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‘जब तक आरोपी पकड़े नहीं जाते..’, पीड़िता के माता-पिता की लोगों से अपील; CM ममता पर साधा निशाना

कोलकाता:  कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ देशभर में डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, पीड़िता के माता-पिता ने सभी देशवासियों से अपील की है कि वे तब तक उनके साथ खड़े रहें, जब तक सभी आरोपी पकड़े नहीं जाते।

‘विरोध को दबाने की कोशिश कर रहीं मुख्यमंत्री’
पीड़िता की मां ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “हम आपके जरिए पूरे देश को संदेश देना चाहते हैं। हम सभी देशवासियों, दुनिया और राज्य के लोगों के आभारी हैं। हम सभी से निवेदन करते हैं कि आप हमारे साथ तब तक खड़े रहें, जब तक आरोपी पकड़े नहीं जाते। हम केवल यही चाहते हैं कि ऐसा कि किसी मां के साथ न हो। कोई भी हमारे जैसे अपने बच्चे को न खोए।” उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अस्पताल के मामले को ठीक से न संभालने का आरोप लगाया। पीड़ित मां ने यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख विरोध प्रदर्शन को रोकने की कोशिश कर रही हैं।

‘अस्पताल के अधिकारियों ने पहले आत्महत्या कहा’
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने कहा था कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। जबकि केवल एक ही व्यक्ति पकड़ा गया है। मुझे पूरा यकीन है कि इस अपराध में और लोग भी शामिल थे। मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री विरोध को रोकने की कोशिश कर रही हैं। यही वजह है कि पुलिस ने आज विरोध करने वालों की सभा को रोकने के लिए निषेध आदेश लागू किए हैं।” उन्होंने कहा कि अस्पताल के अधिकारियों ने पहले बताया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की है।

‘देखकर लग रहा था बेटी की किसी ने हत्या कर दी…’
मृतका की मां ने कहा, “पहले हमें अस्पताल से कॉल आया कि आपकी बेटी बीमार है। फिर कॉल कट गया। फिर जब मैंने पूछा तो उन्होंने कहा कि अस्पताल आ जाएं। फिर जब हम पहुंचे तो हमें देखने की अनुमति नहीं दी गई। हमें तीन बजे (बेटी के शव को) देखने की अनुमति मिली। उसकी पैंट खुली थी। शरीर पर केवल एक कपड़ा था। हाथ टूटा हुआ था। आंखों और मुंह से खून निकल रहा था। देखकर ऐसा लग रहा था कि किसी ने उसकी हत्या कर दी है।”

डिप्टी सीएम केशव के बयान को अखिलेश ने बताया साजिश, एक्स पर हुए आमने-सामने

लखनऊ:  69000 शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट के दिए गए निर्णय को अभ्यर्थियों के संघर्ष की जीत बताने वाले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बयान को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आड़े हाथों लिया है जिसके बाद उन्होंने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि दर्द देने वाले, दवा देने का दावा न करें। इस पर केशव प्रसाद ने भी पलटवार किया है।

बता दें कि हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमावली का पालन न करने पर सरकार द्वारा बनाई गई चयन सूची रद्द कर दी थी जिसके बाद से अखिलेश यादव यूपी सरकार पर लगातार हमलावर हैं। रविवार को अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद पर तंज कसते हुए लिखा कि दर्द देनेवाले, दवा देने का दावा न करें!

69000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश के एक ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री जी’ का बयान भी साज़िशाना है। पहले तो आरक्षण की हक़मारी में ख़ुद भी सरकार के साथ संलिप्त रहे और जब युवाओं ने उन्हीं के ख़िलाफ़ लड़कर, लंबे संघर्ष के बाद इंसाफ़ पाया, तो अपने को हमदर्द साबित करने के लिए आगे आकर खड़े हो गये।

दरअसल ये ‘कृपा-प्राप्त उप मुख्यमंत्री जी’ शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के साथ नहीं हैं, वो तो ऐसा करके भाजपा के अंदर अपनी राजनीतिक गोटी खेल रहे हैं। वो इस मामले में अप्रत्यक्ष रूप से जिनके ऊपर उँगली उठा रहे हैं, वो ‘माननीय’ भी अंदरूनी राजनीति के इस खेल को समझ रहे हैं।

शिक्षा और युवाओं को भाजपा अपनी आपसी लड़ाई और नकारात्मक राजनीति से दूर ही रखे क्योंकि भाजपा की ऐसी ही सत्ता लोलुप सियासत से उत्तर प्रदेश कई साल पीछे चला गया है।इस पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जवाब दिया कि सपा बहादुर कांग्रेस मोहरा अखिलेश यादव का पीडीए बहुत बड़ा धोखा है। झूठ बोलने की आटोमैटिक मशीन बनी सपा लोकसभा चुनाव में जैसे संविधान ख़त्म हो जाएगा का दुष्प्रचार किया, उसी प्रकार पीडीए का झूठ फैला रहे हैं।

‘हमारा साथ देंगीं तो लाड़की बहिन योजना की धनराशि बढ़ाएंगे’, सीएम शिंदे ने महिलाओं से किया वादा

‘सौतेले भाई इस योजना की आलोचना कर रहे हैं’
शिंदे ने कहा कि राज्य की एक करोड़ पात्र महिलाओं के खाते में पहली किस्त के रूप में 3000 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष इस योजना के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सीएम शिंदे ने आगे कहा कि राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लाड़की बहिन योजना के साथ साथ तीन मुफ्त गैस सिलेंडर देने की योजना की शुरुआत की गई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार का यह कोई चुनावी हथकंडा नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सौतेले भाई इस योजना की आलोचना कर रहे हैं।

पृथ्वीराज चव्हाण की सरकार से मांग
उधर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने मांग उठाई है कि महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री माझी लाड़की बहिन योजना के लिए पंजीकरण की आखिरी तारीख को समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से सभी पात्र महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकेंगीं। चव्हाण ने इसे लेकर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र भेजा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि सरकार ने लाड़की बहिन योजना के लिए पंजीकरण की आखिरी तारीख 31 अगस्त रखी है। उन्होंने आगे लिखा कि इस योजना को सार्वजनिक सुरक्षा अधिकार के रूप में लागू किया जाना चाहिए।

‘पोर्टल में कुछ तकनीक खामियां आ रहीं हैं’
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ‘पोर्टल में कुछ तकनीक खामियां आ रहीं हैं। कई बार सरकारी पोर्टल का सर्वर काम नहीं करता। इस वजह से महिलाओं करीब छह घंटे तक वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का इंतजार करना पड़ता है। महिलाएं इस बात को लेकर चिंतित है कि वे इस योजना में खुद को पंजीकृत नहीं कर पा रहीं।’ पृथ्वीराज चव्हाण न कहा, ‘इससे पहले लाड़की बहिन योजना के पंजीकरण की आखिरी तारीख 15 जुलाई थी। मेरे हस्तक्षेप करने के बाद सरकार ने पंजीकरण की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर लिया। मैंने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान इसे लेकर आवाज उठाई थी। मेरे द्वारा कोशिश करने के बाद आयु सीमा को 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किया गया।’

प्रदर्शन पर ममता सरकार का प्रतिबंध, भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल बोलीं- हम डरेंगे नहीं

कोलकाता:  कोलकाता पुलिस ने सात दिन के लिए आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास विरोध प्रदर्शन और सभा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसे लेकर भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने ममता सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर के लिए हम न्याय की मांग कर रहे हैं। सरकार के इस कदम से हम डरने वाले नहीं हैं।

भाजपा विधायक ने कहा कि टीएमसी सरकार ने लोकतंत्र पर हमला किया है। सार्वजनिक समारोहों और विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाकर सरकार हमारे मौलिक अधिकारों पर अंकुश लगा रही है। साथ ही सच्चाई को दबाना चाहती है। मगर हम डरेंगे नहीं। अगर ममता बनर्जी सोचती हैं कि वे हमारी भावना को कुचल सकती हैं और हमें न्याय मांगने से रोक सकती हैं, तो आप गलत हैं।

पॉल ने सीएम ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उन्होंने रेप-हत्या को आत्महत्या बताकर छिपाने की कोशिश की, लेकिन सच्चाई सामने आ गई। पुलिस आयुक्त विनीत गोयल शर्मनाक प्रयास में हर कदम पर आपके सहयोगी रहे। भाजपा विधायक ने कहा कि जब झूठ उजागर होने लगा, तो ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवार को पैसे की पेशकश की। जैसे न्याय खरीदा जा सकता है या चुप कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस के आदेश को अदालत में चुनौती दी जाएगी।

उन्होंने ममता बनर्जी को चेताया कि अगर वह अत्याचार के इस रास्ते पर चलती रहेंगी, तो हम सविनय अवज्ञा आंदोलन की भावना को दोबारा जीवित करेंगे। हम शांतिपूर्वक इन अन्यायपूर्ण आदेशों की अवहेलना करेंगे और विरोध करने के अपने अधिकार का दावा करेंगे। उन्होंने कहा कि न्याय की लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक लोगों की आवाज नहीं सुनी जाती। लोग जाग रहे हैं, और वे निरंकुशता को अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल ने शनिवार को जारी एक आदेश में कहा था कि कोलकाता में रैलियां, बैठकें, जुलूस, धरना, प्रदर्शन और पांच या अधिक व्यक्तियों की गैरकानूनी सभा पर प्रतिबंध है।

राज्य में बम जैसी वस्तुएं मिलने पर सीएम सरमा पर बरसे गौरव गोगोई, कहा- सुरक्षा देने में विफल साबित

दिसपुर: असम में कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर निशाना साधा है। गोगोई का कहना है कि उल्फा (आई) ने राज्य में 24 जगहों पर बम लगाने का दावा किया है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में 10 जगहों से बम जैसी वस्तुएं बरामद की गई हैं, ऐसे में सरकार आम लोगों को सुरक्षा दिलाने में विफल साबित हुई है।

गौरव गोगोई ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए पुलिस और खुफिया विभाग से भी सवाल पूछा। उन्होंने कहा, ‘जब प्रतिबंधित संगठन द्वारा राज्य में अलग अलग जगहों पर संदिग्ध वस्तुओं को प्लांट किया जा रहा था, क्या उस समय पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारी सो रहे थे? उन्होंने आगे कहा, ‘अगर उल्फा-आई से जुड़े राज्य में अलग अलग जगहों पर संदिग्ध वस्तुओं को प्लांट करते हैं, तो क्या यह हमारे गृह विभाग की विफलता नहीं है? उन्होंने आगे कहा, इस आधुनिक समय में हमें लगातार सर्विलांस पर रखा जा रहा है। हमारे फोन टैप किए जा रहे हैं। मरे ख्याल से पेगासस की मदद से मेरा फोन भी टैप किया गया।

जोरहाट में कांग्रेस पार्टी के एक समारोह के दौरान गौरव गोगोई ने आगे कहा, ‘उल्फा-आई ने इस तरह से हमें कड़ा संदेश दिया है। मैं सवाल पूछना चाहता हूं कि राज्य के मुख्यमंत्री और उनका गृह विभाग क्या कर रहा है? उल्फा-आई ने इतने सटीक तरीके से अपनी योजना को अंजाम दिया कि किसी को भी जानकारी नहीं मिली। यह साबित करता है कि हमारा गृह विभाग पूरी तरह से विफल साबित रहा है। आपको बता दें कि गुवाहाटी में शुक्रवार को दो आईईडी जैसे उपकरण बरामद किए गए थे। 24 घंटों के भीतर असम में बम जैसे कुल 10 पदार्थ जब्त किए गए। प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) ने दावा किया है कि उसने राज्य में सिलसिलेवार विस्फोट करने के लिए 24 विस्फोटक लगाए हैं।

कांग्रेस ने बताया किस आधार पर एमवीए में होगा सीटों का बंटवारा, कहा- लोकसभा की जीत दोहराएंगे

मुंबई:महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं। इस बीच कांग्रेस के एक नेता ने रविवार को कहा है कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए महाविकास अघाड़ी की सहयोगी पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर बात चल रही है और सीट बंटवारे में इस बात पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाएगा कि किस उम्मीदवार के जीतने की सबसे ज्यादा उम्मीद है।

‘जिसके जीतने की संभावना ज्यादा,उसे ही मिलेंगी ज्यादा सीटें’
कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के गठबंधन महाविकास अघाड़ी ने 16 अगस्त को अपने पदाधिकारियों की एक संयुक्त बैठक की थी। इसी बैठक में इस बात पर चर्चा हुई। राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने बताया कि ‘जीत की संभावना सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे का आधार होगी और इस पर जल्द से जल्द काम किया जाएगा।’ खान ने गठबंधन की जीत की संभावना जताते हुए कहा कि ‘लोकसभा चुनाव के नतीजे निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव में भी दोहराए जाएंगे।’

नसीम खान ने दावा किया कि सत्तारूढ़ महायुति के वादे झूठे हैं और उनकी तरफ से फर्जी बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महायुति के कार्यकाल में विकास कम हुआ है और भ्रष्टाचार बढ़ा है। राज्य सरकार ने मुंबई और महाराष्ट्र को कमजोर करने का काम किया है और किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी हैं। खान ने दावा किया कि लोग सरकार से नाराज हैं।

लोकसभा चुनाव की जीत से उत्साहित एमवीए गठबंधन
16 अगस्त को हुई एमवीए सहयोगियों की बैठक में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मांग की कि गठबंधन अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ही सीएम के चेहरे का एलान कर दिया जाना चाहिए। एमवीए गठबंधन ने इस साल हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 30 पर जीत हासिल की थी। वहीं भाजपा जिसने 2019 में 23 सीटों पर जीत हासिल की थी, वह इस बार सिर्फ 9 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी।

TMC सांसद ने CBI से कमिश्नर को हिरासत में लेकर पूछताछ की मांग की, प्रवक्ता ने किया विरोध

कोलकाता:  कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना पर अब सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में ही सिर फुटव्व्ल शुरू हो गया है। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने इस मामले में सीबीआई से कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को हिरासत में लेकर पूछताछ की मांग कर दी, वहीं तृणमूल कांग्रेस के ही एक अन्य वरिष्ठ नेता ने इसका विरोध कर दिया। पूरे घटनाक्रम को लेकर तृणमूल कांग्रेस के अंदर ही घमासान मचा हुआ है।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर राय ने शनिवार रात को एक्स पर पोस्ट करते हुए सीबीआइ से कोलकाता के पुलिस कमिश्नर (सीपी) विनीत गोयल और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की है। उन्होंने मांग की कि सीबीआई को निष्पक्षता से काम करना चाहिए।

हॉल की दीवार क्यों ढहाई गई
उन्होंने कहा कि हिरासत में लेकर पूछताछ इसलिए जरूरी है, ताकि पता चल सके कि महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या के बाद उसकी आत्महत्या की कहानी किसने और क्यों फैलाई। जहां से शव मिला था, उस हॉल की दीवार क्यों गिराई गई। तीन दिन बाद खोजी कुत्ते का इस्तेमाल क्यों किया गया। ऐसे सैकड़ों सवाल हैं। बता दें कि राय ने इससे पहले आरजी कर की घटना के खिलाफ 14 अगस्त की रात में महिलाओं के राज्यव्यापी धरने व विरोध प्रदर्शन का भी खुलकर समर्थन किया था। महिलाओं के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए वह धरने में भी शामिल हुए थे। उन्होंने साफ कहा था कि चाहे कुछ भी हो जाए, इस भयावह घटना का सबको मिलकर विरोध करना होगा।

डिप्टी सीएम केशव बोले- कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य, मायावती ने सरकार पर उठाए सवाल

लखनऊ:इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण के नियमों का पालन न करने पर सरकार को तीन महीने में नई सूची बनाने का निर्देश दिया है और पुरानी सूची को रद्द कर दिया है।प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाईकोर्ट के इस फैसले को स्वागत योग्य बताया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है। यह उन पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया। उनका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं।

वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कोर्ट के फैसले को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि फैसला ये साबित करता है कि सरकार ने अपना काम निष्पक्षता और ईमानदारी से नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यूपी में सन 2019 में चयनित 69,000 शिक्षक अभ्यार्थियों की चयन सूची को रद्द करके तीन महीने के अन्दर नई सूची बनाने के हाईकोर्ट के फैसले से साबित है कि सरकार ने अपना काम निष्पक्षता व ईमानदारी से नहीं किया है। इस मामले में खासकर आरक्षण वर्ग के पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित हो।

उन्होंने कहा कि वैसे भी सरकारी नौकरियों की भर्तियों में पेपर लीक आदि के मामले में यूपी सरकार का रिकार्ड भी पाक-साफ नहीं होने पर यह काफी चर्चाओं में रहा है। अब सहायक शिक्षकों की सही बहाली नहीं होने से शिक्षा व्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ना स्वाभाविक है। सरकार इस ओर जरूर ध्यान दे।

हाईकोई के इस फैसले से पहले से चयनित सहायक प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी पर संकट आ गया है। हाईकोर्ट ने पुरानी सूची रद्द कर अगले तीन महीनों में नई सूची जारी करने का निर्देश दिया है।

डॉ. पल्लवी पटेल बोलीं, हिम्मते मर्दा तो मददे खुदा
सपा विधायक डॉ. पल्लवी पटेल ने एक्स पर कहा कि लंबे समय से चल रहे इस 69000 शिक्षक भर्ती घोटाले के विरुद्ध छात्र – छात्राओं के आंदोलन को देश की न्यायपालिका ने सुखद न्याय दिया है। इस फैसले का बारम बार स्वागत है और सही कहा गया है कि हिम्मते मर्दा तो मददे खुदा।

मायावती का बंगाल सरकार पर हमला, कहा- कोलकाता की घटना को धार्मिक रंग दे रही टीएमसी

लखनऊ:बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार को कहा कि बंगाल में लेडी डाक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर की जघन्य वारदात से पूरा देश चिन्तित व आक्रोशित है फिर भी तृणमूल कांग्रेस सरकार अपने बचाव में इसे धार्मिक व राजनैतिक रंग देने में लगी है। वहीं विपक्ष भी इस मामले में कम नहीं है।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में दोषियों को सख्त सजा व पीड़ित परिवार को न्याय कैसे मिले इसकी चिन्ता जरूरी है। मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप आदि को त्याग कर असली दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के लिए सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आगे आना होगा। पीड़ित परिवार ने मुआवजा नहीं लेने व न्याय की बात कही है। उनकी पीड़ा व घटना को लेकर इंसाफ के तकाजे पर सभी को गंभीर होने की जरूरत है।

इस घटना को लेकर डाक्टरों व मेडिकल छात्रों का आन्दोलन भी अपनी जगह सही है जिसका समर्थन भी है लेकिन इस दौरान गरीब मरीजों के इलाज की तरफ भी जरूर ध्यान दिया जाए तो यह उचित होगा साथ ही सरकार अस्पतालों व डाक्टरों की भी सुरक्षा व सम्मान का विशेष ध्यान रखे।

मेघालय HC ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाया प्रतिबंध, कहा- अगर कोई नहीं माने तो वसूलें भारी जुर्माना

शिलांग:प्रधान न्यायाधीश एस वैद्यनाथन की अध्यक्षता वाली पीठ ने टेट्रा पैक कार्टन की भी वकालत की। यह मुख्य रूप से कागज से बने होते हैं और प्लास्टिक की जगह इस्तेमाल में लाए जाने के लिए एक प्रभावी विकल्प हो सकते हैं। अदालत ने कहा कि प्लास्टिक के खिलाफ लड़ाई सिर्फ एक पर्यावरण के लिए धर्मयुद्ध नहीं है, बल्कि हमारी दुनिया के स्वास्थ्य और भविष्य के लिए एक लड़ाई है।

पूजा स्थलों में और उसके आसपास प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग न हो
खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया। अदालत ने कहा, ‘इस तरह के कदम की शुरुआत मंदिर परिसर से की जा सकती है। मंदिर के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पूजा स्थलों में और उसके आसपास प्लास्टिक की थैलियों का कोई उपयोग न हो।’

सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं
अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सभी मंदिरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए, ताकि अगर कोई मंदिर के अंदर प्लास्टिक ले जाता है, तो उस पर कुछ हद तक अंकुश लगाया जा सके। पीठ ने दुकानों पर प्लास्टिक की थैलियों के भंडारण और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने का निर्देश भी दिया।

पीठ ने कहा, ‘अगर किसी भी दुकान से प्लास्टिक की थैलियां मिलती हैं तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए। साथ ही अगर ऐसा जारी रहा तो ऐसी दुकानों को सील कर दिया जाना चाहिए।’

राज्य सरकार लगाए भारी जुर्माना
राज्य सरकार को सतर्क रहने का निर्देश देते हुए पीठ ने यह भी आदेश दिया कि प्लास्टिक की वस्तुओं को प्रवेश स्तर पर ही रोक दिया जाए। अदालत ने कहा, ‘सभी दुकानों पर समय-समय पर छापे मारे जाने चाहिए और मेघालय सरकार को राज्य के अंदर प्लास्टिक का उपयोग करने वालों के खिलाफ भारी जुर्माना लगाने के बारे में सोचना चाहिए।’