स्थित भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सभी वर्गों से प्रतिनिधित्व देने में सफल रही है। हम लोकसभा चुनाव की तैयारियां कर रहे हैं। देश की जनता ने तय कर लिया है कि अबकी बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत की सरकार बनेगी।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। मोदी के तीसरे कार्यकाल में देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।

उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत की ओर उम्मीद की नजर से देखती है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में यूपी अपराध मुक्त हो चुका है। जनता ने जो बदलाव देखा है उसे बरकरार रखना चाहती है। रामजी की कृपा से इस बार भाजपा प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतेगी।

वहीं, राज्यसभा चुनाव के घोषित प्रत्याशियों पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पार्टी ने राज्यसभा के चुनाव के लिए सामाजिक गुलदस्ता बनाकर पेश किया है।

इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि हम सब भाजपा के लाभार्थी हैं। केशव मौर्य और स्वतंत्र देव भी लाभार्थी ही हैं। इसके पहले, भाजपा के यूपी चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा बुधवार सुबह लखनऊ पहुंच गए हैं।

लखनऊ एयरपोर्ट पर उनका स्वागत प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित कई पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने किया। पांडा लखनऊ में भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक कर लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करेंगे।

BJP ने जारी की उम्मीदवारों की नई सूची, पार्टी अध्यक्ष नड्डा, कांग्रेस से आए अशोक चव्हाण भरेंगे नामांकन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की है। इसमें गुजरात से भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और महाराष्ट्र से अशोक चव्हाण को उम्मीदवार बनाया है। गौरतलब है कि चव्हाण दो दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।

इन बड़े नामों के अलावा भाजपा ने महाराष्ट्र से मेधा कुलकर्णी, अजीत गोपछड़े को उम्मीदवार बनाया है। उधर गुजरात से मयंकभाई नायक, डॉ. जसवंतसिंह, गोविंदभाई ढोलकिया को भी पार्टी ने राज्यसभा के लिए नामित किया है।

बता दें कि नड्डा मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य हैं। हालांकि, कांग्रेस शासित हिमाचल में इस बार भाजपा के पास राज्यसभा की इकलौती सीट जीतने के लिए जरूरी समर्थन नहीं है।

दूसरी तरफ गुजरात से राज्यसभा सांसद मनसुख मंडाविया, परषोत्तम रुपाला और महाराष्ट्र से नारायण राणे को फिर से राज्यसभा सीट के लिए नामित नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि इन नेताओं को भाजपा लोकसभा का टिकट दे सकती है।

मणिपुर में भीषण फायरिंग, बीएसएफ ने संभाला मोर्चा; भीड़ ने गोला-बारूद और हथियार लूटे

हिंसाग्रस्त मणिपुर में मंगलवार से हिंसा जारी है। इस दौरान कई जगह भीषण गोलीबारी की खबर है। बदमाशों ने 5वीं आईआरबी पोस्ट (इम्फाल पूर्व) के हथियारों और हथियार लूट लिया। पूरे इलाके को रात में ही सुरक्षाबलों ने घेर लिया था और तलाशी अभियान जारी है।

सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात ग्राम होटक, जिला बिष्णुपुर की दोनों ऊपरी पहाड़ियों से बीएसएफ को गोलियों फायरिंग की आवाज भी सुनाई दे रही थी। पूर्वी इंफाल के यिंगांगपोकपी में रात करीब 9 बजे घाटी स्थित विद्रोही समूहों (वीबीआईजी) और पहाड़ी विद्रोहियों के बीच ट्विचिन/फिमोल (कुकी) क्षेत्रों के सामान्य क्षेत्र और ग्राम सांतिखोमबल (मैतेई) से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू हो गई। इस दौरान कुछ गोलियां बीएसएफ चौकी के करीब आकर गिरीं। दोनों पक्षों द्वारा स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा था।

बताया गया कि गोलीबारी की घटना के बाद बीएसएफ कैंप यिंगांगपोकपी की पूरी पोस्ट सतर्क हो गई। गोलीबारी की दिशा की पहचान की गई और स्थिति के बेहतर आकलन के लिए बीएसएफ ने इलू बम फायर किए। इसके बाद विद्रोही भाग निकले और गोलीबारी रुक गई। इसमें किसी के हताहत की खबर नहीं है।

सूत्रों के मुताबिक, जानकारी मिली है कि रात को चिंगरेल तेजपुर क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी। यहां पर 5वीं आईआरबी पोस्ट (इम्फाल पूर्व) पर उग्रभीड़ ने हमला बोल दिया। भीड़ ने भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार लूट लिए। भीड़ने गोलाबारूद सहित छह एके 47 राइफल, चार कार्बाइन, तीन 303 राइफल और दो एलएमजी लूट लिए।

कांग्रेस को एक और झटका, लाल बहादुर शास्त्री के पोते ने दिया इस्तीफा; जानें कौन हैं विभाकर शास्त्री

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे पास आ रहे हैं, वैसे-वैसे कांग्रेस को झटका लगता जा रहा है। एक के बाद एक नेता पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं। अब पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, भाजपा का हाथ थाम लिया।

विभाकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट के जरिए अपने इस्तीफे का एलान किया है। विभाकर ने अपने ट्वीट में बताया कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

अतीत के पन्नों से
विभाकर शास्त्री की बात करें तो उन्होंने उत्तर प्रदेश की फतेहपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर साल 1998 में चुनाव लड़ा था. जबकि इसके बाद साल 1999 और साल 2009 में भी वो चुनावी मैदान में उतरे। लेकिन तीनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

अगर अतीत में जाकर देंखे तो साल 2009 में संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं ने बाहरी नेताओं को तो गले लगाया था, लेकिन विरासत लेने के प्रयास को ठुकरा दिया था। पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र व पूर्व पीएम वीपी सिंह के पुत्र सियासी मैदान जीतने चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन मतदाताओं ने विरासत को पूरी तरह से नकारकर बाहरी को ही पसंद किया था।

वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस की बयार चल रही थी, तब देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बड़े पुत्र हरीकृष्ण शास्त्री संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे थे। लोकदल के लियाकत हुसैन को पराजित कर वह चुनाव जीते और केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में भी शामिल हुए।

जिले में औद्योगिक क्रांति की नींव रखकर श्री शास्त्री ने क्षेत्र को अपना गढ़ बनाने का प्रयास किया। इससे वर्ष 1984 के चुनाव में जनता ने फिर उन्हें चुनकर संसद भेजा। वर्ष 1989 व 91 के चुनाव में बोफोर्स का मुद्दा लेकर आए वीपी सिंह के सामने वह नहीं टिक पाए।

श्री शास्त्री के निधन के बाद इस सीट से उनके पुत्र विभाकर शास्त्री विरासत को सहेजने आगे आए। कांगेस से विभाकर ने वर्ष 1998 में चुनाव लड़ा लेकिन महज 24,688 मत ही पा सके। वर्ष 1999 में फिर भाग्य अजमाया, जिसमें 95 हजार व वर्ष 2009 में एक लाख मत हासिल कर पाए। तीन बार प्रयास के बाद भी वह अपने पिता की विरासत को नहीं सहेज पाए।

सपा के गढ़ पहुंचे एमपी के सीएम मोहन यादव, बोले- यूपी और आजमगढ़ से है मेरा खास नाता

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की कमान संभालेंगे। इसके मद्देनजर वह मंगलवार को समाजवादी पार्टी के गढ़ आजमगढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विधानसभा और लोकसभा दोनों में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा है। लोग भाजपा में शामिल होना चाहते हैं।

मुझे खुशी है कि मैं यहां सभी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मौजूद हूं। उत्तर प्रदेस और आजगढ़ से मेरा खास रिश्ता रहा है। इससे पहले सीएम मोहन यादव आजमगढ़ क्लस्टर के अंर्तगत आने वाली आजमगढ़-लालगंज-घोसी-बलिया और सलेमपुर समेत पांच लोकसभा क्षेत्रों के पार्टी पदाधिकारियों की बैठकों में शामिल हुए।

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से पूरे देश को लीड कर रहा उप्र
मोहन यादव ने कहा कि जबसे अयोध्या में राममंदिर का निर्माण हुआ है उप्र पूरे देश को लीड कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृतित्व को देखते हुए जनता का विश्वास उन पर बढ़ा है। इसलिए जनता भी तय कर चुकी है तीसरी बार मोदी सरकार। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्धारित प्रवास कार्यक्रम के तहत यहां आए हैं। यहां उप्र में जिस तरह से कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने को मिल रहा है वह खुशी की बात है। यहां के कार्यकर्ताओं को जो जिम्मेदारी मिली है वह उसका पूर्ण मनोयोग से निर्वहन कर रहे हैं।

एक फिर मोदी सरकार बनाने के लिए हम कृतसंकल्पित है। अध्योध्या में राममंदिर बनने के बाद उप्र आज पूरे देश को लीड कर रहा है।  जिस तरह से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्य किया है वह लोगों के बीच विश्वास का एक चेहरा बने हैं। जनता ने इसलिए तय किया है कि तीसरी बार मोदी सरकार। भले ही मैं एक राज्य का मुख्यमंत्री हूं लेकिन मेरा मूलभाव कार्यकर्ता हैं। एक कार्यकर्ता की तरह ही मैं यहां राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के निर्देश पर आया हूं।

यादव वोटरों पर भाजपा की नजर
आजमगढ़ क्लस्टर में शामिल पांच लोकसभा सीटों में यादव मतदाताओं की बड़ी संख्या हैं। एमपी के सीएम मोहन यादव के जरिये भाजपा संदेश देना चाहती है कि पार्टी में सामान्य यादव परिवार के व्यक्ति को मुख्यमंत्री का पद दिया गया है। पार्टी के दरवाजे यादव समाज के लिए खुले हैं। पार्टी बताएगी कि यादव समाज के नेताओं का राजनीतिक भविष्य भाजपा में ही सुरक्षित है।

अखिलेश यादव बोले- किसानों पर आंसू गैस के गोलों की बौछार

दिल्ली की तरफ जा रहे किसानों के जत्थे पर पुलिस द्वारा आंसू गैस छोड़ने को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र की मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की है और कहा कि ये कैसा अमृतकाल है जब किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। धिक्कार है…।

उन्होंने कहा कि जो कुछ हो रहा है और जिस प्रकार की खबरें आ रही हैं कि आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। किसानों को रोकने के लिए और आंदोलन खत्म करने के लिए कीलों के साथ-साथ दीवारें तक खड़ी की गई। प्रशासन के माध्यम से सरकार जो कर सकती थी कर रही है। दिल्ली की सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। ये वही सरकार के लोग हैं जिन्होंने किसानों से कहा कि उनकी आय दोगुनी हो जाएगी, फसल की कीमत मिलेगी, न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करेंगे।

उन्होंने कहा कि अपनी इन्हीं मांगों को लेकर किसानों ने एक साल तक आंदोलन किया था। इस दौरान 700 किसानों की जान चली गई थी। ये सरकार चौधरी चरण सिंह और एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देकरकिसानों के वोट तो लेना चाहती है लेकिन उनकी बातों को नहीं मानना चाहती है। आने वाले चुनाव में जनता उनको सबक सिखाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मुनाफा कमाने वालों से मिली हुई है।

‘जमानत याचिका को दो हफ्ते में निपटाएं’, गुजरात हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को दिए निर्देश

गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य के सभी ट्रायल कोर्ट को कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरी निष्ठा से पालन करें और जमानत याचिका को दो हफ्ते के भीतर और अंतरिम जमानत याचिका को छह हफ्ते के भीतर निपटाएं। मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनुरुधा मेयी की पीठ ने सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिए।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करें ट्रायल कोर्ट
दरअसल भावेश राबरी ने जमानत याचिका पर सुनवाई में हो रही देरी के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था। पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र अंतिल मामले में जो निर्देश दिए थे, उनका पालन किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गुजरात दंगों के मामले में जमानत याचिका लंबे समय से गुजरात हाईकोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने भी गुजरात हाईकोर्ट से तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई में हो रही देरी पर सवाल उठाए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अगर किसी विशेष प्रावधान या अन्य याचिकाओं का अपवाद न रहे तो जमानत याचिका पर सुनवाई दो हफ्ते में और अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई छह हफ्ते में निपटाई जानी चाहिए। पीठ ने कहा जमानत याचिका स्वीकार करने और फिर उसी तारीख पर मामले की मेरिट पर विचार किए बिना उसे अंतिम सुनवाई के लिए हफ्तों के लिए स्थगित करने की प्रथा पर रोक लगाने की जरूरत है। हाईकोर्ट ने कहा किसी भी मामले में सब कुछ मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश के विवेक पर निर्भर करता है। यह जज पर छोड़ दिया जाना चाहिए।

1961 के बाद आए लोगों को निर्वासित करने के CM के बयान पर उठे सवाल; जानें क्या है विशेषज्ञों की राय

1961 के बाद राज्य में प्रवेश करने और बसने वालों की पहचान की जाएगी और उन्हें निर्वासित किया जाएगा। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस बयान पर विशेषज्ञों ने मंगलवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस कदम की व्यवहार्यता पर संदेह जताया है। विशेषज्ञों ने कहा कि अवैध आप्रवासियों की पहचान एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन उनका निर्वासन तब तक मुश्किल होगा जब तक कि संबंधित विदेशी देश उन्हें आपने वास्तविक नागरिकों के रूप में मान्यता नहीं देते। गौरतलब है

कि पूर्वोत्तर राज्य पिछले साल मई से जातीय संघर्ष से हिल गया था और राज्य सरकार ने पड़ोसी देश म्यांमार के अप्रवासियों के एक वर्ग पर समस्या पैदा करने का आरोप लगाया है। सोमवार को प्रोजेक्ट बुनियाद के लॉन्च पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि जो लोग 1961 के बाद राज्य में आए और बस गए, चाहे वे किसी भी जाति और समुदाय के हों, उनकी पहचान की जाएगी और उन्हें निर्वासित किया जाएगा।

मणिपुर सीएम के बयान पर विशेषज्ञों की राय
मुख्यमंत्री का यह बयान जून 2022 में मणिपुर कैबिनेट द्वारा ‘इनर लाइन परमिट’ के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य के निवासियों की मूल स्थिति निर्धारित करने के लिए 1961 को आधार वर्ष के रूप में अपनाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद आया है। राजनीतिक विश्लेषक प्रदीप फंजौबम ने कहा कि अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने के लिए, संबंधित विदेशी देश को उन्हें अपने वास्तविक नागरिक के रूप में स्वीकार करना होगा। यदि विदेशी देश अप्रवासियों को अपने नागरिक के रूप में मान्यता नहीं देता है, तो उन्हें कैसे निर्वासित किया जाएगा।

अकेले राज्य सरकार नहीं ले सकती निर्वासन का निर्णय- काशर
फोरम फॉर रिस्टोरेशन ऑफ पीस के संयोजक अशांग काशर ने कहा कि निर्वासन अकेले मणिपुर सरकार द्वारा नहीं किया जा सकता है। अप्रवासियों की पहचान महत्वपूर्ण है। जिन लोगों की पहचान अवैध अप्रवासी के रूप में की जाएगी, उनके पास मूल निवासियों को मिलने वाले अधिकार नहीं होने चाहिए। उदाहरण के लिए, उनके पास मतदान का अधिकार नहीं होना चाहिए।