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जरांगे से मिलने पहुंचे संभाजी छत्रपति, सरकार से अपील- कैबिनेट बैठक में मराठा आरक्षण पर फैसला हो

मुंबई:  महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव और मराठा आरक्षण को लेकर खूब राजनीति हो रही है। पूर्व राज्यसभा सांसद संभाजी छत्रपति का कहना है कि आज की कैबिनेट बैठक में मराठा आरक्षण की मांग पर राज्य सरकार को फैसला करना चाहिए।

छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज पूर्व सांसद जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में पत्रकारों से बात कर रहे थे, जहां उन्होंने कार्यकर्ता मनोज जरांगे से मुलाकात की। जरांगे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 16 सितंबर की मध्यरात्रि से छठी बार भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इसी दौरान वर्ष 2022 में ‘स्वराज्य’ संगठन का गठन करने वाले मराठा शाही ने सोमवार को कहा कि विपक्षी दलों को राज्य सरकार से सवाल करना चाहिए कि वह आरक्षण कैसे देगी।

क्या है मामला?
इस साल फरवरी में, महाराष्ट्र विधानमंडल ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला एक विधेयक पारित किया था। लेकिन जरांगे मराठाओं को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करने पर जोर दे रहे हैं। कार्यकर्ता सभी कुनबी (कृषकों) और उनके सेग सोयरे (रक्त संबंधियों) को मराठा के रूप में मान्यता देने के लिए ओबीसी प्रमाण पत्र की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं।

संभाजी छत्रपति ने कहा, ‘आज कैबिनेट की बैठक है और फैसला लिया जाना चाहिए। हां या ना (जरांगे की आरक्षण मांगों के बारे में) सूचित किया जाना चाहिए।’

जरांगे के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं सरकार
पूर्व सांसद ने कहा, ‘मैं सरकार को बताना चाहता हूं कि शाहू महाराज द्वारा पहले दिए गए आरक्षण में मराठा समुदाय को शामिल किया गया था। अगर सरकार जरांगे के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं है तो उनके सत्ता में रहने का क्या फायदा है। उनकी मेडिकल रिपोर्ट खराब है।’

उन्होंने कहा, ‘अगर कुछ भी गलत होता है तो आप (सरकार) इसके लिए जिम्मेदार होंगे। विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों को साथ आना चाहिए और बताना चाहिए कि वे आरक्षण दे सकते हैं या नहीं। ऐसा लगता है कि जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वे मनोज जरांगे, मराठा या बहुजन समुदाय को नहीं चाहते हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’

सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर तीन गिरफ्तार, बीएमसी की गाड़ियों में की तोड़फोड़

मुंबई:  महाराष्ट्र के धारावी में अवैध मस्जिद को तोड़ने के विरोध के मामले में पुलिस ने रविवार को 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन तीनों पर दंगा भड़काने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सड़क अवरुद्ध करने का आरोप लगाया गया है। बीएमसी की ओर से शनिवार को एक मस्जिद के अवैध हिस्से पर तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में भीड़ जुट गई थी। भीड़ ने तोड़फोड़ का जोरदार विरोध किया था। इस दौरान भीड़ ने बीएमसी की गाड़ी का शीशा भी तोड़ दिया और जमकर हंगामा किया।

मुंबई पुलिस ने कि घटनास्थल पर करीब 5 हजार लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी। भीड़ में कई बाहरी लोग भी थे। पुलिस धारावी के बाहर से आए लोगों की पहचान कर रही है। जांच में पता चला है कि बीएमसी की तोड़फोड़ कार्रवाई के खिलाफ भीड़ को इकट्ठा करने के लिए भड़काऊ पोस्ट और वीडियो बनाए गए थे। इन पोस्ट और वीडियो को शुक्रवार रात से वायरल किया जाने लगा था। वहीं बीएमसी की कार्रवाई वाले दिन यानी शनिवार की सुबह धारावी में मस्जिद के इलाके में भारी भीड़ जुट गई थी, जिससे वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ। प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए थे। इसके बाद पुलिस की टीम आई और उन्हें समझाने की कोशिश की।

पुलिस मुठभेड़ में मारा गया कुख्यात अपराधी राजा, बसपा नेता आर्मस्ट्रॉन्ग की हत्या में था शामिल

चेन्नई:तमिलनाडु के चेन्नई में एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर को अक्कराई इलाके में पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। आरोपी को सीजिंग राजा के नाम से भी जाना जाता था। रविवार को पुलिस ने उसे बसपा नेता की हत्या के मामले में आंध्र प्रदेश से पकड़ा। पुलिस हिरासत से भागने का प्रयास करने के दौरान उसे मार गिराया गया। यह मुठभेड़ उसे चेन्नई लाने के दौरान हुई। चेंगलपट्टू का रहने वाला राजा एक कुख्यात गैंगस्टर था। छोटे-मोटे अपराध कर उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा।

राजा पहले जाने माने व्यापारियों को धमकी देने, उनका अपहरण कर पैसे की मांग करने जैसे अपराधों में शामिल था। धीरे-धीरे वह अपराध की दुनिया में मशहूर होने लगा और फिर उसे अपराधों की ए-प्लस सूची में स्थान दिया गया। चेन्नई में यह एक हफ्ते के भीतर दूसरी और आर्मस्ट्रॉन्ग की हत्या के बाद तीसरी मुठभेड़ है। फिलहाल इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। राजा के खिलाफ 30 मामले दर्ज थे, जिसमें हत्या, हत्या की कोशिश, जबरन वसूली और अपहरण भी शामिल थे। उसके खिलाफ 33 मामले लंबित थे। बहुजन समाज पार्टी के नेता आर्मस्ट्रॉन्ग की हत्या में वह मुख्य आरोपियों में से एक था।

इससे पहले 18 सितंबर को मुठभेड़ में अपराधी कक्का थोप्पू बालाजी को चेन्नई के व्यासरपडी इलाके में मार गिराया गया था। वह 58 मामलों में आरोपी था, जिसमें से छह हत्या, 17 हत्या की कोशिश और एक नशीली दवाओं के कारोबार में शामिल होने का मामला था।

कब और कैसे हुई थी बसपा नेता की हत्या
बसपा नेता आर्मस्ट्रॉन्ग की 12 जुलाई को शाम सवा सात बजे उस समय हत्या कर दी गई, जब वह यहां पेरंबूर में बन रहे अपने घर की ओर जा रहे थे। इस दौरान इस हमले में उनके साथ मौजूद चार लोग भी घायल हो गए थे। पुलिस कमिश्नर ने कहा था कि आर्मस्ट्रॉन्ग को उनके समर्थकों ने स्थानीय अस्पताल पहुंचाया था और बाद में वहां उनकी मौत हो गई। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से पीड़िता को न्याय सुनिश्चित करने के लिए जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का आग्रह किया था।

हिंदुओं को चेताया, बोले- बंटोगे तो कटोगे, एक रहोगे तो नेक रहोगे…

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को हरियाणा के चुनावी दौरे पर पहुंचे। उन्होंने नरवाना, राई और असंध विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा की। योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों के बलबूते हरियाणा में तीसरी बार कमल खिलाने का आह्वान किया। कांग्रेस-इनेलो, बसपा व आम आदमी पार्टी उनके निशाने पर रही। कांग्रेस पर तंज कसते हुए सीएम योगी ने असंध में कहा कि कांग्रेस का ढांचा वैसे ही जर्जर हो चुका है, जैसे अयोध्या में बाबरी ढांचा। इसे ऑक्सीजन दोगे तो यह सुरक्षा में सेंध लगाएगी। सीएम कांग्रेस, इनेलो, आप और बसपा पर हमलावर रहे।

कांग्रेस व इनेलो ने किया भारत की आस्था का अपमान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली जनसभा नरवाना से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कृष्ण कुमार बेदी के पक्ष में हुई। सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में पांच सौ वर्ष का इंतजार समाप्त हुआ और रामलला विराजमान हो चुके हैं। 1947 में आजादी के बाद पं. जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री बने थे। वे भी राम मंदिर बना सकते थे। उस समय विवाद भी इतना नहीं था। आजादी के तत्काल बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया तो इसके जिम्मेदार सेक्युलरिज्म का लबादा जोड़ने वाले दल हैं। प्रभु राम के नाम से कांग्रेस व इनेलो को परेशानी होती थी। इनका प्रयास भारत की आस्था व महापुरुष का अपमान करना था। भाजपा ने विवाद समाप्त कराए और राम मंदिर का निर्माण कराया।

परिवारवाद में मस्त है कांग्रेस व इनेलो
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने अयोध्या के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर किया। कांग्रेस व इनेलो परिवारवाद में मस्त हैं। यह कभी प्रभु श्रीराम-श्रीकृष्ण तो कभी आंबेडकर का अपमान करते हैं। सत्ता मिलने पर अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार, सुरक्षा में सेंध व दंगा कराते हैं। यही कारण है कि सबसे लंबे समय तक शासन करने के बावजूद कांग्रेस महर्षि वाल्मीकि, संत रविदास, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के नाम पर नहीं, बल्कि अपने पूर्वजों के नाम पर विकास योजनाओं का नामकरण करती थी। बच्चा पैदा बाद में होता था, पहले उनके नाम पर एयरपोर्ट व स्टेडियम का नाम रख दिया जाता था। इनेलो का हरियाणा के बाहर कोई अस्तित्व नहीं है। इन्हें वोट देना बेकार है।

जगन मोहन रेड्डी ने PM को लिखा पत्र, कहा- चंद्रबाबू आदतन झूठे व्यक्ति, सामने लाया जाए सच

अमरावती:  तिरुपति मंदिर में प्रसाद को लेकर जारी विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस.जगनमोहन रेड्डी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में रेड्डी ने कहा कि (मुख्यमंत्री) चंद्रबाबू नायडू एक आदतन झूठ बोलने वाले ऐसे व्यक्ति हैं, जो इतने नीचे गिर गए हैं कि उन्होंने पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई है।

पत्र में आगे उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पूरा देश आपकी ओर देख रहा है। नायडू को झूठ फैलाने के लिए के उनके कृत्य के लिए कड़ी फटकार लगाई जाए और सच्चाई सामने लाई जाए। इससे नायडू द्वारा करोड़ों हिंदू श्रद्धालुओं के मन में पैदा किया गया शक दूर हो जाएगा और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की पारदर्शिता में विश्वास बहाल होगा। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नायडू टीटीडी की पवित्रता, अखंडता और प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि कथित मिलावटी घी को अस्वीकार कर दिया गया था और टीटीडी के परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। हालांकि, नायडू ने गलत इरादे से 18 सितंबर को एक राजनीतिक दल की बैठक में इस मुद्दे को उठाया।

कुछ दिन पहले एनडीए की विधायक दल की बैठक में तेदेपा प्रमुख नायडू ने दावा किया था कि पिछली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए कम गुणवत्ता वाली सामग्री और जानवरों की चर्बी के वसा इस्तेमाल किया।

खाने का पैसा मांगने पर AAP विधायक ने रेस्तरां मालिक को पीटा, पुलिस ने दर्ज की FIR

अहमदाबाद: गुजरात के नर्मदा जिले में एक रेस्तरां मालिक पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में आम आदमी पार्टी (आप) के एक विधायक और 20 अन्य के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया गया है। रेस्तरां मालिक की शिकायत पर पुलिस ने शनिवार को आप विधायक चैतर वसावा समेत 20 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है।

गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने शनिवार को आप विधायक चैतर वसावा समेत 20 लोगों के खिलाफ 16 सितंबर को मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि, इस घटना में शामिल छह लोगों की पहचान की गई है। मारपीट की यह घटना जिले के डेडियापाड़ा इलाके की बताई जा रही है।

बिल चुकाने के लिए कहना रेस्तरां मालिक को पड़ा भारी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2022 के गुजरात चुनाव में डेडियापाड़ा सीट से जीतने वाले चैतर वसावा और अन्य आरोपियों ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता और रेस्तरां मालिक शांतिलाल वसावा के साथ गाली-गलौज की और मारपीट की। उन्होंने बताया कि विधायक और उनके समर्थकों ने 16 सितंबर की रात को रेस्तरां मालिक पर उस समय हमला कर दिया जब उनकी ओर से रेस्तरां का बिल चुकाने के लिए कहा गया।

शिकायतकर्ता की ओर से आरोप लगाया कि जब उसने चैतर वसावा को अपने मोबाइल फोन से कॉल किया और बिल का भुगतान करने के लिए कहा। तो इससे विधायक नाराज हो गए। रेस्तरां मालिक ने बताया कि, विधायक कथित तौर पर 20 लोगों के साथ मेरे घर पर पहुंचे। जहां पर उन्होंने मुझे थप्पड़ मारा और गाली-गलौज की। यही नहीं उन्होंने मुझे जान से मारने की भी धमकी दी।

इसके बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। भारतीय न्याय संहिता की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। हालांकि अब तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। इन मामलों में दर्ज किया गया है केस। जानबूझकर अपमान करना, जानबूझकर चोट पहुंचाना, गैरकानूनी तरीके से एकट्ठा होना, दंगा, आपराधिक धमकी और आपराधिक साजिश जैसे मामले शामिल हैं।

हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की PIL, कहा- प्रसाद में मिलावट की SIT से कराएं जांच

नई दिल्ली:  आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी के लड्डुओं के घी में पशु वसा के कथित इस्तेमाल को खड़ा हुआ विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अब किसान और हिंदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट जनहित याचिका (PIL) दायर की है। याचिका में प्रसाद में की गई मिलावट की एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है।

किसान और हिंदू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने याचिका में कहा है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भक्तों को घी के बजाय पशु वसा का उपयोग करके तैयार लड्डू प्रसादम परोसा है। टीटीडी ने हिंदू धर्म का उपहास किया है और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। लड्डू प्रसादम तैयार करने में पशु वसा का उपयोग करने के आरोप ने हिंदू समुदाय की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। इसलिए मामले में जनहित याचिका दायर की गई है। साथ ही मामले की एसआईटी से जांच कराने की मांग की है।

क्या है तिरुपति मंदिर के लड्डू में चर्बी का पूरा विवाद
आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने लैब रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि, मंदिर के प्रसादम में प्रयोग होने वाले शुद्ध घी में जानवरों की चर्बी मिली हुई है। भगवान तिरुपति के प्रसादम बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। लड्डुओं में घी के बजाय जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया। ये मिलावट पिछली सरकार के दौरान दिए गए घी के ठेके के चलते हुई है। सीएम ने कहा था कि इस भ्रष्टाचार में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में सरकार की ओर से कई लोगों के खिलाफ एक्शन भी लिया जा चुका है।

वहीं इस पूरे मामले पर मंदिर समिति तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की ओर से भी बयान जारी किया गया है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम मंदिर के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर श्यामला राव ने भी स्वीकार किया है कि मंदिर की पवित्रता भंग हुई है। पिछली सरकार ने मिलावट की जांच के लिए कोई कदम नहीं उठाए थे। राव ने आगे कहा कि, जब मैंने टीटीडी की कार्यकारी अधिकारी का पदभार संभाला था, तो मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने खरीदे गए घी और लड्डू की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की थी।

वाईएसआरसीपी ने हाईकोर्ट से की जांच की मांग
वाईएसआरसीपी के वकीलों ने तिरुपति लड्डू प्रसादम को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाए गए आरोपों की उच्च न्यायालय की पीठ को जानकारी दी। वकील ने कहा कि मौजूदा न्यायाधीश या उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति मुख्यमंत्री द्वारा किए गए दावों की जांच करे। पीठ ने सुझाव दिया कि 25 सितंबर तक एक जनहित याचिका दायर की जाए। उस दिन दलीलें सुनी जाएंगी।

तिरुपति लड्डू विवाद के बीच विहिप की सर्वोच्च बैठक, बड़ा निर्णय ले सकता है संगठन

तिरुपति लड्डू प्रसादम विवाद लगातार गंभीर होता जा रहा था। सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर अदालत से एक एसआइटी गठित कर इस मामले की जांच की मांग की गई है। इसी बीच विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने आंध्रप्रदेश-तेलंगाना में सोमवार (23 सितंबर) को संगठन के सर्वोच्च पदाधिकारियों की विशेष बैठक बुलाई है। बैठक में तिरुपति मन्दिर में लड्डू प्रसादम पर हुए विवाद पर चर्चा कर बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। लड्डू प्रसादम विवाद के साथ-साथ इस समय वक्फ बोर्ड मामले पर चर्चा सहित सभी मुख्य मुद्दे सम्मिलित होंगे। बैठक में संतों से समाज निर्माण में उनसे विशेष भूमिका निभाने का आह्वान भी किया जा सकता है।

विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा ने बताया कि आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के संतों की इस बैठक में हिंदू समाज के समक्ष खड़ी चुनौतियों और उनके समाधानों पर मंथन किया जायेगा। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट व उससे उत्पन्न स्थित पर भी विचार होगा। उन्होंने बताया कि विश्व हिंदू परिषद का सर्वोच्च नीति निर्धारक मंच संतों का है जिसमें केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्यों के संतों की भूमिका अग्रणी रहती है। इसकी वर्ष इसकी पहली बैठक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना प्रांत के जो संत केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य हैं, उनकी यह बैठक तिरुपति में सोमवार को पूरे दिन चलेगी।

बाढ़ की स्थिति पर ममता बनर्जी ने PM मोदी को फिर लिखी चिट्ठी, कहा- DVC से पानी छोड़ने का फैसला एकतरफा

कोलकाता :पश्चिम बंगाल के दक्षिणी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी। उन्होंने चिट्ठी में बताया कि डीवीसी से पानी छोड़ने का फैसला एकतरफा लिया गया है। दरअसल, दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बैरेज से पानी छोड़े जाने के कारण दक्षिणी बंगाल में बाढ़ आ गई। मौजूदा हालात को देखते हुए गुरुवार को सीएम ममता बनर्जी की सरकार ने बंगाल-झारखंड सीमा पर बैरिकेडिंग कर मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि, 24 घंटों के बाद ही अंतरराज्यीय व्यापार के लिए सीमा को एक बार फिर से खोल दिया गया था। ममता बनर्जी ने बाढ़ पर चिंता व्यक्त करते हुए पीएम मोदी को पहले भी चिट्ठी लिख चुकी हैं।

ममता बनर्जी ने अपनी चिट्ठी में कहा, “जल शक्ति मंत्रालय ने कहा था कि डीवीसी के बैरेज से पानी छोड़ने का निर्णय दामोदर घाटी जलाशय विनियमन निगम समिति की सहमति से लिया गया था, जिसमें राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। इससे मैं पूरी तरह से असहमत हूं। सभी निर्णय केंद्रीय जल आयोग और जलशक्ति मंत्रालय की तरफ से एकतरफा लिया गया है। कभी कभी राज्य सरकार को बिना बताए पानी छोड़ा जाता है।”

हालांकि, ममता बनर्जी इससे पहले भी पीएम मोदी को चिट्ठी लिख चुकी हैं। 20 सितंबर को लिखी गई चिट्ठी का जवाब देते हुए जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा था कि राज्य सरकारों को बताकर ही डीवीसी के बैरेज से पानी छोड़ा जाता है।

ममता ने अपनी नई चिट्ठी में आगे कहा, “जलाशयों से नौ घंटे की लंबी अवधि तक अधिकतम मात्रा में पानी छोड़ने का काम केवल 3.5 घंटे के नोटिस पर किया गया।” उनकी इस चिट्ठी को रविवार को सार्वजनिक किया गया। ममता ने 20 सितंबर वाली चिट्ठी में दावा किया था कि बाढ़ के कारण 50 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने व्यापक तबाही से निपटने के लिए तुरंत केंद्रीय धनराशि मंजूर करने और जारी करने का आग्रह किया। जलशक्ति मंत्री ने जलाशयों से पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ के बारे में सीएम ममता बनर्जी की चिंताओं पर बात की।

वायु प्रदूषण-गर्मी से बढ़े ब्रेन स्ट्रोक के मामले, दुनिया में ऐसे लोगों की संख्या 1.19 करोड़ पहुंची

नई दिल्ली:  पहली बार वायु प्रदूषण को ब्रेन स्ट्रोक का जिम्मेदार पाया गया है। लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर में स्ट्रोक या आघात लगने से और उससे संबंधित मौतों की घटनाएं काफी बढ़ रही हैं। इसके लिए वायु प्रदूषण, अधिक तापमान, उच्च रक्तचाप और शारीरिक निष्क्रियता जैसे चयापचय संबंधी खतरे जिम्मेदार हैं।

स्ट्रोक के कारण स्वास्थ्य का खराब होना और समय से पहले मृत्यु में भयंकर गर्मी की भूमिका 1990 के बाद से 72 फीसदी बढ़ गई है और भविष्य में इसके और अधिक बढ़ने के आसार हैं।

धूम्रपान जैसा घातक है वायु प्रदूषण
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरीज एंड रिस्क फैक्टर्स स्टडी (जीबीडी) टीम के शोधकर्ताओं के अनुसार, पहली बार पाया गया कि पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) यानी वायु प्रदूषण मस्तिष्क रक्तस्राव के लिए धूम्रपान जितना ही घातक है। जीबीडी के अध्ययन में विभिन्न जगहों और समय के साथ स्वास्थ्य को होने वाली हानि को मापने का सबसे बड़ा और सबसे व्यापक प्रयास किया गया।

34 वर्षों के दौरान मौतों में दर्ज की गई 44 फीसदी की वृद्धि
दुनियाभर में पहली बार स्ट्रोक वाले लोगों की संख्या 2021 में बढ़कर 1.19 करोड़ हो गई, जो 1990 से 70 फीसदी अधिक है, जबकि स्ट्रोक से संबंधित मौतें बढ़कर 73 लाख हो गईं। यह संख्या 1990 से 44 फीसदी अधिक है। इस प्रकार इस्केमिक हृदय रोग या हृदय को खून की कम आपूर्ति और कोविड-19 के बाद न्यूरोलॉजिकल समस्या मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण बन गई है। स्ट्रोक से प्रभावित तीन चौथाई से अधिक लोग कम और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं।

अच्छे खानपान से सुधार सकते हैं स्वास्थ्य
शोधकर्ताओं ने खराब आहार व धूम्रपान से जुड़े खतरों से दुनियाभर में स्ट्रोक के मामलों को कम करने में हुई प्रगति को भी स्वीकार किया। उन्होंने पाया कि प्रसंस्कृत मांस कम खाने की वजह से खराब स्वास्थ्य वाले लोगों की संख्या में 40% की कमी आई। इसी तरह ज्यादा हरी सब्जी सेवन करने वाले 30% लोगों की सेहत सुधरी।