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लोकप्रिय गायिका रुखसाना बानो का निधन, महज 27 साल की थीं; परिजन ने लगाया जहर देने का आरोप

भुवनेश्वर:  लोकप्रिय संबलपुरी गायिका रुखसाना बानो का निधन हो गया। भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भुवनेश्वर में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि कि 27 साल की रुखसाना का जीवाणु के कारण होने वाले रोग ‘स्क्रब टाइफस’ का इलाज किया जा रहा था। उनकी ओर से बुधवार रात हुई उसकी मौत का कारण अभी तक नहीं बताया गया है।

रुखसाना की मां और बहन ने आरोप लगाया कि उन्हें पश्चिमी ओडिशा के उनके एक प्रतिद्वंद्वी गायक ने जहर दिया है। हालांकि, जब उनसे उसका नाम पूछा गया तो उन्होंने कलाकार की पहचान उजागर करने से इनकार कर दिया। उन्होंने दावा किया कि रुखसाना को पहले भी धमकियां मिली थीं। करीब 15 दिन पहले बोलनगीर में शूटिंग के दौरान जूस पीने के बाद रुखसाना बीमार पड़ गईं। उन्हें 27 अगस्त को भवानीपटना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

उनकी बहन रूबी बानो ने संवाददाताओं को बताया कि जानकारी के मुताबिक, करीब 15 दिन पहले रुखसाना बोलनगीर में शूटिंग के दौरान जूस पीने के बाद बीमार पड़ गई थी। उसे 27 अगस्त को भवानीपटना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रारंभिक उपचार के बाद उन्हें बोलनगीर के भीमा भोई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेफर कर दिया गया और बाद में उसकी हालत बिगड़ने पर उसे बरगढ़ के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। बाद में जब हालत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें एम्स भुवनेश्वर लाया गया। रुखसाना की मां ने भी इसी तरह के दावे करते हुए एक वीडियो संदेश भी जारी किया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का पंजीकरण रद्द, बंगाल मेडिकल काउंसिल की कार्रवाई

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का पंजीकरण रद्द कर दिया है। मामले में संबंधित अधिकारी ने बताया कि संदीप घोष सीबीआई हिरासत में है और उस पर गंभीर आरोप लगे हैं। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (डब्ल्यूबीएमसी) ने गुरुवार को आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के पंजीकरण को 19 सितंबर को डब्ल्यूबीएमसी की तरफ से बनाए गए पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर्स की सूची से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बंगाल मेडिकल एक्ट, 1914 के कई प्रावधानों के तहत उनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया। बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म-हत्या के अलावा अस्पताल की वित्तीय अनियमितता को लेकर भी संदीप घोष कटघरे में है।

आरजी कर केस को लेकर डॉक्टरों को प्रदर्शन
इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय के अलावा आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस थाने के थाना प्रभारी अभिजीत मंडल से सीबीआई से पूछताछ कर रही है।आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल बीते 8-9 अगस्त से ही विवादों में है। अस्पताल के सेमिनार हॉल में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद चिकित्सकों में काफी आक्रोश है, राज्य में जूनियर डॉक्टर लगातार हड़ताल कर रहे हैं।

कल मुख्य सचिव के साथ डॉक्टरों की बैठक रही बेनतीजा
एक दिन पहले ही आरजी कर मामले में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ वार्ता की। पश्चिम बंगाल सरकार और जूनियर डॉक्टरों की करीब दो घंटे चली बैठक बेनतीजा रही। सचिवालय में राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ बैठक के बाद डॉक्टरों ने कहा कि वे हताश और निराश हैं। बैठक में हमने अपने मुद्दे रखे लेकिन सरकार ने उस पर हस्ताक्षर नहीं किए, हम लिखित आश्वासन चाहते हैं। डॉक्टरों ने कहा कि वे हड़ताल वापस लेना चाहते हैं लेकिन सरकार से लिखित आश्वासन नहीं मिलने के चलते हड़ताल जारी रखने का फैसला किया।

मायावती ने ‘एक देश-एक चुनाव’ प्रस्ताव का किया समर्थन, बोलीं- इसका उद्देश्य जनहित होना चाहिए

लखनऊ:  बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्रीय कैबिनेट के ‘एक देश-एक चुनाव’ के मंजूर किए गए प्रस्ताव का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के तहत देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव पर बसपा का स्टैंड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित होना जरूरी है। बसपा ने ये बयान पार्टी की लखनऊ में आयोजित बैठक के बाद जारी किया।बसपा ने बृहस्पतिवार को पार्टी के जनाधार को बढ़ाने और उपचुनाव की समीक्षा करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा के लिए लखनऊ में बैठक बुलाई जिसमें पार्टी की राज्य इकाई के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारी व जिलाध्यक्ष शामिल हुए।

मायावती ने बैठक में कहा कि भाजपा सरकार व विपक्षी पार्टियों के बीच जनहित व जनकल्याण के ज्वलंत मुद्दों को लेने की बजाय केवल जातिवादी, सांप्रदायिक व जाति-बिरादरी आधारित राजनीति की जा रही है ऐसे में बसपा को जनता के बीच मुस्तैदी से पैठ बनाने का लाभ उपचुनाव में पार्टी को मिल सकता है।

बुलडोजर विध्वंस कानून के राज का प्रतीक नहीं
मायावती ने कहा कि बुलडोजर विध्वंस कानून के राज का प्रतीक नहीं है। इसके बावजूद इसके प्रयोग की बढ़ी प्रवृत्ति चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि बुलडोजर या ऐसे ही किसी मामले में जनता जब सहमत नहीं होती है तो केंद्र को आगे आकर मामले में गाइडलाइंस बनानी चाहिए। जो कि नहीं किया गया वरना सुप्रीम कोर्ट को खुद आगे आकर इस मामले में हस्तक्षेप न करना पड़ता। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों को संविधान व कानूनी राज के अमल होने पर जरूर ध्यान देना चाहिए।

जेपी नड्डा के जवाब से भड़की कांग्रेस, कहा- स्वघोषित परमात्मा के अवतार कुछ अलग होते हैं

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी नेताओं और मंत्रियों के विवादास्पद बयानों के बाद शुरू हुआ सियासी बवाल बढ़ता जा रहा है। मल्लिकार्जुन खरगे की चिठ्ठी पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने पलटवार किया था। अब नड्डा के खत पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने तंज कसा है। कांग्रेस महासचिव (कम्युनिकेशन इंचार्ज) जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश ने एक ऐसे प्रधानमंत्री (नेहरू) को भी देखा है, जिन्होंने 17 वर्षों तक उन्हें भेजे गए सभी आधिकारिक और व्यक्तिगत पत्रों का जवाब दिया।

कांग्रेस के निशाने पर पीएम मोदी
जयराम रमेश ने पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि, जब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को कोविड-19 पर पत्र लिखते हैं, तब स्वास्थ्य मंत्री को उन्हें अपने नाम से भेजने के लिए एक अपमानजनक जवाब थमा दिया जाता है। अब कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी ने मोदी जी के सहयोगियों द्वारा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को दी जा रही गंभीर धमकियों को लेकर नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को पत्र लिखा, तो भाजपा अध्यक्ष को निरर्थक जवाब भेजने का काम दे दिया गया।

जयराम रमेश ने कहा कि देश ने एक ऐसे प्रधानमंत्री को भी देखा है, जिन्होंने 17 वर्षों तक उन्हें भेजे गए सभी आधिकारिक और व्यक्तिगत पत्रों का जवाब दिया, जैसा कि उनके चुनिंदा कार्यों के 100 से अधिक वॉल्यूम प्रमाणित करते हैं। रमेश ने तंज कसते हुए कहा, मुझे लगता है कि स्वघोषित परमात्मा के अवतार कुछ अलग ही होते हैं।

नड्डा का खरगे को जवाब-
आपको बता दें कि, बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने गुरूवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को राजनीति का ‘असफल उत्पाद’बताया था। जेपी नड्डा ने लिखा था, ‘मल्लिकार्जुन खरगे जी, आपने राजनीतिक मजबूरी वश जनता द्वारा बार-बार नकारे गए अपने फेल्ड प्रोडक्ट को एक बार फिर से पॉलिश कर बाजार में उतारने के प्रयास में जो पत्र देश के प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है, उस पत्र को पढ़ कर मुझे लगा कि आपके द्वारा कही गई बातें यथार्थ और सत्य से कोसों दूर हैं।

ऐसा प्रतीत होता है कि पत्र में आप राहुल गांधी सहित अपने नेताओं की करतूतों को या तो भूल गए हैं या उसे जानबूझ कर नजरअंदाज किया है, इसलिए मुझे लगा कि उन बातों को विस्तार से आपके संज्ञान में लाना जरूरी है।

सीबीआई के सामने पेश हुईं माकपा की युवा नेता मिनाक्षी मुखर्जी, कहा- मैं हर तरह से सहयोग करूंगी

कोलकाता:पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच के सिलसिले में माकपा (सीपीएम) युवा नेता मिनाक्षी मुखर्जी आज सीबीआई के सामने पेश हुईं। मिनाक्षी डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) की राज्य सचिव हैं। डीवाईएफआई सीपीआई(एम) की युवा शाखा है। मिनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि वह हर तरह से सीबीआई अधिकारियों का सहयोग करेंगी। बता दें कि वह नौ अगस्त को महिला डॉक्टर की हत्या के कुछ घंटों बाद ही मृतक के परिवार से मुलाकात की थीं। सीपीआई(एम) ने बार बार दावा किया कि वामपंथी युवा नेता के प्रयास के कारण अंतिम संस्कार का विरोध किया गया। उसी रात मिनाक्षी मुखर्जी को पुलिसकर्मियों को रोकते हुए देखा गया था।

मिनाक्षी मुखर्जी सीबीआई कार्यालय में दो घंटे बिताईं। बाद में उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि सीबीआई घटनास्थल पर सबूतों से छेड़छाड़ की जांच करे। माकपा की युवा नेता ने कहा, “मैंने जांच अधिकारियों को नौ अगस्त की रात को जो कुछ हुआ उसके बारे में जानकारी दी। मैंने यह भी बताया कि पुलिस शव को कैसे ले गई। अगर जांच को भटकाने की कोशिश की गई तो हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

ममता बनर्जी ने किया बाढ़ग्रस्त इलाके पंसकुरा का दौरा, DVC का पानी छोड़ने के लिए केंद्र को ठहराया जिम्मेदार

कोलकाता:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेदनीपुर के बाढ़ग्रस्त इलाके पंसकुरा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी बात की। उन्होंने बाढ़ के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र ने बंगाल में सारा पानी छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि यह बंगाल का पानी नहीं बल्कि केंद्र सरकार की संस्था डीवीसी से आने वाला झारखंड का पानी है।

सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) के सामने क्यों नहीं उठा रही है? उन्होंने पूरा पानी बंगाल में छोड़ दिया। बंगाल की जो वजह है वह केंद्र सरकार की अनदेखी की वजह से है। मुझे माफ करना पर यह पानी बंगाल का नहीं बल्कि केंद्र सरकार की संस्था डीवीसी से आने वाला झारखंड का पानी है।” उन्होंने आगे कहा, “यह बारिश का पानी नहीं है। केंद्र सरकार की संस्था डीवीसी से आने वाला पानी है। यह मानव निर्मित बाढ़ है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र सरकार डीवीसी बांधों की खुदाई क्यों नहीं करती। इसमें एक बड़ी साजिश है। हम इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे।”

सुकांत मजूमदार ने किया बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा
केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी गुरुवार को बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन तीन दिन पहले भारी बारिश के कारण इलाके में बाढ़ आने के बाद से फंसे हुए लोगों तक नहीं पहुंच पाए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें प्रशासन की तरफ से कोई राहत सामग्री नहीं भेजी गई। यह राज्य केवल दावे करता है, लेकिन अपने लोगों के साथ खड़ा नहीं होता। हम यहां उनके साथ हैं। हम उनके लिए तिरपाल और खाना लेकर आए हैं।”

राहुल गांधी के खिलाफ बयान पर केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू पर FIR, बोले- माफी नहीं मांगूंगा

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर दिए गए बयान पर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। राहुल गांधी ने अमेरिका दौरे पर सिखों को लेकर बयान दिया था, जिस पर रवनीत बिट्टू ने उन्हें आतंकी बता दिया था। इसे लेकर खूब हंगामा हुआ और कर्नाटक में रवनीत बिट्टू के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने अपने बयान पर माफी मांगने से भी इनकार कर दिया है।

बंगलूरू में कांग्रेस पदाधिकारी ने दर्ज कराई एफआईआर
कर्नाटक के एक कांग्रेस पदाधिकारी ने केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय राज्य मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 353 (गलत सूचना के आधार पर बयान देना या अफवाह फैलाना), 192 (दंगे कराने के मकसद से भडकाऊ बयान देना), 196 (दो समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने) के तहत बंगलूरू के हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।

राहुल गांधी के बयान पर हुआ है विवाद
राहुल गांधी ने हालिया अमेरिका दौरे पर एक कार्यक्रम के दौरान अपने एक बयान में कहा था कि ‘लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या भारत में एक सिख को अपनी पगड़ी या कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी। या वह एक सिख के रूप में, गुरुद्वारा जाने में सक्षम होगा। यहीं लड़ाई है और यह सभी धर्मों के लिए है।’ राहुल गांधी के इस बयान का समर्थन खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया था। पन्नू ने कहा था कि ‘राहुल गांधी का बयान तथ्यात्मक रूप से सच्चा है। उन्होंने माना कि भारत में सिखों के अस्तित्व को खतरा है। यह बयान खालिस्तान जनमत संग्रह अभियान के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा।’

रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला था
राहुल गांधी के इस बयान पर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि ‘राहुल गांधी ने सिखों को बांटने का प्रयास किया है। सिख किसी पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं है, मगर चिंगारी लगाने की कोशिश हो रही है। राहुल गांधी देश के नंबर एक आतंकी हैं। जो लोग हर वक्त मारने और जहाजों-ट्रेनों को उड़ाने की बात करते हैं, वे राहुल गांधी के समर्थन में आ गए हैं।

अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा, पीड़िताओं के नाम लेने से किया मना

बंगलूरू: कर्नाटक हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे जनता दल (एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस एम नागाप्रसन्ना की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पहले मामले में रेवन्ना के आवेदन पर और शिकायतों से संबंधित दो अग्रिम जमानत पर दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान अदालत ने वकीलों से पीड़िताओं के नाम का जिक्र करने से मना किया। रेवन्ना की ओर से वरिष्ठ वकील प्रभुलिंग के नवदगी पेश हुए। वकील नवदगी ने कहा कि आरोप मुख्य रूप से रेवन्ना के पिता पर लगे हैं। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि पीड़िता ने परिवार के लिए चार वर्षों तक काम किया। उन्होंने चार वर्षों तक मामला दर्ज दर्ज न करने पर चिंता जताई।

वकील नवदगी ने कहा कि महिला ने दावा किया कि जब उसके पति ने उसे एक वीडियो के बारे में बताया, तब उसे आवाज उठाने की हिम्मत मिली। उसने पहले आईपीसी की धारा 376 के तहत दुष्कर्म का आरोप नहीं लगाया। उन्होंने आगे कहा, “फॉरेसिक रिपोर्ट ने भी वीडियो को रेवन्ना से नहीं जोड़ा।” उन्होंने इस बात से इनकार किया कि रेवन्ना के फोन पर कोई आपत्तिजनक वीडियो पाया गया था।

अदालत ने फॉरेंसिक रिपोर्टों के निष्कर्षों पर सवाल उठाया। विशेष लोक अभियोजक प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने बताया कि याचिकाकर्ता की धमकियों और पीड़ितों को चुप कराने के प्रयासों के कारण शिकायत दर्ज कराने में देरी उचित थी।

क्या था मामला?
बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं। उन पर कई महिलाओं से यौन शोषण का आरोप है। प्रज्ज्वल हासन लोकसभा सीट के सांसद थे। उन्होंने इस साल हासन से एनडीए उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले सोशल मीडिया पर कई अश्लील वीडियो वायरल हुए थे। हासन में मतदान के ठीक एक दिन बाद, 27 अप्रैल को प्रप्रज्वल जर्मनी चले गए थे।

‘एक देश-एक चुनाव’ पर सियासी संग्राम; भाजपा और जयंत बचाव में उतरे तो बीजद हुई हमलावर

नई दिल्ली :  मोदी सरकार की कैबिनेट द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन के मसौदे को मंजूरी देने के बाद सियासी तूफान आ गया है। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। जिसके बाद अब सरकार की ओर से अलग-अलग दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा कि, देश को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम है। वहीं मोदी सरकार में मंत्री और लोकदल के चीफ जयंत चौधरी ने कहा कि, विपक्ष ‘आलोचना करने में जल्दबाजी कर रहा है’ और टिप्पणी करने से पहले इस मुद्दे पर विचार करने की जरूरत है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का निर्णय राष्ट्र निर्माण और संघवाद को और मजबूत करेगा। यह डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर और अन्य नीति निर्मातोओं द्वारा हमें दिए गए हमारे संविधान की मूल भावना और पवित्रता को भी महत्वपूर्ण रूप से पुनः प्राप्त करेगा। जब पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किया, तो इसने संविधान के मूल आदर्शों को फिर से स्थापित किया था, जिन्हें कांग्रेस ने धोखा दिया था।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने हमेशा एक साथ चुनाव कराने की परिकल्पना की थी। लेकिन एक साथ चुनाव कराने पर कोई बहस नहीं हुई क्योंकि यही हमारा आगे बढ़ने का तरीका था। किसी ने यह नहीं सोचा था कि इंदिरा गांधी की कांग्रेस जैसी कोई पार्टी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को बेरहमी से गिरा देगी और उन्हें उखाड़ देंगी। केसवन ने आगे कहा, 1952 से 1967 तक, एक साथ चुनाव हुए लेकिन इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार ने निर्वाचित राज्य सरकार को लगभग 39 बार गिरा दिया। जिससे एक साथ चुनावों का चक्र टूट गया। यहीं नहीं, उन्होंने आपातकाल सिर्फ इसलिए लगाया ताकि वह अपना कार्यकाल जारी रख सकें। यही कारण है कि कांग्रेस अपने अतीत के पापों के कारण परेशान है।

सरकार के बचाव में उतरे जयंत

आरएलडी चीफ और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि, कैबिनेट ने एक फैसला लिया है। इसके बारे में काफी विचार-विमर्श किया गया था। विपक्ष को कोई बयान देने से पहले इसके बारे में सोचने की जरूरत है। सरकार लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बेहतरीन फैसले ले रही है।

डॉक्टरों-सरकार के बीच दूसरे दौर की बैठक में भी नहीं बनी बात, डॉक्टरों का काम पर लौटने से इनकार

कोलकाता: आरजी कर मामले में अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शनरत जूनियर डॉक्टरों ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ वार्ता की। पश्चिम बंगाल सरकार और जूनियर डॉक्टरों की करीब दो घंटे चली बातचीत बेनतीजा रही। सचिवालय में राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ बैठक के बाद डॉक्टरों ने कहा कि वे हताश और निराश हैं। बैठक में हमने मिनट्स बनाकर दिया लेकिन सरकार ने उस पर हस्ताक्षर नहीं किए। हम लिखित आश्वासन चाहते हैं। डॉक्टरों ने कहा कि वे हड़ताल वापस लेना चाहते हैं लेकिन सरकार से लिखित आश्वासन नहीं मिलने के चलते हड़ताल जारी रखने का फैसला किया।

गौरतलब है कि सोमवार को सीएम ममता बनर्जी के साथ वार्ता के बाद डॉक्टरों ने काम पर लौटने से इनकार कर दिया था और एक बार फिर बैठक करने की बात कही थी। इसी क्रम में बुधवार को जूनियर डॉक्टरों का 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ बैठक के लिए नबन्ना पहुंचा था।