मुख्यमंत्री हिमंता ने कहा, ‘मैं किसी 22 वर्षीय लड़की को गुवाहाटी में पोस्ट-ग्रेजुएशन के लिए प्रवेश लेते हुए देखता हूं तो मुझे अच्छा लगता है, वहीं जब मैं चेंगा या बागबोर (बड़ी मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों) जैसे स्थानों पर जाता हूं, तो मुझे दो बच्चों के साथ उसी उम्र की लड़की दिखाई देती है। ये गलत है।’
सरमा ने कहा, यह “सामंती” मानसिकता है जो अपने लिए जीवन का एक तरीका और गरीब लोगों के लिए दूसरा रास्ता तलाशती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ अभियान कानून के तहत चलाया जा रहा है और इसलिए अदालत आरोपी को जमानत नहीं दे रही है।