Saturday , November 23 2024

देश

राकांपा-एसपी विधायक जितेन्द्र अव्हाड की कार पर हमला; सीएम शिंदे का उद्धव पर निशाना

मुंबई:  महाराष्ट्र में शरद पंवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा-एसपी) के विधायक जितेन्द्र अव्हाड की कार पर कुछ लोगों द्वारा हमला किया गया है। दरअसल, अव्हाड ने पूर्व राज्य सभा सांसद छत्रपति को लेकर टिप्पणी की थी। बताया गया है कि राकांपा (एसपी) विधायक अव्हाड ठाणे अपनी एसयूवी कार में सवार होकर ठाणे की तरफ जा रहे थे। इस दौरान कुछ लोगों ने उनकी कार के पिछले हिस्से पर लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला किया।

हमलावरों ने संभाजी छत्रपति के समर्थन में नारेबाजी की
बताया गया है कि इस दौरान हमला करने वालों ने संभाजी छत्रपति के समर्थन में नारेबाजी की और इसके बाद वहां से भाग गए। इस मामले में डोंगरी पुलिस का कहना है कि घटना की जांच जारी है। आपको बता दें कि इससे पहले अव्हाड ने राज्य सभा सांसद संभाजी छत्रपति पर निशाना साधा था। राकांपा (एसपी) विधायक ने कोल्हापुर स्थित विशालगढ़ दुर्ग में अतिक्रमण की कार्रवाई के दौरान भड़की हिंसा को लेकर कहा था कि संभाजी छत्रपति के पिता और कोल्हापुर सांसद साहू छत्रपति इस हिंसा से दुखी हैं।

सीएम एकनाथ शिंदे का उद्धव ठाकरे पर निशाना
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। दरअसल, ठाकरे ने इससे पहले एक पत्र के जरिए उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चुनौती दी थी। शिंदे के कहा कि जो दूसरों को चुनौती दे रहे हैं, उन्हें इस बात का अहसास होना चाहिए कि क्या उनके पास चुनौती देने की ताकत है? इससे पहले उद्धव ठाकरे ने बुधवार को देवेंद्र फडणवीस को चुनौती देते हुए कहा था, ‘या तो उस जगह आप रहेंगे या मैं रहूंगा। हाल ही में अनिल देशमुख ने इस बात की जानकारी दी है कि फडणवीस ने मुझे और मेरे बेटे को सलाखों के पीछे भेजने की योजना तैयार की थी। सब कुछ सहने के बाद मैं आज स्पष्ट रूप से कहता हूं कि वहां या तो आप रहेंगे या फिर मैं रहूंगा।’ उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि आखिर किस तरह से दो पूर्व दोस्तों के बीच में रिश्तों में खटास आ गई।

’30 करोड़ डॉलर की क्रेडिट लाइन पर बनी सहमति से वियतनाम की समुद्री सीमा सुरक्षा…’, बोले PM मोदी

हैदराबाद:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वियतनाम के पीएम फाम मिन्ह चिन्ह की मौजूदगी में हैदराबाद हाउस में भारत और वियतनाम के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। वहीं, वियतनाम के न्हा ट्रांग में टेली-कम्युनिकेशंस यूनिवर्सिटी में आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में हम दोनों के विचारों में अच्छा सामंजस्य है। हम स्वतंत्र, नियम-आधारित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने सहयोग को जारी रखेंगे।

हमारे द्विपक्षीय व्यापार में 85 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं वियतनाम के पीएम फाम मिन्ह चिन्ह और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करता हूं। सबसे पहले मैं वहां के जनरल सचिव के निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। वे भारत के अच्छे मित्र थे। पिछले एक दशक में हमारे संबंधों में विस्तार और इनमें गहराई भी आई है। पिछले 10 वर्षों में हमने अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया है। हमारे द्विपक्षीय व्यापार में 85 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी हुई है।’

भविष्य की रूपरेखा तैयार करने की ओर कई कदम उठाए
उन्होंने कहा, ‘पिछले दशक की उपलब्धियों को देखते हुए आज की हमारी चर्चा में हमने आपसी सहयोग के सभी क्षेत्रों पर व्यापक रूप से चर्चा की और भविष्य की रूपरेखा तैयार करने की ओर कई कदम उठाए। हम मानते हैं कि विकसित भारत 2047 और वियतनाम के विजन 2045 के कारण दोनों देशों में विकास ने गति पकड़ी है। इससे आपसी सहयोग के बहुत से नए क्षेत्र खुल रहे हैं इसलिए अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूती देने के लिए आज हमने एक नई कार्रवाई की योजना अपनाई है।’

रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए नए कदम उठाए
उन्होंने आगे ने कहा, ‘रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए नए कदम उठाए हैं। ‘नया-चांग’ में बने आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क का आज उद्घाटन किया गया। 300 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन पर बनी सहमति से वियतनाम की समुद्री सीमा सुरक्षा सशक्त होगी। हमने यह भी तय किया है कि आतंकवाद और साइबर सुरक्षा के विषयों पर सहयोग को बल दिया जाएगा।’

श्रीलंकाई नौसेना के जहाज से टकराने के बाद भारतीय मछुआरे की मौत, मामले में MEA ने जताया कड़ा विरोध

चेन्नई:  श्रीलंकाई नौसेना के जहाज से टकराने के बाद भारतीय मछुआरों की एक नाव पलट गई। इस हादसे में एक मछुआरे की मौतत हो गई और एक अन्य लापता है। दरअसल, श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार करने की कोशिश के दौरान उनकी नाव पलट गई। नाव पर चार मछुआरे मौजूद थे, जिनमें से एक की मौत हो गई, एक लापता है और बाकी के दो श्रीलंकाई नौसेना की हिरासत में हैं। हादसे के बाद दिल्ली में श्रीलंका के कार्यवाहक उच्चायुक्त को आज सुबह विदेश मंत्रालय बुलाया गया। इस घटना को लेकर विदेश मंत्रालय ने कड़ा विरोध दर्ज किया।

विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमने जान गंवाने वाले के लिए दुख और सदभावना व्यक्त की। कोलंबो में हमारे उच्चायुक्त भी इस मामले को श्रीलंकाई सरकार के सामने उठा रहे हैं।” इस घटना पर विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि यह घटना सुबह के पांच बजे कच्चातिवु द्वीप के पास घटी। दो मछुआरों को बचाकर कांकेसंतुरई तट पर लाया गया है। फिलहाल लापता मछुआरे की तलाश जारी है। जाफना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को तुरंत कांकेसंतुरई पहुंचने, मछुआरों और उनके परिवारवालों को हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।

भारत-श्रीलंका के संबंधों में मछुआरों का मुद्दा एक विवादास्पद मुद्दा
भारत और श्रीलंका के संबंधों में मछुआरों का मुद्दा एक विवादास्पद मुद्दा है। इस तरह की ज्यादातर घटनाएं पाक जलडमरूमध्य में होती हैं। यह तमिलनाडु से उत्तरी श्रीलंका के बीच एक पट्टी है। यह मछलियों के लिए समृद्ध क्षेत्र माना जाता है। इस साल अबतक श्रीलंका ने 180 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले साल 240 से 245 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पिछले महीने श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु के तट से दो पावरबोट समेत रामेश्वरम के नौ भारतीय मछुआरों को पकड़ लिया। उन्होंने दावा किया कि मछुआरे भारतीय सीमा के पार जाकर मछली पकड़ रहे थे।

‘सरकार शांति लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही’, मणिपुर सीएम विधानसभा में बोले- जल्द करेंगे बड़ा एलान

इंफाल:  मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार शांति वार्ता के लिए काम कर रही है और इसे लेकर असम के सिलचर में कई बैठकें भी हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा, ‘हम विधायकों और अन्य सदस्यों की सहायता से शांति वार्ता के लिए बहुत प्रयास कर रहे हैं। सिलचर में बैठकें हुई हैं और जल्द ही इस संबंध में घोषणा करेंगे।’ हालांकि मुख्यमंत्री ने बैठकों में शामिल लोगों के बारे में विस्तार से नहीं बताया।

सीएम बोले- हिंसा का राजनीतिकरण हो रहा
राज्य में जारी हिंसा को सीएम ने अवांछित और अप्रत्याशित करार दिया और कहा कि गिरफ्तारी या अन्य सख्त कदम उठाने से कानून की स्थिति बिगड़ सकती है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने आरोप लगाया कि मणिपुर हिंसा का राजनीतिकरण किया जा रहा है, जिससे हालात मुश्किल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ तत्व ऐसे हैं जो राजनीति कर रहे हैं। मैं सभी से ऐसी गतिविधियों में शामिल न होने की अपील करता हूं।’

सुप्रीम कोर्ट के जज द्वारा की जा रही जांच
कांग्रेस विधायक रंजीत सिंह ने राज्य में 38,000 से अधिक सशस्त्र बलों की मौजूदगी के बावजूद हिंसा होने पर सवाल उठाया तो सीएम ने कहा कि, ‘सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा हिंसा की जांच की जा रही है। जांच के बाद पता चलेगा कि हिंसा किन खामियों की वजह से हुई और जांच के बाद हिंसा के लिए जिम्मेदार तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एक सवाल का जवाब देते हुए सीएम ने कहा, ‘अब तक हिंसा में 226 लोग मारे जा चुके हैं। भीड़ के चलते दोषियों को गिरफ्तार करने में परेशानी हो रही है।’

केरल-हिमाचल में बारिश के पूर्वानुमान पर मौसम विभाग की सफाई, कहा- 30 जुलाई को जारी कर दिया था रेड अलर्ट

नई दिल्ली:   केरल के वायनाड में भूस्खलन में से सैकड़ों लोग काल के गाल में समा गए। इसे लेकर केंद्र सरकार और केरल सरकार के बीच मौसम की चेतावनी के मुद्दे पर बयानबाजी भी देखने को मिली। एक तरफ गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया था कि केरल में पहले ही भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी, तो केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने शाह के आरोपों को खंडन किया। इस बीच भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) प्रमुख मृत्युंजय महापात्र का कहना है कि 30 जुलाई की सुबह केरल के लिए रेड अलर्ट यानी अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान भारत के पश्चिमी तट में भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था।

‘केरल के लिए 30 जुलाई की सुबह जारी किया था रेड अलर्ट’
बुधवार को राज्य सभा में अमित शाह ने कहा था कि केरल सरकार ने प्राकृति आपदा को लेकर पूर्व में दी गई मौसम की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया। आपको बता दें 30 जुलाई की सुबह केरल के वायनाड जिले में आए भूस्खलन की वजह से अब तक 173 लोगों की मौत हो चुकी है। उधर, केरल के सीएम पिनरई विजयन का दावा है कि आईएमडी ने वायनाड जिले में भूस्खलन से पहले केवल ऑरेंज अलर्ट यानी भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। उन्होंने आगे कहा कि वायनाड जिले में मौसम के पूर्वानुमान से कहीं अधिक, 572 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई थी।

आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने क्या कहा?
आईएमडी प्रमुख महापात्र का कहना है कि मौसम विभाग ने 18 जुलाई और 25 जुलाई को भारत के पश्चिमी तय के लिए भी अत्यधिक बारिश को लेकर विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया था। महापात्र के अनुसार, ‘25 जुलाई को मौसमम विभाग ने भारत के पश्चिमी तट और मध्य भारत में अच्छा बारिश का विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया था। यह पूर्वानुमान एक अगस्त तक के लिए जारी किया गया था। हमने 25 जुलाई को यलो अलर्ट जारी किया था, जो 29 जुलाई तक जारी रहा, जब तक कि हमने ऑरेंज अलर्ट जारी नहीं किया। इसके बाद, 30 जुलाई की सुबह अत्यधिक भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई। हमें उम्मीद थी यह बारिश 20 सेंटीमीटर तक हो सकती है।’

शशि थरूर ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी, वायनाड भूस्खलन को गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित करने का आग्रह

नई दिल्ली:  कांग्रेस के तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर ने गृह मंत्री अमित शाह से वायनाड भूस्खलन को गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित करने का आग्रह किया है। उन्होंने गृह मंत्री को चिट्ठी भी लिखी। बता दें कि मंगलवार को मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में आए भूस्खलन में अबतक 173 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सेना का राहत व बचाव कार्य जारी है।

थरूर ने अमित शाह को चिट्ठी लिखी
शशि थरूर ने चिट्ठी में कहा कि 30 जुलाई को रात में केरल के वायनाड में भूस्खलन हुआ, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। इसमें कई घायल भी हुए। वहीं भूस्खलन के बाद से कई लोग गायब भी हैं और कुछ मलबे में दबे हुए हैं। उन्होंने आगे कहा, “इस घटनने ने मौत और विनाश की एक भयावह कहानी छोड़ गई है। सशस्त्र बल, तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य एजेंसियां बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।”

तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा, “इस भूस्खलन ने अनगिनत जिंदगियों पर कहर बरपाया है। ऐसे में वायनाड के लोगों का हर संभव मदद करना आवश्यक है।” थरूर ने अपनी चिट्ठी में कहा, “इस भयानक हादसे के बीच मैं आपको चिट्ठी लिख रहा हूं कि इस घटना को ‘गंभीर प्रकृति की आपदा’ घोषित की जाए, ताकि संसद सदस्यों को प्रभावित क्षेत्रों के लिए अपने एमपीएलडीएस फंड से एक करोड़ रुपये तक के कार्यों की सिफारिश की जा सके।”

उन्होंने आगे कहा, “इच्छुक सांसद सदस्य इस घटना में प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए धनराशि का योगदान दे पाएंगे। यह बचाव और राहत कार्यों में अमूल्य योगदान होगा। मैं उम्मीद करता हूं कि आप मेरे इस अनुरोध पर विचार करेंगे।”

बता दें कि भूस्खलन में मरने वालों में 23 बच्चे और 70 महिलाएं शामिल हैं। वहीं, 100 शवों की शिनाख्त हो चुकी है। 200 से अधिक लोग घायल है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों से निकाले गए 221 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनमें से 91 का अब भी इलाज जारी है।

झारखंड विधानसभा में भाजपा नेताओं का जोरदार हंगामा, मुख्यमंत्री से कई मुद्दों पर मांगा जवाब

रांची: झारखंड विधानसभा में इन दिनों जमकर राजनीतिक वार-पलटवार का दौर देखा जा रहा है। एक तरफ जहां सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने मुखिया और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वापस लौटने के बाद से विपक्ष पर जमकर हमले कर रही है। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल भी तमाम मुद्दों को लेकर सदन में सरकार को लगातार घेर रहे हैं।

भाजपा नेताओं के हंगामे के कारण सदन स्थगित
इस कड़ी में आज झारखंड भाजपा के विधायकों ने सदन में जमकर शोर-शराबा किया और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कई मुद्दों पर जवाब मांगा। वहीं इस जोरदार हंगामे के बीच स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बावजूद भाजपा के विधायक वेल में ही विरोध प्रदर्शन करते रहे।

सीएम हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर कसा तंज
दरअसल प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने से युवाओं को पांच लाख नौकरियां देने के उनके वादे के बारे में जानना चाहा। इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दावा किया कि उनके जेल से बाहर आने के बाद से विपक्ष असहज हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा लेकिन मैं उन्हें आश्वस्त करता हूं कि मैं नौकरियों समेत विपक्ष के सभी सवालों का जवाब दूंगा और उचित आंकड़ों के साथ उन्हें संतुष्ट करूंगा।

नारेबाजी करते हुए वेल में घुसे भाजपा के नेता
वहीं लंच से पहले सीएम सोरेन से अपने प्रश्नों का उत्तर देने की मांग करते हुए भाजपा सदस्य वेल में आ गए और जमकर नारेबाजी करने लगे। इस सबके बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे लंच के लिए स्थगित होने तक जारी रही। वहीं दोपहर 2.10 बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई और सरकार ने तकनीकी कारणों से अगस्त 2023 में राज्य विधानसभा में पेश किए गए अपने कारखाना (झारखंड संशोधन) विधेयक, 2023 को वापस ले लिया।

‘मराठाओं को आरक्षण नहीं देना चाहती सरकार और विपक्ष, चुनाव में देंगे जवाब’, जरांगे ने दी चेतावनी

जालना:  महाराष्ट्र में मराठाओं को ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने महायुति सरकार और विपक्षी महाविकास अघाड़ी पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार और विपक्ष दोनों की मराठा समुदाय की मांगों पर गौर नहीं कर रहे हैं। दोनों ही मराठाओं को आरक्षण नहीं देना चाहते। इसका जवाब मराठा समुदाय विधानसभा चुनाव में देगा।

मनोज जरांगे ने कहा कि भाजपा नेता चालाक हैं। जबकि विपक्ष के नेता उनकी मांग का समर्थन नहीं कर रहे हैं। मराठा उन्हें वोट देते रहे हैं। अब हम चुनाव में दोनों दलों को देखेंगे।

जरांगे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के उस बयान का भी जवाब दिया, जिसमें शरद ने कहा था कि महाराष्ट्र में मणिपुर जैसी गड़बड़ी की संभावना है। जरांगे ने कहा कि एनसीपी के नेमा छगन भुजबल जो काम कर रहे हैं उससे जरूर राज्य में अशांति फैल सकती है। शरद पवार क्यों ओबीसी कोटे से मराठों को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण देने की बात नहीं करते? पवार को सरकार से मराठाओं की मांग को लेकर बात करनी चाहिए।

उन्होंने डिप्टी सीएम देंवेंद्र फड़नवीस और एमएलसी प्रवीण दरेकर पर मराठा समुदाय में बंटवारा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों की साजिश का जल्द पर्दाफाश किया जाएगा। मराठा समुदाय को दोनों नेताओं के जाल में नहीं फंसना है। हमें अपने समुदाय को आगे बढ़ाने के लिए काम करना है। मराठों को एकजुटता दिखानी होगी और सावधानी बरतनी होगी।

जरांगे ने यह भी कहा कि बहुजन वंचित अघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर और स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के राजू शेट्टी के के साथ उनका कोई आधिकारिक गठबंधन नहीं है।

यह हैं जरांगे की मांग
जरांगे की मांग है कि मसौदा अधिसूचना को लागू किया जाए, जिसमें कुनबियों को मराठा समुदाय के रक्त संबंधी के रूप में मान्यता दी गई है और उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण दिया गया है। उन्होंने 20 जुलाई से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया था। मगर समुदाय के दबाव के बाद उन्होंने अनशन खत्म कर दिया था।

आसमान में ताकत दिखाएगी भारत समेत 10 देशों की वायुसेना, पहली बार होगा ऐसा हवाई अभ्यास, जानिए खासियत

नई दिल्ली भारतीय वायु सेना पहली बार ऐसा हवाई अभ्यास कराने जा रही है, जिसमें भारत समेत 10 देशों की वायु सेना एक साथ आसमान में अपनी ताकत दिखाएगी। लड़ाकू विमानों के साथ सेना के जांबाज अपने देश की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। राजस्थान के सुलूर में छह अगस्त से भारतीय वायु सेना तरंग शक्ति 24 हवाई अभ्यास का आयोजन करेगी। दो चरणों में होने वाले इस हवाई अभ्यास में आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस समेत कई देशों की वायु सेना भाग लेगी।

अब तक आपने जमीन पर दो देशों की सेनाओं के बीच अभ्यास के बारे में सुना होगा। जिसमें दोनों देशों की सेनाएं मिलकर युद्ध का अभ्यास करती हैं। इसके जरिये दो देश आपस में अपनी सुरक्षा और सैन्य तकनीकों को साझा करते हैं। मगर पहली बार अपने देश में ऐसा युद्ध अभ्यास होने जा रहा है, जो आसमान में होगा। भारतीय वायु सेना के तरंग शक्ति हवाई अभ्यास को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। वायु सेना ने हवाई अभ्यास में भाग लेने के लिए 51 देशों को न्योता भेजा था। वायु सेना के उपप्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ने बताया कि हमने रूस समेत 51 देशों को आमंत्रित किया था। मगर कई देश अपने आंतरिक संघर्ष के चलते इसमें भाग नहीं ले रहे हैं।

ग्रुप कैप्टन आशीष डोगरा ने बताया कि हवाई अभ्यास दो चरणों में होगा। पहला चरण 6 अगस्त से 14 अगस्त तक सुलूर में होगा, जबकि दूसरा चरण 29 अगस्त से 14 सितंबर तक जोधपुर में होगा। इसमें 10 देशों की वायु सेना ने अपने लड़ाकू विमान के साथ भाग लेने की पुष्टि की है। इसमें ऑस्ट्रेलिया एफ-18, बांग्लादेश सी-130, फ्रांस राफेल, जर्मनी, स्पेन और यूके के टाइफून लड़ाकू विमान, ग्रीस एफ-16 और यूएसए ए-10, एफ-16, एफआरए के साथ भाग लेगा। वहीं भारतीय वायु सेना भी राफेल, सुखोई, मिराज, जगुआर, तेजस, मिग-29, प्रचंड और रुद्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर, एएलएच ध्रुव, सी-130, आईएल-78 और एडब्ल्यूएसीएस के साथ अपनी हवाई ताकत दिखाएगी। उन्होंने बताया कि अभ्यास में फ्रांस, जर्मनी और स्पेन के वायु सेना प्रमुख भी शामिल होंगे।

कुत्ते नहीं, भेड़ का था जयपुर से बंगलूरू आया मांस, नमूनों की जांच के बाद पुष्टि, तीन एफआईआर दर्ज

बंगलूरू:  बंगलूरू रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार रात को ट्रेन से जयपुर से ट्रेन से पहुंचा मांस कुत्ते नहीं भेड़ का था। कर्नाटक सरकार की ओर से कराई गई मांस के नमूनों की जांच में इसकी पुष्टि की गई है। वहीं मामले में रेलवे स्टेशन पर हंगामा करने वाले गोरक्षक, उसके साथियों और मांस का परिवहन करने समेत तीन एफआईआर दर्ज की गईं हैं।

बंगलूरू रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को कथित मांस की बड़ी खेप मिलने से बवाल मच गया था। जयपुर से ट्रेन में 90 डिब्बों में लगभग तीन टन वजन वाली मांस की खेप मिली। इसके बाद स्टेशन पर सनसनी मच गई। गोरक्षकों ने स्टेशन पर पहुंचकर इसे कुत्ते का मांस बताते हुए हंगामा किया था। वहीं मांस व्यापारी अब्दुल रज्जाक का कहना था कि यह भेड़ का मांस था।

वहीं पुलिस विभाग और खाद्य सुरक्षा एवं मानक विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच की और मांस के 84 नमूने एकत्र किए। नमूनों को जानवरों की प्रजातियों के संबंध में विश्लेषण के लिए खाद्य प्रयोगशाला में भेजा गया।

बुधवार को कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने एक्स पर पोस्ट किया कि जानवरों के मांस के परिवहन के आरोपों की जांच कराई गई। मांस के नमूनों को जांच के लिए राष्ट्रीय मांस अनुसंधान संस्थान हैदराबाद भेजा गया था। यहां से नमूनों की जांच के बाद पुष्टि हुई है कि मांस भेड़ का था।

वहीं पुलिस ने मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहली एफआईआर मांस परिवहन, दूसरी एफआईआर गोरक्षक के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और तीसरी एफआईआर गोरक्षक और उसके साथियों के खिलाफ सार्वजनिक स्थान पर बिना अनुमति एकत्र पर होने को लेकर की गई है।

खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि मांस सिरोही नामक विशेष नस्ल के बकरे का था। यह आमतौर पर राजस्थान और गुजरात के कच्छ क्षेत्र में पाया जाता है। प्रदेश में मटन की कम आपूर्ति के कारण कुछ व्यापारी इसे दूसरे राज्य से मंगवाते हैं और यहां बेचते हैं।