Saturday , November 23 2024

देश

बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर शोक की लहर, पीएम मोदी बोले- वह राजनीतिक दिग्गज थे

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार को निधन हो गया। इस खबर से देश की सियारी गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन पर बंगाल में भाजपा नेताओं के साथ असम के मुख्यमंत्री ने भी शोक व्यक्त किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जताया। उन्होंने बुद्धदेव भट्टाचार्य को राजनीतिक दिग्गज कहकर पुकारा। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि पूरे सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। बता दें कि बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री का निधन उनके आवास पर हुआ। प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने इसकी जानकारी दी। वह वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “यह सुनकर दुख हुआ कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य अब नहीं रहे। अनुभवी नेता गरिमा और सैद्धांतिक राजनीति के प्रतीक थे। पश्चिम बंगाल के लोगों के कल्याण के प्रति समर्पण के लिए उन्हें लंबे समय तक याद किया जाएगा। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पोस्ट में कहा, “पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन के बारे में सुनकर दुखी हूं। वह एक राजनीतिक दिग्गज थे, जिन्होंने प्रतिबद्धता के साथ राज्य की सेवा की। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।”

असम के सीएम ने भी शोक जताया
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुखी हूं। एक दिग्गज नेता, विधायक, मंत्री और फिर मुख्यमंत्री के रूप में पांच दशकों से अधिक के उनके व्यापक अनुभव ने एक अमिट छाप छोड़ी है। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना। ओम शांति।”

बंगाल में भाजपा के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री के निधन के बारे में जानकर दुखी हूं। बुद्धदेव भट्टाचार्य अपने स्वर्गीय निवास के लिए प्रस्थान कर गए हैं। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं प्रर्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले। ओम शांति।”

भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन से बहुत दुखी हूं। इस दुख के समय में उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रर्थना करता हूं।”

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा, “पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन से काफी दुखी हूं। एक विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में उनके पांच दशकों से अधिक के कार्यकाल ने एक स्थायी विरासत छोड़ी है। डिप्टी सीएम चाउना मीन ने भी बंगाल के पूर्व सीएम के निधन पर शोक व्यक्त किया।”

‘नौकरी पाने के लिए जाली दस्तावेज देने वाले जा सकती है नौकरी’, राज्यसभा में बोले मंत्री जितेंद्र सिंह

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है, कि समय-समय पर सरकारी मंत्रालयों और विभागों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी मिलने की शिकायतें मिलती हैं, जिन्हें उचित कार्रवाई के लिए आमतौर पर संबंधित मंत्रालयों/विभागों को भेज दिया जाता है। इस दौरान उन्होंने कहा, कि मौजूदा निर्देशों में यह प्रावधान है कि अगर यह पाया जाता है कि किसी सरकारी कर्मचारी ने नियुक्ति पाने के लिए गलत जानकारी दी है या गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है, तो उसे सेवा में नहीं रखा जाना चाहिए।

यूपीएसी ने रद्द की है पूजा खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस प्रकार, जब नियुक्ति प्राधिकारी को पता चलता है कि किसी कर्मचारी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है, तो उसे संबंधित सेवा नियमों के प्रावधानों के अनुसार ऐसे कर्मचारी को सेवा से हटाने या बर्खास्त करने के लिए कार्रवाई शुरू करनी होती है। यह प्रतिक्रिया इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने हाल ही में प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें योग्यता से परे सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी से प्रयास करने के लिए भविष्य की सभी परीक्षाओं से वंचित कर दिया था।उन पर विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग या ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया गया है।

‘प्रमाण पत्र जारी और सत्यापति करने की जिम्मेदारी राज्य की’
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जाति/समुदाय प्रमाण पत्र जारी करने और सत्यापित करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ‘कुमारी माधुरी पाटिल बनाम अपर आयुक्त’ के मामले में 2 सितंबर, 1994 को अपने फैसले में सामाजिक स्थिति प्रमाण पत्र जारी करने, उनकी जांच और उनके अनुमोदन के लिए राज्य सरकारों की तरफ से पालन किए जाने वाले विस्तृत मानदंड/दिशा-निर्देश निर्धारित किए हैं।

इस कड़ी में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कई बार अनुरोध किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि जिला अधिकारियों को भेजे गए जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन किया जाए और ऐसे अधिकारी से अनुरोध प्राप्त होने के एक महीने के भीतर नियुक्ति अधिकारी को रिपोर्ट की जाए। उन्होंने कहा, अगर संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों से एक महीने की अवधि के भीतर कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं होती है, तो मंत्रालयों या विभागों को सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मामले को उठाना आवश्यक है।

CDS चौहान बोले- दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे हिंसक दौर में दुनिया, बदल गया वैश्विक सुरक्षा का माहौल

 नई दिल्ली: दुनिया में इस समय अशांति का माहौल है और यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे हिंसक चरण है। वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल बदलाव की स्थिति में है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।

‘दो बड़े युद्धों से बदल गया वैश्विक सुरक्षा का माहौल’
सीडीएस जनरल चौहान ने कहा, “जब हम अपने चारों ओर देखते हैं, तो हम पात हैं कि दुनिया में उथल-पुथल है। मेरा मानना है कि हम बड़े वैश्विक चुनौतियों के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा, दो बड़े युद्धों से वैश्विक शुरक्षा का माहौल बदल गया है। हालांकि लीबिया, सीरिया, यमन और आर्मेनिया में युद्ध कुछ समय के लिए शांत हुए हैं। लेकिन स्थायी अभी शांति अभी दूर है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया सबसे हिंसक दौर से गुजर रही है।”

‘भारत के पास अपनी सुरक्षा चुनौतियां’
उन्होंने बांग्लादेश के हालिया सियासी संकट के मद्देनजर भारत की सीमा स्थिति के बारे में भी बात की। जनरल चौहान ने कहा, भारत के पास अपने हिस्से की सुरक्षा चुनौतियां हैं। हमारे पास जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान द्वारा छेड़े गए छद्म युद्ध हैं, जिनकी अब पीर पंजाल रेंज में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने कहा, चीन के साथ लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है।

हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में खास लोगों को आरक्षण के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके साथ ही उन्हें देश छोड़ने के लिए भी मजबूर होना पड़ा। हजारों प्रदर्शनकारियों ने हसीना के आवास पर लूटपाट और तोड़फोड़ की। उनकी पार्टी के कार्यालयों को आग लगाकर प्रदर्शनकारियों ने जश्न मनाया। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार आज शपथ लेगी।

विनेश फोगाट के साथ पूरा देश, कहा- आप चैंपियन हो और जरूर वापसी करोगे

नई दिल्ली:भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले अयोग्य ठहराए जाने के बाद संन्यास का एलान कर दिया। उन्होंने अपनी मां को संबोधित एक भावुक संदेश में कुश्ती को अलविदा कहने की घोषणा की। विनेश को बुधवार को महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल से पहले 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य ठहराया गया था।

अपनी मां प्रेमलता को संबोधित करते हुए 29 वर्षीय विनेश ने लिखा, ‘मां, कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना। आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024। मैं आप सभी की हमेशा ऋणी रहूंगी। मुझे माफ कर दीजिए।’ विनेश को अयोग्य करार दिए जाने के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग उनके साथ खड़े होने की बात कह रहे हैं। सभी उनका हौंसला बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि आप चैंपियन हो और जरूर वापसी करोगे।’ आइए पढ़ते हैं किसने और क्या-क्या कहा…

ओमप्रकाश: आप पर गर्व है विनेश। तुम देश के लिए कल भी चेम्पियन थी और आज भी चेम्पियन हो। जय हिन्द…

मनोज श्रीवास्तव: 100 ग्राम वजन तो खाने पीने से भी बढ़ जाता है, जब प्रतियोगिता शुरू हुई तब तो ठीक ही था, उसी को मापदंड मानना चाहिए। भारत सरकार को वीनेश फोगाट का पक्ष मजबूती से रखना चाहिए और विरोध दर्ज कराया जाना चाहिए।

विक्रम सिंह राजपूत: “विनेश, देश कह रहा है… खूब लड़ी मर्दानी वो तो, भारत की बिटिया रानी है” बहन आप चैम्पियन हो और हमेशा चैम्पियन ही रहोंगी , आप मेडल की मोहताज नहीं है। हम सब देशवासियों के लिए आप चैम्पियन ही है और हमेशा रहेंगे।

सुजीत राय: विजेता कभी निराश नही होता। वो जीतता है या सीखता है। हम सब एक देश के रूप में आपके साथ है चैंपियन।

मौर्या संदीप कुमार: रुकना नहीं, दबना नहीं, किसी के आगे झुकना नहीं… अभी आगे हैं और मुश्किलें किसी से तुम डरना नहीं… विनेश… तुम केवल एक स्त्री नहीं, तुम भारत की शान हो, तुम आन हो तुम बान हो, तुम हम भारतीयों की अभिमान हो, तुम भारत मां की मान हो, तुम वीरपुत्री भारत मां की संतान हो….

अशोक भंडारी: वीनेश की हार भी जीत से बढ़ कर है, मेडल भले न मिला लेकिन तीन तीन को हराने का कीर्तिमान स्थापित कर वीनेश ने सारे देश का प्यार , सद्भावना, आशीर्वाद व अब सहानुभूति भी प्राप्त की है। जो होना था हो गया , मेरा स्पष्ट मत है कि वीनेश की स्वदेश वापसी पर वीजेता जैसा स्वागत हो , सरकार धन राशि व पद्म अलंकरण से सम्मानित करें। इतिहास मे नाम तो वीनेश दर्ज करा ही चुकी है। अंत में ब्रजभूषण सिंह का खोटा सिक्का सारे देश का चमचमाता सोने का सीक्का ( गोल्ड काईन) तो बन ही गया है। शाबाश विनेश, स्तब्ध देश का भावुक स्नेहील मेडल आपको समर्पित है ।

‘महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को जापान-जर्मनी से बड़ी बनाने के लिए काम करेंगे’, राज्यपाल का दावा

मुंबई:महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन बुधवार को मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की जीवनी ‘योद्धा कर्मयोगी – एकनाथ संभाजी शिंदे’ के लॉन्च में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान लोगों को संबोधित भी किया। राज्यपाल ने कहा कि वह महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को जापान और जर्मनी से भी बड़ी बनाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने 2047 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा, “2047 तक एक दिन ऐसा आएगा, जब भारत दुनिया का सबसे अमीर देश होगा। उस समय महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो। हमारा यही लक्ष्य होना चाहिए। हम सभी को इसके लिए काम करना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “मैं आपलोगों के साथ इस हद तक काम करूंगा कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाए, जो जापान और जर्मनी से बड़ी हो।”

राज्यपाल ने की एकनाथ शिंदे की सराहना
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सराहना की। उन्होंने शिंदे और बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के बीच समानताएं बताईं। उन्होंने बताया कि दोनों ने अपने लो-प्रोफाइल व्यक्तित्व को करिश्माई नेताओं के तौर पर बदल दिया। उन्होंने शिंदे की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की सराहना की। राधाकृष्णन ने युवाओं को शिंदे से उदाहरण लेने का आग्रह किया। इसके अलावा राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के कुछ प्रमुख प्रभावशाली व्यक्तियों की भी सराहना की, जिसमें शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे भी शामिल थे। राधाकृष्णन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बताया कि वह अब भी उनकी शिक्षाओं का पालन करते हैं।

दिल्ली-मुंबई-कोलकाता रेल मार्ग अगले वर्ष मार्च तक कवच सिस्टम से लैस होंगे, हादसों पर लगेगी रोक

नई दिल्ली: मानवीय भूल की वजह से हो रहे ट्रेन हादसों को रोकने के लिए रेलवे एक्शन मोड में है। रेलवे विभाग ने ट्रेनों की टक्कर को देखते हुए रेल मार्गों को कवच सिस्टम से लैस करने में तेजी लाने का निर्णय लिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावा किया है कि अगले साल मार्च तक दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता रूट को कवच सिस्टम से लैस कर लिया जाएगा। इसके साथ ही रेलवे बोर्ड दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-चेन्नई रेलवे ट्रैक को भी कवच सिस्टम से लैस करेगा।

आधुनिक तकनीक से लैस यह सिस्टम हर मौसम व भौगोलिक स्थिति में काम करेगा, यानि कश्मीर से कन्याकुमारी तक के मौसम में कवच ट्रेनों की टक्कर को रोकेगा। रेल मंत्री ने कहा कि हर साल कवच-4.0 अब 5.5 हजार किलोमीटर रूट ट्रैक पर लगेगा। अगले तीन साल में 9 हजार किलोमीटर ट्रैक को इस सिस्टम से लैस कर लिया जाएगा। 10 हजार रेल इंजन में इस सिस्टम को अगले दो साल में लगा जाएगा।

अगले 10 साल में कुल 70 हजार किलोमीटर के नेटवर्क और 20 हजार इंजन पर कवच लगाया जाएगा। इसके लिए सभी 8,000 रेलवे स्टेशनों का ड्रोन और लेडार से सर्वे किया जा रहा है। वैष्णव ने बताया कि स्टेशन पर कवच लगाना सबसे बड़ी चुनौती का काम होता है।

जंगल, रेत, पहाड़, टनल में भी काम करेगा कवच
रेल मंत्री ने बताया कि कवच 4.0 जंगल, ऊंचे पहाड़ और रेगिस्तान में भी काम करेगा। फिलहाल तीन कंपनियों को इसे लगाने की मंजूरी दी गई है। जल्द ही दो और कंपनी को जिम्मेदारी दी जाएगी। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा मार्ग की दूरी करीब 3,000 किलोमीटर है तो मुंबई-चेन्नई मार्ग करीब 3,300 किलोमीटर लंबा है।

पटरियों को 130 से 160 किमी की स्पीड लायक बनाया जाएगा
रेल मंत्री ने बताया कि ट्रैक मेंटेनेंस के लिए अल्ट्रासाउंड फ्लो डिटेक्शन तकनीक में भी बदलाव किया गया है। अब ट्रैक सुरक्षित है या नहीं, पता लगाने के लिए मल्टिपल बीम वाली तकनीक अपनाई गई है। फिलहाल 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चल रही है इसे बढ़ाकर 130 और 160 किमी प्रति घंटा चलने लायक पटरी को बनाया जाएगा।

बचाव कार्य में जुटे जवानों के लिए बच्चे ने लिखा पत्र, सेना ने दिया दिल छूने वाला जवाब

वायनाड: केरल के वायनाड में 30 जुलाई को आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी। इस आपदा में 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच बचाव कार्यों में जुटे भारतीय सेना के जवानों के लिए एक स्कूल के छात्र ने चिट्ठी लिखी। उसने इस चिट्ठी के जरिए बचाव कार्य में शामिल जवानों की सराहना की। इस चिट्ठी ने भारतीय सेना का दिल जीत लिया। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए तीन अगस्त को इस चिट्ठी का जवाब दिया था।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई चिट्ठी
सेना के दक्षिणी कमांड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बच्चे की चिट्ठी को साझा किया। उन्होंने इस चिट्ठी का जवाब देते हुए बच्चे को योद्धा बताया। एएमएलपी स्कूल के तीसरी कक्षा के छात्र रेयान ने स्कूल डायरी में चिट्ठी लिखी थी। उसने कहा कि सेना के जवानों को मलबे में दबे लोगों की सहायता करते हुए देखकर उसे बहुत गर्व महसूस हो रहा है।

रेयान ने मलयालम में चिट्ठी लिखी थी। उसने लिखा, “मैं रेयान हूं। मेरा प्यारा वायनाड भूस्खलन की चपेट में आ गया। मैं आपलोगों को मलबे से लोगों को बचाते हुए देखकर गर्व महसूस कर रहा हूं।” इस चिट्ठी में रेयान ने एक वीडियो का जिक्र किया, जिसमें उसने जवानों को अपनी भूख मिटाने के लिए बिस्किट खाते हुए देखा। उसने बताया कि इस दृश्य ने उसे बहुत प्रभावित किया है। रेयान ने इस चिट्ठी के जरिए अपनी इच्छा भी व्यक्त की। उसने बताया कि वह भी भारतीय सेना में भर्ती होना चाहता है।

भारतीय सेना ने दिया जवाब
सोशल मीडिया पर चिट्ठी के वायरल होते ही भारतीय सेना ने इसका जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “प्रिय रेयान, आपके शब्दों ने हमारा दिल जीत लिया। विपत्ति के समय में हमारा लक्ष्य आशा की किरण बनना है और आपकी चिट्ठी इस मिशन की पुष्टि करता है। आपके जैसे हीरो हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करते हैं। हम बेसब्री से उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जिस दिन आप वर्दी पहनकर हमारे साथ खड़े होंगे। साथ में मिलकर हम अपने देश को गौरवांवित करेंगे। आपके साहस और प्रेरणा के लिए धन्यवाद, युवा योद्धा।”

‘पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के खिलाफ ड्रग्स मामला तुच्छ और अफसोसजनक’, HC ने रद्द की एफआईआर

मुंबई:  बॉम्बे हाईकोर्ट से पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को ड्रग्स से जुड़े एक मामले में बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उनके खिलाफ 2016 में दर्ज ड्रग तस्करी मामले को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि कुलकर्णी के खिलाफ कार्यवाही स्पष्ट रूप से तुच्छ और अफसोसजनक है। इस मामले में सुनवाई जारी रखना अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।

22 जुलाई को दिया था आदेश
न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने 22 जुलाई को दिए एक आदेश में कहा कि उनकी यह स्पष्ट राय है कि कुलकर्णी के खिलाफ जुटाई गई सामग्री से प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है। बता दें, आदेश की एक प्रति बुधवार को उपलब्ध कराई गई।

पर्याप्त सबूत नहीं
हाईकोर्ट ने ममता कुलकर्णी के खिलाफ चल रहे है 2000 करोड़ के ड्रग तस्करी के मामले को रद्द कर दिया है। पूर्व अभिनेत्री पर अपने पति विक्की गोस्वामी के साथ ड्रग्स तस्करी करने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने कहा कि ममता के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है। इस वजह से इस केस को बंद किया जाता है। पीठ ने कुलकर्णी के खिलाफ ड्रग्स केस को रद्द कर दिया है।

अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग करना होगा…
पीठ ने कहा कि हम इस बात से संतुष्ट हैं कि याचिकाकर्ता (कुलकर्णी) के खिलाफ सुनवाई जारी रखना अदालत की प्रक्रिया के दुरुपयोग से कम नहीं होगा। अदालत ने कहा कि वह इस बात से भी संतुष्ट है कि यह एफआईआर को रद्द करने के लिए अपनी अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग करने के लिए उपयुक्त मामला है, क्योंकि कार्यवाही स्पष्ट रूप से तुच्छ और अफसोसजनक है।

साल 2018 में खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा
साल 2018 में ममता कुलकर्णी ने अपने खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। ममता के पति विक्की गोस्वामी को इस रैकेट का मास्टरमाइंड माना जाता है, जिन्होंने इफेड्रिन का निर्माण और खरीद की थी। पूर्व अभिनेत्री ने दावा किया था कि उन्हें मामले में फंसाया जा रहा है। वह केवल विक्की गोस्वामी से परिचित है जो मामले के सह-आरोपियों में से एक है।

शीर्ष अदालत ने की पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट जज की टिप्पणी पर सुनवाई; कहा- वे अनुचित और निंदनीय

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आज शीर्ष कोर्ट के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज की आलोचनात्मक टिप्पणी पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान संविधान पीठ ने हाई कोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ द्वारा की गयी टिप्पणियों को यह कहते हुए हटा दिया कि वे ‘निंदनीय और अनुचित थीं।

साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि देश में संविधान ही सर्वोच्च है। न को हाई कोर्ट और ना ही सुप्रीम कोर्ट। सुनवाई के दौरान मामले पर स्वत: संज्ञान लेने वाली पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की टिप्पणियों से आहत है। पीठ ने कहा कि शीर्ष कोर्ट के आदेश में कई चीजों के संबंध में अनावश्यक टिप्पणियां की गई हैं।

हालांकि सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजबीर सहरावत के खिलाफ इन टिप्पणियों के लिए कार्यवाही शुरू करने से इनकार कर दिया। पीठ ने न्यायिक अनुशासन का उल्लेख करते हुए कहा कि भविष्य में उसे हाई कोर्ट द्वारा मामलों से निपटने के दौरान अधिक सावधानी बरतने की उम्मीद है।

क्या था मामला
हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजवीर सेहरावत ने सुप्रीम कोर्ट के इस दृष्टिकोण को खारिज कर दिया कि वह सांविधानिक रूप से हाईकोर्ट से उच्च अदालत है। 17 जुलाई के आदेश में जस्टिस सेहरावत ने हाईकोर्ट की ओर से शुरू की गई अवमानना कार्यवाही में स्थगन आदेश जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की और हस्तक्षेप के सुप्रीम कोर्ट के अधिकार पर भी सवाल उठाया।

जज ने लिखा था…
हाईकोर्ट जज ने आदेश में लिखा था, मनोवैज्ञानिक स्तर पर देखा जाए तो इस प्रकार का आदेश मुख्य रूप से दो कारकों से प्रेरित होता है। पहला, इस तरह के आदेश के परिणाम की जिम्मेदारी लेने से बचने की प्रवृत्ति। दूसरा, सुप्रीम कोर्ट को वास्तव में जितना है उससे अधिक सर्वोच्च मानने और हाईकोर्ट को सांविधानिक रूप से जितना है उससे कम उच्च मानने की प्रवृत्ति।

काली नदी पर बने पुराने पुल के ढहने के बाद नए पुल की क्षमता पर उठा सवाल, जांच के दिए गए आदेश

कारवार:  कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में काली नदी पर बना एक पुराना पुल मंगलवार की रात को ढह गया। इस घटना से गोवा को कर्नाटक से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 66 पर भारी जाम लग गया। इस घटना के बाद कर्नाटक के अधिकारियों ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधिकरण ने काली नदी पर बने नए पुल की क्षमता की जांच करने के आदेश दिए। कारवार पुलिस ने बताया कि काली नदी पर बने पुराने पुल का एक बड़ा हिस्सा मंगलवार की रात करीब डेढ़ बजे ढह गया। यह घटना तब घटी, जब एक ट्रक वहां से गुजर रहा था। इस हादसे में वाहन नदी में गिर गया, जिससे वाहन चालक घायल हो गया।

उत्तर कन्नड़ जिले की जिलाधिकारी लक्ष्मी प्रिया के. ने कहा कि कारवार और सदाशिवगढ़ को जोड़ने वाला पुराना काली नदी पुल मंगलवार की रात डेढ़ बजे ढह गया। उन्होंने एनएचएआई को अधिकारियों को कारवार और सदाशिवगढ़ को जोड़ने वाले नए काली नदी पुल की स्थायित्व का सत्यापन और रिपोर्ट करने का आदेश दिया। इसके साथ यह भी कहा कि स्थायित्व रिपोर्ट बुधवार दोपहर 12 बजे तक जमा करनी होगी।

पुल ढहने से नदी में गिरा ट्रक
पुलिस ने बताया कि ट्रक कारवार की तरफ जा रहा था और पुल ढहने के कारण वह नदी में गिर गया। घायल ट्रक चालक की पहचान तमिलनाडु निवासी बाला मुरुगन के तौर पर की गई है। एक अधिकारी ने कहा कि करीब एक दशक पहले एक नये पुल के निर्माण के बाद इस पुल का इस्तेमाल गोवा जाने वाले वाहनों के लिए किया जाता था।

कारवार के पुलिस अधीक्षक एम नारायण ने कहा, ”हमारे रात्रि गश्ती दल ने पुल के ढहने की सूचना नियंत्रण कक्ष को दी। पुल ढह जाने से ट्रक नदी में गिर गया था और घायल चालक वाहन के ऊपर था। स्थानीय मछुआरों ने हमारे दल के साथ मिलकर चालक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।” उन्होंने आगे कहा, ”वाहन चालक को कारवार आयुर्विज्ञान संस्थान एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।”