Sunday , November 24 2024

देश

बेबाक राय रखने और चुनौतियों से कभी हार न मानने वाली शख्सियत, दिव्यांगों से विशेष स्नेह

द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला और पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं। वह अपनी बेबाक राय और महिला सशक्तीकरण की खुली हिमायत के लिए पहचानी जाती हैं। मुर्मू बृहस्पतिवार को अपने कार्यकाल के दो सफल वर्ष पूर्ण कर रही हैं। ओडिशा के मयूरभंज के छोटे से गांव से राष्ट्रपति पद तक का सफर तय करने वाली द्रौपदी मुर्मू अपने व्यवहार और महिलाओं की दुश्वारियों को दूर कराने से लेकर अपने स्वाभिमान को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने से नहीं रुकती हैं। यही वजह है कि देश के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान में महिला शौचालय की बदहाली पर वह सार्वजनिक रूप से प्रबंधन को न केवल परामर्श देती हैं, बल्कि यह भी कहती हैं कि देश के संस्थानों के लिए मॉडल होने वाले ऐसे शैक्षणिक स्थलों पर यदि महिलाओं के लिए उनकी जरूरतों की पूर्ति के लिए कॉमन रूम व शौचालय का ऐसा अव्यवस्थित ढांचा होगा, तो वह कैसे रोल मॉडल बनने का दावा करेंगे।

अवसाद से निकलकर शिखर तक
द्रौपदी मुर्मु दूसरी राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने अपना जीवन शिक्षक के रूप में शुरू किया। प्राथमिक विद्यालयों में अलग-अलग विषयों को पढ़ाने वालीं मुर्मू ने निजी जीवन में तमाम चुनौतियों को पार किया है। संथाल परिवार में जन्मी मुर्मू छोटे से स्कूल में पढ़ी हैं। उन्होंने पति व दोनों बेटों को एक ही कालखंड में खोया है। ऐसे में मानसिक अवसाद और जीवन की दुश्वारियां को पार कर चट्टान की तरह सबला के रूप में खुद को स्थापित किया।

हर खास और आम के लिए खोले द्वार
मुर्मू के दो साल के कार्यकाल में तीन राष्ट्रपति आवासों में नागरिकों की भागीदारी एक वर्ष के दौरान 18 लाख से अधिक रही है। उनके नई दिल्ली स्थित आवास से लेकर, सिकंदराबाद व मशोबरा में राष्ट्रपति आवासों के द्वार हर आम व खास आदमी के लिए खोल दिए गए हैं।

महिलाओं-युवाओं को दिया प्रोत्साहन
महिलाओं और युवाओं को प्रोत्साहित व प्रेरित करने के लिए राष्ट्रपति ‘हर स्टोरी माय स्टोरी’ नामक संवाद का आयोजन करती हैं। इसमें पद्म पुरस्कार प्राप्त महिलाओं के साथ, राष्ट्रपति भवन में संवाद होता है। हाल ही में मुर्मू ने सुधा मूर्ति और साइना नेहवाल इसका हिस्सा बनीं। साइना के साथ बैडमिंटन खेलकर उन्होंने खेल के माध्यम से स्वस्थ जीवन का पाठ पढ़ाया। स्कूली बच्चों और बुद्धिजीवियों ने भी संवाद में भाग लिया। जेलाें में बंद विचाराधीन कैदियों के अधिकारों और जिंदगी की दुश्वारियों की चिंता करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने जब न्यायपालिका से उनके मामले संवेदशीलता से निस्तारित करने का आग्रह किया, तो न्यायपालिका और सरकार दोनों इस दिशा में सक्रिय हुए।

दिव्यांगों से विशेष स्नेह
दिव्यांग उनके हृदय के करीब हैं। इसलिए 20 जून को वह हर साल अपना समय उनके साथ बिताती हैं। दिव्यांग जनों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए राष्ट्रपति भवन में पर्पल फेस्ट भी हुआ था। विविधता का अमृत महोत्सव-भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव भी मनाया गया, जिसके पहले संस्करण में राष्ट्रपति भवन में पूर्वोत्तर भारत की कला, संस्कृति, भोजन व जीवन को प्रदर्शित किया गया।

कांग्रेस ने बजट को बताया भेदभावपूर्ण, कहा- नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे पार्टी के सीएम

मंगलवार को सदन में केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया बजट कांग्रेस ने भेदभावपूर्ण और खतरनाक बताया। कांग्रेस ने घोषणा की कि इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होंगे।केंद्रीय बजट 2024-25 को कांग्रेस द्वारा भेदभावपूर्ण और खतरनाक बताया गया। कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की 27 जुलाई की नीति आयोग की बैठक को पार्टी के मुख्मयंत्री बहिष्कार करेंगे। कांग्रेस के इस निर्णय में तमिलनाडु सीएम ने भी सहमति जताई है। मंगलवार शाम को कांग्रेस ने घोषणा की कि पार्टी के मुख्यमंत्री – सिद्धारमैया (कर्नाटक), रेवंत रेड्डी (तेलंगाना), और सुखविंदर सुखू (हिमाचल प्रदेश) 27 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस का आरोप है

कि केंद्रीय बजट 2024-25 को कांग्रेस द्वारा भेदभावपूर्ण और खतरनाक इसके बाद अन्य कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी इस विरोध में शामिल होकर नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया।तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने भी कहा है कि वह विरोध स्वरूप 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे।

वहीं कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आज पेश किया गया केंद्रीय बजट बेहद भेदभावपूर्ण और खतरनाक है, जो संघवाद और निष्पक्षता के सिद्धांतों के पूरी तरह खिलाफ है। इसके विरोध में, कांग्रेस के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा, “इस सरकार का रवैया संवैधानिक सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत है। हम ऐसे किसी कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे जो पूरी तरह से इस शासन के असली, भेदभावपूर्ण पहलुओं को छिपाने के लिए बनाया गया हो।”

वित्त मंत्री का 80 मिनट का बजट भाषण
बताते चलें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 80 मिनट के बजट भाषण के दौरान कई उपायों की घोषणा की। जिसमें नई कर व्यवस्था में मानक कटौती को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करना, नई व्यवस्था में कर स्लैब में संशोधन, सोने और चांदी पर सीमा शुल्क में कटौती, रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन के तहत तीन योजनाएं और नौकरी सृजन के लिए 2 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं।

कांग्रेस ने कहा लंगडी सरकार बचाए रखने की राजनीतिक मजबूरी
केंद्र सरकार के प्रस्तुत बजट पर कांग्रेस ने उनकी घोषणाओं पर कटाक्ष किया। कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि इस लंगड़ी सरकार को बचाए रखने की राजनीतिक मजबूरियों से प्रेरित सरकार बचाओ बजट है। वहीं वेणुगोपाल ने कहा, “बजट में महंगाई को कम करने या किसानों के संकट को हल करने के लिए कुछ नहीं किया गया है। इसमें मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है। पिछले 10 बजटों की तरह यह केंद्रीय बजट भी आम भारतीय की चिंताओं से कोसों दूर है।”

सीएम योगी बोले- बजट में अंत्योदय की पावन भावना…, अखिलेश बोले- नाउम्मीदी का पुलिंदा है

लखनऊ:केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये बजट सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, विकासोन्मुखी आम बजट 2024-25, 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और अमृतकाल के सभी संकल्पों को सिद्ध करने वाला है।

आम बजट 2024-25 ‘विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण का आर्थिक दस्तावेज है। इसमें अंत्योदय की पावन भावना, विकास की असीम संभावना और नवोन्मेष की नव-दृष्टि है।इस बजट में गांव, गरीब, किसान, महिला, नौजवान समेत समाज के सभी तबकों के समग्र विकास का संकल्प, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दृष्टि और वंचित को वंचना से मुक्त कराने का रोडमैप है। मध्यम वर्ग को बड़ी राहत प्रदान करते हुए प्रत्यक्ष कर प्रणाली के संबंध में नए प्राविधानों की घोषणा स्वागत योग्य है।

‘नए भारत’ को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और विश्व का ग्रोथ इंजन बनाने का मार्ग प्रशस्त करते इस लोक-कल्याणकारी बजट के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार एवं मा. केंद्रीय वित्त मंत्री जी का हार्दिक अभिनंदन है।

दूसरे दलों के नेताओं ने भी बजट को लेकर प्रतिक्रिया दी है:

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस बजट में युवाओं के रोजगार के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ये बजट भी नाउम्मीदगी का ही पुलिंदा है। शुक्र है इंसान इन हालातों में भी जिंदा है।

मायावती बोलीं- ये बजट भी पुराने ढर्रे पर
बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्रीय बजट 2024 को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का ये बजट भी पुराने ढर्रे पर है। ये बजट अच्छे दिन की उम्मीद वाला कम और मायूस करने वाला ज्यादा है।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ‘अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है।

देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और पिछड़ापन तथा यहां के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव है। बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा?

उन्होंने कहा कि देश का विकास व लोगों का उत्थान आंकड़ों के भूलभुलैया वाला न हो बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे और आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो। रेलवे का विकास भी अति-जरूरी है। सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे।

डिप्टी सीएम बोले- सबका साथ, सबका विकास वाला बजट
यह सबका साथ, सबका विकास वाला बजट है। इस बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। युवाओं, महिलाओं और नौकरीपेशा लोगों के लिए सरकार ने कई घोषणाएं की हैं। यह कहना है प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का।

भाजपा नेता भवानी शंकर भोई ने विधानसभा में डिप्टी स्पीकर के लिए भरा नामांकन, बुधवार को चुनाव की संभावना

भुवनेश्वर:  भाजपा विधायक भवानी शंकर भोई ने मंगलवार को ओडिशा विधानसभा में उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। इस पद के लिए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उप मुख्यमंत्री केवी सिंह देव और प्रावती परिदा समेत अन्य लोगों के साथ तलसरा विधायक ने अपना नामांकन दाखिल किया। भोई 2019 और 2024 में दो बार ओडिशा विधानसभा के लिए चुने गए।

इस पद के लिए एक से अधिक उम्मीदवार होने पर डिप्टी स्पीकर पद के लिए बुधवार को चुनाव होगा। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ भाजपा नेता सुरमा पाढ़ी को विधानसभा स्पीकर चुना गया है। बता दें कि 147 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 78 सांसद बीजद के 51 विधायक कांग्रेस के 14 निर्दलीय के तीन और सीपीआई(एम) के एक विधायक हैं।

गुजरात हाईकोर्ट का आदेश- मोरबी पुल हादसे के पीड़ितों से मिलकर जमीनी हकीकत जानें न्याय मित्र और वकील

अहमदाबाद:  मोरबी ब्रिज हादसे को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि न्याय मित्र के एक वकील के साथ हादसे के पीड़ितों से मुलाकात करें। कोर्ट ने कहा कि न्याय मित्र और वकील पीड़ितों से हकीकत जानें और रिपोर्ट दाखिल करें। गुजरात हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने मोरबी ब्रिज हादसे को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर स्वत: सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। 30 अक्तूबर 2022 को गुजरात की मच्छु नदी पर ब्रिटिश काल में निर्मित मोरबी पुल गिर गया था। इसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी और 56 लोग घायल हो गए थे।

कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि कोर्ट की ओर से किसी को पीड़ितों से मुलाकात और बात करनी चाहिए। न्याय मित्र पीड़ितों के पास जाएं और उनकी हकीकत को समझने का प्रयास करें। इसके बाद कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करें। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि एक वकील को भी न्याय मित्र के साथ पीड़ितों से मिलकर उनके मुद्दों को समझना चाहिए। एक पीड़ित के मुआवजा लेने से इन्कार करने को लेकर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वकीलों को संबंधित व्यक्ति की काउंसलिंग करनी चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश अग्रवाल ने कहा कि हम स्वतंत्र राय चाहते हैं। सबसे मिलकर बात करके पीड़ितों को समझाना चाहते हैं कि कोर्ट उनके साथ है। न्याय मित्र और वकील अगस्त में ही पीड़ितों से मिलें। कोर्ट ने आदेश दिया कि जिलाधिकारी न्याय मित्र और वकील को आवश्यकता सहायता उपलब्ध कराएंगे।

कोर्ट में एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने कहा कि पुल के निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रहे ओरेवा ग्रुप ने 18 जुलाई को बैठक की थी। ग्रुप ने अपने प्रतिनिधियों को हर तीन महीने पर पीड़ितों से मिलकर उनकी जरूरतों को जानने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि जिला बाल कल्याण अधिकारी ने ग्रुप के प्रतिनिधियों के साथ पीड़ितों से बात की थी। इस दौरान सात बच्चे अनाथ मिले। जबकि जिन 14 बच्चों ने अपने किसी अभिभाववक को खो दिया, उनसे तीन महीने में एक बार मुलाकात की जाती है। त्रिवेदी ने कहा कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने भी पीड़ितों से मिलकर बात की है। ग्रुप ने हर पीड़ित की देखभाल करने का फैसला किया है।

केंद्र पर बरसे राहुल गांधी, कहा- ये ‘कुर्सी बचाओ बजट’; खरगे बोले- ये देश के विकास के लिए नहीं

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को केंद्रीय बजट को ‘कुर्सी बचाओ बजट’ की कहा और दावा किया कि यह अन्य राज्यों की कीमत पर भाजपा सहयोगियों से खोखले वादे करता है। पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने यह भी दावा किया कि बजट 2024 के चुनावों के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र और पिछले बजटों की कॉपी और पेस्ट वाला काम है।

राहुल गांधी ने बजट पर ऐसे साधा निशाना
सोशल मीडिया एक्स पर राहुल गांधी ने एक पोस्ट में केंद्र सरकार के बजट को ऐसे उल्लेखित किया है। कुर्सी बचाओ बजट, सहयोगियों को खुश करना: अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे, साथियों को खुश करना: आम भारतीयों को कोई राहत नहीं, लेकिन एए (अडानी-अंबानी) को लाभ, कॉपी और पेस्ट: कांग्रेस का घोषणापत्र और पिछले बजट।

कांग्रेस अध्यक्ष ने बजट को बताया ‘नकलची बजट’
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी केंद्रीय बजट पर निशाना साधा और कहा कि इस बजट में देश के विकास के लिए कुछ भी नहीं है। ये एक मोदी सरकार को बचाने वाला बजट है। कांग्रेस अध्यक्ष केंद्रीय बजट को नकल भी करार दिया। उन्होंने एक्स पर लिखे एक पोस्ट में कहा, मोदी सरकार का ‘नकलची बजट’ कांग्रेस के न्याय पत्र की भी ठीक से नकल नहीं कर सका! मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन सहयोगियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी रेवड़ियां बांट रहा है ताकि एनडीए बच जाए।

‘सरकार का ग्रामीण मजदूरी बढ़ाने का कोई इरादा नहीं’
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि 10 साल बाद, दो करोड़ रोजगार प्रति वर्ष के नारे की मार झेल रहे युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं की गई हैं। उन्होने कहा, किसानों के लिए सिर्फ सतही बातें की गई हैं – डेढ़ गुना एमएसपी और आय दोगुनी – सब चुनावी धोखा साबित हुआ! इस सरकार का ग्रामीण मजदूरी बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है।

कांग्रेस पार्टी ने भी की बजट की आलोचना
वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी केंद्रीय बजट की आलोचना की और कहा कि यह कार्रवाई की तुलना में दिखावे पर अधिक केंद्रित है और दावा किया कि कॉपी-पेस्ट सरकार ने लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र से बहुत कुछ उधार लिया है। विपक्षी दल ने अपने पोस्ट में दावा किया कि सरकार ने चुपचाप स्वीकार किया है कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी एक राष्ट्रीय संकट है, और कहा कि बजट में राजनीतिक मजबूरियां लिखी हुई हैं।

‘वित्त मंत्री के भाषण में महाराष्ट्र एक बार भी नहीं आया, प्रदेश के साथ भेदभाव’; आदित्य ठाकरे का आरोप

मुंबई: शिवसेना (उद्धव ठाकर गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि बजट भाषण के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार भी महाराष्ट्र का जिक्र नहीं किया। उन्होंने सबसे ज्यादा कर अदा करने वाले राज्य के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। एक्स पर पोस्ट करते हुए ठाकरे ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र को भ्रष्ट शासन और अधिक टैक्स लगाकर लूट रही है।

उन्होंने कहा कि मैं समझ सकता हूं कि भाजपा ने अपनी सरकार को बचाने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश को बड़ा बजट दिया है। लेकिन महाराष्ट्र की क्या गलती है? जब हम सबसे ज्यादा टैक्स अदा करते हैं। इतने बड़े योगदान के बाद हमें क्या मिला?

ठाकरे ने कहा कि क्या महाराष्ट्र का बजट में एक बार भी जिक्र किया गया? भाजपा महाराष्ट्र से इतनी नफरत क्यों करती है? महाराष्ट्र का इतना अपमान क्यों किया जा रहा है? उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है, पहले भी भाजपा सरकार ऐसा कर चुकी है। यह महाराष्ट्र के प्रति भेदभाव है।

आंध्र प्रदेश को मिले 15 हजार करोड़
बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आंध्र प्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का एलान किया है। निर्मला सीतारमण ने कहा, “सरकार का आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास किया। बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे। पोलावरम सिंचाई परियोजना को जल्दी पूरा कराने, विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे पर जोर, आर्थिक विकास के लिए पूंजीगत निवेश के लिए एक वर्ष तक अतिरिक्त आवंटन और आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान दिया जाएगा।

भरी बिहार की झोली
वित्त मंत्री सीतारमण ने बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का एलान किया। इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का विकास होगा। बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा और बक्सर में गंगा नदी पर दो लेना वाले एक अतिरिक्त पुल को बनाने में भी मदद दी जाएगी। इसके साथ ही, बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू करने की घोषणा की गई, जिनमें भागलपुर के पीरपैंती में 2400 मेगावाट के एक नए संयंत्र की स्थापना भी शामिल है।

सीएम की बैठक में नहीं गए राजभर, केशव प्रसाद मौर्या से मिले; दोनों नेताओं की मुलाकात ने बढ़ाई सियासी हलचल

लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सोमवार को आजमगढ़ में बुलाई गई बैठक में सुभासपा अध्यक्ष और पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर शामिल नहीं हुए। अलबत्ता उन्होंने राजधानी में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से मुलाकात कर एक नई सियासी चर्चा को जन्म दें दिया है। केशव के आवास पर हुई मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई।

बता दें कि लोकसभा चुनाव परिणामो को लेकर मुख्यमंत्री मण्डलवार जनप्रतिनिधियों के साथ चुनाव कि समीक्षा कर रहे हैं। इसी कड़ी में सीएम ने सोमवार को आजमगढ़ मंडल कि बैठक बुलाई थी। लेकिन राजभर उस बैठक में नहीं पहुंचे। अलबत्ता राजभर शाम को लखनऊ में केशव के आवास पहुंचे और इस मुलाकात कि फोटो वायरल की।हालांकि, उनकी केशव से किस मुद्दे पर बात हुई, यह किसी से शेयर नहीं किया। राजभर की केशव से मुलाकात को भाजपा के भीतर चल रही खिंचतान के तहत हो रही लामबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है।

राजभवन में कलराज से केशव ने की मुलाकात
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को राजभवन में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से शिष्टाचार मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने राज्यपाल से विभिन्न विषयों पर बातचीत की है।बता दें कि राजस्थान के राज्यपाल बीते दो दिनों से यूपी के दौरै पर लखनऊ आए हैं। यूपी के रहने वाले कलराज मिश्रा लंबे समय से तक प्रदेश में सक्रिय सियासत से जुड़े रहे हैं और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अलावा प्रदेश व केन्द्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं।

‘भारत सांस्कृतिक महाशक्ति, जहां सिखाए जाते हैं संस्कार’; यूनेस्को में भारत के स्थायी राजदूत का बयान

विश्व धरोहर समिति को यूनेस्को में भारत के राजदूत ने अपने देश के बारे में बातया। जिसमें उन्होंने विश्व विकास और विरासत के लिए भारत के संदेश को बताया। उन्होंने कहा कि भारत एक सांस्कृतिक महाशक्ति है। संस्कृत से संस्कृति, संस्कृति से संस्कार और संस्कार से संस्कार सिखाए जाते हैं। दुनिया को भारत का संदेश विकास और विरासत है।

विश्व धरोहर समिति के सत्र का उद्धाटन रविवार को दिल्ली के भारत मंडपम में हुआ। यह कार्यक्रम 21 जुलाई से 31 जुलाई तक आयोजित हो रहा है। विश्व धरोहर समिति को विश्व धरोहर से संबंधित सभी मामलों का प्रबंधन करने और विश्व धरोहर सूची में अंकित किए जाने वाले स्थलों पर निर्णय लेने का काम सौंपा जाता है। यूनेस्को में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी शर्मा ने कहा भारत एक सांस्कृतिक महाशक्ति है। संस्कृत से संस्कृति, संस्कृति से संस्कार और संस्कार से संस्कार सिखाए जाते हैं। दुनिया को भारत का संदेश विकास और विरासत है। उन्होंने कहा कि भारत में होने वाली यह विश्व धरोहर समिति हर भारतीय परिवार का हिस्सा है। यह सभी का प्रतिनिधित्व करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत की विरासत सिर्फ इतिहास नहीं बल्कि विज्ञान भी है। विशाल वी शर्मा के अनुसार रुद्रेश्वर रामप्पा मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में हुआ। तब मंदिर की नींव शॉक-एब्जॉर्बिंग तकनीक पर बनाई गई थी। मूर्तियों को कठोर डालराइट चट्टान से तैयार किया गया, यह तकनीक भारत के अलावा कहीं और नहीं मिल सकती। यह प्राचीन भारतीय तकनीक का एक उदाहरण है। राजदूत ने यह भी कहा कि ये स्मारक हमारे पूर्वजों द्वारा बनाए गए हैं। हम सिर्फ इसके संरक्षक हैं, और हमें इसे अपने भविष्य के लिए बचाना है। हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को इस तरह के स्मारकों की रक्षा करने के लिए प्रेरित करना होगा। क्योंकि ये कोहिनूर है।

वहीं शर्मा ने इस दौरा विश्व धरोहर समिति के लिए केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए कि आज दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम और केंद्र सरकार के उस रास्ते के कारण आगे बढ़ रहे हैं। पीएम ने कल क्षमता निर्माण के लिए 1 मिलियन डॉलर देने की घोषणा की है। हम उसे ग्लोबल साउथ के लिए करेंगे और दूसरे देशों की मदद करेंगे। विश्व धरोहर समिति के इस 46 वें सत्र कं उद्घाटन के मौके पर शर्मा ने कहा कि आज दुिनया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है, उसकी वह से।

वहीं पीएम ने क्षमता निर्माण के लिए 1 मिलियन डॉलर देने की घोषणा की। हम उसे ग्लोबल साउथ के लिए काम रेंेऔर दूसरे देशों की भी मदद करेंगे।

भारत में 18 साल बाद कल दिखेगा शनि का चंद्र ग्रहण, 24 और 25 जुलाई को मध्यरात्रि आएगा नजर

भारत शनि ग्रह का चंद्र ग्रहण दिखाई देने वाला है। दिलचस्प बात यह है कि भारत में ऐसा अद्भुत नजारा 18 साल बाद देखा जा सकेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, 24 और 25 जुलाई की मध्य रात्रि में कुछ घंटों के लिए नजर आएगा।

इस खगोलीय घटना को वैज्ञानिकों ने लूनर ऑकल्टेशन ऑफ सैटर्न कहा है। शनि का चंद्र ग्रहण तब होता है, जब चांद अपनी ओट में शनि को छिपा लेता है। शनि के चंद्रमा के पीछे छिप जाने से चंद्रमा के किनारे से शनि के छल्ले में नजर आते हैं। 24 जुलाई की रात 1.30 बजे से यह शुरू होगा और धीरे-धीरे बढ़ेगा। इसके 15 मिनट बाद 1:45 बजे तक चंद्रमा, शनि ग्रह को पूरी तरह से ढक लेगा। फिर 45 मिनट बाद यानी 2:25 बजे शनि ग्रह चंद्रमा के पीछे से निकलता हुआ नजर आना शुरू हो जाएगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, आमतौर पर चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण के बाद लगता है, लेकिन ऐसी दुर्लभ खगोलीय घटनाओं का दृश्य कई वर्षों में ही देखने को मिलता है। इससे पहले मार्च में चंद्र ग्रहण देखा गया था।

श्रीलंका, चीन और म्यांमार में दिखेगा
भारत के अलावा पड़ोसी देशों श्रीलंका, म्यांमार और चीन में भी शनि का चंद्र ग्रहण होगा। इन देशों में इसे देखने का समय पर भारत से अलग होगा। शनि का चंद्र ग्रहण होने की वजह यह है कि जब अपनी गति से चल रहे दोनों ग्रह रास्ता बदलते हैं तो शनि चंद्रमा के पीछे से उगता दिखता है। इसमें सबसे पहले शनि के छल्ले नजर आते हैं।

अक्तूबर में दोबारा आएगा नजर
विशेषज्ञों के मुताबिक, आसमान में यही नजारा इस साल दोबारा अक्तूबर में भी नजर आएगा। तीन महीने बाद 14 अक्तूबर की रात एक बार फिर शनि का चंद्र ग्रहण आसमान में होगा। हालांकि, इस ग्रहण को देखने के लिए लोगों को किसी विशेष चश्मे की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन शनि के छल्ले देखने के लिए छोटी दूरबीन की जरूरत पड़ सकती है।