Sunday , November 24 2024

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हाईकोर्ट से ‘बर्गर किंग’ को राहत, छह सितंबर तक ट्रेडमार्क का इस्तेमाल नहीं करेगा पुणे का रेस्तरां

मुंबई:  बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को बर्गर किंग को राहत दी। कोर्ट ने पुणे के एक रेस्तरां को बर्गर किंग नाम का इस्तेमाल करने से रोक दिया है। यह रोक छह सितंबर तक के लिए है।पुणे की कोर्ट ने पहले बर्गर किंग की याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उसने कहा था कि पुणे का एक रेस्तरां बर्गर किंग ट्रेडमार्क का उल्लंघन कर रहा है। हाईकोर्ट ने जस्टिस ए.एस. चंदुरकर और राजेश पाटिल ने कहा कि वे छह सितंबर को मामले पर अगली सुनवाई करेंगे। तब तक पुणे की कोर्ट का 2012 का आदेश जारी रहेगा, जिसमें रेस्तरां को ‘बर्गर किंग’ नाम का इस्तेमाल करने से रोका गया था।

बर्गर किंग ने अपनी याचिका में कहा कि रेस्तरां द्वारा उसके नाम का इस्तेमाल करने से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है और उनकी छवि खराब हो रही है। पुणे की कोर्ट ने 2011 का मुकदमा खारिज कर दिया था, क्योंकि पुणे का रेस्टोरेंट 1992 से चल रहा था जबकि अमेरिकी कंपनी बर्गर किंग भारत में 1996 में आया था। बर्ग किंग ने हाईकोर्ट में यह भी दलील दी कि पुणे की कोर्ट ने गलती से मान लिया कि रेस्तरां ने नाम का उपयोग पहले किया था।

लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का एलान, शाह बोले- लोगों के लिए हरसंभव अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध

नई दिल्ली:  केंद्र सरकार ने लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का एलान कर दिया है। इनके नाम जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘एक विकसित और समृद्ध लद्दाख के निर्माण के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश में पांच नए जिले बनाने का फैसला किया है। नए जिले जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा और चांगथांग होंगे। हम हर नुक्कड़ और गली में शासन को मजबूत करके लोगों के लिए लाभ को उनके दरवाजे तक ले जाएंगे। मोदी सरकार लद्दाख के लोगों के लिए हरसंभव अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। इसके बाद लद्दाख एक केंद्र शासित प्रदेश बना गया था। दूसरा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर है। पांच साल पहले इसी दिन तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को भी निरस्त कर दिया गया था। केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण लद्दाख केंद्रीय गृह मंत्रालय के सीधे प्रशासनिक नियंत्रण में आता है।

मायावती ने की BJP की तारीफ, कांग्रेस की मंशा पर उठाए सवाल; पूछा-1995 में कहां थे?

लखनऊ:बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर एससी-एसटी आरक्षण को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। मायावती ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र कर सपा और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाए। मायावती ने आरोप लगाया कि केंद्र में सरकार होते हुए भी कांग्रेस ने अपना दायित्व नहीं निभाया था। इस दौरान मायवती ने भाजपा की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उन्हें बचाया था।

मायावती ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट की। इसमें लिखा सपा जिसने 2 जून 1995 में बीएसपी द्वारा समर्थन वापिसी पर मुझ पर जानलेवा हमला कराया था तो इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है? जबकि उस दौरान केन्द्र में रही कांग्रेसी सरकार ने भी समय से अपना दायित्व नहीं निभाया था।

मायावती ने कांग्रेस से किया सवाल
तभी फिर मान्य. कांशीराम जी को अपनी बीमारी की गम्भीर हालत में भी हॉस्पिटल छोड़कर रात को इनके मा. गृह मंत्री को भी हड़काना पड़ा था तथा विपक्ष ने भी संसद को घेरा, तब जाकर यह कांग्रेसी सरकार हरकत में आई थी। क्योंकि उस समय केन्द्र की कांग्रेसी सरकार की भी नीयत खराब हो चुकी थी, जो कुछ भी अनहोनी के बाद यहां यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर, पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी, जिनका यह षड़यंत्र बीएसपी ने फेल कर दिया था।

कांग्रेस को बीच-बीच में तकलीफ क्यों होती है?
मायावती ने आगे लिखा- साथ ही, उस समय सपा के आपराधिक तत्वों से बीजेपी सहित समूचे विपक्ष ने मानवता व इंसानियत के नाते मुझे बचाने में जो अपना दायित्व निभाया है तो इसकी कांग्रेस को बीच-बीच में तकलीफ क्यों होती रहती है, लोग सचेत रहें।
इसके इलावा, बीएसपी वर्षों से जातीय जनगणना के लिए पहले केंद्र में कांग्रेस पर और अब बीजेपी पर भी अपना पूरा दबाव बना रही है, जिसकी पार्टी वर्षों से इसकी पक्षधर रही है तथा अभी भी है। लेकिन जातीय जनगणना के बाद, क्या कांग्रेस SC, ST व OBC वर्गों का वाजिब हक दिला पाएगी? जो SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर अभी भी चुप्पी साधे हुए है, जवाब दे।

‘अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर की मौत हो चुकी थी’, आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट में दावा

कोलकाता:  कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के हत्यारोपी संजय रॉय ने पॉलीग्राफी टेस्ट में दावा किया है कि जब वह अस्पताल के सेमिनार हॉल में पहुंचा तो डॉक्टर की मौत हो चुकी थी। खुद को निर्दोष बताते हुए रॉय ने पॉलीग्राफी टेस्ट में कई और दावे किए।

सीबीआई अधिकारियों की मौजूदगी में प्रेसिडेंसी जेल में आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया। तीन घंटे तक चले टेस्ट में संजय रॉय ने कई चौंकाने वाले जवाब दिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी रॉय टेस्ट के दौरान काफी घबराया हुआ नजर आया। सीबीआई ने जब साक्ष्य पेश किए तो आरोपी ने कई बहाने भी बनाए।

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक आरोपी कहा कि जब उन्होंने डॉक्टर को देखा तो वह मर चुकी थी। डर के चलते वह सेमिनार हॉल से भाग गए।वहीं मामले में कोलकाता पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया था तो उसने दुष्कर्म और हत्या की बात कबूल की थी। कुछ दिनों पहले ही उसने अपने बयान बदले और दावा किया था कि उसे फंसाया जा रहा है। वह निर्दोष है।

आरोपी संजय रॉय ने जेल गार्डों से भी यही कहा था कि उसे दुष्कर्म और हत्या के बारे में कुछ भी नहीं पता। सियालदह एसीजेएम अदालत में भी उसने यही बयान देते हुए पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति जताई थी। हालांकि सीबीआई और पुलिस को उसके दावों में सच्चाई नजर नहीं आ रही है। एक अधिकारी के मुताबिक वह जांच को गुमराह कर रहा है, क्योंकि वह अपने चेहरे पर लगी चोट और अस्पताल में अपनी मौजूदगी को लेकर कोई जवाब नहीं दे सका।

क्या है मामला?
बता दें कि हत्या की घटना के खिलाफ देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को चिकित्सक का शव मिला था, जिस पर गंभीर चोटों के निशान थे। इस घटना के संबंध में रॉय को अगले दिन गिरफ्तार किया गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इसके अगले दिन केंद्रीय एजेंसी ने जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ली। कोर्ट ने निर्देश पर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य समेत पांच का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया था।

मणिपुर में जबरन वसूली के आरोप में तीन उग्रवादी गिरफ्तार; चारपहिया वाहन और मोबाइल बरामद

इंफाल:  मणिपुर में प्रतिबंधित उग्रवादी समूह कांग्लेई यावोल कन्बा लूप (केवाईकेएल) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया ह। उन पर जबरन वसूली में शामिल होने का आरोप है। पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया कि गिरफ्तारियां शनिवार को इंफाल वेस्ट जिले के उचेकोन इलाके में की गईं।

बयान के मुताबिक, जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनकी पहचान ओइनम मिलान सिंह (52), युमनाम रणबीर सिंह (51) और खैदम धनबीर मेइती (24) के रूप में हुई है। सभी इंफाल और उसके आसपास जबरन वसूली में शामिल थे। उनके पास से चार मोबाइल फोन और एक गाड़ी (चार पहिया) भी बरामद की है।

सेना प्रमुख ने मणिपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी
इससे पहले थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मणिपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी। सेना ने बीते शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया था कि सेना प्रमुख ने पूर्वी सेना कमांडर के साथ सीमा पर सुरक्षा स्थिति और क्षेत्र में आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।

सेना और असम राइफल्स के प्रयासों की सराहना थी
इसमें कहा गया था कि जनरल द्विवेदी ने क्षेत्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने की दिशा में किए जा रहे भारतीय सेना और असम राइफल्स के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ भी बातचीत की और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान की सराहना की। साथ ही उनसे शांति की दिशा में योगदान देने और समुदायों के बीच मित्रता फैलाने में भूमिका निभाते रहने का आग्रह किया।

बीरेन सिंह से भी की थी मुलाकात
इससे पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य की वर्तमान स्थिति से संबंधित अहम मुद्दों पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को राज्य सचिवालय में जनरल द्विवेदी के साथ बैठक की थी। बयान में कहा गया था कि थलसेना प्रमुख ने क्षेत्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए भारतीय सेना की दृढ़ प्रतिबद्धता को लेकर मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया।

पानी के तेज बहाव के चलते 17 लोगों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटी, 10 को बचाया गया, अन्य की तलाश जारी

मोरबी:  गुजरात में भारी बारिश के चलते चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। प्रदेश में तेज बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं। इससे कुछ जिलों में लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। भारी बारिश के चलते मोरबी में एक बड़ा हादसा हुआ। यहां के धवना गांव के पास पानी के तेज बहाव के चलते ट्रैक्टर-ट्रॉली पलट गई, जिससे इसमें सवार सात लोग पानी में बह गए। इन लोगों का पता लगाने के लिए एनडीआरएफ की टीम तलाशी अभियान चला रही है।

एसडीआरएफ और एनडीआरएफ तलाश में जुटी
मोरबी के अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र सिंह जडेजा ने बताया कि रविवार रात करीब नौ बजे मोरबी जिले के हलवाड तालुका में धवना गांव के पास एक नदी के ऊपर बने पुल से एक ट्रैक्टर-ट्रॉली जा रही थी, तभी वह पलट गई। इसमें सवार 17 लोगों में से 10 को बचा लिया गया, जबकि सात अन्य लापता हैं। उन्होंने आगे बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मचारी बचाव अभियान चला रहे हैं।

सैकड़ों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया
गुजरात में पिछले 24 घंटे से सोमवार सुबह छह बजे तक भारी बारिश हुई। इससे नवसारी और वलसाड जिलों के निचले इलाकों की नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इसे देखते हुए सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

कहां कितनी बारिश हुई?
राज्य आपदा अभियान केंद्र (एसईओसी) के आंकड़ों के अनुसार, नवसारी जिले के खेरगाम तालुका में सोमवार सुबह छह बजे तक पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक 356 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस अवधि के दौरान, डांग जिले के डांग-अहवा तालुका में 268 मिमी और कपराडा (वलसाड जिले) में 263 मिमी बारिश हुई। नर्मदा, सिरेंद्रनगर, राजकोट, तापी, महिसागर, मोरबी, दाहोद और वडोदरा उन अन्य जिलों में शामिल हैं, जहां 100 मिमी से अधिक बारिश हुई है।

घरेलू आय में कमी को लेकर कांग्रेस का फूटा गुस्सा, केंद्र की तुलना शुतुरमुर्ग से की

नई दिल्ली: कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उसने रविवार को दावा किया कि वेतन वृद्धि की धीमी गति और कमरतोड़ महंगाई के कारण वास्तविक मजदूरी में अभूतपूर्व गिरावट आई है। सबसे पुरानी पार्टी ने कहा कि ‘शुतुरमुर्ग’ की तरह सरकार भी भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष खड़ी सबसे बुनियादी चुनौती के प्रति आंखें बंद किए हुए है।

रिपोर्ट को केंद्र सरकार लगातार नकारती रही
कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि एक जाने माने ब्रोकरेज फर्म की नई रिपोर्ट ने एक बार फिर उस सच्चाई पर प्रकाश डाला है, जिसे केंद्र सरकार लगातार नकारती रही है कि भारत में वास्तविक घरेलू आय में लगातार गिरावट आ रही है। धीमी वेतन वृद्धि और कमरतोड़ महंगाई के कारण वास्तविक मजदूरी (महंगाई के हिसाब से समायोजित वेतन) या कहें कि आय में अभूतपूर्व गिरावट आई है।

10 साल पहले की तुलना में कम हो गई श्रमिकों की क्रय शक्ति
उन्होंने आगे कहा कि कई सर्वेक्षण और डेटा, जिनमें अपंजीकृत उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण (ASUSE), भारतीय रिजर्व बैंक के केएलईएमएस डेटा और घरेलू उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण (HCES) शामिल हैं, ने कामकाजी वर्ग के भारतीयों के बीच वित्तीय संकट को दर्शाया है। सरकार के अपने आधिकारिक आंकड़ों सहित डेटा के कई स्रोतों ने इस बात के स्पष्ट प्रमाण भी दिखाए हैं कि श्रमिकों की क्रय शक्ति (खरीदारी करने की क्षमता) आज 10 साल पहले की तुलना में कम हो गई है।

इन चार क्षेत्रों का बताया आंकड़ा
उन्होंने कहा कि सबसे पहले श्रम ब्यूरो का वेतन दर सूचकांक (सरकारी डेटा) की बात करें तो श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी 2014-2023 के बीच स्थिर रही। वहीं, साल 2019-2024 के बीच इसमें गिरावट आई है। उसके बाद कृषि मंत्रालय की कृषि सांख्यिकी (सरकारी डेटा) पर गौर करें तो डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में, खेतिहर मजदूरों की वास्तविक मजदूरी हर साल 6.8 फीसदी की दर से बढ़ी। जबकि नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में, खेतिहर मजदूरों की वास्तविक मजदूरी में हर साल माइनस 1.3 फीसदी की गिरावट आई है।

मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट प्रेसिडेंसी जेल में पूरा, तीन घंटे से भी अधिक समय लगा

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल दुष्कर्म और हत्या मामले में आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट आज कराया गया। सीबीआई अधिकारियों की मौजूदगी में प्रेसिडेंसी जेल में पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया। टेस्ट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीबीआई अधिकारी जेल से रवाना हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया तीन घंटे से भी अधिक लंबे समय तक चली। गौरतलब है कि बीते दिन कॉलेज के पूर्व प्राचार्य समेत पांच का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया था।

सच का पता लगाने के लिए अदालत की अनुमति से पॉलीग्राफ टेस्ट
बता दें कि ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ के दौरान व्यक्ति की ओर से प्रश्नों के उत्तर दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है। इससे यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ।

आरजी कर मामले के अन्य आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट
अधिकारियों ने बताया कि मुख्य आरोपी संजय रॉय का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ प्रेसिडेंसी जेल में ही कराया गया। संजय के अलावा पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, घटना की रात ड्यूटी पर मौजूद चार चिकित्सकों और एक नागरिक स्वयंसेवक समेत छह अन्य का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ सीबीआई के कोलकाता स्थित कार्यालय में कराया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि घोष लगातार नौवें दिन शनिवार सुबह सीबीआई के साल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित कार्यालय पहुंचे और फिर उन्हें जांच के लिए ले जाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ हो रहा है, उनमें प्रथम वर्ष के दो स्नातकोत्तर प्रशिक्षु भी शामिल हैं, क्योंकि जांचकर्ताओं को अस्पताल के उस सम्मेलन कक्ष के अंदर कथित तौर पर उनकी उंगलियों के निशान मिले हैं, जहां पीड़िता का शव मिला था।

अपराध स्थल से छेड़छाड़ का दावा
इससे पहले सीबीआई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि स्थानीय पुलिस ने प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले को दबाने का प्रयास किया था। जब तक संघीय एजेंसी ने जांच अपने हाथ में ली, तब तक अपराध स्थल से छेड़छाड़ की जा चुकी थी।

लखपति दीदी सम्मेलन में पीएम मोदी, लाभार्थियों से की बात; 11 लाख महिलाओं को बांटे सर्टिफिकेट

जलगांव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदी सम्मेलन में शिरकत की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी सम्मेलन में शामिल हुए। सम्मेलन में पहुंचने पर महिलाओं ने आरती उतारकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘लखपति दीदी’ सम्मेलन के दौरान 11 लाख लखपति दीदी को सर्टिफिकेट बांटे, जिन्होंने उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान लखपति दीदी बनने के मुकाम को हासिल किया है।

2500 करोड़ रुपये के कोष का भी एलान किया
पीएम मोदी सम्मेलन के दौरान 2,500 करोड़ रुपये के एक कोष का भी एलान किया, जिससे करीब 48 लाख सदस्यों वाले 4.3 लाख स्वयं सहायता समूहों को लाभ मिलेगा। सरकार का कहना है कि ‘लखपति दीदी’ योजना की शुरुआत के बाद से एक करोड़ महिलाएं इस श्रेणी में शामिल हो चुकी हैं। सरकार का लक्ष्य तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का है। योजना एक स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को सालाना एक लाख रुपये कमाने का लक्ष्य देती है। प्रधानमंत्री पांच हजार करोड़ रुपये के बैंक ऋण भी वितरित किए। इनसे देश के 2.35 लाख स्वयं सहायता समूहों की 25 लाख से ज्यादा सदस्यों को फायदा होगा।

क्या है लखपति दीदी योजना?
लखपति दीदी योजना महिलाओं के लिए एक स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम है। योजना के अंतर्गत महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर उन्हें पैसा कमाने योग्य बनाया जाता है। योजना महिलाओं को आर्थिक स्तर पर मजबूत करती है और उनको स्वारोजगार की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को 5 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। इस लोन पर महिलाओं को किसी प्रकार का ब्याज नहीं देना होता है।

पति ने फ्रेंच फ्राइज खाने से रोका, पत्नी ने दर्ज कराई क्रूरता की रिपोर्ट, HC ने याचिका पर लगाई रोक

बंगलूरू: बंगलूरू में पति का पत्नी को फ्रेंच फ्राइज खाने से रोकना भारी पड़ गया। पत्नी ने अमेरिकी पति के खिलाफ क्रूरता और दहेज के लिए उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करा दी। मामले में पुलिस ने पति के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी कर दिया। महिला ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका और पति के खिलाफ जारी किए गए कार्रवाई आदेशों पर रोक लगा दी।

बंगलूरू के बसवनगुडी निवासी एक महिला ने अपने पति के खिलाफ दक्षिण महिला पुलिस थाने में दहेज उत्पीड़न, क्रूरता करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए महिला ने बताया कि बच्चे को जन्म देने के बाद उसे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो गई थी। उसके पति ने फ्रेंच फ्राइज, चावल और मांस खाने की अनुमति नहीं दी, क्योंकि उसको डर था कि पत्नी का वजन बढ़ जाएगा।

कोर्ट में पति ने कहा कि पत्नी की गर्भावस्था के दौरान वह अमेरिका में थे। इस वक्त वह घर का सारा काम करता था। पत्नी सिर्फ टीवी देखती थी और फोन पर बातें करती थी। पति ने यह भी कहा कि वह घर में बर्तन धोता, झाड़ू पोंछा करता और फिर काम पर जाता था। मामले में सुनवाई के दौरान न्यायाधीश एम नागप्रसन्ना ने कहा कि पति के खिलाफ किसी भी तरह की जांच की अनुमति देना कानून का दुरुपयोग होगा। शिकायत में घरेलू उत्पीड़न के तहत दंडनीय अपराध की स्थिति नजर नहीं आ रही है।

कोर्ट ने हैरानी जताई कि छोटे से मामले के लिए पुलिस ने पति के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया। यह पुलिस की शक्ति का उपयोग नहीं, बल्कि महिला के इशारे पर शक्ति का दुरुपयोग है। शिकायत का उद्देश्य पति को अमेरिका जाने से रोकना प्रतीत होता है।