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हेल्थ

खुजली और रेडनेस की समस्या को दूर करने के लिए आप भी डाइट में करे ये बदलाव

रूखी त्वचा छूने में खुरदरी और दर्दनाक होती है. रूखी त्वचा कुपोषित और सुस्त दिखती है. इसके अलावा खुजली और रेडनेस की समस्या का भी सामना करना पड़ता है.

रूखी त्वचा से छुटकारा पाने के लिए सही स्किन केयर रूटीन के साथ हेल्दी फूड्स का सेवन करना भी जरूरी है.त्वचा को प्राकृतिक रूप से मॉइश्चराइज करने के लिए आप कौन से फूड्स डाइट में शामिल कर सकते हैं आइए जानें.

पानी

रूखी त्वचा का इलाज करने की बात आती है, तो पहला और सबसे महत्वपूर्ण कारक पानी होता है. पानी आपकी कोशिकाओं को फिर से हाइड्रेट करता है. होमियोस्टैसिस को बनाए रखता है.

सोया

शाकाहारी फूड्स में, ये सबसे अधिक मात्रा में प्रोटीन प्रदान करता है. इसके अलावा, सोया में आइसोफ्लेवोन्स की मात्रा अधिक होती है, जो कोलेजन को बेहतर करके झुर्रियों को रोकने में मदद कर सकता है. प्रोटीन के लिए सोया दूध या टोफू दोनों ही अच्छे विकल्प हैं.

फिश

ये ओमेगा -3 फैट का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे शरीर द्वारा निर्मित नहीं होते हैं, लेकिन कोशिका झिल्ली के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं. सप्ताह में दो बार फिश खा सकते हैं या अपनी त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए ओमेगा -3 समृद्ध फूड्स का सेवन कर सकते हैं.

सावधान! कोरोना टीकाकरण के बाद महिलाओं के बीच तेज़ी से फैल रही ये बीमारी, दस गुना बढ़े केस

कुछ लोगों में टीकाकरण के बाद एंजाइटी देखने को मिल रही है जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है। टीके के प्रतिकूल असर पर सरकार की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन लेने के बाद एंजाइटी के मामले 10 गुना तक बढ़े हैं, जिनमें सबसे अधिक महिलाएं हैं। 12 जुलाई को जारी पहली रिपोर्ट में एंजाइटी के दो मामले आए थे।

टीकाकरण के बाद जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, ऐसे 78 मामलों की समीक्षा करने पर पता चला कि 48 मामलों का संबंध टीकाकरण से था। इन 48 में से 28 मरीजों की तबियत बिगड़ने के पीछे वैक्सीन उत्पाद से जुड़ी प्रतिक्रिया पाई गई है।

वैक्सीन पर लोग भ्रांति नहीं, भरोसा रखें तो बाद में एंजाइटी होने की आशंका लगभग खत्म हो जाती है। अगर आपके (खासतौर पर महिलाएं) मन में कोई डर है और आप किसी दबाव के चलते वैक्सीन लेते हैं तो एंजाइटी की आशंका बढ़ जाती है।

देश में टीके के पर्याप्त उत्पादन होने से केंद्र सरकार द्वारा फाइजर और मॉडर्ना के टीके की खरीदारी नहीं करने के आसार हैं। सूत्रों के मुताबिक, देश में पर्याप्त मात्रा में टीके का उत्पादन किफायती दर पर हो रहा है।

भारत के इस फैसले का WHO ने किया स्वागत व स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को कहा-“शुक्रिया”

अक्टूबर से फिर वैक्सीन का निर्यात शुरू करने के भारत के फैसले का विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्वागत किया है. डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन के निर्यात के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को शुक्रिया कहा है.

WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा है, ”कोवैक्स पहल के तहत भारत की ओर से अक्टूबर में महत्वपूर्ण वैक्सीन शिपमेंट फिर से शुरू करने की घोषणा के लिए WHO स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को धन्यवाद देता है.”

मंत्री ने कहा कि सरकार को अक्टूबर में कोविड​​-19 टीकों की 30 करोड़ से अधिक खुराक और अगले तीन महीनों में 100 करोड़ से अधिक खुराक मिलेगी.

मनसुख मांडविया ने कहा कि यह ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के हमारे आदर्श वाक्य के अनुरूप है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अतिरिक्त टीकों की आपूर्ति का इस्तेमाल कोविड-19 के खिलाफ सामूहिक लड़ाई के लिए दुनिया के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए किया जाएगा.

नींद न आने के कारण यदि आप भी हैं परेशान तो आज ही अपनी डाइट में करें ये बदलाव

बदलती लाइफस्टाइल के कारण लोगों की जिंदगी पूरी तरह से चेंज हो गई है. आजकल के समय में नींद न आना एक आम समस्या बन गई है. रात को लोग समय पर सोने तो जाते हैं लेकिन, नींद न आने के कारण करवट बदलते रहते हैं. आइए जानते हैं उन फूड्स के बारे में-

पनीर में भी ट्रिप्टोफैन की मात्रा पाया जाता है. गौरतलब है कि ट्रिप्टोफैन एक एमिनो एसिड है जो एक न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन का उत्पादन करता है. यह नींद की cycle को ठीक करने में मदद करता है. इसे डाइट में शामिल करने से नींद न आने की परेशानी दूर होती है.

अगर आपको रात में नींद न आने की समस्या है तो आप अश्वगंधा का सेवन जरूर करें. यह बहुत गुणकारी है और तनाव को कम करने में मदद करता है. इसके साथ ही यह नींद न आने की परेशानी को दूर करता है.

ब्रेकफास्ट मे स्मूदी बाउल का सेवन करने से आपके शरीर को होंगे ये सभी फायदे

ब्रेकफास्ट को कभी नहीं छोड़ने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये दिन के भोजन का सबसे महत्वपूर्ण खाना है. लेकिन कोरोना काल के दौरान लोगों के खानपान की आदतों में अचानक बदलाव आया है. लोग पहले से ज्यादा हेल्थी और पौष्टिक फूड को प्राथमिकता दे रहे हैं.

ये फायदों से भरपूर है और देर तक एक शख्स को भरा रखने के लिए जाना जाता है. कई न्यूट्रिशनिस्ट उसे न सिर्फ हेल्दी बदलाव बल्कि एक लाइफस्टाइल के तौर पर परिभाषित करते हैं. ये विटामिन्स, फोलेट, मिनरल्स, डाइटरी फाइबर, प्रोटीन्स और कार्बोहाइड्रेट्स का शानदार स्रोत है.

रेड्डी का कहना है कि स्मूदी बाउल बनाना आसान है अगर आप सही सामग्री जैसे केला, सेब, डेयरी और चीकू इस्तेमाल करते हैं, जो आपके शरीर को विटामिन्स, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम उपलब्ध कराएगा, और आपकी स्किन, आंख और हड्डियों के लिए भी शानदार होगा. अपने नियमित ओट्स को स्मूदी बाउल से बदलें और अपने शरीर में पोषक तत्व का पावरहाउस चालू करें.

शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए इस फल का रोज़ाना करें सेवन…

आप सबने कभी न कभी जामुन जरूर खाया होगा. यह गर्मी के दिनों में बाजार में बहुत अधिक मात्रा में मिलता है. इसके बीज को कई औषधि के रूप में इस्तेाल किया जाता है. इसमें कई ऐमे तत्व पाए जाते हैं जो हमें कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करता है.

खून की कमी को करता है दूर
आपको बता दें के जामुन के रेगुलर सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है. यह बता दें के शरीर के स्वस्थ्य रखने के लिए हीमोग्लोबिन मात्रा सही रखना बहुत जरूरी है.

स्किन के लिए फायदेमंद
आपको बता दें कि जामुन स्किन के लिए बहुत फायदेमंद है. यह चेहरे पर होने वाले दाग धब्बे जैसे- झुरिया, मुंहासे और एक्ने जैसी परेशानियों को कम करता है. इसके साथ ही यह स्किन को खूबसूरत बनाने में मदद करता है.

शुगर लेवल रखता है कंट्रोल
जामुन में भारी मात्रा में पोटैशियम और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो हार्ट को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है. यह ब्लड में शुगर लेवल कंट्रोल करके डायबिटीज के खतरे को कम करता है.

विटामिन बी-12 की कमी से मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम हो सकता हैं बुरी तरह प्रभावित

विटामिन बी-12 (Vitamin B12) शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है. ऐसे में कई बार शरीर में विटामिन बी-12 की कमी होने लगती है, जिससे कई खतरनाक बीमारियां हो सकती है.

इससे शरीर में रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में कमी आती है. शरीर में विटामिन बी-12 की कमी से कई तरह की परेशानी हो सकती हैं.  इससे शरीर में एनीमिया का खतरा भी बढ़ जाता है. जानते हैं शरीर में विटामिन बी-12 की कमी होने पर क्या परेशानियां हो सकती हैं और उनके लक्षण क्या हैं?

विटामिन बी-12 की कमी से होने वाले रोग

1- डिमेंशिया- उम्र के साथ-साथ लोगों में भूलने की बीमारी होने लगती है. इसकी बड़ी वजह है विटामिन बी12 की कमी. शरीर में विटामिन बी-12 की कमी होने पर दिमाग पर काफी असर पड़ता है. जिससे कई तरह की मानसिक बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है.

2- एनीमिया- शरीर में विटामिन बी-12 की मात्रा कम होने पर एनीमिया जैसी गंभीर समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है. दरअसल विटामिन बी-12 की कमी होने पर रेड ब्लड सेल्स का निमार्ण भी कम हो जाता है.

3-जोड़ों और हड्डियों में दर्द- विटामिन बी-12 हमारे हर अंग के सुचारु रुप से काम करने में मदद करता है. विटामिन बी-12 की कमी होने पर हड्डियों में दर्द की समस्या होने लगती है.

4- मानसिक बीमारी- विटामिन बी-12 हमारे मस्तिष्क को बहुत प्रभावित करता है. विटामिन बी-12 की कमी होने पर भूलने और भ्रम में रहने की समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है.

डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसी जानलेवा बीमारी से छुटकारा पाने के लिए डाइट में आज ही शामिल करें

अगर आप मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, तो आप शारीरिक तौर पर भी खुद को सेहतमंद महसूस कर पाएंगे। अगर हम मानसिक तौर पर खुद को स्वस्थ और मजबूत महसूस कर रहे हैं, तो आसपास की गतिविधियों को भी सहजता के साथ संपन्न करने में सक्षम रहेंगे।
आज के समय में खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रखना वाकई एक चुनौती से कम नहीं है। खुद को शांत रखना, किसी बात को ज्यादा न सोचना मन से स्ट्रॉन्ग रहने के लिए जरूरी है। आइए जानते हैं मानसिक रूप से मजबूत रहने के लिए किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां
पालक, मेथी, पत्ता गोभी जैसी सब्जियां कोशिकाओं को विषाक्‍त या टॉक्‍सिक होने से बचाती हैं. इनका सेवन करने से मस्तिष्क तेज होता है. साथ ही इनमें विटामिन ए, सी, ई और के के अलावा आयोडीन और मैग्‍नीशियम भी मौजूद होता है.

फल
फलों में भी काफी सारे पोषक तत्‍व मौजूद होते हैं. खासतौर पर सेब में फाइबर होने के साथ ही आयरन और एंटीऑक्‍सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होता है. डायबिटीज के मरीज रोज एक सेब आराम से खा सकते हैं क्‍योंकि इसका जीआई काफी कम होता है.

मीट
डाइट में शाकाहारी चीजों के साथ साथ नॉन वेज फूड्स भी कई बार जरूरी होते हैं. मीट में मौजूद हाई प्रोटीन मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करता है. मीट खान से तनाव व स्ट्रेस की समस्या कम नजर आती है.
अखरोट
अखरोट की बनावट भी दिमाग की तरह नजर आती है. यह बच्चों और बड़ों के सुबह के नाश्‍ते को पूरा करने की सबसे अहम चीज है. यह मूड सुधारता है और इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड दिमाग के कामकाज में मदद करते हैं. साथ ही यह डिप्रेशन के लक्षणों को भी रोकता है. इसे खाने से स्ट्रेस कम होता है.

काम के बढ़ते लोड के कारण कही खराब न हो जाए आपकी सेहत, इन बातों का रखें ध्यान

वजन को कम करने के साथ आपके शरीर को ये सभी फायदे देती हैं ग्रीन टी

हम सभी जानते हैं कि ग्रीन टी के ढेर सारे फायदे हैं जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं. सिर्फ आपकी सेहत ही नहीं, यह आपकी त्वचा और बालों को भी बेहतर बना सकती है. इसलिए, यह कई लोगों के लिए एक पसंदीदा बन गया है.

हम में से अधिकतर लोग ऐसे हैं, जिन्हें लगता है कि ग्रीन टी का सेवन सुबह-सुबह करने से यह हमारे लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है। मेटाबॉलिज्म की क्रिया को शुरू करने में ग्रीन टी मददगार है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।

लेकिन, आपको इसके लाभों को प्रभावित करने के लिए एक निश्चित तरीका होना चाहिए. इससे पहले कि आप एक कप ग्रीन टी पिएं, क्या आप जानते हैं कि दिन में कई बार ऐसा होता है कि आपको ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए?

अगर आप खाली पेट सुबह-सुबह ग्रीन टी पीते हैं, तो इसमें मौजूद मजबूत एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल्स हमारे शरीर के गैस्ट्रिक एसिड का उत्पादन बढ़ाने लगता है, जिसके कारण आपको पेट से जुड़ी परेशानी हो सकती है।

अगर आप अनिद्रा की शिकायत से परेशान हैं। तो सोने से पहले ग्रीन टी का सेवन करने से बचें। हालांकि, ग्रीन टी में दिमाग को शांत करने का गुण मौजूद होता है। लेकिन सोने से पहले इसका सेवन आपकी नींद में बाधा उत्पन्न करता है। क्योंकि ग्रीन टी में कैफीन होता है, जो मेलाटोनिन हार्मोन को रिलीज करने में बाधा उत्पन्न करता है।