Saturday , November 23 2024

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बंगाल-बिहार सीमा पर मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरे; दक्षिण गोवा में भी मालगाड़ी बेपटरी

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कुमेदपुर में एक मालगाड़ी के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए। फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। रेलवे प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है। बिहार-बंगाल सीमा के पास हुई दुर्घटना की वजह से ट्रैक पर आवागमन प्रभावित हुआ है। सुचारू रेल परिचालन के लिए लाइनों को साफ करने के प्रयास जारी हैं। कटिहार के मंडल रेल प्रबंधक लाइनों को साफ करने के काम की निगरानी कर रहे हैं।

दक्षिण गोवा में मालगाड़ी पटरी से उतरी
कर्नाटक की सीमा से लगे दक्षिण गोवा के पहाड़ी क्षेत्र में शुक्रवार सुबह एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई। इससे दक्षिण पश्चिम रेलवे (एसडब्ल्यूआर) मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी मंजूनाथ कनमदी ने बताया कि हुबली डिवीजन के अंतर्गत सोनालियम और दूधसागर स्टेशनों के बीच घाट सेक्शन में सुबह 9.35 बजे 17 भरी हुई बोगियों वाली ट्रेन पटरी से उतर गई। इस वजह से तीन ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया और दो अन्य को रद्द कर दिया गया।

उन्होंने बताया कि 140 टन की क्रेन और अन्य आवश्यक सामग्री के साथ दुर्घटना राहत ट्रेनें घटनास्थल पर भेज दी गई हैं और मरम्मत का काम चल रहा है। ट्रेन संख्या 17420/17022 वास्कोडिगामा-तिरुपति/हैदराबाद साप्ताहिक एक्सप्रेस को मडगांव, कारवार, पडिल, सुब्रह्मण्य रोड, हसन, अर्सिकेरे, चिकजाजुर, रायदुर्ग और बल्लारी के रास्ते चलाया गया है। ट्रेन 12779 वास्कोडिगामा-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस को मडगांव, रोहा, पनवेल, कल्याण और पुणे के रास्ते चलाया गया है। हजरत निजामुद्दीन-वास्कोडिगामा एक्सप्रेस (12780) को भी डायवर्ट किया गया है। दो ट्रेनें 17309 यशवंतपुर-वास्कोडिगामा और 17310 वास्कोडिगामा-यशवंतपुर रद्द कर दी गई हैं।

भूस्खलन प्रभावित वायनाड में सुनाई दी रहस्यमयी आवाज, लोगों और अधिकारियों में दहशत

वायनाड :  केरल के वायनाड में पिछले महीने आई भयावह आपदा से लोग अभी उभर नहीं पाए हैं। इस बीच, उस समय लोगों की धड़कनें बढ़ गई, जब विभिन्न स्थानों पर शुक्रवार सुबह भूमिगत क्षेत्र से तेज आवाज और गूंज सुनाई दी।

30 जुलाई को हुआ था भूस्खलन
बता दें, वायनाड जिले में 30 जुलाई को मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी थी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हैं। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों चूरलमाला और मुंडक्कई में सेना का राहत व बचाव कार्य जारी है।

सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा
वायनाड जिले के अधिकारियों ने कहा कि प्रभावित स्थानों के आवासीय क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अंबालावायल गांव और वायथिरी तालुक के कुछ इलाकों में तेज आवाज और गूंज महसूस की गई। वहीं, वायनाड की जिलाधिकारी डीआर मेघश्री ने कहा कि जिला प्रशासन ने प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए कदम उठाए हैं।

जांच चल रही है
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने कहा कि वह इस बात का पता लगा रहे हैं कि क्या भूंकप के झटके आए थे। साथ ही वह क्षेत्र की भी जांच कर रहा है कि कुछ गलतियां तो नहीं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक भूकंपीय रिकॉर्ड में किसी गतिविधि के संकेत नहीं मिले हैं।

पंचायत वार्ड के सदस्य ने एक टीवी चैनल को बताया कि आवाज करीब सवा 10 बजे सुनाई दी थी। इस रहस्यमय शोर ने निवासियों के बीच दहशत पैदा कर दी। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित इलाके में स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।

संसद में की गई हॉकी टीम-नीरज चोपड़ा की सराहना, भारत छोड़ो आंदोलन के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

नई दिल्ली: लोकसभा में शुक्रवार को पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने के लिए भारतीय हॉकी टीम और नीरज चोपड़ा की सराहना की गई। सदन में यह भी कहा गया कि इनकी जीत से युवा खिलाड़ियों को प्ररणा मिलेगी। नीरज चोपड़ा भाला फेंक में रजत पदक जीतने के साथ ओलंपिक में दो बार पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। वहीं भारतीय हॉकी टीम ने तीसरे स्थान के लिए स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता। लोकसभा केस्पीकर ओम बिरला ने कहा कि हॉकी टीम और नीरज चोपड़ी ने जीत हासिल की, यह एक बड़ी उपलब्धि है।

इसके साथ ही संसद ने भारत छोड़ो आंदोलन की 82वीं वर्षगांठ मनाई। लोकसभा और विधानसभा में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस आंदोलन में जान गंवाने वालों के लिए दोनों सदन के सदस्य कुछ देर के लिए मौन खड़े रहे। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने ऐतिहासिक दिन को याद किया।

राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “आज उस ऐतिहासिक दिन की 82वीं वर्षगांठ है, जब महात्मा गांधी ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन चलाया था। उनके करो या मरो के नारे से भारत को आजादी मिली।” उन्होंने इस आंदोलन को लोगों की शक्ति, इच्छाशक्ति और चुनौती को पार करने के गांधी जी के दृढ़ संकल्प का प्रमाण बताया। वहीं, लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने शहीदों और भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी।

वायनाड में भूस्खलन प्रभावित परिवारों की मदद कवायद, केरल सरकार ने आपातकालीन वित्तीय सहायता की घोषणा की

केरल:  केरल सरकार ने शुक्रवार को एलान किया कि, सरकार वायनाड जिले के मुंडक्कई और चूरलमाला बस्तियों में हाल ही में हुए भूस्खलन में अपने घर पूरी तरह से खो चुके लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, ताकि उन्हें नए स्थान पर स्थानांतरित करने में मदद मिल सके। यह वित्तीय सहायता इन क्षेत्रों में आपदा से प्रभावित सभी लोगों के लिए उपलब्ध होगी।

आय का स्रोत खोने वालों को मिलेगा 300 रुपये का दैनिक भत्ता
मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार उन परिवारों के वयस्कों को 300 रुपये का दैनिक भत्ता प्रदान करेगी, जिन्होंने आपदा के कारण अपनी आय का स्रोत खो दिया है। यह लाभ प्रति परिवार दो सदस्यों तक सीमित होगा, सिवाय उन मामलों को छोड़कर जहां परिवार का कोई सदस्य गंभीर रूप से बीमार है या अस्पताल में भर्ती है, ऐसी स्थिति में लाभ तीन सदस्यों तक बढ़ाया जाएगा। यह सहायता अधिकतम 30 दिनों के लिए प्रदान की जाएगी।

शिविर में रहने वाले शख्स को मिलेंगे 10 हजार रुपये
वहीं वर्तमान में शिविर में रहने वाले प्रत्येक परिवार को 10 हजार रुपये की आपातकालीन वित्तीय सहायता प्रदान भी की जाएगी। बता दें केरल सरकार आपदा में अपने घर खो चुके लोगों के लिए सरकारी या सार्वजनिक संपत्तियों में आवास सुविधा प्रदान करने की संभावना भी तलाश रही है। इस मामले में जिला कलेक्टर को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, और रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद, सरकार किराया तय करेगी और उसके अनुसार सहायता प्रदान करेगी।

विनाशकारी भूस्खलन में अभी भी 130 लोग लापता
केरल के स्थानीय प्रशासन की तरफ से जारी किए गए शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, एक सप्ताह से अधिक समय पहले उत्तरी केरल के वायनाड जिले में हुए भीषण भूस्खलन के बाद से अभी भी 130 लोग लापता हैं। बता दें कि 30 जुलाई को वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में हुए विनाशकारी भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या 300 से ज्यादा है।

वायनाड भूस्खलन के बाद गोवा सरकार अलर्ट
वहीं केरल में हाल ही में हुए भूस्खलन को ध्यान में रखते हुए गोवा सरकार ने आपदा प्रबंधन पर अपनी उच्च स्तरीय समिति को फिर से सक्रिय कर दिया है, जिसमें अवैध पहाड़ी कटाई की सूचना देने के लिए जमीनी स्तर के राजस्व अधिकारियों को जिम्मेदार बनाया गया है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को राज्य आपदा प्रबंधन समिति की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें राज्य के राजस्व मंत्री अटानासियो मोनसेराटे और पोरवोरिम के अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी मौजूद थे।

दिल्ली आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला; दो जजों की पीठ के समक्ष है याचिका

नई दिल्ली: दिल्ली की आबकारी नीति और धन शोधन से जुड़ा अहम मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है। दो जजों की पीठ आज दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुनाएगी। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई के बाद छह अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

क्या है मामला
उच्चतम न्यायालय दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले और भ्रष्टाचार के साथ-साथ धन शोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग के इस बहुचर्चित मामले में आज मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा। बता दें कि सिसोदिया को रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने, इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पहले 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। बाद में कई अलग-अलग आरोपों के तहत प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने भी सिसोदिया पर शिकंजा कसा।

स्कूलों में राखी, तिलक-मेहंदी लगाने पर बच्चों का उत्पीड़न अस्वीकार्य, आयोग ने राज्यों से मांगी रिपोर्ट

त्योहारों के मौके पर स्कूलों में विशेष आयोजनों के नाम पर बच्चों को शारीरिक व मानसिक दबाव देने, उनमें भेदभाव करने और परेशान किए जाने को कॉरपोरल दंड (शारीरिक दंड) बताते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने इससे बचने का निर्देश जारी किया है।

एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा, आयोग ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभाग को निर्देश जारी किए हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आगामी त्योहारी मौसम में स्कूलों में राखी, मेहंदी, तिलक आदि लगाकर आने वाले या धार्मिक प्रथाओं को लेकर बच्चों पर किसी तरह का दबाव न डाला जाए और उन्हें परेशान न किया जाए। आयोग ने विभाग से उठाए गए कदम, स्कूलों को जारी आदेश और अनुपालन रिपोर्ट 17 अगस्त तक उसे सौंपने को कहा है।

देशभर में स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिवों को जारी पत्र में एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा, स्कूलों में बाल संरक्षण कानूनों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए, खासकर त्योहारों के दौरान। पत्र में स्कूलों की ओर से बच्चों की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों में भागीदारी पर प्रतिबंध लगाने की चिंताजनक प्रवृत्ति का जिक्र किया गया।

कानूनगो ने उदाहरण देते हुए बताया गया कि स्कूली छात्रों को रक्षाबंधन जैसे त्यौहारों के दौरान राखी, तिलक या मेहंदी लगाने जैसी सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाओं को लेकर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। इसके कारण अक्सर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न होता है। आयोग ने कहा कि यह आरटीई अधिनियम की धारा 17 का सीधा उल्लंघन है, जो स्कूलों में शारीरिक दंड या किसी तरह के भेदभाव को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करता है।

अगले साल तक मिल सकता है डेंगू का टीका, देश में चार फार्मा कंपनियां कर रहीं क्लीनिकल परीक्षण

नई दिल्ली:  भारत को मच्छर जनित रोग डेंगू से बचाव का तोड़ मिल गया है। मच्छर काटने से फैलने वाली इस बीमारी की रोकथाम के लिए वैज्ञानिकों ने टीका खोज लिया है, जिसका परीक्षण अब अंतिम चरण में पहुंच गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि बीते सप्ताह डेंगू संक्रमण को लेकर हुई उच्चस्तरीय बैठक में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया कि टीके का परीक्षण अंतिम चरण में है और अगले साल तक यह आम आदमी के लिए उपलब्ध हो सकता है।

भारत में चार फार्मा कंपनी इस क्लीनिकल परीक्षण में जुटी हैं। हाल ही में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को अहम दस्तावेज सौंपते हुए बताया कि अमेरिका से डेंगू वायरस का नया स्ट्रेन मंगाने के बाद पहला परीक्षण 60 लोगों पर हुआ है, जिसमें छह महीने तक लोगों में एंटीबॉडी का स्तर पर्याप्त मात्रा में देखने को मिला है।

इस परिणाम के बाद सरकार ने कंपनी को दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति भी दी है। भारत में एसआईआई के अलावा इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लि. (आईआईएल) भी डेंगू टीका पर काम कर रहा है।2026 की शुरुआत में टीका लॉन्च होने की उम्मीद…हाल ही में आईआईएल ने साल 2026 की शुरुआत में डेंगू टीके को व्यावसायिक रूप से लॉन्च करने की उम्मीद भी जताई। इसके लिए भी अमेरिका स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने आवश्यक वायरस प्रदान किया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बचाव करते रहने की सलाह
डेंगू के खतरे से बचाव को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बरसात के दिनों में गमलों, टायरों, टूटे बर्तनों या झुग्गियों के ऊपर प्लास्टिक की चादरों के नीचे पानी जमा हो जाता है। ये सभी मच्छरों के प्रजनन के लिए आदर्श स्थान होते हैं। पोखरों में जमा पानी और बंद नालियां भी डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के लिए प्रजनन का उपयुक्त स्थल बन जाती हैं। पानी को जमा होने से रोकने के उपाय करके डेंगू के खतरे को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है।

अखिलेश बोले- रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही भाजपा, मायावती बोलीं- सरकार दखलंदाजी न करे

लखनऊ:लोकसभा में पेश किए गए संशोधन विधेयक पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उन्हें लिखकर देना चाहिए कि वक्फ की जमीनें नहीं बेची जाएंगी।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि ‘वक़्फ़ बोर्ड’ का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है। रक्षा, रेल, नजूल लैंड की तरह ज़मीन बेचना निशाना है।

वक़्फ़ बोर्ड की जमीनें, डिफेंस लैंड, रेल लैंड, नजूल लैंड के बाद ‘भाजपाइयों के लाभार्थ योजना’ की शृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती : ‘भाजपाई-हित में जारी’

भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उसे अपने नाम में ‘जनता’ के स्थान पर ‘जमीन’ लिखकर नया नामकरण कर देना चाहिए : भारतीय जमीन पार्टी।

जबरदस्ती की दखलंदाजी न करे केंद्र सरकार
मायावती ने कहा कि केन्द्र व यूपी सरकार द्वारा मस्जिद, मदरसा और वक्फ आदि मामलों में जबरदस्ती की दखलंदाजी तथा मन्दिर व मठ जैसे धार्मिक मामलों में अति-दिलचस्पी लेना संविधान व उसकी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त के विपरीत अर्थात ऐसी संकीर्ण व स्वार्थ की राजनीति क्या जरूरी है? सरकार राष्ट्रधर्म निभाए।

मन्दिर-मस्जिद, जाति, धर्म व सांप्रदायिक उन्माद आदि की आड़ में कांग्रेस व भाजपा आदि ने बहुत राजनीति कर ली और उसका चुनावी लाभ भी काफी उठा लिया किन्तु अब देश में खत्म हो रहा आरक्षण व गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन आदि पर ध्यान केन्द्रित करके सच्ची देशभक्ति साबित करने का समय है।

उन्होंने कहा कि आज संसद में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जिस प्रकार से इसको लेकर संदेह, आशंकाएं व आपत्तियां सामने आई हैं उसके मद्देनजर इस बिल को बेहतर विचार के लिए सदन की स्थायी (स्टैण्डिंग) समिति को भेजना उचित रहेगा। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार अगर जल्दबाजी न करे तो बेहतर होगा।

कर्नाटक सरकार ने परिवार के जख्म लगाई मरहम, 50 लाख रुपये और सरकारी नौकरी देने का एलान

बंगलूरू:कर्नाटक के यादगीर जिले में युवा पुलिस सब-इंस्पेक्टर (एसआई) परशुराम की रहस्यमय हालात में मौत के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। हालांकि अब राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने एसआई की पत्नी को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने सीबीआई जांच से इनकार कर दिया है। गृह मंत्री ने कहा कि एसआई की मौत की सीआईडी जांच काफी है।

सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक विधायक इस विवाद की जद में आते दिखाई दे रहे हैं। मृतक पुलिस सब इंस्पेक्टर परशुराम की पत्नी श्वेता ने कांग्रेस विधायक चेन्नारेड्डी पाटिल तुन्नूर और उनके बेटे पंपानागौड़ा तन्नूर पर उनके पति को मानसिक रूप से परेशान करने का गंभीर आरोप लगाया है। श्वेता ने कांग्रेस विधायक और उनके बेटे पर आरोप लगाया कि वे उनके पति का ट्रांसफर रोकने के लिए 30 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। सात महीने के अंदर ही उनके पति का ट्रांसफर कर दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मांग के कारण परशुराम परेशान थे। इसलिए उन्होंने आत्महत्या कर ली।

गृहमंत्री ने परिवार से मुलाकात की
गृहमंत्री ने कोप्पल जिले के सोमनाल गांव में शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। बाद में पत्रकारों से भी बात करते हुए परमेश्वर ने पुलिसकर्मी की मौत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हम उन्हें वापस नहीं ला सकते, लेकिन परिवार को सांत्वना देना मेरा कर्तव्य है। यह मेरे लिए भी नुकसान है। वह दलित समुदाय के एक ईमानदार अधिकारी थे। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।

नौकरी की पेशकश की
मंत्री परमेश्वर ने कहा, ‘हमने इलेक्ट्रिकल स्ट्रीम में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट उनकी पत्नी को अपने विभाग में नौकरी की पेशकश की है, लेकिन उन्होंने गुलबर्ग इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (गेस्कोम) में नौकरी मांगी है। मैं मुख्यमंत्री के साथ इस पर चर्चा करूंगा। हमारे विभाग और राज्य सरकार ने परिवार को विशेष अनुदान के रूप में 50 लाख रुपये देने का फैसला किया है।’

गृह मंत्री ने सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘हम यह मामला सीबीआई को नहीं देंगे। हम उन्हें (एसआई के परिवार को) न्याय देंगे, जो उनकी मांग है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’

पैसे लेकर तबादले नहीं होते
परमेश्वर ने जोर देकर कहा कि पुलिस विभाग में पैसे लेकर तबादले नहीं होते हैं। मंत्री के अनुसार, एक कानून पहले से ही लागू है जो पोस्टिंग के दो साल बाद ही तबादले को अनिवार्य बनाता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी का तबादला होता है तो उनके पास कर्नाटक प्रशासनिक न्यायाधिकरण (केएटी) से संपर्क करने और स्थगन प्राप्त करने का विकल्प होता है।

सुप्रीम कोर्ट में उठा जिला न्यायाधीशों की पेंशन का मुद्दा, केंद्र से कहा- जल्द समाधान निकालें

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जिला न्यायाधीशों की पेंशन संबंधी शिकायतों की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र से इस मामले को जल्द सुलझाने को कहा। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम जिला न्यायपालिका के बतौर संरक्षक होने के नाते आपसे (अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल) अपील करते हैं कि इस मामले में न्यायमित्र के साथ बैठकर मुद्दे का हल निकालें।

मुख्य न्यायाधीश ने जल्द समाधान निकालने को कहा
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पेंशन के कई मामले काफी गंभीर हैं। कैंसर से जूझ रहे एक जिला जज का उदाहरण देते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कई जिला न्यायाधीशों ने याचिका दायर कर पेंशन संबंधी शिकायतों को उठाया है। मामले पर सुनवाई कर रही पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि ‘जिला जज को सिर्फ 15 हजार रुपये की पेंशन मिल रही है। जिला जज से आमतौर पर जज पदोन्नत होकर उच्च न्यायालय आते हैं, लेकिन वो भी 56-57 साल की उम्र में आते हैं और तब उन्हें 30 हजार रुपये महीने की पेंशन मिलती है।’

27 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उच्च न्यायालयों के बहुत कम न्यायाधीशों को ही मध्यस्थता के मामले मिलते हैं और इसके अलावा, 60 वर्ष की आयु में वे कानूनी प्रैक्टिस भी नहीं कर सकते। केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जिला न्यायालय के न्यायाधीशों के पेंशन पहलुओं से संबंधित मामले पर बहस करने के लिए कुछ समय मांगा। जिसके बाद पीठ ने सुनवाई 27 अगस्त तक टाल दी। बता दें कि अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर न्यायाधीशों की पेंशन का मुद्दा उठाया। शीर्ष अदालत की न्यायालय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे वकील के परमेश्वर ने बताया कि कई राज्यों ने न्यायिक अधिकारियों को पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के बकाया भुगतान पर दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) की सिफारिशों का अनुपालन किया गया है।