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विदर्भ को राज्य बनाने की मांग को लेकर निकाला मार्च, पुलिस ने हिरासत में लिए 350 लोग

नागपुर: महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र को राज्य बनाने की मांग को लेकर शनिवार को लोग सड़क पर उतरे। लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला। इस दौरान पुलिस ने 350 लोगों को हिरासत में लिया। जिन्हें शाम को रिहा कर दिया गया।

पूर्व विधायक वामनराव चटप के नेतृत्व में विदर्भ राज्य आंदोलन समिति (वीआरएएस) के कार्यकर्ता यशवंत स्टेडियम में एकत्र हुए और विधान भवन की ओर बढ़े। कार्यकर्ताओं ने जीरो माइल चौराहे पर जाम लगा दिया। साथ ही चौराहे पर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद पुलिस ने 350 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। प्रदर्शन को लेकर सीताबुलडी, जीरो माइल और विधान भवन के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई।

वीआरएएस लंबे समय से आर्थिक और प्रशासनिक उपेक्षा का हवाला देते हुए विदर्भ को राज्य का दर्जा देने की वकालत कर रहा है। प्रदर्शन के दौरान बिजली दरों और किसान ऋण राहत पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की गई।

‘पहले लगता था यह झूठ है, मगर आज…’ पीएम मोदी से मुलाकात कर गदगद हुए किसान

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में फसलों की 109 उच्च उपज वाली, जलवायु अनुकूल एवं जैव-सुदृढ़ किस्में जारी कीं। इस दौरान उन्होंने किसानों और वैज्ञानिकों से भी बातचीत की। वहीं, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम लैब से सीधे जमीन तक जानकारी जुटाना चाहते थे, इसलिए किसानों के बीच कार्यक्रम किया। वहीं, एक किसान ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को लेकर गंभीर है।

109 किस्म के बीज तैयार: शिवराज चौहान
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ’65 फसलों के 109 किस्म के बीज तैयार किए गए हैं। मैं वैज्ञानिकों को इन किस्मों के बीजों के उत्पादन के लिए बधाई देता हूं। 109 किस्म के बीज किसानों के मुनाफे में वृद्धि करेंगे, जनता के पोषण के लिए उपयोगी होंगे और निर्यात में वृद्धि करेंगे।’

उन्होंने आगे कहा, ‘पीएम मोदी की सोच थी कि किसानों के बीच में कार्यक्रम करेंगे। वह लैब से सीधे जमीन तक जानकारी चाहते थे। इसलिए उन्होंने किसानों के बीच कार्यक्रम किया। तीन अलग-अलग स्थानों पर, पीएम मोदी ने देश को बीज की 109 किस्मों को समर्पित किया है। किसानों के मन में भी कई सवाल थे, जिनके उत्तर दिए गए। पीएम मोदी ने किसानों और वैज्ञानिकों से बातचीत की। पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को कुछ सुझाव भी दिए। किसानों की आय बढ़ाने का सरकार का संकल्प है। यह एक सतत प्रक्रिया है, जो बीज आज जारी किए गए हैं, फिर ब्रीडर से नींव बीज तक एक वर्ष लगेगा।’

किसानों ने क्या कुछ कहा?
पीएम मोदी से बात करने वाले एक किसान ने कहा, ‘पहले पीएम मोदी जब किसान की आय दोगुनी करने की बात सुनते थे तो मुझे लगता था कि यह झूठ है। मगर आज उनसे मिलने के बाद यह पता चल गया है कि वह किसानों को लेकर काफी गंभीर हैं। हमारी बैठक में पीएम मोदी ने फसलों की नई किस्मों को जारी किया है, जो पर्यावरण के अनुकूल हैं और किसान की आय बढ़ाने में मदद करेंगी।’

पीएम मोदी से बातचीत करने वाले जैविक किसान संजीव कुमार ने कहा, ‘यह बहुत अच्छी बात है कि पीएम मोदी किसानों से मिलने आए और उनकी जरूरतों और समस्याओं के बारे में जानकारी ली। पीएम मोदी द्वारा आज फसलों की नई 109 किस्मों का शुभारंभ किया गया है, इससे किसानों को सीधा फायदा होने वाला है। इस साल अत्यधिक गर्मी के कारण टमाटर की फसलों को काफी नुकसान हुआ था। नई किस्म की फसलों के जारी होने के साथ ही इन मुद्दों का समाधान हो जाएगा। इससे अंततः किसानों को फायदा होगा।’

ग्रेट निकोबार द्वीप प्रोजेक्ट की समीक्षा की मांग, जयराम रमेश बोले- पर्यावरण को होगा भारी नुकसान

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ग्रेट निकोबार द्वीप में आधारभूत ढांचे की परियोजना को पर्यावरण के लिए ‘गंभीर खतरा’ बताते हुए इसकी समीक्षा की मांग की है। जयराम रमेश ने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से परियोजना को दी गई सभी मंजूरियों को निलंबित करने का आग्रह किया और संसदीय समितियों से इसकी गहन और निष्पक्ष समीक्षा कराने की मांग की है। जयराम रमेश ने इस संबंध में पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र भी लिखा है।

‘बंदरगाह प्रोजेक्ट से पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा’
कांग्रेस नेता ने पत्र में लिखा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को अपना धर्म निभाते हुए ग्रेट निकोबार द्वीप परियोजना को मंजूरी नहीं देनी चाहिए। खासकर तब जब यह परियोजना मानवीय, सामाजिक और पारिस्थितिकी रूप से विनाशकारी हो। जयराम रमेश ने लिखा कि ‘आपको राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान हमारी हाल की बातचीत याद होगी। ग्रेट निकोबार द्वीप में केंद्र सरकार की प्रस्तावित 72,000 करोड़ रुपये की ‘मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना’ ग्रेट निकोबार द्वीप के आदिवासी समुदायों और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा है।’ उन्होंने दावा किया कि इस परियोजना के ‘विनाशकारी पारिस्थितिक और मानवीय परिणाम’ हो सकते हैं और उचित प्रक्रिया का उल्लंघन करके और आदिवासी समुदायों की रक्षा करने वाले कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों को दरकिनार करके इस परियोजना को आगे बढ़ाया गया है।

द्वीप के कुल क्षेत्रफल का 15 प्रतिशत हिस्सा होगा प्रभावित
कांग्रेस नेता ने 10 अगस्त को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘सबसे पहले, इस परियोजना के लिए 13,075 हेक्टेयर वन भूमि के इस्तेमाल को बदलना होगा जो द्वीप के कुल क्षेत्रफल का 15% है। यह इलाका राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर एक अद्वितीय वर्षावन पारिस्थितिकी तंत्र है।’ उन्होंने लिखा कि ‘परियोजना स्थल के कुछ हिस्से कथित तौर पर CRZ 1A (कछुओं के रहने वाले क्षेत्र, मैंग्रोव, कोरल रीफ वाले क्षेत्र) के अंतर्गत आते हैं, इस क्षेत्र में बंदरगाह निर्माण प्रतिबंधित है।’

PM मोदी आज उच्च उपज वाली फसलों की 109 किस्में करेंगे जारी;किसानों को मिलेगा लाभ…

 नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में फसलों की 109 उच्च उपज वाली, जलवायु अनुकूल एवं जैव-सुदृढ़ किस्में जारी करेंगे। प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के दौरान किसानों और वैज्ञानिकों से बातचीत भी करेंगे।जारी की जाने वाली 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 खेत की फसलें और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं। खेत की फसलों में बाजरा, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, फाइबर और अन्य संभावित फसलों सहित विभिन्न अनाज के बीज जारी किए जाएंगे। बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, बागानों, कंद फसलों, मसालों, फूलों और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में जारी की जाएंगी।

पीएम मोदी ने हमेशा टिकाऊ खेती और जलवायु अनुकूल पद्धतियों को अपनाने को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने भारत को कुपोषण से मुक्त बनाने के लिए मध्याह्न भोजन और आंगनवाड़ी जैसे कई सरकारी कार्यक्रमों के साथ जोड़कर फसलों की जैव-प्रबलित किस्मों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया है। इन कदमों से किसानों की अच्छी आय सुनिश्चित होगी और उनके लिए उद्यमिता के नए रास्ते खुलेंगे।

बजट में पीएम-प्रणाम योजना की घोषणा
बता दें कि भारत सरकार पहले से ही पर्यावरण की चिंता के साथ हरित और टिकाऊ कृषि और अच्छी कृषि प्रथाओं के माध्यम से हरित कृषि को बढ़ावा दे रही है। यह राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए) को लागू कर रहा है जो जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) के तहत राष्ट्रीय मिशनों में से एक है। एनएमएसए का उद्देश्य भारतीय कृषि को बदलती जलवायु के प्रति अधिक लचीला बनाने के लिए रणनीतियों को विकसित और लागू करना है। इसके अलावा, सरकार ने बजट 2023-24 में धरती माता के पुनरुद्धार, जागरूकता, पोषण और सुधार के लिए प्रधानमंत्री कार्यक्रम (पीएम-प्रणाम) योजना की भी घोषणा की है, जिसका उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग और रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना है।

‘क्या मेरे बैग में बम…’, कोच्चि एयरपोर्ट पर CISF जवानों से बोला यात्री, मचा हड़कंप

तिरुवंतपुरम: केरल के कोच्चि हवाईअड्डे पर आज सुबह अचानक से अफरा-तरफी मच गई। दरअसल, मुंबई जा रहे एक यात्री ने बम का जिक्र कर सुरक्षा कर्मचारियों को चिंता में डाल दिया। इसके बाद मौके पर मौजूद सीआईएसएफ जवानों ने कार्रवाई करते हुए यात्री को गिरफ्तार कर लिया। जांच के बाद उसे पुलिस को सौंप दिया।

यात्री की हुई पहचान
हवाईअड्डे के अधिकारियों ने बताया कि यह घटना एयर इंडिया की फ्लाइट AI 682 के उड़ान भरने से पहले हुई। यह उड़ान कोच्चि से मुंबई जा रही थी। बम की धमकी देने वाले यात्री की पहचान 42 वर्षीय मनोज कुमार के रूप में हुई है। उसने हवाई अड्डे पर एक्स-रे बैगेज इंस्पेक्शन सिस्टम (XBIS) चेकपॉइंट पर सीआईएसएफ के जवानों से पूछा कि ‘क्या मेरे बैग में बम है’। इस पर लोगों में अफरा-तफरी मच गई।

सुरक्षा टीम आई हरकत में
कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्पि में बताया गया कि प्री-एम्बार्केशन सुरक्षा जांच के दौरान यात्री मनोज कुमार ने सीआईएसएफ से पूछा कि क्या मेरे बैग में कोई बम है? इस बयान ने चिंता पैदा कर दी और हवाई अड्डे की सुरक्षा टीम तुरंत हरकत में आ गई। बम डिटेक्शन और डिस्पोजल स्क्वॉड (BDDS) ने यात्री के केबिन और चेक किए गए बैग की गहन जांच की। आवश्यक जांच पूरी करने के बाद उड़ान को तय समय पर रवाना कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि आगे की जांच के लिए यात्री मनोज कुमार को पुलिस के हवाले किया गया है।

बैग में सच में बम था या नहीं…
हालांकि, अभी तक इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है कि यात्री के बैग में सच में बम था या नहीं। आमतौर पर इस तरह के मामलों में बम होने की सूचना फर्जी निकलती रही हैं। पहले भी कई यात्रियों ने फ्लाइट और चेकिंग के दौरान इस तरह की धमकियां दी हैं, लेकिन जांच के दौरान उनके बैग से कुछ नहीं मिला है।

बचपन में पता नहीं था कि पिता IPS हैं, जानें NSA अजित डोभाल के बेटे शौर्य ने क्या-क्या कहा

नई दिल्ली:  भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के निजी जीवन और काम को लेकर उनके बेटे शौर्य डोभाल ने कई अहम खुलासे किए। शौर्य ने कहा कि उनको बचपन में पता ही नहीं था कि उनके पिता आईपीएस हैं। वह समझते थे कि पिता विदेश सेवा में काम करते हैं। उन्हें अपने पिता के सीक्रेट मिशन के बारे में बहुत बाद में जानकारी मिली।

एक साक्षात्कार के दौरान भाजपा नेता और थिंक-टैंक इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक शौर्य ने कहा कि जब मैं भारत वापस आया तब मुझे इस बारे में जानकारी मिली। बचपन में मुझे पता ही नहीं था कि वे आईपीएस हैं। मुझे लगता है कि अगर एक डिटेक्टिव के काम के बारे में उसके बच्चों को पता होगा तो वह किस तरह का जासूस होगा?

उन्होंने कहा कि एक बार मैनें अपने पिता के एक सहकर्मी से कहा था कि पाकिस्तान के आईएसआई की तुलना में भारत के इंटेलीजेंस ब्यूरो की खबरें बहुत कम सुनने को मिलती हैं, ऐसा क्यों होता है? तो मेरे पिता के सहकर्मी ने मुझसे कहा था कि जो आप सुन नहीं पाते, हम वही करते हैं। शौर्य ने कहा कि मुझे पता ही नहीं था कि मेरे पिता क्या करते हैं, क्योंकि घर पर काम को लेकर चर्चा करने का कोई कल्चर नहीं है। लेकिन वह मुझसे हर चीज पूछते हैं और जानते हैं कि मैं क्या करता हूं।

दिल्ली विवि के हिंदू कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद शौर्य डोभाल ने लंदन बिजनेस स्कूल और शिकागो विवि से संयुक्त एमबीए किया है। एमबीए करने के बाद उन्होंने निवेश बैंकिंग में नौकरी की, लेकिन बाद में नौकरी छोड़ दी। इसके बाद 2009 में भारत वापस आकर थिंकटैंक इंडिया फाउंडेशन की स्थापना की।

इंडिया फाउंडेशन की स्थापना को लेकर शौर्य ने कहा कि भारत में राजनीतिक थिंक टैंक की संस्कृति नहीं थी, यह नई शुरुआत थी। मैं जीवन में व्यवसाय के साथ देश के लिए कुछ करना चाहता था। इसलिए मैनें यह शुरू किया। अपने काम करने के तरीके को लेकर उन्होंने कहा कि हम तटस्थ नहीं होते हैं। भारत के बारे में हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है। हम उसके अनुसार ही काम करते हैं। सरकार के साथ संबंधों को लेकर शौर्य ने कहा कि हमारा सरकार के साथ रिश्ता ज्यादा नहीं है। पार्टी के साथ रिश्ता है। फंडिंग को लेकर उन्होंने कहा कि हम निजी संगठन से फंडिंग करते हैं।

‘अच्छा होगा अगर मणिपुर भी जाएं….’, पीएम मोदी के वायनाड दौरे पर बोले कांग्रेस सांसद जयराम रमेश

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वायनाड दौरे पर शनिवार को कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि वायनाड में भूस्खलन से करीब 300 लोगों की मौत हो गई। हमारी मांग थी कि इस घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। आज प्रधानमंत्री ने वायनाड का दौरा किया है। अच्छा होगा अगर वह मणिपुर भी जाएं।

‘जनता के मुद्दों को नहीं सुन रही सरकार’
कांग्रेस सासंद रमेश ने कहा, “बजट से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। संसद के दोनों सदनों में विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने जनता की चिंताओं और मुद्दों को उठाया। हम यह बताने में सफल रहे कि बजट में क्या दावे किए गए थे और हकीकत क्या है। (नेता प्रतिपक्ष) राहुल गांधी ने किसानों और युवाओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। कई प्रतिनिधिमंडल राहुल गांधी से मिल रहे हैं, क्योंकि सरकार की तरफ से उनकी कोई नहीं सुन रहा है। लोग चिंतित हैं कि सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है।”

‘सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आते पीएम मोदी?’
उन्होंने आगे कहा, सरकार ने एक अच्छा कदम उठाते हुए सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें विदेश मंत्री ने बांग्लादेश के हालात से विपक्ष को अवगत कराया। लेकिन, अच्छा होता अगर पीएम मोदी भी बैठक का हिस्सा होते। उन्होंने पूछा, 26 मार्च 1971 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक में शामिल क्यों नहीं होते? वह कितनी बार संसद आते हैं?

पीएम के खिलाफ दिए विशेषाधिकार हनन के नोटिस
रमेश ने कहा, “इस सत्र में जब राहुल गांधी संसद को संबोधित कर रहे थे तो वह (पीएम) उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने के लिए दो बार खड़े हुए थे। मैंने प्रधानमंत्री के खिलाफ दो विशेषाधिकार हनन नोटिस दिए। लोकसभा में उन्होंने भारत के पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। राहुल गांधी को लेकर अनुराग ठाकुर की टिप्पणी को लोकसभा के रिकॉर्ड से हटा दिया गया था। लेकिन उन टिप्पणियों को पीएम मोदी ने ट्वीट किया था।” उन्होंने कहा, “मैंने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भी विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दायर किया।”

जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेताओं को बताया नकली राष्ट्रभक्त; कहा- उन्हें सिर्फ अपने परिवार की चिंता

गुजरात में भाजपा के तिरंगा यात्रा का शुभारंभ करने के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। जेपी नड्डा ने कहा कि यह नकली राष्ट्रभक्ति दिखाने वाले लोग, राजनीति के चश्मे से देश को देखने वाले लोग और अपनी राजनीति के लिए समाज को बांटने वाले लोग जान लें कि भारत की युवा और यहां की जनता झूठ और सच को दूध और पानी की तरह अलग करेंगे और इन्हें सच बताएंगे।

राहुल गांधी पर भी जेपी नड्डा ने साधा निशाना
इस दौरान जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेसियों को सिर्फ एक ही परिवार दिखाई देता है। वहीं राहुल गांधी का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि संकीर्ण मानसिकता वाले लोग भारत जोड़ो यात्रा के जरिए इंडिया को जोड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि इसी गुजरात की मिट्टी में जन्मे ‘लौहपुरुष’ सरदार पटेल ने आजादी के 2 साल के अंदर इन 562 रियासतों को जोड़कर एक महान भारत की रचना की थी।

जेपी नड्डा ने कांग्रेस पार्टी पर लगाया आरोप
जेपी नड्डा ने इस दौरान देश की सबसे पुरानी पार्टी पर चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरु और नेताजी सुभाष चंद्र बोस समेत अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को भूलने का भी आरोप लगाया।उन्होंने कहा, मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज तक एक भी कांग्रेस नेता केवड़िया में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्प अर्पित करने नहीं गया, जिन्होंने 562 रियासतों को एक साथ लाकर इस महान भारत का निर्माण किया था।

आप केवल एक परिवार को देखते हैं- जेपी नड्डा
उन्होंने कहा, अपने चश्मे से आप केवल एक परिवार को देखते हैं। आप चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरु, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान को भूल जाते हैं। आप उन लाखों लोगों और नेताओं के योगदान को भूल जाते हैं जिन्होंने भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। आपको केवल एक परिवार याद है।

नियमों में राष्ट्रीय आपदा की कोई अवधारणा नहीं, संसद में यूपीए सरकार ने ही दिया था जवाब

नई दिल्ली: सरकारी सूत्रों ने शनिवार को बताया कि साल 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने ही संसद में एक सवाल के जवाब में कहा था कि सरकारी नियमों में राष्ट्रीय आपदा की कोई अवधारणा नहीं है। यह स्पष्टीकरण ऐसे समय आया है, जब विपक्ष के कई नेताओं ने केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। राहुल गांधी भी ऐसी मांग कर चुके हैं।

राष्ट्रीय आपदा की कोई अवधारणा नहीं
सूत्रों ने बताया कि साल 2013 में तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और केरल से कांग्रेस के सांसद मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि ‘किसी प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है।’ जवाब में कहा गया कि ‘आपदा की गंभीरता के आधार पर कुछ अतिरिक्त राहत दी जा सकती है। आपदा की स्थिति में राहत और बचाव मदद देना प्राथमिकता है, लेकिन ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए।’

संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में यूपीए सरकार में दिया था जवाब
दरअसल ये सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार ने देश में आने वाली गंभीर प्रकृति की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए कोई मानदंड तय किए हैं या नहीं? गंभीर आपदा की स्थिति में स्थापित प्रक्रिया का पालन करने के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से अतिरिक्त सहायता पर भी विचार किया जाता है। साथ ही कहा गया कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आवश्यक बचाव और राहत उपाय करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्य सरकार की है।

वायनाड में पुनर्वास के लिए दो हजार करोड़ रुपये की जरूरत
गौरतलब हैं कि पीएम मोदी आज वायनाड के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री के दौरे से पहले केंद्र सरकार की एक टीम वायनाड दौरे पर पहुंची है। केरल सरकार की मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने इलाके का दौरा करने वाली केंद्रीय टीम से मुलाकात की और आपदाग्रस्त क्षेत्र में पुनर्वास एवं राहत कार्य के लिए 2,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी। गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव कुमार के नेतृत्व में केंद्रीय टीम ने आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और प्रभावित लोगों से बातचीत की। अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने कहा कि वायनाड भूस्खलन का प्रभाव बहुत बड़ा है और एक विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है।

नशे में धुत महिला ने बस कंडक्टर पर फेंका सांप, हैदराबाद पुलिस ने आरोपी महिला को हिरासत में लिया

हैदराबाद : तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में शुक्रवार को हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। पुलिस के मुताबिक नशे में धुत एक महिला ने कथित तौर पर बस के शीशे तोड़ने के बाद महिला बस कंडक्टर पर सांप फेंक दिया। फिलहाल हैदराबाद पुलिस ने आरोपी महिला को हिरासत में ले लिया है।

विद्यानगर का मामला, महिला ने बस पर शराब की फेंकी बोतल
पुलिस ने बताया कि एक महिला ने कथित तौर पर नशे में विद्यानगर में तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीजीएसआरटीसी) की बस पर शराब की बोतल फेंकी। जब कंडक्टर ने महिला से पूछताछ की तो उसने अपने बैग से सांप निकाला और उस पर फेंक दिया, हालांकि इस दौरान कंडक्टर सांप के काटने से बच गई।

मामले में नल्लाकुंटा पुलिस थाने में शिकायत कराई दर्ज
टीजीएसआरटीसी के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने घटना को लेकर नल्लाकुंटा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है और कहा कि ऐसी खबरें सच नहीं हैं कि महिला ने बस पर हमला किया क्योंकि चालक ने विद्यानगर बस स्टैंड पर वाहन नहीं रोका। उन्होंने कहा, विद्यानगर सिग्नल पर फ्री लेफ्ट पर कोई आरटीसी बस स्टॉप नहीं है और फ्री लेफ्ट से पहले और बाद में दो बस स्टॉप हैं।

महिला ने बस चालक पर बस न रोकने का लगाया आरोप
एक पुलिस अधिकारी ने मामले में बताया कि शिकायत के आधार पर महिला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसे हिरासत में ले लिया गया। महिला नशे में थी। उसने पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब बस चालक ने गाड़ी नहीं रोकी तो उसने कंडक्टर पर सांप फेंक दिया। अधिकारी ने आगे बताया कि महिला का पति सांप पकड़ता था और नाग पंचमी के मद्देनजर वह सांप को अपने साथ ले जा रही थी। आगे की जांच जारी है।