Saturday , November 23 2024

देश

‘हम अच्छा बजट लाएंगे, इसका सभी को इंतजार’; सर्वदलीय बैठक के बाद बोले किरेन रिजिजू

सर्वदलीय बैठक पर जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, हमारी चर्चा बहुत उपयोगी रही। मैं सभी दलों के फ्लोर नेताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने अच्छे सुझाव दिए हैं। इस बैठक में भाजपा समेत 44 दलों ने हिस्सा लिया। जिसमें 55 नेता शामिल हुए, इसमें रक्षा मंत्री, लोकसभा में हमारे उपनेता, राज्यसभा में नेता जिन्होंने आज बैठक की अध्यक्षता की, जेपी नड्डा भी बैठक में शामिल हुए।

‘हमने सभी फ्लोर नेताओं से सुझाव लिए हैं’
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि- हमने सभी फ्लोर नेताओं से सुझाव लिए हैं। संसद को सुचारू रूप से चलाना सरकार और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपील की कि हम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और जब कोई सदस्य संसद में बोलता है, तो हमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और न ही बीच में बोलना चाहिए।

संसद की कार्यवाही को लेकर रक्षा मंत्री ने की अपील
उन्होंने कहा कि विशेष सत्र में जब पीएम मोदी राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर भाषण दे रहे थे, तो लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही भाषण बाधित हुआ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज अपील की है कि यह संसदीय लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। जब प्रधानमंत्री बोल रहे हों, तो सदन और देश को उनकी बात सुननी चाहिए।

‘हमें उम्मीद है कि यह बजट सत्र अच्छा रहेगा’
सर्वदलीय बैठक पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि हमें उम्मीद है कि यह बजट सत्र अच्छा रहेगा। हम अच्छा बजट लाएंगे, इसका सभी को इंतजार है। कल यानी 22 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा और 23 जुलाई को आम केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया जाएगा। सरकार दोनों सदनों के अध्यक्षों से चर्चा करके व्यापार सलाहकार समिति के माध्यम से खुले दिल से किसी भी नियम के तहत बहस करने के लिए तैयार है।

केंद्रीय मंत्री ने कोयले की स्थिति को किया स्पष्ट, बताया- बिजली उत्पादन के लिए आपूर्ति पर्याप्त

कोलकाता:  कोयला मंत्री ने स्पष्ट किया कि देश में बिजली क्षेत्र के लिए कोयले की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र मांग को पूरा करने के लिए सूखे ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। देश में कोयले की कोई कमी नहीं है।

वित्त वर्ष 2025 में अतिरिक्त 11 खदानों से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। इसके अलावा, 65 गैर-परिचालन कोयला ब्लॉक विनियामक मंजूरी प्राप्त करने के विभिन्न चरणों में हैं, जो नौ राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में वितरित हैं। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि बिजली क्षेत्र के लिए कोयले की कोई कमी नहीं है। केंद्र मांग को पूरा करने के लिए सूखे ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया और वाणिज्यिक खदानों की उत्पादकता में वृद्धि करके दीर्घकालिक मांग को पूरा किया जाएगा। कोयला और खान मंत्री किशन रेड्डी ने बताया, “हम सभी ताप विद्युत संयंत्रों को कोयला आपूर्ति कर रहे हैं। हमने आयात हुए कोयले पर आधारित संयंत्रों से अनुरोध किया है कि वे अपनी तकनीक बदलकर घरेलू ईंधन का उपयोग करें। देश में कोयले की कोई कमी नहीं है।”

दरअसल, मानसून के मौसम में कोयले के उत्पादन में आमतौर पर बाधा आती है। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक खदानों से संबंधित कुछ तकनीकी मुद्दों का समाधान किया जा रहा है। घरेलू ताप विद्युत संयंत्रों के लिए 4 प्रतिशत आयातित कोयले के मिश्रण से संबंधित बिजली मंत्रालय की सलाह पर किशन रेड्डी ने कहा, कोल इंडिया सफलतापूर्वक उत्पादन बढ़ा रहा है, लेकिन मिश्रण की सलाह बिजली की मांग में अचानक वृद्धि के कारण ब्लैकआउट के जोखिम को कम करने के लिए दी गई है।

वहीं इस महीने की शुरुआत में कोयला मंत्रालय के नामित प्राधिकरण ने चालू और गैर-संचालन वाली कोयला खदानों की स्थिति की समीक्षा बैठक की। बैठक में प्राधिकरण ने उन कोयला ब्लॉकों को चालू करने की आवश्यकता पर जोर दिया जो विकास के उन्नत चरणों में हैं। साथ ही विभाग ने कोयला उत्पादन बढ़ाने में सभी आवंटियों के प्रयासों की सराहना की। इसके अलावा 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए प्रतिबद्ध उत्पादन लक्ष्यों को प्राप्त करने का आग्रह किया। कोयला मंत्रालय ने 575 मिलियन टन की अधिकतम क्षमता वाली 161 खदानों का आवंटन या नीलामी की है। इनमें से 58 को खदान खोलने की अनुमति मिल गई है जिसमें से 54 चालू हैं। पिछले साल इन खदानों ने 147 मिलियन टन उत्पादन किया था, जो देश के कुल कोयला उत्पादन का 15 प्रतिशत था।

उपमुख्यमंत्री बनने की अटकलों पर आया उदयनिधि स्टालिन का बयान, बताया कौन सा पद है पसंद

चेन्नई: तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री पद पर पदोन्नति की अफवाहों को मंत्री और डीएमके युवा विंग के सचिव उदयनिधि ने पूरी तरह नकार दिया है। उन्होंने सभी को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमारी सरकार में हम सभी मंत्री ही उपमुख्यमंत्री हैं। उन्होंने अपने पद की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पद उनका पसंदीदा पद है।

पिछले कुछ दिनों से तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन जो कि डीएमके युवा विंग के सचिव भी हैं, उनके उपमुख्यमंत्री के पद पर पदोन्नति होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। ऐसे में शनिवार को उन्होंने बताया कि हमारे सीएम और पार्टी अध्यक्ष की मदद करने के लिए कार्यभार संभालने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया है। मुझे पता है कि आप में से कुछ ने यह सुनिश्चित करने के लिए यह प्रस्ताव पेश किया गया। वहीं अपनी पदोन्नति की मीडिया रिपोर्ट पर उदयनिधि ने कहा कि हमारी सरकार में सभी मंत्री उपमुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी पद हो, मेरे हिसाब से युवा विंग सचिव का पद मेरा पसंदीदा पद है।

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उदयनिधि ने कहा कि 2026 का चुनाव हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हमें काम करना है, और मिलकर काम करना है, पिछले चुनावों की तरह इस चुनाव में भी हमें जीत हासिल करना है। उन्होंने कहा कि जो भी गठबंधन आएगा, हमारे पार्टी के नेता जीत जाएंगे। हमारे मुख्यमंत्री एमके स्टालिन फिर से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि अगले चुनाव में हमारा गठबंधन फिर से चुनाव जीतेगा।

युवा विंग के कार्यकर्ताओं से सक्रिय रहने का आग्रह
युवा विंग के सचिव उदयनिधि ने कहा कि युवा विंग के सभी कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे। साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया कि वे सुबह शाम 10 मिनट का समय दें। उदयनिधि ने समर्थकों से सोशल मीडिया पर अपनी भागीदारी बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने युवा विंग के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी निर्धारित किया। जिसमें हर घर से एक युवा कैडर को शामिल करने का आग्रह किया गया।V

दुकान पर नाम लिखने के यूपी सरकार के आदेश को संजय राउत ने कहा गलत; बोले- ये एकता तोड़ने वाला फरमान

शिवसेना सांसद संजय राउत ने उत्तर प्रदेश में जारी आदेश को लेकर भाजपा सरकार को घेरा। दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाने के आदेश के पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ऐसे आदेश के माध्यम से देश को विभाजित करने का प्रयास कर रही है।

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर एक आदेश जारी किया गया। जिसमें सभी दुकानदारों से दुकान के बाहर मालिक का नाम बताते हुए नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया गया। जिसको लेकर अलग-अलग पार्टी के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने इस आदेश की जमकर आलोचना की भी की। शनिवार को शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने इस आदेश को देश की एकता को छिन्न-भिन्न करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को ऐसे आदेशों के माध्यम से देश को विभाजित करने से कोई लाभ नहीं होगा।

संजय राउत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अब आप खाद्य पदार्थों की दुकानों को जाति और धर्म के आधार पर नेमप्लेट लगाने का आदेश दे रहे हैं? क्या देश को विभाजित करना चाहते हैं? इससे आपको लाभ नहीं होने वाला। आप देश की एकता तोड़ रहे हैं?

संजय राउत ने कहा कि शिवसेना पार्टी अपने हिंदुत्व के आदर्शों के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन वह समाज में विभाजन पैदा करने का समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा कि अयोध्या, काशी, मथुरा गर्व की बात है। हमने हिंदुत्व के लिए भाजपा से भी संघर्ष किया। उन्होंने सवाल किया कि कब तक हिंदू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान का यह खेल जारी रहेगा? शिवसेना यूबीटी सांसद ने भाजपा के गठबंधन सहयोगियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सत्ता के गुलाम हैं।

उन्होंने नीतीश कुमार, चंदबाबू नायडू और चिराग पासवान की भूमिका पर सवाल उठाए। संजय राउत ने कहा कि यह देखना होगा कि नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, अपना दल, चिराग पासवान भाजपा की फूट डालो और राज करो का समर्थन करेंगे या नहीं।

संजय राउत ने यह भी कहा कि गठबंधन में नीतीश कुमार, चंदबाबू नायडू और चिराग पासवान की भूमिका क्या है? गठबंधन के सहयोगी सत्ता के गुलाम है, अगर हिम्मत है तो उन्हें आगे आना चाहिए। उन्होंने लोकसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा को पहले भी लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। लोग देश को बांटने वालों को वोट नहीं देंगे। यह कौन सा नया खेल है?

बांग्लादेश में हिंसा के बीच भारत वापस लौटे सैकड़ों छात्र, जानें कितने अभी भी फंसे

नई दिल्ली: पड़ोसी देश बांग्लादेश इन दिनों हिंसा की आग में झुलस रहा है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन देशभर में उग्र रूप ले चुका है। हिंसा प्रभावित देश से लोग पलायन कर रहे हैं। इस बीच, भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि अबतक सैकड़ों भारतीय छात्र अलग-अलग मार्गों के जरिए वापस देश लौट आए हैं।

इन लोगों की मदद से भारत वापस ला रहे
विदेश मंत्रालय ने बताया कि ढाका में भारतीय उच्चायोग और चटगांव, राजशाही, सिलहट और खुलना में सहायक उच्चायोग बांग्लादेश में हाल ही में हुए घटनाक्रमों के बाद भारतीय नागरिकों की घर वापसी में सहायता कर रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों की मदद से उच्चायोग और सहायक उच्चायोग भारतीय नागरिकों को भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कराने में मदद कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय हमारे नागरिकों के लिए एक सुगम मार्ग सुनिश्चित करने के लिए नागरिक उड्डयन, आव्रजन, भूमि बंदरगाहों और बीएसएफ अधिकारियों के साथ भी समन्वय कर रहा है।

सैकड़ों छात्र लौटे
मंत्रालय ने आगे बताया कि अब तक 778 भारतीय छात्र विभिन्न भूमि बंदरगाहों के माध्यम से भारत लौट आए हैं। इसके अलावा, लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव हवाई अड्डों के माध्यम से नियमित उड़ान सेवाओं से घर लौट आए हैं। ढाका में भारतीय उच्चायोग और हमारे सहायक उच्चायोग बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में रह रहे 4000 से अधिक छात्रों के साथ नियमित संपर्क में हैं और उन्हें जरूरी सहायता दी जा रही है। नेपाल और भूटान के छात्रों की भी भारत आने में मदद की जा रही है।

मामला कोर्ट में फिर क्यों प्रदर्शन हो रहे हैं?
प्रदर्शनकारी छात्र मुख्य रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए आरक्षित नौकरियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी इस व्यवस्था को खत्म करने की मांग कर रहे हैं, उनका कहना है कि यह भेदभावपूर्ण है और प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के समर्थकों के फायदे के लिए है। बता दें कि प्रधानमंत्री शेख हसीना बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीब उर रहमान की बेटी हैं, जिन्होंने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का नेतृत्व किया था।

प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि इसकी जगह योग्यता आधारित व्यवस्था लागू हो। विरोध प्रदर्शन के समन्वयक हसनत अब्दुल्ला ने कहा कि छात्र कक्षाओं में लौटना चाहते हैं, लेकिन वे ऐसा तभी करेंगे जब उनकी मांगें पूरी हो जाएंगी।

उद्धव बोले- मुंबई को अदाणी सिटी नहीं बनने देंगे, सरकार में आए तो धारावी परियोजना करेंगे रद्द

मुंबई: शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि अगर विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के सत्ता में आएगी तो गौतम अदाणी की फर्म को दिए गए धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना के टेंडर को रद्द कर दिया जाएगा।

शिवसेना (यूबीटी) विपक्षी महा विकास अघाड़ी का हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) भी शामिल है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अक्टूबर में होने की संभावना है। धारावी के निवासियों और व्यवसायों को लेकर शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बड़ा ऐलान किया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि धारावी के निवासियों और व्यवसायों को उजाड़ा न जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यहां रहने वाले लोगों को इलाके में ही 500 वर्ग फीट के घर दिए जाने चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, “हम सत्ता में आने के बाद धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना के टेंडर को रद्द कर देंगे। सरकार को जवाब देना चाहिए कि इसे अभी क्यों नहीं रद्द किया जा रहा। हम मुंबई को अदाणी शहर नहीं बनने देंगे।”

उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि धारावी दुनिया के सबसे घने शहरी इलाकों में से एक है। उन्होंने कहा कि धारावी के पुनर्विकास की परियोजना में अदाणी समूह को अतिरिक्त रियायतें दी गई हैं, जो अनुबंध में निर्दिष्ट ही नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हम अतिरिक्त रियायतें नहीं देंगे। हम देखेंगे कि धारावी के निवासियों के लिए क्या अच्छा है? हां अगर धारावी के लोगों के लिए ये सही और अगर जरूरत पड़ी तो हम नया टेंडर जारी करेंगे।”

उद्धव ठाकरे ने सरकार पर भी कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या वह ‘मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना’ की तर्ज पर ‘लड़का मित्र’ (प्रिय मित्र) योजना शुरू करने की योजना बना रही है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की मामूली राशि देना है। शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में धारावी पुनर्विकास परियोजना को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था। शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अनिल देसाई ने धारावी विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना के मौजूदा सांसद राहुल शेवाले के खिलाफ 36,857 की बढ़त हासिल की थी। उन्होंने शेवाले को 53,384 मतों के अंतर से हराया। ठाकरे ने कहा कि हर घर को एक नंबर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार धारावी के निवासियों को पात्रता और अपात्रता के जाल में फंसाकर उन्हें भगाना चाहती है। ठाकरे ने कहा कि सरकार धारावी के निवासियों के पुनर्वास के लिए झुग्गी पुनर्वास योजना के तहत भूमि खरीदने की कोशिश कर रही है।

‘लोक सेवकों में जनता का विश्वास नहीं कम होने दे सकते हैं’, बॉम्बे हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी

मुंबई :  बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस ए. एस. गडकरी और नीला गोखले की खंडपीठ ने 1 जुलाई के अपने फैसले में सोलापुर के सामाजिक कार्यकर्ता अजीत कुलकर्णी की तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया। दरअसल दिसंबर 2022 में मोहोल तहसील कार्यालय के पूर्व तहसीलदार प्रशांत बेडसे ने लोक सेवक के खिलाफ आपराधिक बल प्रयोग करने और उसे अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने, जबरन वसूली और मानहानि के आरोपों में आजीत कुलकर्णी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

‘ये कृत्य निंदनीय, इसे शुरू से ही हतोत्साहित करने की जरूरत’
इस मामले में पीठ ने एफआईआर को खारिज करने से इनकार करते हुए कहा कि अजीत कुलकर्णी की तरफ से किसी लोक सेवक को दी गई धमकियां आसानी से किसी लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कर्तव्यों को पूरा करने से रोकने के बराबर होंगी, खासकर तब जब धमकियों के साथ आक्रामक और खतरनाक कृत्य भी किए गए हों। इस दौरान अदालत ने कहा, ये कृत्य निंदनीय हैं और इन्हें शुरू से ही हतोत्साहित करने की जरूरत है। पीठ ने आगे कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी लोक सेवक को समाज के सही सोच वाले सदस्यों की नजर में उसकी प्रतिष्ठा को कम करने के लिए सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही अपमानजनक सामग्री के जरिए धमकाया और डराया गया है।

तहसीलदार एक सम्मानित लोक अधिकारी- कोर्ट
मामले में अदालत ने कहा कि जिले में एक तहसीलदार एक सम्मानित लोक अधिकारी होता है और उससे राजस्व मामलों में महत्वपूर्ण कार्य करने की अपेक्षा की जाती है, उस पद पर बैठे अधिकारी को अपने कार्यालय में आने वाले लोगों से आज्ञाकारिता की अपेक्षा होती है। पीठ ने कहा, अगर उनके पद की प्रतिष्ठा उस माहौल में कम हो जाती है जिस पर उनका अधिकार क्षेत्र है, तो उनके कर्तव्यों के निर्वहन में अराजकता और व्यवधान की संभावना है। वर्तमान समय में इंजीनियर विरोध के माध्यम से झूठी कहानी फैलाने का खतरा शिकायतकर्ता जैसे लोक सेवक के लिए काफी डरावना प्रस्ताव है।

कोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इनकार
अपने फैसले में अदालत ने आगे कहा कि उसने ये टिप्पणियां केवल लोक सेवकों को उनके सार्वजनिक कर्तव्य का निर्वहन करते समय डराए जाने के खतरों को सामने लाने के लिए की हैं। पीठ ने एफआईआर को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा, लोक सेवकों में जनता का विश्वास खत्म नहीं होने दिया जा सकता। ऐसे कृत्यों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि इस तरह के लोग सोशल मीडिया की आड़ में छिप जाते हैं और गैर-जिम्मेदाराना हरकतें करते हैं, जिनमें डराने-धमकाने की प्रवृत्ति होती है। पीठ ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (किसी सरकारी कर्मचारी को उसके आधिकारिक कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत आपराधिक बल शब्द केवल शारीरिक बल तक सीमित नहीं होगा। पीठ ने कहा कि ऐसे कृत्य न केवल अपराध के पीड़ितों को धमकाते हैं, बल्कि आपराधिक न्याय प्रणाली के मूल उद्देश्य को भी विफल करते हैं।

भारत में म्यांमार से हो रही सुपारी तस्करी की जांच करेगी सीबीआई, गुवाहाटी हाईकोर्ट ने दिए आदेश

आइजोल:  पड़ोसी देश म्यांमार से भारत और मिजोरम में हो रही सुपारी तस्करी की जांच सीबीआई करेगी। गुवाहाटी हाईकोर्ट की आइजोल बेंच ने सामाजिक कार्यकर्ता रुआटफेला नू वनरामचुआंगी की ओर से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आदेश दिए।

मंगलवार को न्यायाधीश जोथनखुमा और न्यायमूर्ति मार्ली वानकुंग की पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यह अपराध वाणिज्यिक लेन देन से जुड़ा है। इसकी जांच सीबीआई कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की तस्करी की जांच करने में राज्य पुलिस असमर्थ रही है। सीबीआई मामले की पूरी जांच करके और जरूरत पड़ने पर मुकदमा दर्ज करके सही निष्कर्ष पर पहुंचे।

गुवाहाटी हाईकोर्ट की आइजोल बेंच में रुआटफेला नू ने जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि मिजोरम सरकार सुपारी की तस्करी पर लगाम लगाने में नाकाम रही है। उन्होंने कोर्ट से मांग की थी कि देश में म्यांमार के जरिये दक्षिण मिजोरम के चम्फाई जिले से हो रही सूखी सुपारी की तस्करी को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए।

पिछले कुछ सालों में मिजोरम में वर्मी सुपारी की तस्करी बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई है। इसमें नेताओं-अधिकारियों और सुपारी तस्करों के बीच सांठगांठ के आरोप लगे हैं। जब सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की तो मिजोरम के स्थानीय सुपारी उत्पादकों ने तस्करी पर लगाम लगाने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में चेक पोस्ट बनाकर वाहनों की चेकिंग शुरू की। इस दौरान उत्पादकों ने सुपारी ले जाने वाले वाहनों को जला दिया था।

उदयनिधि स्टालिन बन सकते हैं तमिलनाडु के डिप्टी सीएम, सुनिए अपनी दावेदारी पर क्या बोले मंत्री

चेन्नई: चेन्नई में तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने खुद के राज्य कैबिनेट में पदोन्नत को लेकर किए गए पत्रकारों के सवाल पर कहा कि- इसका फैसला मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को ही फैसला करना है। इससे पहले डीएमके युवा विंग के 45वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए राज्य के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि पार्टी की युवा विंग के सचिव का पद उनके दिल के बहुत करीब है।

‘पार्टी के युवा विंग के सचिव के रूप में मेरी प्रतिबद्धता’
इस दौरान उदयनिधि स्टालिन ने कहा, जब मीडिया के लोग मेरे उपमुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नति के बारे में अटकलों के बारे में पूछते हैं, तो मैं उन्हें बताता हूं कि पार्टी और युवा विंग के सभी राज्य मंत्री और पदाधिकारी मुख्यमंत्री के डिप्टी के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिक प्रतिबद्धता पार्टी के युवा विंग के सचिव के रूप में बनी हुई है।

दयनिधि स्टालिन ने युवा विंग के सदस्यों से किया आह्वान
युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने आगे कहा कि- कोई भी पद हो, मेरे अनुसार, युवा विंग सचिव का पद मेरे दिल के करीब है। मौके पर मंत्री ने डीएमके युवा विंग के सदस्यों से सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने के लिए सुबह और शाम को कम से कम दस मिनट का समय देने का आह्वान किया।

2026 का चुनाव हमारा लक्ष्य है- उदयनिधि
वहीं 2026 के चुनावों को देखते हुए उदयनिधि ने पार्टी की सफलता पर भरोसा जताते हुए कहा, 2026 का चुनाव हमारा लक्ष्य है, जहां हमें काम करना चाहिए और पिछले चुनावों की तरह जीत हासिल करनी चाहिए। जो भी गठबंधन आएगा, हमारा नेता जीतेगा और हमारे सीएम एमके स्टालिन फिर से तमिलनाडु के सीएम के रूप में कार्यभार संभालेंगे। यह हमारा डीएमके गठबंधन है जो 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने जा रहा है।

हर घर से एक युवा कैडर को करें शामिल- स्टालिन
इस दौरान उदयनिधि ने समर्थकों से सोशल मीडिया पर अपनी भागीदारी बढ़ाने और दैनिक समाचार पत्र मुरासोली पढ़कर पार्टी की गतिविधियों से जुड़े रहने का भी आह्वान किया। नेता ने युवा विंग के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी निर्धारित किया और हर घर से एक युवा कैडर को शामिल करने का आग्रह किया। इसके समर्थन में पार्टी की युवा शाखा के उप सचिव सक्रिय रूप से पूरे राज्य में घूम रहे हैं और जिला स्तर के पदों के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान कर रहे हैं। इन जिला स्तरीय पदों के लिए जल्द ही घोषणा किए जाने की उम्मीद है।

माइक्रोसॉफ्ट की तकनीकी समस्या बरकरार, उड़ानें रद्द होने से यात्री परेशान, हवाईअड्डों पर लंबी कतार

माइक्रोसॉफ्ट की तकनीकी समस्या दूसरे दिन भी बनी हुई है। वैश्विक स्तर पर इसके कारण काम प्रभावित हुआ है। यही नहीं उड़ान संचालन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। कई उड़ान रद्द की गई, यही नहीं यात्रियों को भी खासी समस्या का सामना करना पड़ा है। हवाईअड्डों के बाहर यात्रियों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।

माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड आउटेज की वजह से दुनिया भर में बैंकिंग और उड़ान सेवाओं पर असर देखने को मिला। शुक्रवार सुबह से इसकी वजह से कई संस्थान के काम ठप्प पड़े हैं। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट इसको ठीक करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन अब तक व्यवस्था ठीक नहीं हो सकी है। एयरपोर्ट पर यात्रियों को भी परेशानी हो रही है। उड़ान रद्द हो गईं, एयरपोर्ट पर यात्री यहां से वहां भटकते दिख रहे हैं। दोबारा उड़ान की प्रतीक्षा में यात्री एयरपोर्ट पर ही टहलते नजर आ रहे हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी यात्री की काफी भीड़ नजर आ रही है, जो उड़ान शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वहीं माइक्रोसॉफ्ट की खराबी से उड़ान संचालन प्रभावित होने के कारण चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर लोग कतार में खड़े हैं।

वहीं एक यात्री ने कहा, “मैं कल मुंबई से बेंगलुरु जा रहा था। उड़ान रद्द हो गई, हालांकि हमें सेवा प्रदान की गई थी, लेकिन उन्होंने हमें जगह नहीं दी। हम पूरी रात सोए नहीं हैं। तकनीकी समस्या के कारण यह सब हुआ है। हमें एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश नहीं मिला। हमें इंतजार करने के लिए कहा गया।”

दिल्ली एयरपोर्ट पर एक यात्री ने कहा, “मैं लंदन जा रहा हूं और मेरी फ्लाइट कम से कम आधे घंटे की देरी से चल रही है। एयरपोर्ट के बाहर लंबी कतार लगी हुई है। ज्यादातर फ्लाइट्स में देरी हो रही है। चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक यात्री ने कहा, “मैं श्रीलंका का एक मेडिकल डॉक्टर हूं। मुझे व्याख्यान देने के लिए भुवनेश्वर जाना था, लेकिन कल रात मेरी उड़ान रद्द हो गई। फिर आज सुबह, मुझे भुवनेश्वर वापस जाने के लिए कोई उड़ान नहीं मिल पाई। इसलिए मैं श्रीलंका वापस जा रहा हूं, लेकिन अब मुझे कोई उड़ान नहीं मिल पा रही है, इसलिए मैं यहां फंस गया हूं।”

नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री बोले- अब सब ठीक है
वहीं माइक्रोसॉफ्ट ग्लोबल आउटेज के बीच फ्लाइट ऑपरेशन पर, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर महोल ने कहा, “कल, आउटेज के कारण फ्लाइट ऑपरेशन में समस्याएं थीं। लेकिन शनिवार को माइक्रोसॉफ्ट ने इस समस्या को हल कर दिया है, फ्लाइट ऑपरेशन फिर से शुरू हो गया है। यह सामान्य हो गया है। शुक्रवार को यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, लेकिन शनिवार को डीजीसीए ने हमें सूचित किया है कि अब ऑपरेशन सुचारू रूप से चल रहा है।”