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उरण हत्याकांड में बढ़ी आरोपी की मुश्किलें, एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम की धाराएं भी जोड़ी गईं

मुंबई: नवी मुंबई के उरण में 20 वर्षीय महिला की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत भी आरोप जोड़े हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मामले के आरोपी दाऊद शेख को मंगलवार सुबह कर्नाटक के गुलबर्गा के शाहपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया।

कर्नाटक से गिरफ्तार हुआ था आरोपी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, ‘कर्नाटक में गिरफ्तारी के बाद उसे मंगलवार रात नवी मुंबई लाया गया। वह फिलहाल बेलापुर (नवी मुंबई में) में पुलिस की हिरासत में है।’ आरोपी को अब अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी दाऊद शेख के खिलाफ दर्ज हत्या के मामले में अब अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण कानून के तहत भी आरोप जोड़े गए हैं। शनिवार शाम को महिला का शव बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि पीड़िता की मौत चाकू के कई वार से हुई।

मलबे में दफन हुईं कई जिंदगियां, मंडराने लगा जान का खतरा, पीड़ितों ने सुनाई अपनी दास्तां

वायनाड: केरल के वायनाड में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन ने तबाही मचा दी। कई घर और जिंदगियां मलबे में दब गई। इस हादसे के बाद अब जीवित लोगों पर भी जीवन भर का संकट मंडराने लगा है। अपने प्रियजनों को खोने और अनिश्चित भविष्य के बारे सोचते हुए पीड़ितों ने चिंता जताई। 30 जुलाई को वायनाड में हुए इस भूस्खलन को लेकर कुछ लोगों ने अपना अनुभव भी साझा किया। पत्रकारों से बात करते हुए स्थानीय निवासी प्रजनीश ने बताया कि उन्होंने लोगों के चिल्लाने की आवाज सुनी। चार बार भूस्खलन हुआ।

प्रजनीश ने आगे कहा, “आधी रात करीब 12:40 बजे पहला भूस्खलन हुआ। हमने बहुत तेज आवाज सुनी। इस भूस्खलन में मेरे परिवार के तीन सदस्यों ने जान गंवा दी। अब हम कैंप में रह रहे हैं और फिलहाल सुरक्षित हैं। हम आठ लोग हैं। मेरी मौसी और उनके परिवारवाले पीछे छूट गए।”

पीड़ितों ने सुनाई अपनी दास्तां
एक पीड़िता ने इस हदसे का जिक्र करते हुए हुए कहा, “मैं अपने घर में अकेले थी। रात में मुझे ऐसा लगा कि मेरा पलंग हिल रहा है। जोर-जोर से आवाजें आ रही थी। मैंने अपने पड़ोसियों को फोन किया, लेकिन किसी ने कॉल नहीं उठाया। मैंने अपने बेटे को फोन लगाया, जो कोयंबटूर में रहता है। उसने मुझसे कहा कि घर के सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर चले जाओ और वहीं इंतजार करो। मैं दरवाजा खोल नहीं पाई, क्योंकि वह जाम हो चुका था। मैं मदद के लिए चिल्लाई।

कुछ देर बाद लोगों ने कुल्हाड़ी से दरवाजा तोड़कर मुझे बचा लिया। जब दूसरी बार भूस्खलन हुआ, जब मेरा भी घर उसमें ढह गया। मेरे रिश्तेदार मुंडक्कई में रहते हैं। उन सभी की मौत हो गई और उनमें से केवल दो का ही शव मिल पाया है। बाकी के छह-सात शव अभी भी गायब है। वर्तमान समय में मेरे पास घर नहीं है। मैं नौकरी के लिए भी नहीं जा सकती हूं। मैं अब अपना घर नहीं बना सकती हूं। मुझे नहीं मालूम कि मैं क्या करूंगी।”

डॉक्टर हसना ने इस हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं इस राहत शिविर में इसलिए आई हूं, क्योंकि सुबह कई लोग अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। कई लोगों को सिर दर्द और उच्च रक्तचाप की समस्या हो रही है। हमने उन्हें दवाइयां दे दी है, लोग सदमे में है, इसलिए पहले के तीन दिन हम कुछ नहीं कर सकते हैं। उनके सामान्य होने पर ही हम इलाज शूरू करेंगे”

हावड़ा से मुंबई जा रही ट्रेन के 18 डिब्बे पटरी से उतरे, दो की मौत, 20 घायल; कई ट्रेनें रद्द

रांची:  झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में मंगलवार तड़के ट्रेन नंबर 12810 मुंबई-हावड़ा मेल के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए। घटना में दो लोगों की मौत की खबर है। वहीं, 20 यात्री घायल हो गए। कुल घायलों में पांच लोगों को हल्की चोटें आई हैं और उनका घटनास्थल पर ही इलाज कर दिया गया। हालांकि, कुछ यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हावड़ा से सोमवार रात को निकली यह ट्रेन मंगलवार तड़के ही हादसे का शिकार हुई। चक्रधरपुर रेलवे संभाग के पीआरओ ने बताया कि यात्रियों को रवाना करने के लिए ट्रेन का इंतजाम किया जा रहा है।

पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना जमशेदपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर बाराबाम्बो के पास सुबहर 3 बजकर 45 मिनट पर हुई। यह जगह पश्चिमी सिंहभूम के काफी करीब है। बाराबाम्बो के पास मुंबई-हावड़ा मेल के 22 में से 18 डिब्बे पटरी से उतर गए। इनमें बी4 डिब्बे में एक यात्री की मौत हुई है। वहीं, इसी कोच में एक अन्य शख्स के फंसे होने की बात सामने आ रही है। बताया गया है कि कुल 16 यात्री डिब्बे थे, एक पैंट्री कार थी, जबकि एक पावर कार थी। घायलों को बाराबाम्बो में चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई। उन्हें अब बेहतर इलाज के लिए चक्रधरपुर ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान जारी है।

एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि यह रेल दुर्घटना सरायकेला-खरसावां जिले के खरसावां प्रखंड के पोटोबेडा में हुई। दक्षिण-पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि इस घटनास्थल के करीब ही एक मालगाड़ी भी पटरी से उतर गई। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह घटनाएं एक ही समय पर हुईं या अलग-अलग वक्त पर।

बॉम्बे हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, ‘अनधिकृत रेहड़ी वाले सबसे बड़ी समस्या, उचित समाधान की जरूरत’

मुंबई:  देश की आर्थिक नगरी मुंबई में भीड़-भाड़ इतनी देखने को मिलती है, कि आप न ध्यान रखें तो रास्ता जरूर भूल जाएंगे। वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस वजह अनाधिकृत रेहड़ी और फेरी वाले हैं। न्यायमूर्ति एम एस सोनक और न्यायमूर्ति कमल खता की खंडपीठ ने कहा कि उनकी चिंता यह है कि किसी को भी परेशानी नहीं होनी चाहिए।

किसी को भी परेशानी न हो- बॉम्बे हाईकोर्ट
अपनी टिप्पणी में अदालत ने कहा कि, किसी को भी परेशानी न हो… जनता को परेशानी न हो… दुकान मालिकों को परेशानी न हो… कानूनी और वैध लाइसेंस वाले फेरीवालों को भी परेशानी न हो। बता दें कि पिछले साल, उच्च न्यायालय ने शहर में अवैध और अनधिकृत फेरीवालों और विक्रेताओं की समस्या का खुद संज्ञान लिया था।

महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी ने पेश किया हलफनामा
वहीं इस मामले में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को अपने हलफनामे पेश किए, जिसमें उन्होंने अदालत को अनधिकृत फेरीवालों और विक्रेताओं के खिलाफ उठाए गए कदमों के बारे में बताया और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे समस्या को फिर से न होने दें, क्या करने का प्रस्ताव रखते हैं।

बीएमसी के वकील अनिल सिंह ने कहा कि अदालत के पहले के निर्देशों के अनुसार, शहर में 20 क्षेत्रों की पहचान की गई थी और यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित निगरानी रखी गई थी कि फेरीवाले बिना अनुमति के अपनी दुकानें न लगाएं।

लाइसेंस वालों को भी किया जाता है परेशान- हॉकर्स यूनियन
इस पर अदालत ने कहा कि समय और जगह के प्रबंधन से मदद मिलेगी, पीठ ने आगे कहा कि, ये समस्या बहुत बड़ी है। इसलिए, कुछ सक्रिय उपाय किए जाने चाहिए। वहीं हॉकर्स यूनियन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गायत्री सिंह ने अदालत को बताया कि वैध लाइसेंस रखने वाले फेरीवालों और विक्रेताओं को भी अधिकारियों की तरफ से जबरन हटा दिया जाता है।

यात्री को मिला वेज की जगह नॉन वेज खाना, वेटर पर की थप्पड़ों की बरसात, वीडियो वायरल

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। वैसे तो खाने को लेकर वंदे भारत एक्सप्रेस में अक्सर हंगामा देखने को मिलता है। इस बार अपने वेज की जगह नॉन वेज खाना मिलने पर एक यात्री ने वेटर पर ही हाथ उठा दिया। यात्री ने गुस्से में आकर वेटर पर थप्पड़ की बरसात कर दी। दरअसल, वेटर की गलती सिर्फ यह थी कि उसने यात्री को उनके वेज की जगह नॉन वेज खाना दे दिया था।

वेटर से नाराज यात्री ने ट्रेन में ही जमकर हंगामा कर दिया। यह घटना हावड़ा से रांची के बीच घटी। यात्रा के दौरान वेटर यात्री के पास खाना लेकर पहुंचा। यात्री ने डिब्बे के ऊपर दिए गए निर्देश पढ़े बिना ही खाना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने वेटर को बुलाया और ट्रेन में हंगामा शुरू कर दिया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
ट्रेन में यात्रा कर रहे एक अन्य यात्री ने वीडियो बनाकर इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा कर दिया। इस वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा, “यह शख्स शाकाहारी हैं और उसे नॉन वेज परोसा गया। इससे वह गुस्सा हो गया और वेटर को थप्पड़ जड़ दिया।” वीडियो में दिख रहा यात्री काफी गुस्से में था और वह बार-बार वेटर से माफी मांगने के लिए कह रहा था।

हालांकि, वेटर इस गलती के लिए यात्री से माफी मांगता हुआ दिखा। ट्रेन में मौजूद अन्य यात्रियों ने वेटर का पक्ष लिया। एक व्यक्ति ने उस यात्री के पीठ में मारा और उसे वेटर से माफी मांगने के लिए कहने लगा। उस व्यक्ति ने यात्री ने कहा कि पैकेट में लिखा रहता है कि खाना शाकाहारी है या नहीं। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स अपनी अलग-अलग राय दे रहे हैं। एक यूजर ने कहा कि वेटर आपसे गरीब है और आपसे लड़ नहीं सकता, इसलिए आप उसपर अपना गुस्सा निकाल नहीं सकते।

बारिश का भी रौद्र रूप, फिर भी लोगों को बचाने में जुटी सेना; PHOTOS

वायनाड:  केरल के वायनाड में भूस्खलन के बाद मंगलवार को मौसम विभाग ने जिले में रेड अलर्ट जारी किया। मौसम विभाग ने वायनाड, मलप्पुरम, कोझिकोड और कन्नूर जिले में भारी बारिश की संभावना जताई है। भारतीय मौसम विभाग ने वायनाड समेत चार जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया। इसके अलावा तिरुवनंतपुरम और कोल्लम को छोड़कर राज्य के सभी राज्यों के लिए मंगलवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया।

बता दें कि रेड अलर्ट 24 घंटों में 20 सेमी. तक बारिश का संकेत देता है। ऑरेंज अलर्ट का मतलब है 11-20 सेमी तक भारी बारिश और येलो अलर्ट छह-11 सेमी तक भारी बारिश का संकेत देता है। मंगलवार को पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़ और कासरगोड जिलों के लिए ऑरोंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड और कन्नूर जिले में भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

वायनाड में भूस्खलन के कारण मुंडक्कई पूरी तरह से कट गया है। एनडीआरएफ की टीम, दो हेलीकॉप्टर और अन्य बचाव कर्मी भारी बारिश के बीच वहां बचाव कार्य चला रहे हैं। वायनाड में भूस्खलन में अबतक 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकारी मौत के आंकड़ों में वृद्धि की संभावना जता रहे हैं। इस हादसे में अबतक 70 से अधिक घायल भी हुए हैं। घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है। कई लोग वायनाड के अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं।

पीएम मोदी ने केरल के सीएम पिनारई विजयन से बात की और केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने मौजूदा स्थिति के बारे में केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी से भी बात की। प्रधानमंत्री ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी बात की और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि भाजपा कार्यकर्ता राहत प्रयासों में सहायता के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, वह करें। इसके अलावा, पीएम ने वायनाड में भूस्खलन के बारे में मंत्री जॉर्ज कुरियन से भी बात की।

तबाह हुए घरों और मलबे के ढेर के बीच फंसे लोगों का रो-रोकर बुरा हाल, मदद को लगा रहे गुहार

वायनाड :एक तरफ देश के कई राज्य बारिश होने की दुआ कर रहे हैं तो वहीं कई राज्यों में बारिश अपना कहर बरपा रही है। असम से लेकर केरल तक मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में मंगलवार तड़के भारी भूस्खलन हुआ है, जिसमें सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। वहीं, इस हादसे में अबतक 45 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच, वायनाड जिले के ऊंचाई वाले गांवों में मंगलवार तड़के भूस्खलन होने के बाद तबाह हुए घरों और मलबे के ढेर के बीच फंसे लोग फोन करके मदद की गुहार लगा रहे हैं।

आने-जाने का कोई रास्ता नहीं
टीवी चैनलों पर कई लोगों की फोन पर हुई बातचीत सुनाई गई। बातचीत में लोग रो रहे थे और अनुरोध कर रहे थे कि कोई उन्हें आकर बचा ले, क्योंकि वे या तो अपने घरों में फंसे हुए हैं या उनके पास आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है। यहां हालात बदतर बनी हुई है। पुल बह गए हैं और सड़कें जलमग्न हैं।

फूट-फूटकर रो रहे लोग
चूरलमाला शहर की रहने वाली एक महिला ने फूट-फूटकर रोते हुए कहा कि उसके परिवार का एक सदस्य मलबे में फंसा हुआ है। उसे वहां से बाहर नहीं निकाला जा सकता। रोते हुए महिला ने आगे कहा, ‘कृपया कोई यहां आओ और हमारी मदद करो। हमने अपना घर खो दिया है। हम नहीं जानते कि नौशीन (परिवार की एक सदस्य) जिंदा भी है या नहीं। वह दलदल में फंस गई है। हमारा घर शहर में ही है।’

धरती अभी भी कांप रही
चूरलमाला के एक अन्य निवासी ने फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि धरती अभी भी कांप रही है और उन्हें नहीं पता कि क्या करना है। यहां बहुत शोर है। हमारे पास चूरलमाला से आने का कोई रास्ता नहीं है।

‘बंगाल को विभाजित करने की चुनौती देती हूं’, विधानसभा में भाजपा पर क्यों भड़कीं ममता बनर्जी, जानें मामला

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि उन्होंने दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में भारत-भूटान नदी आयोग के गठन की मांग की। विधानसभा में जब कटाव नियंत्रण और बाढ़ शमन पर चर्चा हो रही थी, इस दौरान बंगाल सीएम ने इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने बंगाल के दो जिलों और बिहार के कुछ जिलों को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की कुछ भाजपा नेताओं की मांग का भी विरोध किया। उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैं बंगाल को विभाजित करने की चुनौती देती हूं।

ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे पर भारत-बांग्लादेश के बीच किसी भी समझौते का विरोध करती है। उन्होंने बताया कि उन्हें बांग्लादेश के लोगों से प्यार हैं, लेकिन तीस्ता के पानी के बंटवारे का मतलब है कि उत्तरी बंगाल को पीने के पानी से वंचित रखना। उन्होंने कहा सर्दी और गर्मी के मौसम में तीस्ता में बहुत कम पानी होता है। सीएम ममता बनर्जी ने यह आरोप लगाया कि राज्य सरकार को फरक्का संधि के नवीनीकरण पर भारत-बांग्लादेश के बीच चर्चा के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।

भाजपा विधायकों ने विधानसभा से किया वॉकआउट
भाजपा ने सोमवार को विधायक के तौर पर कटाव नियंत्रण और बाढ़ शमन पर चर्चा के लिए सुमन कांजीलाल का नाम शामिल किए जाने के विरोध में पश्चिम बंगाल विधानसभा से वॉकआउट कर गए। भाजपा नेता संकर घोष ने बताया कि कांजीलाल जिन्हें अलीपुर से भाजपा विधायक बनाया गया है, वह तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गई हैं। इसका विरोध करते हुए घोष ने स्पीकर बिमान बनर्जी से कहा कि भाजपा विधायक दल ने चर्चा में शामिल होने के लिए उनका नाम नहीं दिया था। स्पीकर बिमान बनर्जी ने कहा कि उन्होंने चर्चा में भाग लेने के लिए कांजीलाल का नाम शामिल करने की अनुमति दे दी है। इसपर भाजपा विधायकों ने नारे लगाते हुए विधानसभा से वॉकआउट किया।

मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया, बोले- भाजपा हमें बदनाम करने की कोशिश कर रही

बंगलूरू:  बंगलूरू:   कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर ‘झूठ बोलने’ का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हालिया केंद्रीय बजट में राज्य के साथ ‘अन्याय’ करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा, कांग्रेस शासित कर्नाटक को भ्रष्ट राज्य के रूप में बदनाम करना चाहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दिल्ली जाएंगे, जहां वे पार्टी आलाकमान के साथ पार्टी और सरकार पर चर्चा करेंगे।

सीएम सिद्धारमैया ने लगाए झूठ बोलने के आरोप
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि ‘बजट पूर्व बैठक में आपने कहा था कि आप ऊपरी भद्रा परियोजना के लिए 5300 करोड़ रुपये देंगे लेकिन बजट में पैसा नहीं दिया गया।

15वें वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट में विशेष अनुदान के रूप में 5,495 करोड़ रुपये देने की सिफारिश की थी, लेकिन ये पैसा भी कहां है? कहा गया था कि बंगलूरू में रिंग रोड के लिए तीन हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे और जल निकायों के विकास के लिए भी तीन हजार करोड़ रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन ये (बजट में) कहा है?’

सीएम ने वित्त मंत्री पर लगाए आरोप
सीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘इनमें से कुछ भी बजट में नहीं है, क्या यह अन्याय नहीं है? आंध्र प्रदेश और बिहार को दिया गया है, कर्नाटक को क्या दिया गया है? केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी और निर्मला सीतारमण कम से कम यह तो कह सकते थे कि वे यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि कर्नाटक को उसका हक मिले।’ वित्त मंत्री सीतारमण से हाल ही में सीएम के उन आरोप खारिज कर दिया था, जिसमें सीएम ने कहा था कि उनके राज्य का हक नहीं मिला।

वित्त मंत्री ने दावा किया था कि फंड आवंटन के बारे में बहुत सारी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। सीतारमण ने यह भी आरोप लगाया था कि ‘(कर्नाटक में) बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण उद्योग डरे हुए हैं और वे बाहर निकलना चाहते हैं।’

उत्तर से दक्षिण तक उफन रही हैं नदियां, मंडरा रहा है बड़ा खतरा, NDRF को लगातार निगरानी के निर्देश

नई दिल्ली: देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही बारिश के बाद नदियों में पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम की सभी नदियां उफान पर हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में उफनाई नदियों की पूरी रिपोर्ट केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से साझा की गई है।

फिलहाल नदियों में बाढ़ जैसे हालत के चलते कुछ राज्यों में अभी भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। जिन इलाकों में नदियों से बाढ़ के हालात बने हैं, वहां पर केंद्र सरकार में इस रिपोर्ट के आधार पर तुरंत सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ के टीमों को भी तैनात किया गया है।

बीते कुछ दिनों से नदियों में बढ़े जलस्तर के चलते असम पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ हिस्सों में लगातार बाढ़ के हालात बने हुए थे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की अलग-अलग नदियों में पानी की अधिकता के कारण जबरदस्त नुकसान हुआ था। इन राज्यों में तो अभी भी नदियों में अधिक पानी और बाढ़ के हालात बने हैं। साथ ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को मिली रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु समेत तेलंगाना की कई नदियों में भी तेज बहाव और और जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है।

ऐसे हालात में केंद्र सरकार की मॉनिटरिंग टीम इन नदियों के किनारे बसी आबादी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की तैयारी में लग गई है। अलग-अलग राज्यों में बहने वाली नदियों के जलस्तर की पूरी रिपोर्ट सोमवार सुबह भी जल शक्ति मंत्रालय को दी गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य नदियों के साथ तकरीबन 23 सहायक नदियों में लगातार पानी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।