Saturday , November 23 2024

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पारादीप बंदरगाह पर मिस्त्र का जहाज जब्त, ओडिशा उच्च न्यायालय के आदेश पर हुई कार्रवाई

भुवनेश्वर:  ओडिशा के पारादीप बंदरगाह पर लंगर डाले हुए मिस्र के एक जहाज को जब्त कर लिया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि उड़ीसा उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि जहाज 6 अगस्त को पारादीप बंदरगाह पर पहुंचा था। इस जहाज पर जर्मनी की एक कंपनी का 3.96 करोड़ रुपये बकाया था। कर्ज का भुगतान न करने पर ओडिशा उच्च न्यायालय के आदेश पर जहाज को जब्त कर लिया गया।

क्या है मामला
कम सल्फर वाली समुद्री गैस तेल के परिवहन से संबंधित एक जर्मन कंपनी ने ओडिशा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जहाज को हिरासत में लेने की अपील की थी। इस पर उच्च न्यायालय ने बीती 14 अगस्त को जहाज को हिरासत में लेने का आदेश दिया। अदालत के आदेश के बाद जहाज को जब्त कर लिया गया। समुद्री परिवहन कानून के तहत किसी जहाज को जहाज के स्वामित्व, निर्माण, कब्जे, प्रबंधन और संचालन संबंधी दावों के तहत जब्त किया जा सकता है।

अधिकारी ने बताया कि हिरासत की निगरानी के लिए स्थानीय अदालत के एक वरिष्ठ न्यायाधीश को एडमिरल नियुक्त किया गया है। अदालत के आदेश के अनुसार, जहाज को अगले नोटिस तक हिरासत में रखा जाएगा। जहाज – एमवी वादी अलबोस्तान – पारादीप बंदरगाह से 55,000 मीट्रिक टन लौह अयस्क लेकर चीन जा रहा था। मिस्त्र के जहाज को जब्त करने की यह पारादीप बंदरगाह पर बीते चार महीने में तीसरी घटना है।

इसरो आज लॉन्च करेगा SSLV रॉकेट, आपदा को लेकर देगा अलर्ट, काउंटडाउन शुरू

श्री हरिकोटा:इसरो आज सुबह श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह 9:19 बजे नया रॉकेट एसएसएलवी D3 की लॉन्चिंग करने जा रहा है। इसके साथ EOS-08 मिशन के तौर पर नया अर्थ ऑब्जरवेशन सेटेलाइट लॉन्च किया जाएगा, जोकि आपदाओं के बारे में अलर्ट देगा। यह एसएसएलवी की अंतिम प्रदर्शन उड़ान होगी। इसरो ने बताया कि एसएसएलवी-डी3-ईओएस के प्रक्षेपण से पहले काउंटडाउन 02: 47 बजे शुरू हो गया।

पर्यावरण और आपदा की जानकारी देगा EOS-08
अर्थ ऑब्जरवेशन सेटेलाइट EOS-08 पृथ्वी की निगरानी करने के साथ ही पर्यावरण और आपदा को लेकर जानकारी देगा। इसके साथ ही तकनीकी प्रदर्शन भी करेगा। लगभग 175.5 किलोग्राम वजन वाला EOS-08 कई वैज्ञानिक और व्यावहारिक क्षेत्रों में मूल्यवान डाटा और अंतर्दृष्टि का योगदान देने के लिए तैयार है। ईओएस-08 में तीन अत्याधुनिक पेलोड हैं: एक इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (ईओआईआर), एक ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (जीएनएसएस-आर) और एक एसआईसी यूवी डोसिमीटर।

ईओआईआर पेलोड को मध्य-तरंग आईआर और लंबी-तरंग आईआर बैंड में दिन और रात दोनों छवियों को कैप्चर करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो आपदा निगरानी से लेकर आग का पता लगाने और ज्वालामुखी गतिविधि अवलोकन तक के अनुप्रयोगों को सक्षम बनाता है। जीएनएसएस-आर पेलोड महासागर की सतह की हवा के विश्लेषण, मिट्टी की नमी के आकलन और बाढ़ का पता लगाने के लिए अभिनव रिमोट सेंसिंग क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।

एक वर्ष के लिए तय है ईओएस-08 का मिशन
ईओएस-08 में कई स्वदेशी रूप से विकसित घटक भी शामिल हैं, जिनमें सौर सेल निर्माण प्रक्रियाएं और माइक्रोसैट अनुप्रयोगों के लिए एक नैनो स्टार-सेंसर शामिल हैं। इसरो ने कहा था कि नवाचार के लिए मिशन की प्रतिबद्धता बेहतर प्रदर्शन के लिए एक्स-बैंड डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम तक फैली हुई है। इसरो ने कहा था, अपने नियोजित एक वर्ष के मिशन जीवन के साथ, ईओएस-08 महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करने के लिए तैयार है, जो पृथ्वी की प्रणालियों की समझ को बढ़ाएगा और समाज और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए लाभकारी अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला का समर्थन करेगा।

SSLV को मिल जाएगा यह दर्जा
इस मिशन की उम्र एक साल है। एसएसएलवी D3 की लॉन्चिंग के बाद SSLV को पूरी तरह से ऑपरेशन रॉकेट का दर्जा मिल जाएगा। SSLV-D1/EOS-02 के पहले मिशन ने अगस्त 2022 में उपग्रहों को इच्छित कक्षाओं में स्थापित किया था। दूसरी विकासात्मक उड़ान 10 फरवरी, 2023 को सफलतापूर्वक लॉन्च की गई थी। एसएसएलवी रॉकेट की लागत PSLV रॉकेट से करीब छह गुना तक कम है।

स्वतंत्रता दिवस पर सीएम योगी ने की बड़ी घोषणा, 50 लाख से ज्यादा युवाओं को मिलेगा रोजगार

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 78वें स्वाधीनता दिवस पर विधान भवन के समक्ष ध्वजारोहण के बाद युवाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना’ की घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश का युवा प्रतिभाशाली और ऊर्जा से भरपूर है। इस योजना के जरिए 10 लाख युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। युवाओं को 10 लाख एमएसएमई इकाइयों के गठन के लिए सरकार आर्थिक सहयोग करेगी। इसके माध्यम से 50 लाख रोजगार भी सृजित होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक हुए निवेश से एक करोड़ 62 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को अपनाकर 62 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने में भी मदद मिली है। हमने 7 वर्ष में 6.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की है। स्टार्ट अप फंड की भी स्थापना की गई है। युवाओं को 2 करोड़ स्मार्टफोन और टैबलेट दिए जा रहे हैं। एक मंडल एक विश्वविद्यालय की परिकल्पना साकार हो गई है। अब हम एक जनपद एक विश्वविद्यालय की स्थापना के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। इस अवसर पर विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल समेत कई मंत्री, विधायक, अधिकारी मौजूद थे।

दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा यूपी
योगी ने कहा कि कभी बीमारु व देश के विकास का बैरियर माना जाने वाला यूपी आज अनलिमिटेड पोटेंशियल और रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। राष्ट्रीय जीडीपी में 9.2 प्रतिशत योगदान के साथ यूपी देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। पिछले सात वर्ष में प्रति व्यक्ति आय को भी दोगुना करने में भी सफलता मिली है। सरकार अंत्योदय के माध्यम से समाज के अंतिम पायदान के लोगों के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। हर गरीब, जरुरतमंद व वंचित को शासन की योजनाओं का लाभ देना हमारी प्राथमिकता है।

विगत साढ़े सात वर्ष में 56 लाख से अधिक गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास, 2.62 करोड़ गरीबों को व्यक्तिगत शौचालय, रसोई गैस के 1.86 करोड़ से अधिक निःशुल्क कनेक्शन दिए गए। 2.65 करोड़ से अधिक परिवारों में पेयजल कनेक्शन और 15 करोड़ गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य निरंतर चल रहा है। आधी आबादी के सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए सरकार कटिबद्ध है। किसानों की आय बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

उपेक्षित लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा
सीएम ने कहा कि वनटांगिया, मुसहर, थारु, कोल आदि वंचित समुदाय को आवास, राशन, जमीन के पट्टे, स्कूल आदि की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई गई है। आजादी के बाद 70 वर्ष तक उपेक्षित रहे यह लोग विकास की मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं। यूपी 6 करोड़ लोगों को गरीबी से ऊपर उठाने में सफल रहा है। पीएम की मंशा के अनुरूप देश को जीरो पॉवर्टी के अभियान के क्रम को आगे बढ़ाने का प्रदेश सरकार ने भी संकल्प लिया है। हर परिवार का फैमिली आईडी बनाकर शासन की योजनाओं को 100 फीसदी सेचुरेशन के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए कार्य करेंगे।

‘बाबासाहेब आंबेडकर की संहिता को सांप्रदायिक बता रहे’, विपक्षी दलों का पीएम मोदी के संबोधन पर वार

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता’ वाली टिप्पणी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वह संविधान की शपथ लेते हैं और फिर डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा लिखी गई संहिता को सांप्रदायिक बताते हैं। खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि पिछली सरकारों के कार्यकाल में आतंकवादी हमले हुए थे। लेकिन वह एक तरह से अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ बोल रहे हैं। कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा कि बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री ने क्या कदम उठाए हैं।

वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, संविधान पहले है। यह हर चीज से ऊपर है। यहां तक कि प्रधानमंत्री भी यही कहते हैं।

इससे पहले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि आजादी संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों से बुना गया है। उन्होंने कहा, सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। हमारे लिए आजादी महज एक शब्द नहीं है। बल्कि यह हमारा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है, जो संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों से बुना गया है। उन्होंने कहा, यह अभिव्यक्ति की ताकत, सच बोलने की क्षमता और सपनों को पूरा करने की उम्मीद है। जय हिंद।

वहीं, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान हमारा सबसे बड़ा कवच है। उन्होंने क हाँ, हम आखिरी सांस तक इसकी रक्षा करेंगे। विपक्ष लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन है। यह सरकार के असंवैधानिक रवैये की जांच करता है और लोगों की आवाज को आगे बढ़ाता है। यह चिंताजनक है कि सरकार ने संवैधानिक और स्वायत्त संस्थानों को कठपुतलियों में बदल दिया है।

पहली बार भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात हुईं सभी महिला सैनिक, स्वतंत्रता दिवस की दी शुभकामनाएं

कोलकाता:सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सभी महिला इकाई ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आयोजित पारंपरिक स्वतंत्रता दिवस समारोह के तहत अग्रिम मोर्चे पर तैनात बांग्लादेश की महिला बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) कर्मियों को मिठाई खिलाई और शुभकामनाएं दीं। ऐसा पहली बार हुआ है कि दोनों देशों की तरफ से सीमा चौकी पर महिला सीमा रक्षकों के बीच शुभकामनाओं का आदान-प्रदान हुआ है। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट जारी है।

बीएसएफ की 32वीं बटालियन के जवानों ने दी शुभकामनाएं
बीएसएफ की 32वीं बटालियन की छह सदस्यीय टीम ने नादिया जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी की। अधिकारियों ने बताया कि ये कर्मी कांस्टेबल रैंक की हैं। वहीं सुबह आयोजित पारंपरिक समारोह में भाग लेने वाली बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) की महिला टीम बांग्लादेश की दर्शना सीमा चौकी के अंतर्गत तैनात बांग्लादेशी बल की 6वीं बटालियन से संबद्ध है। 32वीं बटालियन बीएसएफ के कमांडेंट सुजीत कुमार ने कहा, ‘बधाईयों का आदान-प्रदान और मिठाइयां बांटना दोनों सीमा बलों के बीच आपसी सम्मान और सौहार्द का प्रतीक है। यह एक ऐसी परंपरा है जिसे महिला कर्मियों ने पहली बार निभाया है।’

दीवाली और ईद पर भी होता है मिठाईयों का आदान-प्रदान
समारोह के दौरान दोनों पक्षों ने हाथ मिलाया और अपने-अपने देशों की निरंतर समृद्धि की कामना की तथा उनके बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की प्रतिबद्धता जताई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोनों बलों के बीच मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान पारंपरिक रूप से दोनों देशों के राष्ट्रीय त्योहारों जैसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अलावा दीपावली और ईद जैसे बड़े त्योहारों के दौरान होता है।

असम में हड़कंप, उल्फा-आई ने किया 24 स्थानों पर बम लगाने का दावा; पुलिस दे रही जगह-जगह दबिश

गुवाहाटी:  असम में उस समय हड़कंप मच गया जब कई जगह पर बम लगाने की बात सामने आई। दरअसल, प्रतिबंधित उल्फा-आई ने गुरुवार को राज्य में 24 स्थानों पर बम लगाने का दावा किया। इसके बाद सुरक्षा बलों ने विस्फोटकों की तलाश के लिए टीमें भेजीं।

बम या विस्फोटक मिलने की कोई खबर नहीं
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उल्फा-आई द्वारा बताए गए सभी स्थानों पर बम निरोधक दस्ते भेजे गए हैं, लेकिन कहीं से बम या विस्फोटक मिलने की कोई खबर नहीं है। वहीं, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा-इंडिपेंडेंट) की ओर से मीडिया घरानों को एक ईमेल भेजा गया। इसमें आतंकी संगठन ने कहा कि बम तकनीकी विफलता के कारण नहीं फटे।

इसने 19 विस्फोटों की सही जगह की पहचान करने वाली एक सूची दी। साथ ही कहा कि पांच और विस्फोटकों के स्थानों का पता नहीं लगाया जा सका है। अधिकारी ने बमों को निष्क्रिय करने में जनता का सहयोग मांगा।

खोजी कुत्तों को हर स्थान पर भेजा गया
असम पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिलों के सभी पुलिस अधीक्षकों, खासकर उल्फा के शांति-वार्ता विरोधी धड़े द्वारा सूची में शामिल पुलिस अधीक्षकों को सतर्क कर दिया गया है और उनसे इलाकों की गहन तलाशी लेने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि बम निरोधक दस्ते, मेटल डिटेक्टर और खोजी कुत्तों को हर स्थान पर भेजा गया है। अभी तक हमें बम बरामद होने के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।

24 स्थानों में से आठ स्थान गुवाहाटी में
हालांकि नगांव, लखीमपुर और शिवसागर के कुछ स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने घटनास्थल से कुछ बम जैसी सामग्री बरामद की है। 24 स्थानों में से आठ स्थान गुवाहाटी में हैं। इनमें दिसपुर में स्थित असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और अन्य मंत्रियों के आधिकारिक आवासों के पास एक खुला मैदान भी शामिल है। एक अन्य स्थान गुवाहाटी के नरेंगी में सेना छावनी की ओर जाने वाली सतगांव सड़क है। इनके अलावा, राजधानी के आश्रम रोड, पानबाजार, जोरबाट, भेटापाड़ा, मालीगांव और राजगढ़ में भी बम धमाकों के स्थान बताए गए हैं।

कौन हैं रिमझिम सिन्हा? जिनकी पहल पर सड़कों पर उतरीं हजारों महिलाएं; न्याय की लगाई गुहार

कोलकाता:पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की हत्या के विरोध में हजारों महिलाएं बुधवार की रात को सड़क पर उतर आईं। रिक्लेम द नाइट अभियान सोशल मीडिया के जरिए कोलकाता के कई इलाकों में फैल गया। हालांकि, इस विरोध प्रदर्शन के बीच ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हिंसा हो गई। कुछ अज्ञात प्रदर्शनकारियों ने इमरजेंसी वॉर्ड में घुसकर तोड़फोड़ किया।

हावड़ा के मंदिरतला जिले में भी हिंसा की घटनाएं सामने आईं। प्रदर्शनकारी स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं से भिड़ गए। ‘रिक्लेम द नाइट’ अभियान की पहल करने वाली रिमझिम सिन्हा ने इस अभियान को महिलाओं के लिए एक नया स्वतंत्रता संग्राम बताया।

कौन हैं रिमझिम सिन्हा?
रिमझिम सिन्हा एक सामाजिक विज्ञान शोधकर्ता है। उन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज से 2020 में समाजशास्त्र में ग्रेजुएशन किया। वह महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की खबर से स्तब्ध थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुम में रिमझिम ने प्रदर्शन को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि वह कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष के बयान से उत्तेजित थी। प्रिंसिपल ने सवाल किया कि जूनियर अकेले में सेमिनार हॉल में क्यों गए? उनके इस तरह के बयान ने पीड़िता पर ही आरोप लगा दिए।

रिमझिम ने कहा, “इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैंने फैसला किया कि मैं 14 अगस्त को बाहर प्रदर्शन करूंगी और कोई भी हमें यह निर्देश नहीं दे सकता कि कौन बाहर हो सकता है और क्यों।” रिमझिम ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनका यह अभियान वायरल हो जाएगा और हजारों की संख्या में लोग इसमें शामिल होंगे।

क्या है मामला?
आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। गुरुवार को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। शुक्रवार सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ।

पीएम की इस मंशा से शुरू हो सकते हैं छात्र संघ चुनाव; सियासत की पाठशाला में गिनी जाती है यह नर्सरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर गैर-राजनीतिक परिवार के युवाओं को सियासत में लाने की मंशा जताई। शुरुआती दौर में एक लाख युवाओं को आगे लाने की बात कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सियासी तौर पर उस मुद्दे को आगे बढ़ाया, जो अभी तक ‘मिशन मोड’ में नहीं था। हालांकि अभी भी देश की कई राजनीतिक पार्टियों और सियासी दलों ने ऐसे युवाओं को मौका दिया है, जिनके परिवार में पहले कभी कोई सियासत में नहीं था।

लेकिन जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से लाल किला से ऐसे युवाओं को सियासत में लाने यह मंशा जताई है, वह सियासी नजरिए से एक बड़े प्रयोग के तौर पर देखी जा रही है। वहीं उत्तर प्रदेश समेत उन राज्यों के युवाओं ने छात्र संघ चुनाव की मांग भी कर डाली है, जहां चुनाव नहीं हो रहे हैं। छात्र राजनीति से जुड़े रहे नेताओं का मानना है कि सियासत की नर्सरी में गैर-राजनीतिक परिवार के युवा यहां से आगे बढ़ते हैं। इसलिए जिन राज्यों में चुनाव नहीं होता है, वहां पर इसको शुरू कराया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर आने वाले दिनों में गैर राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले युवाओं को सियासत में आगे आने की अपील भी की और अपनी मंशा भी जताई। प्रधानमंत्री की समस्या का सबसे ज्यादा असर उन राज्यों पर पड़ रक्षा है, जहां पर सियासी रूप से छात्र संघ के चुनाव नहीं हो रहे हैं। दरअसल सियासत की नर्सरी के तौर पर छात्र संघ के चुनावों को देखा जाता रहा है।

कानपुर विश्वविद्यालय के युवराज दत्त महाविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष हिमांशु तिवारी कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैर राजनीतिक परिवार के युवाओं को आगे लाने की बात कहकर सियासत में एक मिशन मोड की राजनीति की बात की है। हिमांशु कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब एक लाख युवाओं को सियासत में लाने की मंशा जाहिर की है, तो अब उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में छात्र संघ चुनाव को भी शुरू कराए जाने की प्रक्रिया होनी चाहिए। उनका कहना है कि सियासत की पहली पाठशाला ही छात्र संघ चुनाव होते हैं, जो अब यहां नहीं हो रहे हैं।

हिमांशु कहते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसकी पहल की है, तो उम्मीद की जा रही है कि सियासत में आने के बाद सभी रास्ते युवाओं के लिए खोले जाएंगे, जिससे उनको आगे बड़ा मौका मिल सके। हिमांशु ने बताया कि जल्द ही उत्तर प्रदेश समेत देश के उन राज्यों के छात्र नेताओं से मिलकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाएगा, जहां पर छात्र संघ के चुनाव नहीं होते हैं। ताकि गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले युवाओं को सियासत की नर्सरी में आगे बढ़ने का बेहतर मौका मिल सके।

कोलकाता पुलिस ने जारी की हिंसा के आरोपियों की तस्वीर, लोगों से जानकारी देने की अपील की

कोलकाता:कोलकाता पुलिस ने डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान कल रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज में उत्पात मचाने वाली भीड़ की तस्वीरें जारी की हैं। पुलिस ने फेसबुक पर दंगाइयों की तस्वीरें साझा करते हुए लोगों से इनके बारे में जानकारी मांगी है, जिससे इनकी पहचान करने में मदद मिल सके।

बुधवार की रात अस्पताल में की गई तोड़फोड़
उल्लेखनीय है कि बीती रात, जब पश्चिम बंगाल और देश के कई अन्य शहरों में महिलाएं डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहीं थी, तो कुछ लोगों की भीड़ ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। इस दौरान वाहनों में तोड़फोड़ की गई और उपद्रवियों की भीड़ अस्पताल की इमारत में घुस गई। दंगाइयों द्वारा अस्पताल के अंदर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की तस्वीरें वायरल हो गई हैं। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। झड़प में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।

अपराध स्थल से छेड़छाड़ की बात से पुलिस का इनकार
ऐसी चर्चाएं चल रही हैं कि जिस सेमिनार हॉल में जहां डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की गई, वहां भी दंगाइयों ने तोड़फोड़ की। हालांकि कोलकाता पुलिस ने साफ किया है कि अपराध स्थल से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। पुलिस ने लोगों से सोशल मीडिया पर अफवाह न फैलाने की अपील की। वहीं दंगाइयों द्वारा अस्पताल में तोड़फोड़ पर राजनीति विवाद तेज हो गया। विपक्ष के नेता, भाजपा के सुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि दंगाइयों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध रैली को बाधित करने के लिए भेजा था।

अधिकारी ने कहा कि ‘ममता बनर्जी ने अपने टीएमसी के गुंडों को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास गैर-राजनीतिक विरोध रैली में भेजा। उन्हें लगता है कि वे पूरी दुनिया में सबसे चतुर व्यक्ति हैं और लोग उनकी चालाक योजना को नहीं समझ पाएंगे कि प्रदर्शनकारियों के रूप में दिखने वाले उनके गुंडे भीड़ में शामिल होकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अंदर तोड़फोड़ करेंगे।’ भाजपा नेता ने कहा, ‘पुलिस ने उन्हें सुरक्षित रास्ता दिया, ताकि ये गुंडे अस्पताल परिसर में घुस जाएं और महत्वपूर्ण सबूतों वाले क्षेत्रों को नष्ट कर दें ताकि वे सीबीआई को न मिल पाएं।’

भाजपा के आरोपों के खिलाफ भंडाफोड़ अभियान चलाएगी सपा, जिलों में जाएंगी फैक्ट फाइंडिंग टीमें

लखनऊ:  भाजपा विभिन्न घटनाओं को लेकर सपा पर जो आरोप लगा रही है, उसके खिलाफ समाजवादी नेता शीघ्र ही भंडाफोड़ अभियान चलाएंगे। सपा सूत्रों का कहना है कि अलग-अलग जिलों में हो रही घटनाओं के असली कारणों को सामने लाने के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीमें भी भेजी जाएंगी।

सपा नेतृत्व ने सभी जिला व शहर कमेटियों को निर्देश दिए हैं कि भाजपा के लोग सपा को बदनाम करने के लिए अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। इन आरोपों की तत्काल पड़ताल कर सही तथ्यों को सोशल मीडिया व अन्य मीडिया के माध्यम से जनता के सामने लाएं।

प्रदेश स्तर से भी वरिष्ठ नेताओं की टीम भेजकर ऐसे मामलों में तथ्य जुटाए जाएंगे। इसके अलावा सपा नेताओं ने अन्य आपराधिक घटनाओं में पीड़ित पक्ष से मिलकर सच सामने लाने की योजना बनाई है।