Saturday , November 23 2024

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पूजा खेडकर की मां के घर से पिस्टल और कारतूस जब्त, पिता को कोर्ट से मिली सशर्त जमानत

पुणे:  विवादों में घिरीं प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। संघ लोक सेवा आयोग ने पूजा खेडकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। अब पुणे की ग्रामीण पुलिस ने भी शुक्रवार को पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर के पुणे स्थित आवास से लाइसेंसी पिस्टल, कारतूस और एक लग्जरी कार जब्त की है।

क्या है मनोरमा खेडकर से जुड़ा मामला
ट्रेनी (प्रशिक्षु) आईएएस पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर और पिता दिलीप खेडकर के खिलाफ किसानों को धमकाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में मनोरमा खेडकर का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह हाथ में पिस्टल लेकर किसानों को धमकाते हुए नजर आई थी। पुलिस ने हाल ही में मनोरमा खेडकर को रायगढ़ के एक लॉज से गिरफ्तार किया था, जहां वह नाम बदलकर छिपी हुई थी। साथ ही पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर के खिलाफ भी एंटी करप्शन ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले की जांच शुरू की है।

पिता को मिली सशर्त जमानत
हालांकि पुणे की एक अदालत ने किसानों को कथित तौर पर धमकाने के मामले में पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर को 25 जुलाई तक अंतरिम जमानत दे दी है। हालांकि अदालत ने दिलीप खेडकर को सशर्त जमानत दी है, जिसके तहत वह किसी मुखबिर या गवाह से संपर्क नहीं करेंगे और जांच को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। आवेदक को जांच एजेंसी का सहयोग करना होगा। दिलीप खेडकर ने शुक्रवार को अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर की थी।

पूजा खेडकर की मुश्किलें लगातार बढ़ रहीं
वहीं ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की मुश्किलों में लगातार इजाफा हो रहा है। विशेषाधिकार का गलत प्रयोग करने और उनकी यूपीएससी उम्मीदवारी पर विवाद के बीच यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई है। दिव्यांगता सर्टिफिकेट और ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर को लेकर चल रहे विवाद के बाद अब पूजा खेडकर के नाम पर भी विवाद सामने आया है। पूजा खेडकर पर यूपीएससी परीक्षा में अपनी उम्र छिपाने के लिए दो बार अपना नाम बदलने का आरोप लगा है। अब इसकी जांच चल रही है। इन विवादों के चलते आईएएस पूजा खेडकर को बर्खास्त भी किया जा सकता है।

डिप्टी सीएम केशव ने अखिलेश पर किया पलटवार, मानसून ऑफर को 2027 में 47 पर समेट देंगे

लखनऊ: यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा एक डूबता हुआ जहाज है और समाप्त होने वाला दल है जिसका भविष्य और वर्तमान खतरे में है। उन्होंने कहा कि मानसून ऑफर को 2027 में 47 पर समेट देंगे।

उन्होंने एक्स पर कहा कि मानसून ऑफर को 2027 में 47 पर जनता और कार्यकर्ता फिर समेटेंगे। एक डूबता जहाज और समाप्त होने वाला दल जिसका वर्तमान और भविष्य खतरे में है। वह मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख सकता है परंतु पूर्ण नहीं हो सकता। 2027 में 2017 दोहरायेंगे, फिर कमल की सरकार बनायेंगे।

दरअसल, अखिलेश यादव ने लखनऊ में हुई भाजपा कार्यसमिति की बैठक के बाद मची उथलपुथल के बीच बृहस्पतिवार को एक बयान दिया था जिसके बाद से ही वह भाजपा नेताओं के निशाने पर आ गए। उन्होंने एक्स पर लिखा था कि मानसून ऑफर: सौ लाओ, सरकार बनाओ! जिसका जवाब डिप्टी सीएम केशव ने दिया है।

अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम केशव एक-दूसरे पर अक्सर निशाना साधते रहते हैं। भाजपा कार्यसमिति की बैठक के बाद डिप्टी सीएम दिल्ली गए थे और भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात की थी जिस पर अखिलेश ने एक्स पर कहा था कि लौट के बुद्धू घर को आए! उनके इस बयान को डिप्टी सीएम केशव से जोड़कर देखा गया था।

लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी खुलकर भाजपाा पर निशाना साध रहे हैं। इन चुनाव में सपा ने अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए प्रदेश में 37 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी।

‘बड़ी संख्या में चेक बाउंस मामलों का लंबित रहना गंभीर चिंता का विषय’, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

 नई दिल्ली:  सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को चेक बाउंस के कई मामले लंबित रहने पर गंभीर चिंता जताई। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि पक्षकार तैयार हैं तो अदालतों को परक्राम्य लिखत अधिनियम (निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट्स एक्ट) के तहत उन्हें समझौता करने को प्रोत्साहित करना चाहिए।

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने चेक बाउंस के मामले में पी. कुमारस्वामी नाम के एक व्यक्ति की दोषसिद्धि को रद्द किया। अदालत ने इस बात पर गौर किया कि पक्षकारों ने एक समझौता किया था और शिकायतकर्ता को 5.25 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।

‘चेक बाउंस के लंबित मामले चिंता का विषय’
पीठ ने अपने 11 जुलाई के आदेश में कहा, “अदालतों में बड़ी संख्या में चेक बाउंस से जुड़े मामले लंबित हैं, जो हमारी न्यायिक प्रणाली के लिए गंभीर चिंता का विषय है।” इसने आगे कहा कि ऐसे मामलों में प्रतिपूरक पहलू को दंडात्मक पहलू पर प्राथमिकता दी जाएगी। अदालतों को परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत समझौतों को प्रोत्साहित करना चाहिए, अगर पक्षकार ऐसा करने के इच्छुक हैं।” शीर्ष अदालत ने कहा कि यह याद रखना होगा कि चेक बाउंस होना एक नियामकीय अपराध है, जिसे केवल जनहित में ध्यान रखते हुए अपराध बनाया गया, ताकि लिखतों की विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके।

शीर्ष अदालत ने निचली अदालत का फैसला रद्द किया
पीठ ने आगे कहा, “परिस्थितियों की समग्रता और पक्षों के बीच समझौते को देखते हुए हम इस याचिका को स्वीकार करते हैं और एक अप्रैल 2019 के आदेश के साथ-साथ निचली अदालत के 16 अक्तूबर 2012 के आदेश को रद्द करते हुए याचिकाकर्ताओं को बरी करते हैं। अपीलकर्ता नंबर-2 (पी. कुमारस्वामी) को आत्मसमर्पण करने की जरूरत नहीं है।” कुमारस्वामी को निचली अदालत ने आत्मसमर्पण करने से छूट दी थी।

पूरा मामला क्या था
अदालत ने कहा कि 2006 में पी. कुमारस्वामी उर्फ गणेश ने प्रतिवादी ए. सुब्रमण्यम से 5,25,000 लाख रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन कर्ज नहीं चुकाया। पीठ ने कहा कि कर्ज चुकाने के लिए कुमारस्वामी ने मेसर्स न्यू विन एक्सपोर्ट कंपनी के नाम पर 5.25 लाख रुपये का चेक दिया। अपर्याप्त पैसे के कारण चेक बाउंस हो गया था, इसलिए प्रतिवादी ने अपीलकर्ता के खिलाफ अधिनियम की धारा 138 के तहत शिकायत दर्ज की थी, जहां निचली अदालत ने 16 अक्तूबर 2012 के आदेश में अपीलकर्ताओं को दोषी ठहराया और प्रत्येक को एक वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई।

कुमारस्वामी ने उच्च न्यायालय के आदेश को दी थी चुनौती
उच्चतम न्यायालय ने इस बात का भी जिक्र किया कि कुमारस्वामी ने दोषसिद्धी को अपीलीय अदालत में चुनौती दी थी, जिसने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया था और उन्हें व कंपनी को बरी कर दिया था। लेकिन प्रतिवादी के कहने पर मामला उच्च न्यायालय पहुंचा, तो उच्च न्यायालय ने एक अप्रैल 2019 के अपने आदेश में अपीलीय अदालत के आदेश को रद्द कर दिया और अपीलकर्ताओं को दोषी ठहराने वाली निचली अदालत के आदेश को बहाल किया। इसके बाद कुमारस्वामी ने उच्च न्यायालय के आदेश के सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी।

‘रणनीतिक स्वायत्तता’ के मुद्दे पर भारत का अमेरिका को जवाब, कहा- हमारी भी अपनी अलग सोच है

नई दिल्ली:  हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस का दौरा किया था। इसके बाद से अमेरिका लगातार भारत को लेकर बयानबाजी कर रहा है। इस बीच, भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा था कि संघर्ष के समय रणनीतिक स्वायत्तता मायने नहीं रखती। अब भारत ने अमेरिका को उसी की भाषा में जवाब दिया है।

हम अपनी रणनीतिक स्वायत्तता का मान रखते हैं- जायसवाल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘भारत भी उन देशों में शामिल है, जो अपनी रणनीतिक स्वायत्तता का मान रखते हैं। जाहिर है कि अमेरिका के राजदूत को अपनी बातें रखने का अधिकार है। इस मामले में भारत की भी अपनी अलग सोच है। अमेरिका के साथ हमारी वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के तहत, एक-दूसरे के नजरियों का सम्मान करने साथ, हम एक दूसरे के मुद्दों पर सहमति और असहमति जता सकते हैं।’

‘दोनों देशों के बीच चर्चा करने के लिए कई मुद्दे हैं’
भारत अमेरिका के संबंधों पर रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक, वैश्विक साझेदारी है। दोनों देशों के पास चर्चा करने के लिए बहुत सारे मुद्दे हैं। दोनों पक्षों के बीच कई विषयों पर एक-दूसरे के साथ बातचीत होती रही है। जो भी एक-दूसरे के हित में है, उस मुद्दे पर चर्चा की जाती है। राजनयिकों के बीच बातचीत की जानकारी देना हमारी कार्य प्रणाली नहीं है।’

अमेरिका ने क्या कहा था?
इससे पहले भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा था कि वे भारत की रणनीतिक स्वायत्तता का सम्मान करते हैं लेकिन संघर्ष के इस समय में ऐसी रणनीतिक स्वात्तता का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ‘मुश्किल के इस समय में हमें एक-दूसरे के साथ खड़े रहने की आवश्यकता है।’ गारेस्टी ने आगे कहा, ‘युद्ध और संघर्ष के इस समय में हमें सिर्फ शांति के लिए खड़े नहीं रहना चाहिए। हमें ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता है, जो शांति के खिलाफ खड़े होते हैं।’ दरअसल, गार्सेटी की ये टिप्पणी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे के बाद आई है। रूस में पीएम मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात पर अमेरिका ने सवाल उठाए थे।

हावेरी में भारी बारिश के कारण घर की छत गिरने से तीन लोगों की मौत, पूर्व सीएम ने की मुआवजे की मांग

बंगलूरू: कर्नाटक में हावेरी जिले के सावनूर तालुक के मदापुरा गांव में भारी बारिश के कारण एक घर की छत गिरने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल है। इस हादसे तीन अन्य घायल भी हुए। मृतकों की पहचान 38 वर्षीय चेन्नम्मा, दो जुड़वां बच्चियां अनुश्री और अमूल्या के तौर पर की गई है। इस हादसे पर पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पीड़ितों के लिए राज्य सरकार से उचित मुआवजे की मांग की।

पुलिस के अनुसार, 35 वर्षीय मुत्तप्पा हरकुनी, उनकी 30 वर्षीय सुनीता, 70 वर्षीय मां यल्लम्मा और जुड़वां बेटियां और बहन चेन्नम्मा गांव के कच्चे घर में रह रहे थे। गुरुवार की शाम को यहां भारी बारिश हुई थी और अगले दिन घर की छत ढह गई। इस घटना के दौरान परिवार वाले सो रहे थे। हावेरी के पुलिस अधीक्षक अंशू कुमार ने कहा कि मुत्तप्पा, उनकी पत्नी और मां को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। उनका फिलहाल इलाज जारी है।

पूर्व सीएम ने की मुआवजे की मांग
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने परिवार के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से उचित मुआवजे की मांग की। बता दें कि बोम्मई हावेरी से लोकसभा सदस्य भी हैं। इस घटना पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हावेरी जिले में लगातार हो रही बारिश के कार सावनूर तालुक के मदापुरा गांव में एक घर की छत गिरने से दो बच्चों समेत तीन लोगों की मौत हो गई। यह खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। इस घटना में अन्य तीन लोग घायल भी हुए हैं। राज्य सरकार को घायलों का उचित इलाज कराना चाहिए।

कर्नाटक में लापता हुआ केरल का लॉरी चालक
केरल के एक लॉरी चालक का पता लगाने के लिए कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के शिरूर गांव में तलाशी अभियान चलाया गया है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि भारी बारिश के कार भूस्खलन में लॉरी चालक लापता हो गया। लॉरी चालक की पहचान अर्जुन के तौर पर की गई है, जो कोझिकोड का रहने वाला है। इस घटना के बाद 16 जुलाई को छह शव बरामद किया गया। भूस्खलन के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 66 पर वाहनों का यातायात अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।

अर्जुन के परिवार वालों के अनुसार, लॉरी के मलबे में दबे होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि अर्जुन का फोन दो बार बजा, लेकिन किसी ने कॉल नहीं उठाया। परिवार वालों ने बताया कि अर्जुन के वाहन को उस क्षेत्र में ट्रैक किया गया, जहां पहाड़ी के कुछ हिस्से गिरे थे। इस मामले पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मुख्य सचिव डॉ वी वेणु को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिए। एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसार, मुख्य सचिव घटना स्थल पर उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के साथ लगातार संपर्क में हैं। केरल में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम से फोन पर बात की और अर्जुन का पता लगाने के लिए तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया।

निठारी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं सीबीआई और यूपी सरकार, हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

नई दिल्ली: निठारी हत्याकांड मामले में सुरेंद्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार और सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी शुक्रवार को सीबीआई और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है। जस्टिस बीआर गवई, केवी विश्वनाथन और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने नोटिस जारी कर कोली से संबंधित याचिकाओं पर जवाब मांगा और इन याचिकाओं को भी मामले में लंबित अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ने का निर्देश दिया।

एक पीड़ित के पिता ने दायर की थी याचिका
शीर्ष अदालत ने 8 जुलाई को कोली से जुड़े हाईकोर्ट के पिछले साल 16 अक्टूबर के फैसले के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं पर जवाब मांगा था। मई में सर्वोच्च न्यायालय ने एक पीड़ित के पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई थी, जिसमें कोली को बरी करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी। इस मामले में, मोनिंदर सिंह पंढेर को सत्र न्यायालय ने बरी कर दिया था, जबकि कोली को 28 सितंबर, 2010 को मृत्युदंड दिया गया था।

12 मामलों में सुरेंद्र कोली और दो मामलों में पंढेर को दी गई मौत की सजा को पलटते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि ‘अभियोजन पक्ष दोनों आरोपियों के अपराध को ‘संदेह से परे साबित करने में विफल रहा है और जांच, जिम्मेदार एजेंसियों द्वारा जनता के विश्वास के साथ विश्वासघात से कम नहीं है’।

कोली और पंढेर के खिलाफ दर्ज हुए थे 19 मामले
2007 में पंढेर और कोली के खिलाफ कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे। सीबीआई ने सबूतों के अभाव में तीन मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। शेष 16 मामलों में, कोली को पहले तीन में बरी कर दिया गया था और एक में उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। बता दें कि 29 दिसंबर, 2006 को राष्ट्रीय राजधानी की सीमा से लगे नोएडा के निठारी में पंढेर के घर के पीछे एक नाले से आठ बच्चों के कंकाल मिलने के साथ ही सनसनीखेज हत्याओं का खुलासा हुआ। घर के आसपास के इलाके में नालों की खुदाई और तलाशी के दौरान और अधिक कंकाल मिले। इनमें से ज़्यादातर अवशेष गरीब बच्चों और युवतियों के थे जो इलाके से लापता हो गए थे।

नौकरी आरक्षण विधेयक की कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने की आलोचना, कहा- यह असंवैधानिक और समझ से परे

तिरुवनंतपुरम:कर्नाटक सरकार द्वारा लाए गए प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण लागू करने के विधेयक की कांग्रेस की कार्य समिति के सदस्य और सांसद शशि थरूर ने आलोचना की। उन्होंने इस विधेयक को असंवैधानिक और नासमझी भरा फैसला बताया। साथ ही उन्होंने विधेयक को पारित करने से रोकने पर कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार की सराहना की।

तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि कर्नाटक यह फैसला मूर्खतापूर्ण था। अगर हर राज्य ऐसा कानून लाने लगा तो यह असंवैधानिक होगा। उन्होंने कहा कि संविधान में देश के हर नागरिक को कहीं भी स्वतंत्र रूप से रहने, काम करने और यात्रा करने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहले हरियाणा सरकार भी ऐसा ही एक विधेयक लाई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। थरूर बोले कि पता नहीं कर्नाटक सरकार ने क्या सोचकर और किस आधार पर यह विधेयक बनाया। अगर यह कानून आता है तो कर्नाटक के व्यवसाय तमिलनाडु और केरल जैसे पड़ोसी राज्यों में स्थानांतिरत हो जाएंगे।

कर्नाटक में आरक्षण को लेकर क्या विधेयक था?
राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र में प्रबंधकीय और लिपिकीय नौकरियों को कन्नड़ लोगों के लिए आरक्षित करने के लिए एक विधेयक का मसौदा तैयार किया था। सरकार ने इस मसौदे को ‘कर्नाटक राज्य उद्योगों, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार विधेयक, 2024’ नाम दिया। इस विधेयक को सोमवार को कैबिनेट में मंजूरी दी गई। विधेयक में कहा गया था कि प्रबंधन श्रेणी में 50 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होनी चाहिए। वहीं गैर-प्रबंधन श्रेणी की नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। यह आरक्षण उन्हीं लोगों को मिलेगा जो कर्नाटक राज्य में पैदा हुए हैं और 15 वर्षों से राज्य में रह रहे हैं। दूसरी शर्त यह भी थी कि उम्मीदवार को कन्नड़ बोलने, पढ़ने और लिखने में सक्षम होना चाहिए और इसने कन्नड़ प्रवीणता परीक्षा उत्तीर्ण की हो।

विरोध के बाद लिया गया वापस
कई उद्योगपतियों ने बुधवार को इस विधेयक का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि यह भेदभावपूर्ण है और आशंका जताई कि टेक उद्योग को नुकसान हो सकता है। विधेयक पर उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री ने बुधवार दोपहर को ट्वीट में कहा कि कैबिनेट बैठक में राज्य के उद्योगों और अन्य प्रतिष्ठानों में प्रबंधक पदों पर 50 फीसदी जबकि गैर प्रबंधक पदों पर 75 फीसदी आरक्षण तय करने वाले विधेयक को मंजूरी दी गई। जब विरोध नहीं थमा तो बुधवार रात को ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी किया कि विधेयक को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। सीएमओ ने आगे कहा कि आगामी दिनों में इस विधेयक की समीक्षा की जाएगी और इस पर निर्णय लिया जाएगा।

ओमान के तट पर पलटे तेल टैंकर से नौ लोगों को जिंदा बचाया गया; इसमें आठ भारतीय, पांच की तलाश जारी

नई दिल्ली: तीन दिन पहले ओमान तट के पास पलटे कोमोरोस ध्वज वाले मालवाहक जहाज पर सवार 13 भारतीयों में से आठ को बचा लिया गया है। एमटी फाल्कन प्रेस्टीज नाम का जहाज 14 जुलाई को पलट गया था। जहाज पर 13 भारतीयों समेत 16 लोग सवार थे।

सूत्रों के मुताबिक, तलाशी अभियान के दौरान एमटी फाल्कन प्रेस्टीज के नौ चालक दल के सदस्यों को बचा लिया गया है। इसमें आठ भारतीय और एक श्रीलंकाई नागरिक शामिल हैं। बाकी चालक दल के सदस्यों को खोजने के लिए तलाशी और बचाव अभियान जारी रहेगा। ओमान में भारतीय दूतावास खाड़ी देश के संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है। जहाज एमटी फाल्कन प्रेस्टीज ने 14 जुलाई को ओमान के तट पर लगभग रात 10 बजे संकट की सूचना भेजी थी।

एक सूत्र ने बताया कि ओमान में हमारा दूतावास ओमानी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। नाविकों के लिए खोज और बचाव अभियान जारी है, जिसका समन्वय ओमान समुद्री सुरक्षा केंद्र (ओएमएससी) कर रहा है। भारतीय नौसेना भी खोज और बचाव अभियान में शामिल हो गई है।

भारतीय नौसेना ने अपना युद्धपोत आईएनएस तेग और एक सर्विलांस विमान पी-8 आई को तैनात किया था। भारतीय नौसेना, ओमान की नौसेना के साथ मिलकर समुद्र में बचाव और राहत अभियान चला रही है। तेल टैंकर के क्रू में शामिल 16 सदस्य लापता थे, जिनमें से 13 भारतीय हैं। जिस जगह तेल टैंकर पलटा, भारतीय युद्धपोत उसी क्षेत्र में परिचालन कर रहा था। जिसके बाद भारतीय युद्धपोत को 15 जुलाई को खोज और बचाव अभियान चलाने का निर्देश दिया गया था। युद्धपोत ने 16 जुलाई की सुबह पलटते हुए तेल टैंकर का पता लगा लिया था।

अदन बंदरगाह जा रहा था जहाज
समुद्री सुरक्षा केंद्र के अनुसार, समुद्र में पलटे जहाज की पहचान प्रेस्टीज फाल्कन के रूप में हुई है। यह जहाज दुबई के हमरिया बंदरगाह से यमन के अदन बंदरगाह जा रहा था। कोमोरोस का झंडा लगा यह जहाज ओमान के तट पर रास मद्रकाह इलाके से समुद्र में करीब 46 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में पलट गया। इसके 16 सदस्यीय चालक दल में 13 भारतीय और तीन श्रीलंकाई नागरिक हैं। चालक दल के सभी सदस्य लापता हैं। जहाज अभी भी समुद्र में पलटा हुआ है। जहाज से तेल लीक हुआ है या नहीं, अभी इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

अधिकारियों ने बताया कि कोमोरोस के झंडे वाले जहाज फाल्कन प्रेस्टीज ने 14 जुलाई 2024 को लगभग 2200 बजे ओमान के तट से संकट की सूचना भेजी थी। ओमान में हमारा दूतावास ओमानी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। नाविकों के लिए खोज और बचाव अभियान, ओमान समुद्री सुरक्षा केंद्र (OMSC) द्वारा समन्वित किया जा रहा है। भारतीय नौसेना भी खोज और बचाव अभियान में शामिल हो गई है।

अदन की खाड़ी में लगातार हो रहे जहाजों पर हमले
इस्राइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से अदन की खाड़ी और लाल सागर में समुद्री जहाजों पर लगातार हमले हो रहे हैं। ये हमले ईरान समर्थित हूती विद्रोही कर रहे हैं। इसके चलते अमेरिका और ब्रिटेन संयुक्त रूप से हूती विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद व्यापारिक जहाजों पर हमले नहीं रुक रहे हैं। हूती विद्रोहियों के हमले के चलते अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और इसकी वजह से कई व्यापारिक जहाज अफ्रीका होते हुए लंबा रास्ता तय कर रहे हैं। इसकी वजह से महंगाई बढ़ी है और अगर लाल सागर और अदन की खाड़ी में व्यापारिक जहाजों पर हमले नहीं रुके तो हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं।

दिल्ली से US जा रहे एयर इंडिया विमान में तकनीकी खराबी, रूस के एयरपोर्ट पर कराई गई सुरक्षित लैंडिंग

नई दिल्ली: एयर इंडिया की तरफ से जारी बयान के मुताबिक दिल्ली से अमेरिका जाने वाले विमान को डायवर्ट कर रूस में लैंड कराया गया है। एयर इंडिया ने बताया कि विमान संख्या एआई-183 को कॉकपिट क्रू द्वारा कार्गो होल्ड एरिया में एक संभावित समस्या का पता चलने के बाद अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के बदले रूस के क्रास्नोयार्स्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट (KJA) की तरफ मोड़ा गया और विमान सुरक्षित रूप से उतार लिया गया है।

देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने बताया, विमान में 225 यात्री और चालक दल के 19 सदस्य थे, जिन्हें केजेए पर सुरक्षित उतारने के बाद आगे की प्रक्रियाओं के लिए टर्मिनल भवन में ले जाया गया है, क्योंकि केजेए में एयर इंडिया का अपना स्टाफ नहीं है। एयर इंडिया सरकारी एजेंसियों और नियामक अधिकारियों के साथ भी संपर्क में है। हम यात्रियों को जल्द से जल्द सैन फ्रांसिस्को ले जाने के लिए केजेए के लिए एक नौका उड़ान की व्यवस्था कर रहे हैं।

एयर इंडिया के मुताबिक तमाम यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखना सुनिश्चित किया जा रहा है। ग्राहकों और चालक दल की सुरक्षा और भलाई एयर इंडिया की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के अंदर कोई सुरंग नहीं, हाईकोर्ट के जज ने आंतरिक कक्ष में बिताए सात घंटे

पुरी: ओडिशा में पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष के भीतर एक छिपी हुई सुरंग को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस बीच पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्य सिंह देब ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) जांच के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है। उन्होंने गुरुवार को रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष के भीतर छिपी सुरंग को लेकर किए गए सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही। दरअसल, कई लोगों का मानना है कि मंदिर के रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष में एक गुप्त सुरंग बनी हुई है।

गुप्त सुरंग पर पुरी के राजा ने की बात
रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष में गुप्त सुरंग के अटकलों के बीच पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्य सिंह देब ने कहा, “एएसआई आंतरिक कक्ष की जांच के लिए लेजर स्कैनिंग जैसे उन्नत उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं।” उन्होंने आगे बताया कि ऐसे उपकरण गुप्त सुरंगों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है।

जस्टिस विश्वनाथ रथ ने सुरंग के भीतर बिताए सात घंटे
ओडिशा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस विश्वनाथ रथ ने दस अन्य सदस्यों के साथ आंतरिक कक्ष के अंदर सात घंटे से भी अधिक समय बिताया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा, “हमारे निरीक्षण के अनुसार, हमें गुप्त सुरंग के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।” उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने से बचने का आग्रह किया है।

समिति के एक अन्य सदस्य और सेवक दुर्गा दासमोहपात्रा ने कहा, “हमने भगवान के खजाने के अंदर कोई गुप्त सुरंग नहीं देखी। रत्न भंडार लगभग 20 फीट ऊंचा और 14 फीट लंबा है।” उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान छोटी-मोटी समस्याओं पर गौर किया गया। छत से कई सारे छोटे-छोटे पत्थर गिरे। रत्न भंडार की दीवार में भी दरार आ गई। उन्होंने बताया कि उन्हें फर्श गीला होने की आशंका थी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।