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टिपरा मोथा का बड़ा एलान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के विरोध में 26 को निकालेगी रैली

अगरतला:  बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और आदिवासी समुदाय पर हो रहे हमलों पर भाजपा की सहयोगी टिपरा मोथा ने चिंता जताई। पार्टी ने एलान किया कि 26 सितंबर को हमलों के विरोध में एक रैली निकाली जाएगी।

पहले भी यह लोग निकाल चुके हैं रैली
वहीं, पार्टी के युवा शाखा यूथ टिपरा फेडरेशन (YTF) ने शनिवार को अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त आरिफ मोहम्मद से बात कर शांति की अपील की थी। इससे पहले, वाईटीएफ, चकमा स्टूडेंट्स फेडरेशन और टिपरा इंडिजिनस स्टूडेंट्स फेडरेशन (टीआईएसएफ) के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने चटगांव हिल ट्रैक में स्वदेशी लोगों पर हमले और हत्या के खिलाफ विरोध रैलियां निकाली थीं। बौद्ध भिक्षुओं ने भी शांति की अपील करते हुए रैली निकाली थीं।

300 साल पुरानी किताबें जलाई गईं
टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्युत देबबर्मा ने 26 सितंबर की रैली की घोषणा कर कहा, ‘यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के गिरने के बाद बंगाली हिंदुओं और मूल निवासियों सहित अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं। नोआखली और कोमिला जिलों में भी अल्पसंख्यकों पर हमले हुए। महाराजा बीर चंद्र पुस्तकालय में आग लगा दी गई और 300 साल पुरानी किताबें जला दी गईं।’

इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने का समय: देबबर्मा
केंद्र से इस मुद्दे को उठाने का अनुरोध करते हुए देबबर्मा ने कहा कि इसे संयुक्त राष्ट्र में उठाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि हम 26 सितंबर को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले के विरोध में एक विशाल रैली करेंगे। हमारा युवा संगठन वाईटीएफ भी पड़ोसी देश में अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए रैली में शामिल होगा।

विधानसभा चुनाव से पहले CM शिंदे के जीवन पर होगी नाट्य प्रस्तुति, मार्गदर्शक पर फिल्म रिलीज भी तय

मुंबई:  महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। इस चुनाव को लेकर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) और महायुति गठबंधन के बीच चुनावी टकरार जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के जीवन पर आधारित एक मराठी नाटक और उनके मार्गदर्शक स्वर्गीय आनंद दिघे पर बनी फिल्म की एक कड़ी जल्द रिलीज होने वाली है। मराठी नाटक ‘माला कहि तारि संगयचा आहे- एकनाथ संभाजी शिंदे’ पितृपक्ष के बाद रिलीज होने की संभावना है। वहीं, ‘धर्मवीर मुक्कम पोस्ट ठाणे 2’ इस महीने 27 सितंबर को रिलीज होने वाली है। धर्मवीर का प्रीक्वल मई 2022 में रिलीज किया गया था।

बाढ़ के कारण रिलीज नहीं हो पाई थी फिल्म
आनंद दिखे पर बनी फिल्म में शिंदे और दादा भुसे जैसे मंत्रियों को सकारात्मक रूप में दिखाया गया है। धर्मवीर 2 इस साल अगस्त में रिलीज होने वाली थी, इसका ट्रेलर जून में जारी किया गया था। हालांकि, राज्य के कुछ इलाकों में बाढ़ के कारण इस फिल्म को रिलीज नहीं किया गया था।

निर्देशक-लेखक प्रवीण तारडे ने कहा, “हम राज्य के प्रत्येक थिएटर में इस फिल्म को दिखाएंगे।” मराठी नाटक माला कही तारी संगायचा आहे–एकनाथ संभाजी शिंदे को थिएटर की दुनिया में लोकप्रिय और अनुभवी अशोक सामेल प्रस्तुत करेंगे। समेल ने कहा, “90 मिनट का यह नाटक मुख्यमंत्री शिंदे के चरित्र को “बहुत सकारात्मक रूप से” प्रदर्शित करेगा।” उन्होंने आगे कहा कि एक साधारण ऑटो रिक्शा चालक से मुख्यमंत्री के रूप में उभरे एकनाथ शिंदे 20-22 घंटे काम करते हैं। समेल शिंदे सरकार की मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना को आगे बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा, “नाटक में इसका भी जिक्र है कि कैसे अविभाजित शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन के हिस्से के रूप में वोट मांगे, लेकिन बाद में राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिला लिया।”

‘परीक्षा के दौरान इंटरनेट बंद करने का विचार झारखंड ने असम से सीखा’, सीएम सरमा ने सोरेन सरकार पर कसा तंज

गुवाहटी:  असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि झारखंड ने परिक्षाओं के दौरान इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का विचार पूर्वोत्तर राज्यों से सीखा। मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन सुबह के आठ बजे से शुरू हुआ और दोपहर के डेढ़ बजे तक जारी रहेगा। यह रविवार को भी इंटरनेट सेवाओं का निलंबन जारी रहेगा। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के इस कदम के बाद असम के सीएम ने कांग्रेस पर तंज कसा।

सीएम सरमा ने कहा, “जब मैंने परिक्षाओं के दौरान इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का फैसला लिया था, तब कांग्रेस ने इसकी आलोचना की थी। अब झारखंड में उनकी सरकार भी यही कर रही है। वे हमसे सीख रहे हैं। इसका यह मतलब है कि असम देश को रास्ता दिखा रहा है।” झारखंड में विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस आदेश को झारखंड सरकार कि विफलता को छिपाने के लिए एक और फरमान करार दिया।

बता दें कि असम सरकार ने 15 सितंबर को ग्रेड III पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के दौरान पूरे राज्य में 10 बजे से लेकर अगले तीन घंटे तक इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का निर्णय लिया था। इससे पहले अगस्त 2022 में भी परीक्षा के दौरान चार घंटों के लिए मोबाइल इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया गया था।

हिमंत ने सशस्त्र समूहों से बातचीत के लिए आगे आने को कहा
इस बीच मुख्यमंत्री सरमा ने उग्रवादी समूहों से हिंसा छोड़कर राज्य के विकास के लिए बात करने के लिए आगे आने की अपील की। अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘हिंसा और आतंक से राज्य का कोई फायदा नहीं है, जबकि चर्चा से असम का एक प्रमुख राज्य के रूप में उत्थान सुनिश्चित होगा।’

धारावी में अवैध मस्जिद निर्माण हटाने गई बीएमसी की टीम वापस लौटी, चार-पांच दिन का दिया गया समय

मुंबई: मुंबई के धारावी में मस्जिद में अवैध निर्माण करने का आरोप है। अवैध निर्माण की सूचना पर बीएमसी तोड़फोड़ करने पहुंची, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। वहीं मुस्लिम समुदाय को लोग भी बड़ी संख्या में मौके पर इकट्ठा हो गए हैं। बातचीत के बाद बीएमसी की टीम वापस लौट आई है और कार्रवाई फिलहाल रद्द कर दी है। संबंधित पक्ष ने चार-पांच दिन का समय मांगा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

धारावी पुलिस स्टेशन के बाहर लोगों का धरना प्रदर्शन
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘जी-नॉर्थ प्रशासनिक वार्ड से बीएमसी अधिकारियों की एक टीम सुबह करीब 9 बजे धारावी में 90 फीट रोड पर स्थित महबूब-ए-सुभानी मस्जिद के कथित अवैध हिस्से को गिराने के लिए पहुंची। जल्द ही, बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी मौके पर एकत्र हो गए और नगर निगम के अधिकारियों को उस गली में प्रवेश करने से रोक दिया, जहां मस्जिद स्थित है।’ अधिकारी ने बताया कि ‘बाद में सैकड़ों लोग धारावी पुलिस स्टेशन के बाहर भी इकट्ठा हो गए और नगर निगम के इस कदम के विरोध में सड़क पर बैठ गए।’

बीएमसी ने रोकी कार्रवाई
अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि मस्जिद, बीएमसी अधिकारियों और धारावी पुलिस के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत की। बीएमसी का कहना है, ‘धारावी में 90 फीट रोड पर अतिक्रमण कर बनाई गई मस्जिद के निर्माण को हटाने के लिए बीएमसी ने संबंधित पक्ष को नोटिस जारी किया था। मस्जिद के ट्रस्टियों ने बीएमसी के सर्कल 2 के डिप्टी कमिश्नर और जी नॉर्थ डिवीजन के असिस्टेंट कमिश्नर को लिखित अनुरोध किया है और 4-5 दिन का समय देने की मांग की है। कहा गया है कि इस अवधि के दौरान अवैध निर्माण को स्वयं ही हटा दिया जाएगा। अवैध निर्माण खुद हटाने के लिखित अनुरोध को बीएमसी ने स्वीकार कर लिया है। जिसके बाद अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई आज रोक दी गई।’

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की
वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस की प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। सीएम से मुलाकात के बाद वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि ‘आज की कार्रवाई रद्द कर दी गई है। हमने बीती रात मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। हमने उनसे बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की। अब यह रद्द हो गई और सभी अपने-अपने घर चले गए हैं। मैं लोगों से अपील करती हूं कि वे शांति बनाए रखें।’

कौन हैं एआर डेयरी फूड के मालिक? जिनके बनाए घी में जानवरों की चर्बी होने के लगे हैं आरोप

चेन्नई:  तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद को लेकर जारी विवाद में एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड का नाम सामने आया है। दरअसल इसी कंपनी द्वारा तिरुपति मंदिर को घी की सप्लाई की जाती थी, जिससे प्रसाद के लड्डू बनाए जाते थे। आरोप है कि घी की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी और उसमें जानवरों की चर्बी की मिलावट पाई गई है। हालांकि कंपनी ने इन आरोपों को खारिज किया है।

कंपनी ने आरोपों को किया खारिज
एआर डेयरी प्राइवेट लिमिटेड तमिलनाडु स्थित कंपनी है और इसकी शुरुआत साल 1995 में हुई थी। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, इसके तीन निदेशक हैं, जिनमें राजशेखरन आर, सूर्या प्रभु आर और श्रीनिवासन एसआर का नाम शामिल है। कंपनी डिंडीगुल में स्थित है और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने जून और जुलाई में तिरुपति मंदिर का प्रशासन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड को सिर्फ दूध की सप्लाई की थी। कंपनी के एक निदेशक राजशेखरन आर का दावा है कि ‘उनके घी में जानवर की चर्बी होने का सवाल ही नहीं है। हम घी बनाने में सिर्फ गाय के दूध का इस्तेमाल करते हैं। हमारा घी के हर बैच का परीक्षण किया जाता है और हमारे पास इसकी लैब रिपोर्ट भी है। पूरी जांच के बाद ही हम घी की सप्लाई करते हैं।’

केंद्र सरकार ने मांगी रिपोर्ट
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में पूर्व की जगन मोहन सरकार पर आरोप लगाया था कि उनकी सरकार में तिरुपति मंदिर का प्रसाद बनाने के लिए मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया। आरोप है कि जिस घी का इस्तेमाल प्रसाद के लड्डू बनाने में किया गया उसमें जांच में जानवर की चर्बी पाई गई है। चंद्रबाबू नायडू के आरोपों के बाद इस मुद्दे पर काफी हंगामा हो रहा है। पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने आरोपों से इनकार किया है। वहीं केंद्र सरकार भी इस मामले में कूद गई है और सरकार ने मामले की जांच कराने का फैसला किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी सीएम चंद्रबाबू नायडू से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।

‘सियासत में आप तुनक मिजाज नहीं हो सकते’, केंद्रीय मंत्री की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन की आपराधिक मानहानि याचिका पर अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने मुरुगन के खिलाफ चल रही आपराधिक मानहानि कार्यवाही से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राजनीति में आप “तुनक मिजाज” नहीं हो सकते।

5 सितंबर, 2023 के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए मुरुगन ने पिछले साल शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। जिसमें हाईकोर्ट ने दिसंबर 2020 की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके कथित विवादस्पद बयानों को लेकर चेन्नई स्थित मुरासोली ट्रस्ट द्वारा दायर शिकायत को रद्द करने से इनकार कर दिया था।

बता दें कि पिछले साल 27 सितंबर को केंद्रीय मंत्री की याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चेन्नई की एक विशेष अदालत में लंबित मुरुगन के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर ट्रस्ट से जवाब मांगा था।

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष शुक्रवार को यह मामला जब सुनवाई के लिए आया, तो मुरुगन की ओर से पेश हुए वकील ने कहा, इस मामले में मानहानि का सवाल ही नहीं उठता है? वहीं ट्रस्ट की ओर से पेश हुए वकील ने मामले में स्थगन की मांग की। मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने केंद्रीय मंत्री से कहा, ‘राजनीति में आप तुनक मिजाज नहीं हो सकते।’ इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादी के वकील के अनुरोध पर चार सप्ताह बाद सुनवाई की तारीख तय की है।

इससे पहले खटाखटा चुके हैं हाईकोर्ट का दरवाजा
इससे पहले मुरुगन ने अपने खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ट्रस्ट के अनुसार, मुरुगन ने मुरासोली ट्रस्ट की प्रतिष्ठा को नीचा दिखाने और उसे कलंकित करने के उद्देश्य से बयान दिए थे। हाईकोर्ट ने कहा था कि, अदालत याचिका रद्द करने पर विचार करते समय मामले के गुण-दोष या विवादित तथ्यों के प्रश्नों पर विचार नहीं कर सकता। कोर्ट को केवल शिकायत में लगाए गए आरोपों के आधार पर ही आगे बढ़ना है और प्रथम दृष्टया यह पता लगाना है कि अपराध क्या है?V

भाजपा ने राहुल के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत; एससी-एसटी, ओबीसी समुदाय पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप

बंगलूरू:  कर्नाटक भाजपा ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज करीई है। उन्होंने कांग्रेस नेता पर भारत की आंतरिक सुरक्षा, संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने और एससी, एसटी, ओबीसी समुदायों को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। भाजपा की राज्य इकाई बयानों की जांच और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। हालांकि, राहुल गांधी ने अपने बयान पर सफाई दे चुके हैं लेकिन विरोध और प्रदर्शन जारी हैं

इससे पहले राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली भाजपा ने बृहस्पतिवार को तीन अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई। इसके अलावा हिमाचल के भाजपा नेता राकेश डोगरा ने पीएम को बदनाम करने और भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई है।

हाल ही में अपने अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी ने कहा था कि जब भारत एक निष्पक्ष जगह बन जाएगी तो कांग्रेस आरक्षण को खत्म करने पर विचार करेगी, लेकिन अभी भारत निष्पक्ष जगह नहीं है। भाजपा ने राहुल गांधी पर आरक्षण विरोधी बयान देने का आरोप लगाया। हालांकि राहुल गांधी ने विवाद होने पर स्पष्ट किया कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया और वह आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हम आरक्षण को 50 प्रतिशत की सीमा से आगे ले जाएंगे।

मुख्य सचिव पीके मिश्रा ने बीमा विस्तार पर जताई चिंता, कहा-इंश्योरेंस अभी भी गरीबों के लिए चुनौती

नई दिल्ली:  भारत सहित दुनियाभर में आपदाओं की बढ़ती आवृत्ति और तीव्रता पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने विविध क्षेत्रों और संस्थाओं में बीमा कवरेज का विस्तार करने की वकालत की है। पी के मिश्रा शनिवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की एक कार्यशाला में बोल रहे थे। जिसका विषय था ‘आपदा जोखिम बीमा क्यों महत्वपूर्ण है – प्रमुख अवधारणाएं और लाभ’।

उन्होंने कहा कि, यह सुनिश्चित करना कि बीमा न केवल उपलब्ध हो, बल्कि सबसे तबके के लोगों तक उसकी पहुंच भी हो। यह एक प्रमुख चुनौती है। कार्यक्रम में बोलते हुए पीके मिश्रा ने कई सवाल भी उठाए, जैसे-“क्या सरकार को बीमा बाजार के विकास में उत्प्रेरक की भूमिका निभानी चाहिए? या उसे कुछ क्षेत्रों में बीमा खरीदने में प्रत्यक्ष भूमिका निभानी चाहिए? सरकार को किस प्रकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी बनानी चाहिए जिससे बीमा सेवाओं और उत्पादों की पहुंच में सुधार हो?

गरीब तबके के लिए बीमा खरीदना अभी भी चुनौती है- मिश्रा
पीके मिश्रा ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि, ये सवाल सीधे तौर पर बीमा-संबंधी हस्तक्षेपों की राजकोषीय स्थिरता से जुड़े हुए हैं। उन्होंने मजबूत विशेषज्ञता और एक स्पष्ट कानूनी ढांचे की आवश्यकता पर भी जोर दिया। बीमा कवरेज के विस्तार में उभरते रुझानों पर पीके मिश्रा ने दो अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। जिनमें जनसंख्या के उन वर्गों तक प्रभावी ढंग से पहुंचने के तरीके शामिल हैं। जिनके लिए बीमा खरीदना अभी भी एक बड़ी चुनौती है।

मिश्रा ने कहा कि सवाल ये उठते हैं कि बीमा लोगों के लिए किस प्रकार अधिक किफायती मूल्य पर उपलब्ध हो, अधिक जागरूकता तथा सरलीकृत दावा निपटान प्रक्रिया के माध्यम से बीमा की पहुंच को व्यापक बनाया जाए। इस मामले पर पीएम मोदी विजन और प्रतिबद्धता पर बात करते हुए उन्होंने आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) पर एक सर्वसमावेशी 10 सूत्री एजेंडे के विस्तार के बारे में बात की।

‘हर सेक्टर के लिए जरूरी है आपदा बीमा’
पीके मिश्रा ने आगे कहा कि, आपदा जोखिम कवरेज सभी के लिए आवश्यक है, चाहे वह गरीब परिवार हों, छोटे और मध्यम धंधे हों या फिर बहुराष्ट्रीय निगम हों या राष्ट्र-राज्य हों। उन्होंने दो अहम सरकार समर्थित बीमा कार्यक्रमों- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और आयुष्मान भारत के बारे में भी बात की। मिश्रा ने कहा कि ये दोनों पहल सामाजिक समानता, वित्तीय समावेशन और घरेलू स्तर पर जोखिम प्रबंधन को बढ़ावा देने के सरकार के व्यापक एजेंडे में शामिल हैं। जो विकास लक्ष्यों के साथ बीमा के महत्वपूर्ण जुड़ाव को दिखाती हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर आपदा जोखिमों के लिए विविध बीमा उत्पाद तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी से CBI ने की पूछताछ, छात्रों को डराने-धमकाने का आरोप

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मामले में सीबीआई अधिकारियों ने शनिवार को कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी एक अन्य डॉक्टर से पूछताछ की। बिरुपाक्ष बिस्वास आज सीबीआई अधिकारियों के सामने पेश हुए। बता दें कि हाल ही में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें बर्धमान मेडिकल कॉलेज-अस्पताल से काकद्वीप अस्पताल में ट्रांसफर किया था। सीबीआई अधिकारी ने बताया कि बिरुपाक्ष बिस्वास मेडिकल कॉलेजों में सक्रिय उत्तर बंगाल लॉबी का हिस्सा था, जिसे नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में देखा गया था। उत्तर बंगाल लॉबी यानी राज्य द्वारा संचालित अस्पतालों में काम कर रहे कुछ चिकित्सकों या अफसरों का समूह, जो जूनियर डॉक्टर्स को डरा-धमका रहा है।

सीबीआई अधिकारी ने कहा, “नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में कोई आधिकारिक कार्यक्रम न होने के बावजूद उनकी उपस्थिति के बारे में पूछताछ की जा रही है।” बिरुपाक्ष बिस्वास के साथ अविक डे और रंजीत साहा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनपर दूसरे मेडिकल कॉलेज-अस्पताल के छात्रों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया है। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

क्या है पूरा मामला?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना नौ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। आठ अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के दूसरे दिन सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ।

ताजमहल में सब ठीक है…पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के एक्स पर एएसआई का जवाब

आगरा:  ताजमहल के गुंबद की दीवारों पर उगे पौधे, गुंबद में रिसाव समेत संरक्षण से जुड़े सवालों पर पहली बार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सफाई सामने आई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक ने एक्स पर मीडिया रिपोर्ट और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सवालों का बिंदुवार जवाब दिया है।

एक्स पर एएसआई ने पोस्ट डालकर सफाई दी है, ताजमहल मुख्य गुंबद पर जंग लगने की सूचना गलत है। लगातार अधिक वर्षा की वजह से पानी की कुछ बूंद देखी गई हैं, जिनका निराकरण किया जा रहा है। कोई गंभीर संरचनात्मक समस्या नहीं है। मुख्य गुंबद नहीं, बाहरी दीवार में पौधा था। उसे हटाया जा चुका है। वर्षा के मौसम में इस तरह के पौधे उगते रहते हैं। उनको निरंतर हटाया जाता रहता है।

ताजमहल परिसर में पिछले 1 वर्ष से अधिक के समय से किसी पर्यटक ने बंदर की कोई शिकायत नहीं की है। डीजी एएसआई के एक्स हैंडल से कहा गया है कि उद्यान परिसर में बारिश का भरा हुआ पानी क्षणिक है। वह परिसर में स्थित कुओं एवं रिचार्ज पिटों के माध्यम से भूजल में समाहित हो जाता है। यह जल संरक्षण की एक विधा है, कोई समस्या नहीं। ताजमहल परिसर के अंदर पर्यटकों के लिए सुंदर वातावरण है। यहां आकर आनंद लें। ताजमहल के रखरखाव में जो भी राशि खर्च की जाती है। उसका ऑडिट किया जाता है। अभी तक के ऑडिट में ऐसी कोई शंका जाहिर नहीं की गई है।