Saturday , November 23 2024

देश

PM ने नए अंतरराष्ट्रीय कंटेनर टर्मिनल का किया उद्घाटन, महिलाएं होंगी 40 फीसदी कर्मचारी

चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तमिलनाडु के थूथुकडी पोर्ट पर नए अंतरराष्ट्रीय कंटेनर टर्मिनल का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह विकसित भारत यात्रा में एक अहम पड़ाव है। यह टर्मिनल भारत के समुद्री ढांचे में एक नया सितारा है। इसे वी.ओ. चिदंबरानार पोर्ट की क्षमता बढ़ेगी और लॉजिस्टिक लागत कम होगी व देश का विदेशी मुद्रा खर्च भी बचाया जा सकेगा।

उन्होंने आगे कहा, मुझे याद है कि दो साल पहले मैंने वी.ओ.सी पोर्ट से जुड़ी कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया था। उस समय इस पोर्ट की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाने के लिए कई काम शुरू हुए थे। जब मैं फरवरी में थूथुकुडी आया, तो पोर्ट से जुड़े कई काम शुरू हुए। इन कामों की तेजी को देखकर मेरी खुशी दोगुना हो गई है। मुझे खुशी है कि इस नए टर्मिनल में चालीस फीसदी महिलाएं होंगी। इसलिए, यह टर्मिनल समुद्री क्षेत्र में महिलाओं के नेतृत्व का प्रतीक बनेगा।

BJP पर कांग्रेस का हमला, ‘ये व्यावहारिक नहीं, सरकार स्थिति जांचने के छोड़ रही सियासी शिगूफा’

देश में सत्ताधारी गठबंधन एनडीए की तरफ से मौजूदा कार्यकाल में एक देश एक चुनाव को लागू करने के रिपोर्ट पर कांग्रेस पार्टी ने जोर देकर कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का कोई मसौदा प्रस्ताव नहीं था और सरकार ने इस पर बात करने का कोई प्रयास नहीं किया।

NDA इसी कार्यकाल में लागू करेगी एक देश एक चुनाव
सूत्रों के अनुसार भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि सुधार उपाय को सभी दलों का समर्थन मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर सूत्रों ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन की एकजुटता बाकी कार्यकाल में समान रहेगी।

यह सरकार कब तक टिकेगी?- सुप्रिया श्रीनेत
वहीं सरकार के इसी कार्यकाल में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लागू किए जाने की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, आपने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा, मैं कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक प्रवक्ता हूं और मोदी सरकार की कई विफलताओं को उजागर कर रही हूं। चुनिंदा सूचनाएं लीक करके यह सरकार कब तक टिकी रहेगी?

सरकार ने हमसे कोई बातचीत नहीं की- कांग्रेस
यह सरकार इस देश की वास्तविक समस्याओं से आंखें मूंदकर कब तक टिकी रहेगी? सूचनाएं फैलाकर, वास्तविकता यह है कि एक देश, एक चुनाव कोई मसौदा नहीं है, वास्तविकता यह है कि कोई चर्चा नहीं हुई है, वास्तविकता यह है कि विधानसभाएं चल रही हैं, वास्तविकता यह है कि सरकार ने हमसे बात करने का कोई प्रयास नहीं किया है।

भाजपा के घोषणापत्र का एक प्रमुख वादा
बता दें कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ भाजपा की तरफ से लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए प्रमुख वादों में से एक था। इसके लिए मार्च में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति ने पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी, उसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने चाहिए। हालांकि इस समिति ने एक साथ चुनाव कराने के लिए कोई समय-सीमा तय नहीं की है।

केजरीवाल को राम कहने पर भड़की भाजपा, सीएम को बताया ‘असली रावण’

दिल्ली :  अरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे का पांसा फेंक दिल्ली की राजनीति को गर्म कर दिया है। शराब घोटाले पर केजरीवाल सरकार को कटघरे में खड़ी करने वाली भाजपा इस पूरे घटनाक्रम को किस तरह देख रही है और आने वाले समय में वह आम आदमी पार्टी को किस तरह काउंटर करेगी, यह जानने के लिए हमारे संवाददाता ने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा से बात की। प्रस्तुत है वार्ता के प्रमुख अंश-

प्रश्न- वीरेंद्र सचदेवा जी, अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से दो दिन बाद इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। आप लंबे समय से अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। ऐसे में क्या आप इसे अपनी जीत के तौर पर देख रहे हैं? आपको क्या लगता है, केजरीवाल ने इस्तीफे का एलान क्यों किया?

उत्तर- अरविंद केजरीवाल ने अभी अपने इस्तीफे का ऐलान किया है, अभी तक इस्तीफा दिया नहीं है। यदि उन्हें इस्तीफा देना था तो इसके लिए उन्हें दो दिन क्यों चाहिए? वे क्या सेटल करने के लिए दो दिन का समय ले रहे हैं? उच्चतम न्यायालय ने उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय, सचिवालय जाने की अनुमति नहीं दी है। उन्हें किसी फाइल पर हस्ताक्षर करने की अनुमति नहीं दी है। यानी उन्हें एक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने की अनुमति नहीं है। क्या यह उनके लिए शर्मनाक नहीं है, क्या यह काफी नहीं कि अदालत प्राथमिक तौर पर उन्हें इस घोटाले का दोषी मानती है। उन्हें भी पता चल गया है कि अब वे दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर काम नहीं कर सकते, इसलिए उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

प्रश्न- कुछ लोगों का मानना है कि अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देकर लोगों की सहानुभूति पाना चाहते हैं। आप क्या कहते हैं?
उत्तर- हमारे यहां एक कहावत है कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। पहली बार उन्हें फायदा मिल गया था, लेकिन अब उनका दस साल का कामकाज जनता के सामने है। अब उनका मूल्यांकन शराब घोटाले, शिक्षा घोटाले, स्वास्थ्य-मोहल्ला क्लीनिक घोटाले के आधार पर होगा। जनता तो लोकसभा चुनाव में ही बता चुकी है कि उसका मत क्या है। केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार करते समय भी बहुत भावनात्मक प्रचार करने की कोशिश की थी, उन्होंने जनता से कहा था कि यदि आप हमें वोट देंगे तो हमें जेल नहीं जाना पडे़गा। लेकिन हुआ क्या? कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बाद भी आम आदमी पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल सकी। जनता अपना वही फैसला विधानसभा चुनाव में भी सुनाएगी।

प्रश्न- लेकिन आम आदमी पार्टी उन्हें ‘राम’ की तरह प्रोजेक्ट कर रही है। उनके नेता कह रहे हैं कि वे राम की तरह ‘त्याग’ कर रहे हैं
उत्तर- आम आदमी पार्टी नेता केजरीवाल को कभी शहीद भगत सिंह बताकर भगत सिंह का अपमान करते हैं, कभी राम बताकर वे सनातन के प्रमुख देवता का अपमान करते हैं। ये हमारे देश, हमारी संस्कृति के पूज्य लोग हैं, अरविंद केजरीवाल को अपनी राजनीति के लिए ऐसे लोगों को अपमानित नहीं करना चाहिए। अरविंद केजरीवाल राम नहीं, असली रावण हैं। भला कौन सा देश का नायक गली-गली में शराब की दुकानें खोलकर अपने ही लोगों को शराब के नशे में डुबाने का काम करता है। भला कौन सा नेता शिक्षा-स्वास्थ्य से लेकर शराब तक हर विभाग में घोटाले करता है। केजरीवाल ने एक बोतल के साथ दूसरी बोतल फ्री में बांटने का काम कर दिल्ली को अपमानित करने का काम किया है। ऐसे व्यक्ति की तुलना राम से करने पर हमारी जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।

‘किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है नशा मुक्ति और अतिक्रमण हटाओ अभियान’, सीएम बीरेन सिंह ने दी सफाई

मणिपुर :  मणिपुर में राज्य सरकार की तरफ से नशे के खिलाफ की गई कार्रवाई और अतिक्रमण हटाओं अभियान को लेकर सीएम एन. बीरेन सिंह ने कहा कि ये दोनों कार्रवाई राज्य में किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि पिछले छह सालों में 60,000 करोड़ रुपये की नशीली दवाएं जब्त की गई हैं और 18,000 हेक्टेयर अफीम की खेती नष्ट की गई है और ऐसे अभियानों से प्रभावित लोग स्वाभाविक रूप से निराश होंगे।

‘नशा मुक्ति अभियान किसी समुदाय के खिलाफ नहीं’
राजधानी में प्रेस क्लब में ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा, जब मैं मीडिया के पेशे में था, तो नशीली दवाओं के खतरे के कारण बड़ी संख्या में एचआईवी संक्रमित मामले सामने आए थे। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री बनने के बाद नशीली दवाओं के मुद्दे को उठाने के बारे में सोचा, इसने पीढ़ियों को नष्ट कर दिया। लेकिन मैंने नशीली दवाओं के खिलाफ जिस युद्ध की घोषणा की है, वो किसी समुदाय के खिलाफ नहीं था।

‘पहाड़ी के साथ घाटी में भी चला अतिक्रमण हटाओ अभियान’
वहीं आरक्षित वनों में अतिक्रमण हटाने के लिए चलाए जा रहे अभियान पर, उन्होंने कहा, कि मैं जंगलों को बचाना चाहता था। ये कार्रवाई केवल पहाड़ियों में नहीं की गई थी। यहां तक कि घाटी के जिलों में भी, कई लोगों पर अतिक्रमण करने के लिए कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र इंफाल पूर्व में हेइंगंग और थौबल में वेथौ में भी की गई थी।

‘हमने कभी किसी समुदाय के खिलाफ काम नहीं किया’
सीएम ने कहा, सरकार के अतिक्रमण हटाओ अभियान को एक समुदाय के खिलाफ कार्रवाई के रूप में देखा गया। लेकिन हमने कभी किसी समुदाय के खिलाफ काम नहीं किया और न ही हम ऐसा करेंगे। ये राज्य मान्यता प्राप्त 30 से अधिक जनजातियों का है और हर किसी को खुद को भारतीय और गौरवान्वित मणिपुरी समझना चाहिए।

‘अवैध अप्रवासी और ड्रग्स राज्य में अशांति की वजह’
वहीं सीएम ने राज्य में शांति लाने के तरीके पर रचनात्मक चर्चा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मैं सभी से अनुरोध करना चाहता हूं कि हमें एकजुट होने की जरूरत है क्योंकि यह एक कठिन समय है, हमें मीडिया में भी इस बात पर अधिक रचनात्मक चर्चा करने की जरूरत है कि शांति कैसे लाई जाए। सीएम बीरेन सिंह ने दावा किया कि अवैध अप्रवासियों की आमद और ड्रग्स के मुद्दे संकट का मूल कारण हैं।

‘केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, धर्म की रक्षा के लिए सुदर्शन भी जरूरी’, योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान

अगरतला:  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को त्रिपुरा में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आप धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म भी आपकी रक्षा करेगा।

उन्होंने कहा, “त्रिपुरा में डबल इंजन की सरकार है, जो डबल स्पीड से सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रही है। हम सबके सामने धार्मिक क्षेत्र में हो रही प्रगति उल्लेखनीय हैं।” योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश का नाम लिए बगैर कहा, “बगल में आपके हजारों किलोमीटर की सीमा के पार जो हमारे बंधुगण रह रहे हैं, उनकी क्या स्थिति है, ये आपसे छिपी हुई नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम सबको इस बात को ध्यान में रखना होगा कि अगर आप धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म आपकी रक्षा करेगा। लेकिन अगर आप अपने स्वार्थ के लिए धर्म का बलिदान करेंगे, तो वह धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा। हमारी सनातन मान्यता रही है- ‘यतो धर्मस्ततो जय:’, यही हम सबकी शिक्षा है। हम सब ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के रूप में देश को मजबूत करने के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प और सामर्थ्य हम सबको एक नई यात्रा पर आगे बढ़ा रहा है।”

आदित्यनाथ ने आगे कहा, “हम यह भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति जब हम सबके सामने आती है, तो उनके एक हाथ में मुरली है, तो दूसरे हाथ में सुदर्शन है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि रक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है। सुदर्शन जब आपके पास होगा तो फिर किसी को बलिदान नहीं देना पड़ेगा।”

पाकिस्तान पर भी निशाना साधा
उन्होंने कहा, 1947 के पहले कौन लोग थे, जो भारत के दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन के लिए जिम्मेदार थे। उन लोगों के बारे में सही जानकारी देने की आवश्यकता है। याद रखना,1905 में अंग्रेजों की जो बंग-भंग की साजिश थी, उस समय के समाज ने उसे विफल किया था, ऐसे ही मुस्लिम लीग की साजिशों को विफल करने के लिए उस समय का कांग्रेस नेतृत्व और जोगेंद्र नाथ मंडल ने मिलकर पानी फेरने का काम करते तो कभी भी पाकिस्तान जैसा नासूर नहीं बनता है। पाकिस्तान एक नासूर है। जब तक इसका ऑपरेशन नहीं होगा। तब तक इस कैंसर की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है।

सरकार ने ग्रुप बी में सबको दिया 5400 का ग्रेड पे, अर्धसैनिक बल छोड़े, ITBP इंस्पेक्टर ने जीती अदालती जंग

अर्धसैनिक बलों को लेकर केंद्र सरकार दोहरी नीति अपना रही है। पहले खुद कहती है कि ये बल तो ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ हैं। जब दिल्ली हाईकोर्ट इसी आधार पर इन बलों को ओपीएस में शामिल करने का फैसला देती है तो केंद्र सरकार उसे नहीं मानती। केंद्र सरकार, उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चली जाती है। मामले पर स्टे हो जाता है। अब इसी तरह का एक अन्य मामला सामने आया है। वित्त मंत्रालय के 2008 में जारी एक कार्यालय ज्ञापन ‘ओएम’ में कहा गया था कि जिन कर्मियों का 4800 रुपये का ग्रेड पे है और उन्होंने चार साल की नौकरी कर ली है तो उनका ग्रेड पे 5400 रुपये हो जाएगा।

 

लंबी अदालती लड़ाई के बाद केंद्र सरकार ने ग्रुप बी के कर्मियों को यह फायदा दिया, मगर इसमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को छोड़ दिया। इस केस को आधार बनाकर आईटीबीपी के इंस्पेक्टर सुशील कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लंबे संघर्ष के बाद उनकी जीत हुई। अदालत ने उन्हें 5400 ग्रे पे देने का फैसला सुनाया। अब सीआरपीएफ और बीएसएफ के ऐसे इंस्पेक्टर ‘जीडी’, जो डेढ़ दशक से अधिक अवधि बीत जाने के बाद भी सहायक कमांडेंट नहीं बन सके हैं, वे अदालत में याचिका लगाने की तैयारी कर रहे हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस रेखा पल्ली और जस्टिस शैलेंद्र कौर ने 9 सितंबर को यह फैसला सुनाया है। बता दें कि वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 29 अगस्त 2008 को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया था। इसमें कहा गया था कि जिन कर्मियों का 4800 ग्रेड पे है और उन्होंने चार साल की नौकरी कर ली है, तो उनका ग्रेड पे 5400 हो जाएगा। इस मामले में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ‘सीबीडीटी’ में कार्यरत कर्मियों को यह फायदा नहीं मिला। इस मामले में सीबीडीटी के इंस्पेक्टर एम सुब्रमणयम, ‘167/2009’ कैट में चले गए। कैट ने भी इंस्पेक्टर के पक्ष में फैसला नहीं दिया। उसके बाद एम सुब्रमणयम, मद्रास हाईकोर्ट ‘13225/2010’ में चले गए।

सरकार ने अदालत में कहा, आपको ये लाभ नहीं मिलेगा। जो पदोन्नत होकर आए हैं, उन्हीं को ये लाभ मिलेगा। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा, उक्त कर्मचारी को यह लाभ दिया जाए। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ, सरकार सुप्रीम कोर्ट 8883/2011 में चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद सरकार को लताड़ लगाई। मद्रास हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा।

केंद्र सरकार, इसके बाद भी संबंधित कर्मचारी को फायदा देने के लिए तैयार नहीं हुई। सरकारी अपील भी 10 अक्तूबर 2017 को डिसमिस हो गई। सरकार ने एक नहीं, बल्कि दो रिव्यू दो पेटिशन किए थे। ये भी 23 अगस्त 2018 को डिसमिस कर दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस मामले में जो एसएलपी रिजेक्ट की गई थी, केस का वही स्टे्टस रहेगा। इसके बाद सीबीडीटी ने भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर कर लिया।

सुप्रीम कोर्ट में पेटिशन रद्द होने के बाद केंद्र सरकार ने ग्रुप बी में यह आदेश लागू कर दिया। मतलब, वित्त मंत्रालय के 2008 में जारी कार्यालय ज्ञापन ‘ओएम’ के अनुसार, जिन कर्मियों का 4800 रुपये का ग्रेड पे है और उन्होंने चार साल की नौकरी कर ली है, उनका ग्रेड पे 5400 रुपये हो जाएगा, ये फायदा दे दिया। सरकार ने कहा, यह आदेश केवल ग्रुप बी वालों के लिए ही लागू होगा। हालांकि यह पे ग्रेड तो ग्रुप ए में भी आता है, लेकिन ग्रुप बी में ही ये फायदा दिया गया। इसके पीछे वजह बताई गई कि ग्रुप बी में कमजोर वर्ग है, उन्हें आर्थिक तौर पर सफल बनाना है।

आरजी कर केस में गतिरोध खत्म करने की कवायद; ममता ने आंदोलनकारी चिकित्सकों को बातचीत के लिए बुलाया

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मामले में गतिरोध समाप्त करने के लिए आंदोलनकारी चिकित्सकों को बातचीत के लिए बुलाया है। बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने बताया कि डॉक्टर्स को शाम पांच बजे मुख्यमंत्री आवास पर आमंत्रित किया गया है। हालांकि, डॉक्टर्स का कहना है कि वे शाम को एक अहम बैठक करेंगे। इसके बाद ही मुख्यमंत्री से मुलाकात को लेकर फैसला लिया जाएगा।

इससे पहले ममता बनर्जी ने शनिवार शाम को उनके आवास पर बातचीत के लिए पहुंचे आंदोलनकारी चिकित्सकों से बैठक में शामिल होने की अपील की थी। तब चिकित्सकों ने बैठक का सीधा प्रसारण करने की मांग की थी। इस पर बात न बन पाने की वजह से दोनों पक्षों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी।

सुप्रीम कोर्ट का दिया था हवाला
ममता ने चिकित्सकों से अंदर आने और बारिश में न भीगने की अपील करते हुए कहा था कि मैं आप सभी से अंदर आने और बैठक में हिस्सा लेने का अनुरोध करती हूं। चूंकि मामला अदालत में है, इसलिए हम बैठक के सीधे प्रसारण की अनुमति नहीं दे सकते। बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद ही आपको इसकी एक प्रति उपलब्ध कराऊंगी।

‘आप लोग मेरा इस तरह अपमान क्यों कर रहे हैं?’
मुख्यमंत्री ने कहा था कि आज आपने कहा कि आप मिलना चाहते हैं, इसलिए मैं इंतजार कर रही हूं। आप लोग मेरा इस तरह अपमान क्यों कर रहे हैं? कृपया मेरा इस तरह अपमान न करें। इससे पहले तीन मौकों पर मैं इंतजार करती रही, लेकिन आप लोग नहीं आए।

पीएम मोदी को 13 साल की बच्ची का खास तोहफा; 800 किलो बाजरे से बनाई तस्वीर, दर्ज किया रिकॉर्ड

चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर आमजन तक में उत्साह है। यहां तक कि पीएम के जन्मदिन को विशेष बनाने में बच्चे भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अब स्कूल में पढ़ने वाली 13 साल की बच्ची ने प्रधानमंत्री मोदी की बेहद ही खास तस्वीर बनाई है। पीएम मिलेट्स (मोटे अनाज) को बढ़ावा देते हैं। इसे देखते हुए बच्ची ने 800 किलोग्राम मिलेट्स का इस्तेमाल कर उनकी तस्वीर (पोट्रेट) बनाई है।

12 घंटे की मेहनत
बच्ची ने लगातार 12 घंटे काम कर तस्वीर तैयार की। इससे एक नया विश्व रिकॉर्ड बना है। बच्ची का नाम प्रेस्ली शेकिनाह है। उसने 17 सितंबर को नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। ऐसे में छात्रा ने पीएम को सम्मान देते हुए यह तस्वीर बनाई है।

इस कक्षा की छात्रा है प्रेस्ली
शेकिनाह चेन्नई के कोलपक्कम इलाके में रहने वाले प्रताप सेल्वम और संकीरानी (मां) की बेटी है। प्रेस्ली चेन्नई के एक निजी स्कूल वेल्लम्मल स्कूल में कक्षा आठ में पढ़ रही हैं।

600 वर्ग फीट की तस्वीर बनाई
शेखिना ने 800 किलो बाजरे का इस्तेमाल करके 600 वर्ग फीट में पीएम मोदी की एक बड़ी तस्वीर बनाई। उसने सुबह साढ़े आठ बजे काम शुरू किया और रात साढ़े आठ बजे इसे पूरा किया।

यूनिको वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज
यूनिको वर्ल्ड रिकॉर्ड ने प्रेस्ली की इस कृति को अपने रिकॉर्ड में दर्ज किया है। इसे छात्र उपलब्धि श्रेणी के तहत रजिस्टर्ड किया गया है। यूनिको वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निदेशक आर शिवरामन ने प्रेस्ली शेकिना को विश्व रिकॉर्ड प्रमाणपत्र और पदक से सम्मानित किया।स्कूल प्रशासक, प्रिंसिपल, माता-पिता और रिश्तेदारों ने भी बच्ची की उपलब्धि की सराहना की।

नौ सेना की दो महिला अधिकारी करेंगी सागर यात्रा, तारिणी जहाज से लगाएंगी दुनिया का चक्कर

नई दिल्ली:  भारतीय नौ सेना की दो महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए सागर की यात्रा पर रवाना होंगी। दोनों अधिकारी INSV तारिणी के जरिये समुद्र मार्ग से पूरी दुनिया का चक्का लगाएंगीं। नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि दोनों महिला अधिकारी पिछले तीन साल से सागर परिक्रमा अभियान की तैयारी कर रही हैं।

कमांडर मधवाल ने कहा कि सागर परिक्रमा एक कठिन यात्रा होगी। इसमें अत्यधिक कौशल, शारीरिक फिटनेस और मानसिक सतर्कता की जरूरत होगी। इसके लिए दोनों अधिकारी कठोर प्रशिक्षण ले रही हैं और हजारों मील का अनुभव प्राप्त कर रहे हैं। दोनों अधिकारियों को गोल्डन ग्लोब रेस के हीरो कमांडर अभिलाष टॉमी (सेवानिवृत्त) प्रशिक्षण दे रहे हैं।

नौ सेना के मुताबिक दोनों अधिकारियों ने पिछले साल छह सदस्यीय दल में शामिल रहकर गोवा से केप टाउन होते हुए रियो डी जनेरियो और वापस ट्रांस-महासागरीय अभियान में भाग लिया था। इसके बाद दोनों अधिकारियों ने गोवा से पोर्ट ब्लेयर तक और वापस डबल हैंडेड मोड में नौकायन अभियान चलाया था। साथ ही दोनों ने डबल हैंडेड मोड में गोवा से पोर्ट लुइस, मॉरीशस तक सफलतापूर्वक यात्रा की थी।

नौ सेना के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय नौ सेना ने समुद्री विरासत को संरक्षित करने और नाविक कौशल को बढ़ावा देने के लिए नौकायन परंपरा को पुनर्जीवित करने के महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। भारतीय नौसेना ने नौकायन प्रशिक्षण जहाजों आईएनएस तरंगिनी और आईएनएस सुदर्शिनी और आईएनएसवी म्हादेई और तारिणी से जलयात्रा के जरिये समुद्री नौकायन अभियानों में अहम भूमिका निभाई है।

मधवाल ने कहा कि समुद्री कौशल और रोमांच को जारी रखते हुए, भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के जल्द आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर दुनिया का चक्कर लगाने के असाधारण अभियान पर रवाना होंगी।

समुद्र में ‘नारी शक्ति’ का अभूतपूर्व प्रदर्शन
भारतीय नौसेना के अनुसार अभियान साबित करता है कि समुद्र में नारी शक्ति भी अपना प्रभुत्व स्थापित कर रही है। नौसेना ने कहा कि आईएनएसवी तारिणी ने समुद्री क्षेत्र में ‘नारी शक्ति’ का प्रदर्शन किया है और इससे देश की महिलाओं को भारतीय नौसेना के साथ काम करने की प्रेरणा मिलती है।

दोषियों की सजा माफ कराने के लिए झूठे बयान दे रहे अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा- हमारा विश्वास हिल गया

नई दिल्ली:  दोषियों की सजा माफी और समय से पहले रिहाई कराने के लिए अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट में झूठे बयान दे रहे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। इससे हमारा विश्वास हिल गया है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि पिछले तीन हफ्तों में उसके सामने ऐसे कई मामले आए हैं जहां दलीलों में गलत बयान दिए गए।

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अदालत में सजा में छूट न दिए जाने की शिकायत को लेकर बड़ी संख्या में याचिकाएं दायर की जा रही हैं। पिछले तीन सप्ताह में यह छठा-सातवां मामला हमारे सामने आया है, जिसमें दलीलों में गलत बयान दिए गए हैं। शीर्ष अदालत में पीठ के सामने रोज 60-80 मामले दर्ज होते हैं। जजों के लिए हर मामले के प्रत्येक पेज को पढ़ना संभव नहीं है। फिर भी हर मामले को करीब से देखा जाता है।

पीठ ने कहा कि हमारा सिस्टम विश्वास पर काम करता है। जब हम मामलों की सुनवाई करते हैं तो हम बार के सदस्यों पर भरोसा करते हैं। लेकिन जब हमारे सामने इस तरह के मामले आते हैं, तो हमारा विश्वास हिल जाता है। कोर्ट ने कहा कि एक मामले में छूट की मांग के लिए दायर रिट याचिका में न केवल गलत बयान दिए गए हैं, बल्कि अदालत के समक्ष एक गलत बयान दिया गया।

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के तत्कालीन एडवोकेट ने जेल अधिकारियों को संबोधित 15 जुलाई, 2024 के ईमेल में झूठे बयान दोहराए। वकील इस स्थिति से अवगत थे, लेकिन 19 जुलाई, 2024 को एक गलत बयान दिया गया कि सभी याचिकाकर्ताओं सजा की अवधि समाप्त नहीं हुई है। पीठ ने कहा इस मामले में जुर्माना लगाया जाना चाहिए। लेकिन हम याचिकाकर्ताओं को उनके वकीलों द्वारा की गई गलतियों के लिए दंडित नहीं कर सकते।

कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि चार याचिकाकर्ताओं ने एक मामले में 14 साल की सजा बिना छूट के काट ली है। जबकि मामले में दिल्ली सरकार ने हलफनामा दायर किया था कि चार में से दो कैदियों ने सजा में छूट पाने के लिए 14 साल की सजा पूरी नहीं की है। पीठ ने कहा कि याचिका में गलत बयान दिया गया कि सभी चार याचिकाकर्ताओं ने वास्तविक 14 साल की सजा काट ली है।