Saturday , November 23 2024

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कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करने पहुंचे सीएम योगी, जेवर एयरपोर्ट का किया निरीक्षण

नोएडा:  इंडिया एक्सपो मार्ट में 11 से 13 सितंबर तक आयोजित होने वाले सेमीकॉन इंडिया-2024 से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा करने के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्रेटर नोएडा पहुंचे। सबसे पहले सीएम योगी ने जेवर हवाई अड्डे के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक भी की। अप्रैल 2025 से एयरपोर्ट को विधिवत शुरू किए जाने की योजना है। सेमीकॉन इंडिया-2024 के शुभारंभ के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गौतमबुद्ध नगर आएंगे।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एसपीजी ने भी डेरा डाल दिया है। आयोजन स्थल पर बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड की टीम भी मौजूद है। इन टीमों ने आयोजन स्थल की सघन जांच की। सोमवार को वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने एक्सपोमार्ट हेलीपैड पर ट्रायल किया। मंगलवार को भी यह ट्रायल चला। इसके लिए तीन हेलीकॉप्टर आए। हैलीपेड के चारों पर पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया है।

26 देशों के 836 प्रदर्शक शामिल होंगे सेमीकॉन इंडिया-2024 में
उत्तर प्रदेश को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के लिए जुटी प्रदेश सरकार 11 से 13 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में सेमीकॉन इंडिया-2024 का आयोजन कर रही है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ करने 11 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में सरकार का रखेंगे पक्ष, छह वरिष्ठ अधिवक्ता बनाए गए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए छह वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार, एएसजी को तीन साल की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है। वहीं कैबिनेट की नियुक्ति समीति की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि नियुक्त किए गए लोगों में एस द्वारकानाथ, अर्चना पाठक दवे, सत्य दर्शी संजय, बृजेंद्र चाहर, राघवेंद्र पी शंकर और राजकुमार भास्कर ठाकरे (राजा ठाकरे) शामिल हैं।

शीर्ष अदालत में अभी तक थे कुल पांच एएसजी
बता दें कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सुप्रीम कोर्ट और तमाम उच्च न्यायालयों में सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं और सरकार का बचाव करने में अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल की सहायता करते हैं। नई नियुक्तियों से पहले, शीर्ष अदालत में छह रिक्तियों के साथ पांच एएसजी थे।

‘हेमा समिति की रिपोर्ट के खुलासे के बाद भी क्यों नहीं की कार्रवाई?’ हाईकोर्ट का केरल सरकार से सवाल

तिरुवनंतपुरम:  केरल हाईकोर्ट ने हेमा समिति की रिपोर्ट पर निष्क्रियता को लेकर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। कोर्ट ने पूछा कि रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद भी राज्य ने कार्रवाई क्यों नहीं की। कोर्ट ने राज्य को निर्देश दिया कि वह सीलबंद रिपोर्ट एसआईटी को सौंपे।

कोर्ट ने सरकार से कहा, हेमा समिति की रिपोर्ट पर बात करने के लिए अलावा आपने चार साल में कुछ नहीं किया। कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि केवल फिल्म उद्योग ही नहीं, समाज में महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए क्या किया जा रहा है। इसने कहा कि असंगठित क्षेत्र में यौन शोषण की घटनाओं को खत्म करने के लिए कानूनी तरीकों की तलाश की जानी चाहिए।

कोर्ट ने एसआईटी को कोई भी प्रेस कॉन्फ्रेंस न करने का भी निर्देश दिया। सरकार ने कोर्ट में कहा कि मीडिया ट्रायल नहीं होना चाहिए। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि मीडिया पर नियंत्रण नहीं होना चाहिए। मीडिया खुद को नियंत्रित करsना जानता है।

वहीं, भाजपा के नेता वी. मुरलीधरन ने कहा, केरल हाईकोर्ट ने हेमा समिति की रिपोर्ट को गोपनीय रखने के केरल सरकार के रुख की आलोचना की है। हेमा समिति की रिपोर्ट साढ़े चार साल पहले पेश की गई थी। लेकिन केरल सरकार ने इस पर कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया।

राजभवन कूच कर रहे छात्रों और सुरक्षा बलों की भिड़ंत, आंसू गैस के गोले दागे; 5 दिन के लिए इंटरनेट बंद

इंफाल:राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे छात्रों, महिला प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच मंगलवा को झड़प हो गई। हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। प्रदर्शनकारी मणिपुर सरकार के डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले सोमवार से ख्वाइरामबंद महिला बाजार में डेरा डाले सैकड़ों छात्रों ने बीटी रोड के साथ राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस भवन के पास सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया।

मणिपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी विरोध रैली निकाली और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका। इस बीच मौजूदा हालात के मद्देनजर इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है। थौबल में बीएनएसएस की धारा 163 (2) के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। पूरे राज्य में अगले पांच दिन के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

अधिसूचना के मुताबिक, मणिपुर राज्य के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में 10 सितंबर को दोपहर तीन बजे से 15 सितंबर को दोपहर 3 बजे तक पांच दिनों के लिए लीज लाइन, वीसैट, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित/रोकने का आदेश दिया गया है।

आदेश में क्या कहा गया?
राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘मणिपुर राज्य में मौजूदा कानून-व्यवस्था के हालात को देखते हुए यह आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व लोगों की भावनाओं को भड़काने वाली तस्वीरें, अभद्र भाषा और घृणास्पद वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

सोशल मीडिया पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में दरारें आने का अफवाह; एफआईआर दर्ज

केवड़िया : सोशल मीडिया पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में दरारें आने की फर्जी खबर फैलाने के बाद पुलिस ने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया गया था कि गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में दरारें आनी शुरू हो गई हैं। यह कभी भी गिर सकती है। नर्मदा जिले के केवड़िया में स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की बनाई गई 182 मीटर ऊंची प्रतिमा एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।

8 सितंबर को सुबह 9.52 बजे ‘रागा4इंडिया’ हैंडल पर हिंदी में लिखी गई एक पोस्ट में कहा गया कि प्रतिमा कभी भी गिर सकती है, क्योंकि इसमें दरारें आनी शुरू हो गई हैं। इस पोस्ट में प्रतिमा की एक पुरानी तस्वीर भी थी, जो इसके निर्माण के समय की बताई जा रही है। पोस्ट एक्स यूजर ने अब हटा लिया है।

अधिकारी ने बताया कि जनता में भय या चिंता पैदा करने के लिए कोई भी बयान, झूठी सूचना, अफवाह या रिपोर्ट आदि बनाने, प्रकाशित करने या प्रसारित करने से संबंधित भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353 (1) के तहत मामला दर्ज किया गया है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी एरिया डेवलपमेंट एंड टूरिज्म गवर्नेंस अथॉरिटी के यूनिट-1 के डिप्टी कलेक्टर अभिषेक रंजन सिन्हा की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है।

एफआईआर में कहा गया है कि ऐसी झूठी खबरें फैलाकर लोगों में डर पैदा करने और शांति भंग करने की कोशिश की गई है। अक्तूबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। इस प्रतिमा को देखने के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है।

आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स ने नहीं माना सुप्रीम कोर्ट का आदेश, मांगें पूरी होने तक काम पर नहीं लौटेंगे

कोलकाता: चिकित्सक दुष्कर्म और हत्या मामले में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स ने शाम 5 बजे तक ड्यूटी पर लौटने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं माना है। उनका कहना है कि मांगें पूरी होने तक डॉक्टर्स काम पर नहीं लौटेंगे। इससे पहले सोमवार को शीर्ष अदालत ने प्रदर्शनकारी रेजिडेंट डॉक्टर्स को मंगलवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि काम पर लौटने पर उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने कोर्ट में यह आश्वासन दिया था कि काम पर लौटने पर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई या तबादले नहीं किए जाएंगे।

आंदोलनकारी डॉक्टर्स में से एक ने कहा कि हमारी मांगें पूरी नहीं होने पर हम काम बंद करना जारी रखेंगे। हमने राज्य सरकार से कोलकाता पुलिस आयुक्त, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा के निदेशक को शाम 5 बजे तक हटाने के लिए कहा था। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। जूनियर डॉक्टरों ने 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार कक्ष में महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव मिलने के कुछ घंटों बाद ही अपना ‘काम बंद’ शुरू कर दिया था।

संदीप घोष की न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई
इस बीच आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को मंगलवार को वित्तीय अनियमितताओं के मामले में एक विशेष सीबीआई अदालत ने 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोर्ट ने उनके सुरक्षाकर्मी अफसर अली और दो कथित सहयोगियों, ठेकेदार वेंडर बिप्लब सिन्हा और सुमन हाजरा को भी 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

सीबीआई ने अदालत से कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह फिर से उनकी हिरासत की मांग करेगी। आरजी कर एमसीएच में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध के बीच संदीप घोष को 2 सितंबर को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। 3 सितंबर को अदालत ने उन्हें आठ दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था।

खत्म हुईं नाराजगी की अटकलें, सीएम योगी से उनके आवास पर मिलीं अर्पणा यादव, प्रतीक भी थे साथ

लखनऊ: उप्र राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनाए जाने से नाराजगी की चर्चाओं के बीच भाजपा नेत्री अपर्णा यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मुलाकात की। सीएम के आवास में हुई मुलाकात में अपर्णा के साथ उनके पति प्रतीक यादव भी थे। बता दें सरकार ने उप्र राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही अपर्णा समेत दो उपाध्यक्ष भी नियुक्त किए थे। अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष ने दो दिन पहले ही कार्यभार ग्रहण कर लिया है लेकिन अपर्णा ने कार्यभार नहीं ग्रहण किया है। ऐसे में अपर्णा की नाराजगी की चर्चा शुरू हो गई है हालांकि अपर्णा की ओर से अभी तक नाराजगी को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। इस बीच मुख्यमंत्री से मुलाकात को उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।

अवैध कब्जेदारों पर करें कड़ी कार्रवाई : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नामांतरण, पैमाइश, वरासत, उत्तराधिकार तथा भू उपयोग से जुड़े मामलों के तत्काल निस्तारण के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि डीएम, एसडीएम और तहसीलदार लंबित प्रकरणों का जल्द समाधान कराएं। भूमि, भवन आदि पर अवैध कब्जा करने वालों और नियमानुसार पैमाइश के बाद विवाद करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें। सीएम सोमवार को राजस्व विभाग की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने सभी डीएम और पुलिस कप्तानों को कब्जा हटाने की कार्रवाई के साथ अवैध कब्जेदारों पर मुकदमा दर्ज करने का निर्देश भी दिया। कहा, जहां चकबंदी हो रही है अथवा लंबित है वहां चकबंदी नियमानुसार की जाए। पैमाइश होने के बाद दोबारा अवैध कब्जा करने वाली हर गतिविधि के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। जनता के हितों को सीधे प्रभावित करने वाले ऐसे मामलों का समयबद्ध निस्तारण हर हाल में हो।

डीएम, एसपी, एसडीएम, सीओ, तहसीलदार जनता से सतत संवाद बनाए रखें। सीएम ने राजस्व परिषद तथा राजस्व विभाग को और सुदृढ़ बनाने के लिए नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम, एडीएम (न्यायिक), कानूनगो और लेखपाल के रिक्त पदों को जल्द भरने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिलों के मानचित्र अपडेट करने तथा अवैध खनन रोकने के लिए जीरो पॉइंट पर व्यवस्थित टास्क फोर्स द्वारा छापे मारने का निर्देश दिया। समीक्षा बैठक में राजस्व परिषद के अध्यक्ष, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व और डीजीपी भी शामिल हुए।

पिछले साल भड़की हिंसा की आग बरकरार, दो समूहों के बीच गोलीबारी-बमबाजी के बीच फंसकर महिला की मौत

इंफाल:मणिपुर पिछले साल से हिंसा की आग में सुलग रहा है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच शुरू हुई हिंसा को एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। शांति बहाली के दावे धराशाई हो रहे हैं। अब कांगपोकपी जिले में दो सशस्त्र समूहों के बीच हुई गोलीबारी और बमबाजी में फंसने के बाद 46 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई।

रविवार को हुई झड़प
पुलिस ने बताया कि घटना रविवार रात सुदूरवर्ती थांगबुह गांव की है। यहां के कुछ घरों में आग लगा दी गई, जिससे स्थानीय लोगों को पास के जंगलों में भागना पड़ा। हालांकि, महिला दोनों समूहों की झड़प में फंस गई, जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक महिला की पहचान नेमजाखोल लुंगदीम के रूप में हुई है।

बम का किया गया इस्तेमाल
अधिकारी ने बताया कि चूड़ाचांदपुर जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों पक्षों के बीच संघर्ष के दौरान बड़ी संख्या में शक्तिशाली बम का इस्तेमाल किया गया।

सेना और आतंकवादियों के बीच भी मुठभेड़
उन्होंने बताया कि इस झड़प के अलावा, रात में पास के एक स्कूल में तैनात सीआरपीएफ कर्मियों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी की भी खबर सामने आई। हालांकि, इस मुठभेड़ में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

‘गृह विभाग संभालने लायक नहीं फडणवीस’, BJP प्रदेशाध्यक्ष के बेटे के कार हादसे पर राउत का निशाना

मुंबई:शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र गृह विभाग का नेतृत्व करने के योग्य नहीं हैं। संजय राउत का यह हमला भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बेटे की लग्जरी कार से हुए सड़क हादसे के एक दिन बाद आया है।

हादसे के सभी सबूत मिटा दिए गए हैं- संजय राउत
पत्रकारों से बात करते हुए संजय राउत ने दावा किया कि मामले में सबूत मिटा दिए गए हैं और जब तक भाजपा नेता फडणवीस गृह मंत्री बने रहेंगे, तब तक राज्य में किसी भी मामले में निष्पक्ष जांच नहीं होगी।

बावनकुले के बेटे की कार ने कई वाहनों में मारी टक्कर
बता दें कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बेटे संकेत बावनकुले की ऑडी कार ने सोमवार तड़के नागपुर के रामदासपेठ इलाके में कई वाहनों को टक्कर मार दी, जिसके बाद पुलिस ने चालक और एक अन्य व्यक्ति को मामले में गिरफ्तार किया है। मामले में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि लग्जरी कार में सवार लोग धरमपेठ इलाके में एक बीयर बार से लौट रहे थे, जिस दौरान यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि मेडिकल जांच में शराब पीने के मामले का पता लगाने के लिए रक्त परीक्षण भी होगा।

बीजेपी का आरोप, AAP ने लगाया ‘जजिया टैक्स’, पंजाब में चौथी बार लिया महंगाई बढ़ाने वाला फैसला

भाजपा ने पंजाब सरकार के द्वारा बसों के किराए में बढ़ोतरी का जोरदार विरोध किया है। पार्टी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी चुनावों के दौरान लोगों को मुफ्त बिजली-पानी देने के झूठे वादे करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद इन्हीं चीजों के दाम बढ़ाकर जनता को परेशान करती है। पार्टी ने पंजाब सरकार के द्वारा बसों के किराए में बढ़ोतरी को ‘जजिया टैक्स’ करार दिया है।

इसके पूर्व पंजाब सरकार ने बसों के किराए में 23 पैसे से लेकर 145 पैसे प्रति किलोमीटर तक की वृद्धि कर दी है। इसके पहले पंजाब की भगवंत मान सरकार ने बिजली की सब्सिडी में कटौती कर दी थी। इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ा दिया था जिससे राज्य में पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी कर दी थी। कांग्रेस और भाजपा ने भगवंत मान सरकार के इन कदमों को आम आदमी के हितों के खिलाफ बताया था।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह झूठ की राजनीति रुकनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान जनता को गुमराह करने के लिए मुफ्त बिजली-पानी देने का वादा करना और बाद में इनका दाम बढ़ाना जनता के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि यह केवल पंजाब सरकार के साथ नहीं हो रहा है। हिमाचल और कर्नाटक में भी इसी तरह इंडिया गठबंधन की कांग्रेस सरकारों ने जनता को गुमराह कर वोट पाने के लिए बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन सत्ता में आने के बाद अब उनके पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की राजनीति रुकनी चाहिए।