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NDA का लक्ष्य राज्य में 12 लोकसभा सीटें जीतना; राहुल की यात्रा से नहीं पड़ेगा कोई फर्क

आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर राजनैतिक दलों ने अभी से अपनी लामबंदी शुरू कर दी है। पार्टियां अलग-अलग राज्यों में जीत को लेकर अलग-अलग दावे कर रही हैं। इस बीच, असम भाजपा अध्यक्ष भाबेश कलिता ने बुधवार को असम में 12 सीटों पर जीत का दावा किया है। उन्होंने कहा कि राजग इस साल के मध्य में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान 14 में से कम से कम 12 सीटें जीतने का लक्ष्य बना रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रस्तावित ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का राज्य में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर से शुरू होगी। यह असम में आठ दिनों तक रहेगी। कलिता ने गुवाहाटी में भाजपा की असम कार्यकारिणी की बैठक के मौके पर कहा कि एक गठबंधन के रूप में एनडीए का लक्ष्य असम में 14 में से 12 लोकसभा सीटें जीतना है। उन्होंने कहा कि 12 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रख रहे हैं। हमारा लक्ष्य पिछले आम चुनावों की तुलना में अपना वोट शेयर 10 प्रतिशत बढ़ाना है। साथ ही पार्टी इस बार उम्मीदवारों की जीत का अंतर भी बढ़ाना चाहती है।

इस दौरान जब उनसे गठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारें के संबंध में पूछा गया तो कलिता ने कहा कि भाजपा, एजीपी और यूपीपीएल के बीच सीट बंटवारे को लेकर हम फरवरी में बैठक करेंगे। फरवरी की संयुक्त बैठक में ही सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाएगा।”

राहुल पर भी साधा निशाना
इस दौरान उन्होंने विपक्षी कांग्रेस पर भी तंज कसा। भाबेश कलिता ने कहा कि राज्य के लोगों ने असम की राजनीति से सबसे पुरानी पार्टी को अलविदा कह दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर तंज कसते हुए असम भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी आएंगे और जाएंगे। ऐसी यात्राएं पहले भी हुई हैं। वे कुछ भी कर लें, कांग्रेस अगले 25 साल तक असम में सत्ता में नहीं आएगी।

विपक्षी दलों के नेताओं के संपर्क में कांग्रेस अध्यक्ष; INDIA की सीट शेयरिंग पर मंथन तेज

आने वाले चंद हफ्तों में लोकसभा चुनाव 2024 का एलान होगा। तमाम पार्टियां किलेबंदी करने में लगी हैं। भाजपा नीत NDA के खिलाफ एकजुट हुईं 28 विपक्षी पार्टियां INDIA ब्लॉक के तहत ताल ठोकेंगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक विपक्षी दलों के गठबंधन- INDIA में सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर बात तेजी से हो रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे विपक्षी दलों के नेताओं के संपर्क में हैं। कांग्रेस ने बुधवार को बयान जारी कर कहा, खरगे बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं।

कांग्रेस का बयान उन चर्चाओं के बीच आया जिसमें कहा गया कि गठबंधन में एक संयोजक हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संयोजक पद के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम चर्चा में है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, खरगे INDIA के सभी दलों के नेताओं के साथ संपर्क में हैं। इस बात पर मंथन हो रहा है कि गठबंधन में करीबी समन्वय सुनिश्चित करने के साथ-साथ दलों की सर्वोत्तम संरचना कैसे की जाए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने नीतीश कुमार सहित सभी नेताओं से बात की है और गठबंधन के भीतर प्रमुख मुद्दों पर निर्णय जल्द ही लिए जाएंगे। खबरों के मुताबिक विपक्षी गठबंधन के लिए एक कॉमन कार्यालय और प्रवक्ता रखने की भी मांग भी की जा रही है। रमेश ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा हो रही है। कुछ बातें अंतिम चरण में हैं। कुछ अभी शुरुआती चरण में हैं। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में टीएमसी और बिहार में जेडीयू के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत एक या दो दिन में फाइनल होने की उम्मीद है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, सीट-बंटवारे पर सभी दलों के नेताओं के बीच स्पष्टता है। सीट समायोजन पर सभी दलों के बीच स्पष्टता तेजी से विकसित हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व सभी सहयोगियों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भाजपा के इन बड़े नेताओं के चुनाव में उतरने की संभावना, महासचिव से लेकर प्रवक्ता तक दौड़ में शामिल

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि उनके पास पार्टी को चुनाव लड़ाने की बड़ी जिम्मेदारी है और चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा। लेकिन उनके अलावा पार्टी संगठन के कई बड़े नेता चुनाव में उतर सकते हैं। इनमें पार्टी के महासचिव, सचिव से लेकर राष्ट्रीय प्रवक्ता पद तक के नेता शामिल हैं।

भाजपा महासचिव दुष्यंत गौतम अपने लिए दिल्ली की उत्तर पश्चिमी सीट चाहते हैं। इस सुरक्षित सीट से इस समय गायक हंसराज हंस सांसद हैं। दुष्यंत गौतम के उत्तर पश्चिमी सीट से उतरने पर हंसराज हंस का टिकट कट सकता है। हालांकि, चर्चा है कि उन्हें पंजाब की किसी सीट से चुनाव में उतारा जा सकता है। दुष्यंत गौतम की इस मांग से अलग भाजपा उन्हें दलित बहुल इलाके पश्चिमी उत्तर प्रदेश की किसी सीट से चुनाव लड़ाने पर विचार कर सकती है। पार्टी का मानना है कि इससे दलितों को पार्टी के पक्ष में लाने में मदद मिल सकती है।

पार्टी के चर्चित चेहरे संबित पात्रा इस समय अपनी लोकसभा सीट पुरी से तैयारियों में जुटे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने उन्हें पुरी सीट से उतारा था, लेकिन बेहद मामूली अंतर से पात्रा चुनाव हार गए थे। इस बार वे अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए तैयारियों में जुटे हैं।

टीवी पर बहसों में भाजपा के बेहद तेज तर्रार नेता राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला यूपी की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतर सकते हैं। इस समय यह सीट मेनका गांधी के पास है। माना जा रहा है कि इस बार भाजपा मेनका गांधी का टिकट काट सकती है और ऐसी स्थिति में प्रेम शुक्ला को यहां से भाग्य आजमाने का अवसर मिल सकता है।

भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल इस समय गौतम बुद्ध नगर यानी ग्रेटर नोएडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। आर्थिक मामलों के जानकार नेता गोपाल कृष्ण अग्रवाल यूपी की आर्थिक राजधानी के तौर पर उभर रहे नोएडा में काफी प्रभावी हो सकते हैं। यही कारण है कि माना जा रहा है कि भाजपा वर्तमान सांसद महेश शर्मा का टिकट काटकर उन्हें यहां से मैदान में उतार सकती है।

पार्टी के प्रवक्ता और पूर्व सांसद जफर इस्लाम मुरादाबाद लोकसभा सीट से दावेदारी कर रहे हैं। पार्टी उन्हें यहां से चुनाव में उतार सकती है। हालांकि, पार्टी के एक अन्य नेता और आर्थिक मामलों के जानकार नरेंद्र तनेजा भी इस सीट पर अपनी दावेदारी ठोंक रहे हैं।

अब नेताओं के पाले में जाएगी पुरानी पेंशन की गेंद, राजनीतिक दलों से संपर्क साधेंगे कर्मचारी संगठन

लोकसभा चुनाव से पहले ‘पुरानी पेंशन बहाली’ की गेंद, अब सियासतदानों के पाले में जा सकती है। ओपीएस के लिए संघर्ष कर रहे केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठन, भाजपा और कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों से संपर्क करेंगे। अगर कोई राजनीतिक दल पुरानी पेंशन बहाली के लिए ठोस आश्वासन देता है, तो देशभर के दस करोड़ कर्मचारी, पेंशनर और उनके रिश्तेदार, उस पार्टी को समर्थन दे सकते हैं। इसके लिए संबंधित राजनीतिक दल को अपने चुनावी घोषणा पत्र में ‘पुरानी पेंशन’ बहाल करने का ठोस वादा, शामिल करना होगा। हालांकि इससे पहले केंद्र और राज्यों के कर्मचारी संगठन, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं।

ओपीएस बहाली के लिए ठोस आश्वासन

ओपीएस के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के वरिष्ठ सदस्य और एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है, देखिये पुरानी पेंशन बहाली के लिए जो आंदोलन चल रहा है, वह गैर राजनीतिक है। कर्मचारी संगठनों ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे इस मामले में कर्मचारियों का साथ दें। कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार से हर तरह का आग्रह किया है, लेकिन सरकार ने अभी तक ओपीएस बहाली के लिए ठोस आश्वासन नहीं दिया है। मजबूर होकर सरकारी कर्मियों ने अब आठ जनवरी से 11 जनवरी तक ‘रिले हंगर स्ट्राइक’ शुरू की है। देशभर में विभिन्न जगहों पर यह स्ट्राइक हो रही है। इस हड़ताल के बाद जल्द ही नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की बैठक होगी। उसमें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तिथि की घोषणा की जाएगी। अगर अनिश्चितकालीन हड़ताल होती है, तो देशभर में कामकाज ठप हो जाएगी। रेल के पहिये थम जाएंगे और रक्षा क्षेत्र के उद्योग बंद होंगे। साथ ही केंद्र एवं राज्यों के दूसरे विभागों में भी कलम छोड़ हड़ताल शुरू हो जाएगी।

अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए सहमति

एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है, लोकसभा चुनाव से पहले ‘पुरानी पेंशन’ लागू नहीं होती है, तो भाजपा को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक है। यही वजह है कि कर्मचारी संगठन, अब विभिन्न राजनीतिक दलों से संपर्क करेंगे। अगर वे कर्मचारियों की मांग मान लेते हैं, तो दस करोड़ वोटों का समर्थन संबंधित राजनीतिक दल के पक्ष में जा सकता है। सरकार को चेताने के लिए देशभर में 11 जनवरी तक ‘रिले हंगर स्ट्राइक’ की जा रही है। देश के दो बड़े कर्मचारी संगठन, रेलवे और रक्षा (सिविल) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए अपनी सहमति दी है। स्ट्राइक बैलेट में रेलवे के 11 लाख कर्मियों में से 96 फीसदी कर्मचारी ओपीएस लागू न करने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा रक्षा विभाग (सिविल) के चार लाख कर्मियों में से 97 प्रतिशत कर्मी, हड़ताल के पक्ष में हैं।

गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी होगी

नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक, ओपीएस पर केंद्र और सरकार के कर्मचारी लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने रामलीला मैदान में रैलियां की हैं। सरकार के समक्ष कई प्लेटफॉर्म के माध्यम से ओपीएस की मांग उठाई गई है। हमने सरकार को स्पष्ट तौर पर बता दिया है कि कर्मचारियों को ओपीएस के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं है। सरकार को एनपीएस खत्म करना होगा और गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी पड़ेगी। एनपीएस में कर्मियों जो पेंशन मिल रही है, उतनी तो बुढ़ापा पेंशन ही है। एनपीएस स्कीम में शामिल कर्मी, 18 साल बाद रिटायर हो रहे हैं, उन्हें क्या मिला है। एक कर्मी को एनपीएस में 2417 रुपये मासिक पेंशन मिली है, दूसरे को 2506 रुपये और तीसरे कर्मी को 4900 रुपये प्रतिमाह की पेंशन मिली है। अगर यही कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में होते, तो उन्हें प्रतिमाह क्रमश: 15250 रुपये, 17150 रुपये और 28450 रुपये मिलते। एनपीएस में कर्मियों द्वारा हर माह अपने वेतन का दस फीसदी शेयर डालने के बाद भी उन्हें रिटायरमेंट पर मामूली सी पेंशन मिलती है।

रामलला के दर्शन कराने वाली आस्था स्पेशल ट्रेन की होगी खास निगरानी, रेलवे बोर्ड ने की ये खास तैयारी

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे। इसे ध्यान में रखकर देश के सभी जोनल रेलवे क्षेत्र से ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसका नाम आस्था स्पेशल ट्रेन रखा गया है। अब रेलवे ने इन ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर भी सतर्क हो गया है। रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के डीआरएम, सभी सुरक्षा एजेंसियों को कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिया है।

रेलवे ने आस्था स्पेशल ट्रेन की पूरी निगरानी का जिम्मा रेलवे सुरक्षा बल एवं राजकीय रेल थाने की पुलिस को दिया गया है। रेलवे बोर्ड ने साफ निर्देश दिया है कि ट्रेन की सुरक्षा को लेकर किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। जिस-जिस स्टेशन से आस्था स्पेशल ट्रेनें गुजरेंगी, उन स्टेशनों से रेल पुलिस उसे सुरक्षित पास कराएगी। बोर्ड ने सभी रेलवे स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को भी दुरुस्त करने के लिए कहा है।

आस्था स्पेशल ट्रेन की निगरानी सीसीटीवी से होगी। इसके लिए आरपीएफ और जीआरपी की ड्यूटी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए चार घंटे की शिफ्ट लगाने को कहा गया है। आठ घंटे की ड्यूटी के दौरान थकावट होगी। इसलिए चार घंटे पर शिफ्ट बदलने को कहा है। चार घंटे बाद दूसरी जगह पर ड्यूटी लेने को कहा गया है, ताकि सीसीटीवी की जबरदस्त तरीके निगरानी हो सके।

रेलवे ने आस्था स्पेशल ट्रेनों के चलाने का जिम्मा इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) को दिया गया है। इसका टिकट भी आइआरसीटीसी द्वारा ही जारी किया जाएगा। आस्था स्पेशल ट्रेन का पीआरएस में डाटाबेस प्रोफाइल नहीं दिखेगा। इस ट्रेन में खान-पान की सारी व्यवस्था आईआरसीटीसी के द्वारा की जाएगी।

जेल में बंद उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई 24 जनवरी तक टली, दिल्ली दंगों की साजिश रचने का आरोप

दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी तक के लिए टाल दी है। इसे यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध किया गया था।

सुनवाई के दौरान कपिल सिबब्ल ने कहा कि उमर खालिद जेल में हैं। इससे क्या फर्क पड़ता है। हमने कभी समय नहीं मांग। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि वह भी उपलब्ध नहीं हैं। मैं संविधान पीठ में हूं। मुझे एक सप्ताह का समय दिया जाएं। पीठ ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि वह इस मामले को टालने की इच्छुक नहीं है। पीठ ने कहा कि आपने पहले कहा था कि मामले की सुनवाई नहीं हो रही है। यह अनावश्यक है, हम आपको छूट नहीं दे सकते। हालांकि कोर्ट ने सुनवाई आगे के लिए टाल दी हैं।

बता दें सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए उमर खालिद ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि हिंसा में उसकी न तो कोई आपराधिक भूमिका थी और न ही मामले में किसी अन्य आरोपी के साथ कोई संबंध था। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उनके द्वारा दिया गया भाषण बहुत उत्तेजित था। उन्होंने बाबरी मस्जिद, तीन तलाक, कश्मीर, मुसलमानों के दमन और सीएए और एनआरसी जैसे विवादास्पद मुद्दों को उठाया था।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने तीन और लोगों के खिलाफ दाखिल किया आरोपपत्र, आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को आतंकववादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की एक शाखा से जुड़े तीन और लोगों के आरोपपत्र दाखिल किया है। उन पर स्टिकी बम, आईईडी और छोटे हथियारों से आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप है।

आरोपपत्र में शामिल आरोपियों में पाकिस्तानी नागरिक हबीबुल्ला मलिक उर्फ साजिद जट्ट उर्फ सैफुल्ला उर्फ नूमी उर्फ नुमान उर्फ लंगड़ा उर्फ साजिद उर्फ उस्मान हबीब उर्फ शनि भी शामिल है। उसे पुंछ और राजौरी जिलों में विभिन्न आतंकवादी हमलों में शामिल पाया गया है। वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर का रहने वाला है।

सुनील केदार को हाईकोर्ट ने दी जमानत; एनडीसीसीबी में घोटाले में सुनाई गई थी पांच साल की सजा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुनील केदार को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने मंगलवार को जमानत दे दी। सुनील केदार को पिछले महीने नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) में धन के गबन के मामले में दोषी ठहराया गया था। मंगलवार को हाईकोर्ट की न्यायधीश न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी ने केदार द्वारा दोषसिद्धि के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई होने तक सजा को अंतरिम रूप से निलंबित कर दिया और उन्हें जमानत दे दी। वह फिलहाल नागपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।

नागपुर जिले के सावनेर से पांच बार के विधायक केदार को यहां एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 22 दिसंबर, 2023 को नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) में अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में पांच साल जेल की सजा सुनाई थी। पिछले हफ्ते, सत्र अदालत ने दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही उन्हें जमानत देने से भी इनकार कर दिया था। इसके बाद केदार के वकील सुनील मनोहर और देवेन्द्र चौहान ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

उनकी अपील में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट ने कुछ महत्वपूर्ण सबूतों पर विचार करने में गलती की। साथ ही यह भी तर्क दिया गया है कि वह एक वरिष्ठ नागरिक हैं और मुकदमा 21 साल तक चला, जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ा। इसके साथ ही केदार ने कहा कि उन्होंने मुकदमे के दौरान जमानत की सभी शर्तों का पालन किया।

इन धाराओं के तहत दोषी ठहराया गए थे केदार
पांच बार विधायक रहे केदार को भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जो कोई भी धोखाधड़ी या बेईमानी से किसी भी दस्तावेज को वास्तविक के रूप में इस्तेमाल करता है, जिसे वह जानता है), 120 (बी) (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत दोषी ठहराया गया है। छह दोषियों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।

क्या था पूरा मामला
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, एनडीसीसीबी को 2002 में सरकारी प्रतिभूतियों में 125 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, क्योंकि होम ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के जरिए धन का निवेश करते समय नियमों का उल्लंघन किया गया था। केदार तब बैंक के चेयरमैन थे।

मां ने की दरिंदगी की सारी हदें पार, बेटे की हत्या के बाद खुदकुशी की कोशिश; गोवा पुलिस ने किए कई खुलासे

गोवा में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक मां ने अपने चार साल के बेटे को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना ने हर किसी को हैरत में डाल दिया है। आरोपी मां बेटे के शव को बैग में रखकर गोवा से कर्नाटक जा रही थी, जिसके बाद गोवा पुलिस ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग से उसे गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक महिला ने हत्या के बाद आत्महत्या का प्रयास किया था। गौरतलब है कि आरोपी सूचना सेठ एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप की सीईओ हैं। मापुसा शहर की एक अदालत ने छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।

गला दबाकर मां ने की बेटे की हत्या
मामले पर जानकारी देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी सूचना सेठ ने कैंडोलिम में सर्विस अपार्टमेंट के एक कमरे में अपने बेटे की गला दबाकर हत्या कर दी, जहां उन्होंने छह जनवरी को चेक इन किया था। पुलिस ने कहा कि घटना के बाद आरोपी महिला ने आत्महत्या करने की कोशिश भी की थी। हालांकि पुलिस ने कहा कि इस हत्या के पीछे क्या मकसद था, इसके बारे अभी पता नहीं चला है।

आत्महत्या का किया था प्रयास-पुलिस
पुलिस ने कहा कि सर्विस अपार्टमेंट में एक तौलिये पर खून के धब्बे पाए गए। यह धब्बे तब पड़े जब वह हत्या के बाद आत्महत्या का प्रयास कर रही थी। पुलिस ने कहा कि हत्या का तब पता चला जब अपार्टमेंट का हाउसकीपिंग स्टाफ उस कमरे की सफाई करने गया, जिसमें वह रहती थी और तौलिये पर खून के धब्बे पाए। गौरतलब है कि आरोपी सूचना सेठ स्टार्ट-अप माइंडफुल एआई लैब की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं और 2021 के लिए एआई एथिक्स में शीर्ष 100 प्रतिभाशाली महिलाओं में से एक थीं।

पति को किया जा चुका है सूचित- पुलिस
पुलिस अधीक्षक (उत्तरी गोवा) निधिन वाल्सन ने कहा कि महिला पश्चिम बंगाल की रहने वाली है और बेंगलुरु में रह रही है, जबकि उसका पति केरल से है। वाल्सन ने कहा कि वह फिलहाल जकार्ता (इंडोनेशिया) में हैं और उन्हें घटना के बारे में सूचित कर दिया गया है।

ईडी टीमों पर हमले को लेकर गृह मंत्रालय ने अपनाया सख्त रुख; पश्चिम बंगाल सरकार से मांगी रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल में ईडी की छापेमारी और कार्रवाई के दौरान इसके अधिकारियों पर हमले को लेकर सियासत जारी है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों पर हुए हमलों पर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है। गृहमंत्रालय के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने पश्चिम बंगाल सरकार से उन परिस्थितियों पर एक विस्तृत रिपोर्ट भेजने को कहा है, जिनके कारण हमले हुए उसमें ईडी अधिकारी घायल हो गए।

दरअसल, बीती पांच जनवरी को ईडी पश्चिम बंगाल के राशन घोटाले में 15 स्थानों पर छापेमारी की थी। पीडीएस घोटाले के मामले में जब एजेंसी उत्तर 24 परगना में टीएमसी संयोजक शाहजहां शेख के तीन परिसरों पर तलाशी ले रही थी। तलाशी के दौरान एक परिसर में सीआरपीएफ कर्मियों के साथ ईडी टीम पर 800-1000 लोगों ने हमला किया। शाहजहां को ज्योति प्रिय मलिक का करीबी माना जाता है।

ईडी ने एक बयान में कहा कि हमलावर लाठी, पत्थर और ईंट से लैस थे। इस घटना में ईडी के तीन अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल ईडी अधिकारियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हिंसक भीड़ ने ईडी अधिकारियों के निजी और आधिकारिक सामान जैसे उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी, वॉलेट आदि भी छीन लिए। इसके साथ ही ईडी के कुछ वाहनों को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया। अधिकारियों पर हमले के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता सरकार को कानून व्यवस्था संभालने की हिदायत दी है।

शाहजहां शेख अभी तक फरार
हमले के बाद से शाहजहां शेख फरार है। ईडी ने उसके खिलाफ लुक-आउट सर्कुलर (एलसी) जारी किया है। इसमें देश से उसके बाहर निकलने पर रोक लगाने के लिए सभी भूमि, वायु और समुद्री बंदरगाहों को अलर्ट किया गया है। उसी दिन उसी जिले के बोनगांव में एक अन्य टीएमसी नेता शंकर आध्या की गिरफ्तारी के दौरान एजेंसी की दूसरी टीम पर भी हमला किया गया था। साथ ही अधिकारियों के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।

निदेशक राहुल नवीन ने किया दौरा
ईडी के कार्यवाहक निदेशक राहुल नवीन ने एजेंसी के अधिकारियों पर हमले के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए मंगलवार को पश्चिम बंगाल पहुंचे हैं। इस दौरान नवीन ने पश्चिम बंगाल में कथित सार्वजनिक वितरण और धान खरीद घोटाले की जांच की समीक्षा करेंगे। साथ ही एजेंसी के अधिकारियों पर हमलों के संदर्भ में स्थानीय ईडी प्रतिष्ठान की सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, वह कोलकाता के राजभवन में राज्यपाल सी वी आनंद बोस से भी मुलाकात कर सकते हैं।