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‘भारत को कमजोर करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे’, ममता बनर्जी के बयान पर भड़की भाजपा

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल भाजपा ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि सीएम राज्य में घुसपैठ को जायज ठहरा रही हैं। भाजपा ने यह आरोप ममता बनर्जी के उस बयान के बाद लगाया है, जिसमें ममता बनर्जी ने कहा कि वह बांग्लादेश के हिंसा प्रभावित लोगों को राज्य में शरण देने के लिए तैयार हैं। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत की एकता को कमजोर करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

‘शरण देने का अधिकार सिर्फ केंद्र के पास’
ममता बनर्जी ने ये भी कहा कि वह चाहती हैं कि बंगाल के भारत के साथ अच्छे संबंध रहें। इस बयान पर हमला करते हुए रविशंकर प्रसाद ने हैरानी जताई और कहा कि उनका कहने का क्या मतलब है? बंगाल तो भारत का ही हिस्सा है। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच कोलकाता में एक रैली के दौरान ममता बनर्जी ने कहा था कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच हिंसा पीड़ितों को शरण देने के लिए बंगाल के दरवाजे खुले हैं। ममता बनर्जी के इस बयान पर भाजपा नेता ने कहा कि किसी को शरण देने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है और राज्य सरकार इस पर फैसला नहीं ले सकती।

‘बंगाल की जनसांख्यिकी में आ रहे बदलाव’
रविशंकर प्रसाद ने तंज कसते हुए कहा कि ‘टीएमसी की नेता नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही हैं, जो पड़ोसी देशों में धर्म के आधार पर सताए गए लोगों को नागरिकता देता है, लेकिन वह घुसपैठियों की मदद करना चाहती हैं।’ प्रसाद ने ममता बनर्जी पर घुसपैठ को जायज ठहराने का आरोप लगाया और कहा कि ‘बंगाल में जनसांख्यिकी बदल रही है। राज्य में पहले मुस्लिम बहुल जिलों की संख्या तीन थी, लेकिन आज यह बढ़कर नौ हो गई है। कोलकाता की जनसांख्यिकी में भी बदलाव आ रहे हैं क्योंकि बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग कोलकाता आ रहे हैं। कई आतंकी हमलों के आरोपी भी राज्य में शरण लिए हुए हैं।’ रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘जो लोग राष्ट्रवाद की बात करते हैं, उन पर राज्य में हमले होते हैं।’

हिंसा की वजह से भारत-बांग्लादेश के बीच व्यापार लगातार दूसरे दिन ठप, लोगों की आवाजाही जारी

कोलकाता:  बांग्लादेश में हिंसा अभी भी जारी है और इसका असर व्यापार पर भी पड़ रहा है। पश्चिम बंगाल के बंदरगाहों से भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले वाला व्यापार लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी ठप रहा। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि एक तय संख्या में यात्रियों की आवाजाही जारी है। उधर, बांग्लादेश के पेट्रापोल बंदरगाह से माल ढोने वाले ट्रकों के पहिए भी रविवार से थमे हुए हैं। बांग्लादेश में हिंसक घटनाओं की वजह से सरकार ने अवकाश घोषित किया हुआ है। आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सेवाओं पर फिलहाल रोक लगाई गई है।

पेट्रापोल बंदरगाह से लगातार दूसरे दिन व्यापार ठप
आपको बता दें कि पेट्रापोल बंदरगाह उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव में स्थित है। यह बंदरगाह दक्षिण एशिया के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक है। यह बंदरगाह भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार में अहम भूमिका निभाता है। सामान्य दिनों में यहां से हर दिन सैकड़ों मालवाहक ट्रक गुजरते हैं। पेट्रापोल बंदरगाह में भारतीय अधिकारी कमलेश सैनी का कहना है कि व्यापार पर फिलहाल रोक लगाई गई है। हालांकि, लोगों, खास तौर पर छात्रों की आवाजाही जारी है। उन्होंने बताया कि अब तक 700 से अधिक छात्र पेट्रापोल बंदरगाह पहुंचे हैं।

बांग्लादेश से अब तक 4,500 भारतीयों की वतन वापसी
कमलेश सैनी ने आगे बताया कि अब तक 4,500 से अधिक भारतीय छात्रों की बांग्लादेश से वतन वापसी कराई गई है। आपको बता दें कि बांग्लादेश में हिंसा की वजह से 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है। पेट्रोपोल बंदरगाह में बीते शनिवार को आखिरी व्यापारिक गतिविधि देखी गई है। उस दौरान बांग्लादेश में भारत में 110 मालवाहक ट्रक भेजे गए थे। इसके अलावा भारत से बा्ंग्लादेश के लिए 48 मालवाहक ट्रक भेजे गए थे। अधिकारियों ने बताया कि इस समय पेट्रापोल बंदरगाह में 800 ट्रकों के पहिए थमे हुए हैं।

क्या है बांग्लादेश हिंसा की वजह
बांग्लादेश को साल 1971 में आजादी मिली थी। आजादी के बाद से ही बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था लागू है। इसके तहत स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को 30 प्रतिशत, देश के पिछड़े जिलों के युवाओं को 10 प्रतिशत, महिलाओं को 10 प्रतिशत, अल्पसंख्यकों के लिए 5 प्रतिशत और दिव्यांगों के लिए एक प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था।

मॉल्स के लिए गाइडलाइन बनाएगी कर्नाटक सरकार, धोती पहनकर पहुंचे किसान को रोकने के बाद उठाया कदम

बंगलूरू: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार मॉल के लिए गाइडलाइन बनाने जा रही है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने सोमवार को बताया कि धोती पहनकर पहुंचे किसान को मॉल में घुसने से रोकने के मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। अब मॉल के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। 16 जुलाई को बंगलूरू के एक मॉल में धोती पहनकर पहुंचे किसान को घुसने से रोक दिया गया था। इसके बाद 18 जुलाई को कर्नाटक सरकार ने मॉल को सात दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया था।

सोमवार को विधानसभा में डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि यह किसान के आत्मसम्मान और प्रतिष्ठा का अपमान है। इसे किसी दिशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह विधानसभा में मॉल में धोती पहनकर पहुंचे किसान को रोके जाने के मामले पर चर्चा की गई थी। इसके बाद हमने मॉल को बंद करने के आदेश दिए थे। ऐसे मामलों को रोकने के लिए हम गाइडलाइन जारी करेंगे। चाहे वह बड़ा मॉल हो या छोटा।

उन्होंने कहा कि मॉल को बंद करने के साथ ही नोटिस दिया गया। साथ ही मॉल प्रबंधन से लिखित स्पष्टीकरण और माफीनामा लिया गया है। इसके अलावा जांच में सामने आया कि मॉल पर दो करोड़ रुपये टैक्स बकाया था। इसमें उन्होंने कुछ टैक्स जमा कर दिया। बाकी बकाया जमा करने के लिए मॉल को 31 जुलाई तक का वक्त दिया गया है। इसके लिए उन्होंने चेक दे दिया है।

विपक्ष बोला- क्लब को भी दायरे में लाएं
कर्नाटक सरकार के मॉल को गाइडलाइन जारी करने के मुद्दे पर विपक्ष ने भी बयान जारी किया। जेडी (एस) के नेता सीबी सुरेश बाबू ने डिप्टी सीएम शिवकुमार से प्राइवेट क्लबों को भी गाइडलाइन के दायरे में लाने की मांग की है। इस पर कानून मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि यह गाइडलाइन एक विशेष घटना को लेकर बनाई गई है। इसलिए गाइडलाइन में क्लब और बार को शामिल करने की जरूरत नहीं है।

वहीं नेता विपक्ष आर अशोक ने सरकार की योजना का स्वागत करते हुए कहा कि हम जानते हैं कि छह महीने बाद आदेशों को भुला दिया जाएगा। इसलिए लाइसेंस देते वक्त यह निर्देश दिए जाएं कि किसी भी ग्रामीण पोशाक पहने व्यक्ति का शोषण नहीं किया जाएगा। लाइसेंस में शामिल करने से यह मददगार होगा और निर्देशों का पालन होगा।

राहुल ने परीक्षा प्रणाली को बकवास बताया तो शिक्षा मंत्री ने याद दिलाया इतिहास; पढ़ें तीखी नोकझोंक

नई दिल्ली: लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान नीट पेपर लीक मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार को इस मुद्दे पर खूब घेरा। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश के लाखों छात्रों से जुड़े मुद्दे पर कुछ नहीं हो रहा है। यह बेहद चिंता का विषय है। मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने पलटवार किया। उन्होंने राहुल को नीट परीक्षा का इतिहास बताया। इस दौरान सदन में खूब हंगामा हुआ।

उन्होंने कहा कि भारत की परीक्षा प्रणाली धोखे से भरी है। लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं। उन्हाेंने शिक्षा मंत्री से पूछा कि नीट के मुद्दे को लेकर क्या कार्रवाई की जा रही है।

वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार पेपर लीक का रिकॉर्ड बनाएगी। कुछ सेंटर ऐसे हैं जहां दो हजार से ज्यादा छात्र पास हुए हैं। जब तक यह धर्मेंद्र प्रधान शिक्षा मंत्री हैं, तब तक छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा। इस मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार किया कि देश की परीक्षा प्रणाली को बकवास कहने की विपक्ष के नेता की बात की मैं निंदा करता हूं।

सरकारी कर्मचारी भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में हो सकेंगे शामिल, हटा प्रतिबंध

गृह मंत्रालय ने नौ जुलाई को एक आदेश जारी करते हुए सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। इस आदेश में केंद्र सरकारों के द्वारा 1966, 1970 और 1980 के उन आदेशों में संशोधन किया गया है, जिनमें कुछ अन्य संस्थाओं के साथ-साथ आरएसएस की शाखाओं और अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर सरकारी कर्मचारियों पर कड़े दंडात्मक प्रावधान लागू किए गए थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस आदेश का स्वागत किया है।

दरअसल, आरोप है कि पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने समय-समय पर सरकारी कर्मचारियों की संघ के कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक लगा दी थी। आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर कर्मचारियों को कड़ी सजा देने तक का प्रावधान लागू किया गया था। सेवानिवृत होने के बाद पेंशन लाभ इत्यादि को ध्यान में रखते हुए भी अनेक सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने से बचते थे।

हालांकि, इस बीच मध्यप्रदेश सहित कई राज्य सरकारों ने इस आदेश को निरस्त कर दिया था, लेकिन इसके बाद भी केंद्र सरकार के स्तर पर यह वैध बना हुआ था। इस मामले में एक वाद इंदौर की अदालत में चल रहा था, जिस पर अदालत ने केंद्र सरकार से सफाई मांगी थी। इसी पर कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार ने नौ जुलाई को एक ऑर्डर जारी करते हुए उक्त प्रतिबंधों को समाप्त करने की घोषणा कर दी।

संसद में हंगामा होने के आसार
जिस तरह का इस समय माहौल चल रहा है, लोकसभा चुनावों में मजबूत होकर उभरा विपक्ष इस आदेश को लेकर केंद्र पर हमलावर रुख अपना सकता है। सोमवार 22 जुलाई से ही संसद का सत्र आगे बढ़ाया जाएगा, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान वित्त वर्ष के लिए बजट भी पेश किया जाने वाला है।

प्रतिबंध बिल्कुल गलत- आरएसएस
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी राजीव तुली ने अमर उजाला से कहा कि केंद्र सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश के निर्माण में लगा हुआ संगठन है। यह पूरे देश में हर एक जगह पर काम करता है और समाज के किसी भी वर्ग से किसी प्रकार के भेदभाव के बिना इसमें सब के शामिल होने और राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करने की आजादी रहती है। संगठन समाज के सभी वर्गों को केवल भारतीय होने की दृष्टि से देखता है और सब की भलाई के लिए एक समान रूप से कार्यरत रहता है।

ऐसे संगठन पर गलत मानसिकता से पूर्व की कांग्रेस सरकारों द्वारा लगाया गया प्रतिबंध बिल्कुल गलत था। यह जनभावनाओं का भी अपमान था। लोगों ने इसे अपने स्तर पर पहले ही अस्वीकार कर दिया था, अब गृह मंत्रालय ने इस तरह का आदेश देकर उन लोगों की मनोभावनाओं का सम्मान किया है, जो सरकारी सेवाओं में रहते हुए भी आरएसएस के साथ जुड़कर राष्ट्र निर्माण की अपनी इच्छा पूरी करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि अब ऐसे लोगों के लिए द्वार खुल गया है।

रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल व ड्रोन के जरिए रिहंद डैम की मैपिंग व आइडेंटिफिकेशन सर्वे कराएगी योगी सरकार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार जल्द ही सोनभद्र के पिपरी स्थित रिहंद डैम की क्रैक्स मैपिंग व आइडेंटिफिकेशन सर्वे कराने जा रही है। बांध के अबव वॉटर व अंडर वॉटर क्रैक्स के आंकलन और चिन्हांकन की प्रक्रिया को रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (आरएवी) व ड्रोन (अंडर वॉटर यूएवी) के जरिए पूरा किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन लिमिटेड के अंतर्गत उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा एजेंसी निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि इस पूरी प्रक्रिया द्वारा रिवर बेड के 35 हजार स्क्वेयर मीटर की वीडियोग्राफी कराई जाएगी और 2डी व 3डी डाटा कैप्चरिंग तकनीक के जरिए आंकड़ों का संकलन किया जाएगा। अपस्ट्रीम सर्फेस को मैप करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और इसी के आधार पर डैम की स्थिति को लेकर एक डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया को एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन के उपरांत 3 महीने की समयावधि में पूरा किया जाएगा तथा इस मद में 76.50 लाख रुपए का व्यय किया जाएगा।

स्टेट ऑफ द आर्ट फैसिलिटी का होगा सर्वे कार्य में प्रयोग
अपनी अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य के लिए न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार व मध्य प्रदेश के पर्यटकों में प्रसिद्ध रिहंद डैम में क्रैक्स आइडेंटिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए जिस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा उसे स्टेट ऑफ द आर्ट फैसिलिटी की संज्ञा दी जाती है। रिहंद बांध की अपस्ट्रीम दीवार पर पानी के ऊपर और पानी के नीचे वीडियोग्राफी आयोजित कर इसके माप (लंबाई, चौड़ाई और गहराई), निर्माण सामग्री के नुकसान और गिरावट जैसे मानकों की पहचान की जा सके।

निरीक्षण किया जाने वाला क्षेत्र जलाशय तल तक पानी के स्तर से नीचे (लगभग 35,000 वर्ग मीटर क्षेत्र) और पानी के ऊपर (लगभग 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र) है। यह निरीक्षण कार्य आरओवी (रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल) का उपयोग करके किया जाएगा, जिसमें डाटा कैप्चरिंग उपकरण, कम रोशनी वाले एचडी कैमरे, डेप्थ सेंसर, अल्टीमीटर, पानी के अंदर के लिए लेजर और यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) के 2डी, 3डी डाटा कैप्चरिंग की जाएगी।

प्रत्येक फ्रेम की होगी जियो टैगिंग
सर्वे द्वारा जुटाए गए डाटा में से सॉफ्टवेयर का उपयोग करके दोषों को चिह्नित किया जाएगा और दोषों के विवरण को निर्धारित करने के लिए पानी के ऊपर के लिए माप की रिपोर्ट की जाएगी। बांध के मुख पर मार्किंग ग्रिड के संदर्भ में बांध के शीर्ष पर प्रत्येक फ्रेम और डिस्प्ले स्क्रीन की पोजिशनिंग/जियोटैगिंग की जाएगी। प्रभारी अभियंता (अधिशासी अभियंता रिहंद कॉलोनी सिविल अनुरक्षण प्रभाग पिपरी, सोनभद्र उ.प्र.) कार्य के निष्पादन के लिए नोडल प्राधिकारी होंगे और कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी द्वारा की किए गए कार्यों के प्रत्येक चरण को प्रभारी अभियंता उत्तरदायित्व व निरीक्षण में पूरा किया जाएगा।

साढ़े सात वर्ष में 1.87 लाख से अधिक मरीजों को दी गई 32.31 अरब की आर्थिक सहायता

लखनऊ: योगी सरकार ने दावा किया है कि बीते साढ़े सात वर्ष में 1.87 लाख से अधिक मरीजों को 32.31 अरब की आर्थिक सहायता दी गई यानी 2012 से 2017 की अपेक्षा पीड़ितों के इलाज के लिए कई गुना धनराशि आवंटित की गई। सीएम योगी ने जनता दर्शन-जनप्रतिनिधियों, जनता द्वारा भेजे गए प्रार्थना पत्र के आधार पर पीड़ितों के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई।

घरवालों के साथ सीएम योगी ने भी पकड़ा शिवम का हाथ
गोरखपुर के शिवम शुक्ला की आयु महज 29 वर्ष है। एक दिन अचानक माता-पिता को पता चला कि शिवम को किडनी की समस्या हो गई। उनका इलाज दिल्ली में होने लगा। अपनी सामर्थ्य के अनुरूप माता-पिता ने इलाज शुरू कराया। धीरे-धीरे जब पैसे की जरूरत पड़ने लगी तो अपने विधायक से पत्र लिखवाया। यह पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचा तो कागजी कार्रवाई के तत्काल बाद शिवम के इलाज के लिए धनराशि दी गई। शिवम के भाई शशांक कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय में निश्चित समयावधि के भीतर ही सारी प्रक्रियाएं कर इलाज के लिए पैसे आवंटित कर दिए गए। ईश्वर की कृपा से भाई अब शानदार व सरल जीवन व्यतीत कर रहा है।

नवनीत पांडेय के परिवार के लिए यह राशि बनी काफी कारगर
कप्तानगंज के नवनीत पांडेय को भी किडनी की बीमारी हुई। उनकी पत्नी ने उन्हें डोनेट किया। दोनों का छोटा बेटा है। इलाज में शारीरिक परेशानियों के अलावा आर्थिक परेशानी बड़ी टेंशन बनी तो मुख्यमंत्री राहत कोष की याद आई। नवनीत के परिजनों ने सारी कागजी कार्रवाई पूरी की, फिर निश्चित समयावधि में पीजीआई में उनके इलाज के लिए धन आवंटित किया गया। नवनीत और उनकी पत्नी दोनों सकुशल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। बातचीत में उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के इस कार्य के प्रति आभार जताते हुए उनके लिए दुआएं भी कीं।

2012 से 2017 के दौरान इलाज के लिए दी गई धनराशि
2012 से लेकर 2017 तक मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से वित्तीय वर्ष 2012-13 में 3362 लोगों को 31 करोड़ 37 लाख नौ हजार 500 रुपये, वित्तीय वर्ष 2013-14 में 4361 लोगों को 31 करोड़ 37 लाख नौ हजार 500 रुपये, वित्तीय वर्ष 2014-15 में 5284 लोगों को 44 करोड़ 98 लाख 80 हजार 750 रुपये, वित्तीय वर्ष 2015-16 में 7762 लोगों को 98 करोड़ 34 लाख 42 हजार 747 और वित्तीय वर्ष 2016-17 में 10431 लोगों को एक अरब 64 करोड़ 94 लाख 17 हजार 732 रुपये की मदद दी गई थी। वहीं योगी सरकार बनने के बाद यह आंकड़ा काफी बढ़ गया।

श्रीरामकथा विश्राम पर बोले CM योगी- लोक और राष्ट्र कल्याण से जुड़ी है भारत की ऋषि परंपरा

गोरखपुर:  गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की सनातन ऋषि परंपरा व गुरु परंपरा लोक और राष्ट्र कल्याण की परंपरा है। यह परंपरा हमें इस बात के लिए प्रेरित करती है कि हमारे जीवन का एक-एक कर्म, एक-एक क्षण सनातन के लिए, समाज के लिए, राष्ट्र के लिए समर्पित होना चाहिए।

ऐसा करके ही हम गुरु परंपरा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं। गोरक्षपीठ भी उसी गुरु परंपरा की पीठ है जो दिन-रात लोक कल्याण और राष्ट्र कल्याण के लिए कार्य कर रही है।सीएम योगी रविवार को गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में विगत 15 जुलाई से चल रही श्रीरामकथा के विश्राम सत्र और गुरु पूर्णिमा महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय दिग्विजयनाथ एवं महंत अवेद्यनाथ के चित्र पर पुष्पार्चन करने तथा व्यासपीठ का पूजन करने के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन संस्कृति में ऋषि के साथ गोत्र की परंपरा भी साथ में चलती है।

जब गोत्र की बात होती है तो जाति भेद समाप्त हो जाता है। हर गोत्र किसी न किसी ऋषि से जुड़ी है और ऋषि परंपरा जाति, छुआछूत या अश्पृश्यता का भेदभाव नहीं रखती है। एक ऋषि के गोत्र को कई जातियों के लोग अनुसरित करते हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति दुनिया में सर्वाधिक और समृद्ध और प्राचीन है और सनातन पर्व-त्योहार इसके उदाहरण हैं। ये पर्व-त्योहार भारत को और सनातन धर्मावलंबियों को इतिहास की किसी न किसी कड़ी से जोड़ते हैं।

ग्रंथों को पीढ़ियों के अनुकूल मार्गदर्शक बनाया महर्षि वेदव्यास ने
सीएम योगी ने कहा कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। यह महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास की जयंती है जिनकी कृपा से वैदिक साहित्य प्राप्त हुए हैं। जिन्होंने वेदों, पुराणों और अनेक महत्वपूर्ण शास्त्रों को उपलब्ध कराया है।

उन्होंने कहा कि 5000 वर्ष पहले महर्षि व्यास इस धराधाम पर थे। उस कालखंड में उन्होंने कई पीढ़ियों का प्रतिनिधित्व किया। अनेक ग्रंथों की रचना कर उसे वर्तमान पीढ़ी के मार्गदर्शन के लिए भी अनुकूल बना दिया। भारत के अलावा 5000 वर्ष का इतिहास दुनिया में किसी के पास नहीं है।

वर्तमान समय द्वापर और कलयुग का संधिकाल है। महाभारत के युद्ध के बाद महर्षि वेदव्यास ने श्रीमद्भागवत पुराण रचा जो मुक्ति और मोक्ष के मार्ग पर चलने को प्रेरित करने वाला पवित्र ग्रंथ है।

टीएमसी की रैली में CM ममता बोलीं- महिलाओं को आरक्षण न दे सकी BJP, अखिलेश ने कहा- जल्द गिर जाएगी NDA सरकार

कोलकाता: प. बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की शहीद दिवस पर चल रही रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसकी 38 फीसदी महिलाएं सांसद हैं। चुनाव से पहले भाजपा ने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का दावा किया था, लेकिन ऐसा नहीं कर सके। धर्मतला में चल रही रैली में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार जल्द ही गिर जाएगी।ममता बनर्जी ने कहा कि अखिलेश यादव मेरे निमंत्रण पर कार्यक्रम में शामिल होने आए, मैं उनका धन्यवाद देती हूं। मैं चाहती हूं कि पूरे देश के साथ बंगाल के रिश्ते बेहतर हों। यूपी में अखिलेश यादव ने जो खेल दिखाया, उसके बाद भाजपा को इस्तीफा दे देना चाहिए था।

वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भारत को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की साजिश रचने वाली ताकतों को अस्थायी सफलता मिल सकती है, लेकिन अंततः उनकी पराजय होगी। केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार लंबे समय तक नहीं टिकेगी, यह जल्द ही गिर जाएगी।

बंगाल को बदनाम कर रही भाजपा: अभिषेक
रैली में टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी रैली में पहुंचे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बंगाल के सभी फंड रोक दिए हैं। भाजपा बंगाल को बदनाम कर रही है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने फर्जी कहानी बनाकर संदेशखली को हथियार बनाकर बंगाल को बदनाम करने की साजिश की। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भाजपा अबकी बार 400 पार का नारा दिया, लेकिन 240 पर रुक गए। टीएमसी के खिलाफ ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल किया मगर जीत नहीं मिली। पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि 21 जुलाई 2022 को ईडी ने पार्थ चटर्जी के घर छापा मारा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हम गलती करने वाले किसी व्यक्ति को नहीं बचाते। हम अन्याय करने की अनुमति भी नहीं देते हैं। अगर एसएससी-टीईटी घोटाले में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया जा सकता है, नीट घोटाले में
धर्मेंद्र प्रधान को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है?

इसलिए हो रही रैली
21 जुलाई 1993 को ममता बनर्जी के नेतृत्व में राइटर्स अभियान के दौरान 13 लोगों की जान चली गई थी। उस दौरान ममता बनर्जी युवा कांग्रेस अध्यक्ष थीं, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के गठन के बाद ममता बनर्जी हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती रही हैं।

सही से गाड़ी चलाने की दी सलाह, तो दंपती ने महिला को बुरी तरह पीटा, मामला दर्ज

पुणे:  महाराष्ट्र के पुणे में एक महिला को वाहन चालक के सही से गाड़ी चलाने के लिए बोलना भारी पड़ गया और कार चालक ने महिला को बुरी तरह पीट दिया। पीड़िता ने इसकी शिकायत पुलिस से की, जिसके बाद पुलिस में आरोपी कार चालक और उसकी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

क्या है मामला
पुणे स्थित एक लग्जरी होटल में मार्केटिंग हेड के तौर पर काम करने वाली जेरलिन डिसिल्वा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में डिसिल्वा की नाक से बहुत खून बहता हुआ दिख रहा है। एक अन्य वीडियो में महिला ने बताया कि वह अपने दो बच्चों के साथ दोपहिया वाहन पर बानेर की तरफ जा रही थी, तभी कार सवार एक व्यक्ति ने उन्हें रास्ता नहीं दिया। इस पर डिसिल्वा ने 57 वर्षीय कार चालक को ठीक से गाड़ी चलाने को कहा। जिस पर कार चालक ने महिला को कथित तौर पर गालियां दी।

महिला ने बताया कि इसके बाद वह आगे निकल गई तो कार चालक ने पीछा कर उन्हें सड़क किनारे रुकने को मजबूर किया। महिला का आरोप है कि कार चालक ने कार से निकलकर उसे गुस्से में गालियां दीं और उसके चेहरे पर तीन से चार बार मुक्का मारा। पीड़िता ने बताया कि जब उसने गाड़ी की चाबी निकालने की कोशिश की तो कार में बैठी कार चालक की पत्नी ने भी उसे गालियां दीं और धक्का-मुक्की की। लोगों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद पीड़िता ने पुलिस को घटना की सूचना दी। पुलिस ने आरोपी कार चालक दंपती के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और घटना की जांच कर रही है।