Saturday , November 23 2024

देश

टीएमसी सांसद साकेत गोखले का आरोप- वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में घोटाला

टीएमसी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने बुधवार को वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की लागत में घोटाले का आरोप लगाया है। हालांकि रेलवे ने उनके इस दावे को गलत सूचना बताकर खारिज कर दिया कि एक ट्रेन की लागत में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। बता दें कि दो दिन पहले सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में साकेत गोखले ने आरोप लगाया था कि एक वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की लागत 290 करोड़ रुपये से बढ़कर 436 करोड़ रुपये हो गई है।

आरोप को रेल मंत्रालय ने बताया फर्जी खबर
रेल मंत्रालय ने इस आरोप को गलत सूचना और फर्जी खबर बताकर खारिज कर दिया और कहा कि उसने स्लीपर ट्रेनों में कोचों की संख्या 16 से बढ़ाकर 24 कर दी है, जबकि अनुबंध में कुल कोचों की संख्या स्थिर रखी है। जबकि रेल मंत्रालय ने इस निर्णय को ट्रेन यात्रा की उच्च मांग के लिए जिम्मेदार ठहराया।

सपा अध्यक्ष अखिलेश ने दिल्ली की नई मुख्यमंत्री को दी बधाई, बोले – उम्मीद है जनभावनाओं पर खरी उतरेंगी

लखनऊ:  सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को नया मुख्यमंत्री दिया है। उम्मीद है कि वह दिल्ली के लोगों की भावनाओं पर खरी उतरेंगी।बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद आप विधायकों ने आतिशी को नेता चुन लिया।

अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति घोटाले में करीब छह महीने तक जेल में रहने के बाद इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में छह महीने बाद चुनाव हैं। अब वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठेंगे जब जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाण पत्र वोट के रूप में देगी।

मुख्यमंत्री योगी ने 50 हजार करोड़ के लोन का किया वितरण, बोले- ओडीओपी ने प्रदेश को नई पहचान दी

लखनऊ:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले यूपी में विकास की रफ्तार बंद हो गई थी। लोग पलायन कर रहे थे। असुरक्षा का माहौल था। बिजली नहीं थी। प्रदूषण नियंत्रण की तलवार थी। बाजार नहीं था। एनओसी मिलने में सालों लग जाते थे। दंगे होते थे। 2017 के बाद हमारी सरकार आई तो हमने परंपरागत उद्योगों को विकसित करने की योजना बनाई। हर जिले के विशिष्ट उत्पाद की चर्चा होती थी। अगर मेरठ की रेवड़ी थी तो हापुड़ का पापड़, लखनऊ की चाट, वाराणसी की दही जलेबी की चर्चा होती थी। ये कहां हैं सब, सभी की खोज की। पता चला कि 58 जनपद के उत्पाद बदहाल हैं। हमने काम किया तो पता चला कि यही हाल 75 जिलों का है तब एक जिला एक उत्पाद योजना शुरू की। आज इसी का परिणाम है किइस योजना से कामगारों के श्रमिको को गांव में ही रोजगार मिला है। निर्यात दोगुना से ज्यादा हो गया।

मुख्यमंत्री योगी मंगलवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने विश्वकर्मा श्रम सम्मान व ओडीओपी तथा माटीकला के अंतर्गत हस्तशिल्पियों को टूलकिट प्रदान करने के साथ ही 50,000 करोड़ रुपये के ऋण का वितरण किया।

उन्होंने कहा कि हमने 2019 में विश्वकर्मा योजना शुरू की। महात्मा गांधी ने भी कहा था कि इस वर्ग का उत्थान करो। गांव के विभिन्न शिल्पकार का हुनर वहीं रह जाता था। उनके हुनर को पूरी दुनिया के सामने लाने के लिए विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ किया। आज वे युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। पहले यूपी का युवा रोजगार के लिए प्रदेश से बाहर जाता था। आज अपने गांव और जनपद में ही रोजगार मिल रहा है।

’63 साल में राष्ट्रीय योगदान करीब 5% घटा’; PM की आर्थिक सलाहकार परिषद ने जताई चिंता

 नई दिल्ली: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद् (EAC-PM) ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था में बीते कई दशकों से बुरा दौर देखा जा रहा है। परिषद के मुताबिक राज्य के सापेक्ष आर्थिक प्रदर्शन में निरंतर गिरावट चिंताजनक है। परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने राज्यों की अर्थव्यवस्था पर तुलनात्मक पेपर लिखा है। उन्होंने 1960-61 से 2023-24 के बीच राज्यों की आर्थिक स्थिति पर टिप्पणी की है।

इसके मुताबिक देश के पूर्वी हिस्सों का विकास चिंता का सबब बना हुआ है। समुद्री तट पर बसे राज्यों ने पश्चिम बंगाल को छोड़कर अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। परंपरागत रूप से पिछड़ रहे राज्य ओडिशा की स्थिति में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।

राष्ट्रीय स्तर पर घटा बंगाल की जीडीपी का योगदान
1960-61 में देश की जीडीपी में पश्चिम बंगाल का योगदान 10.5 फीसदी थी। इस समय राष्ट्रीय स्तर पर योगदान के मामले में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) देश में तीसरे स्थान पर था। करीब छह दशकों से अधिक समय बीतने के बाद साल 2023-24 में बंगाल की जीडीपी का योगदान घटकर 5.6 फीसदी रह गया है।

प्रति व्यक्ति आय के मामले में कहां है बंगाल
सान्याल के शोध पत्र के मुताबिक पश्चिम बंगाल में लगभग 63 साल पहले (1960-61) में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 127.5 फीसदी अधिक थी। हालांकि, बाद के वर्षों में राज्य के आर्थिक विकास की गति राष्ट्रीय रुझानों के साथ तालमेल बिठाने में नाकाम रही। 2023 में राष्ट्रीय स्तर पर बंगाल की प्रति व्यक्ति आय घटकर 83.7 फीसदी रह गई। यह आंकड़ा राजस्थान और ओडिशा जैसे पारंपरिक रूप से पिछड़ रहे राज्यों से भी नीचे है। भारत के पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों ने 1960-61 से 2023-24 तक देश के अन्य हिस्सों की तुलना में उल्लेखनीय रूप से बेहतर प्रदर्शन किया है।

आईपीएस अफसर मनोज कुमार वर्मा बने कोलकाता के नए पुलिस कमिश्नर, स्वास्थ्य विभाग में चार नई नियुक्ति

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से राजधानी कोलकाता में पुलिस कमिश्नर के पद पर आईपीएस अफसर मनोज कुमार वर्मा को नियुक्त किया गया है। बता दें कि राज्य के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी के बाद से जूनियर डॉक्टर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से प्रस्तावित चार बैठकें विफल होने के बाद 16 सिंतबर की शाम पांचवी बैठक में कुछ मुद्दों पर सहमति बनने के बाद ये कार्रवाई की गई है। वहीं राज्य सरकार की तरफ से स्वास्थ्य विभाग में चार नई नियुक्तियां की गई है।

इन अहम पदों पर किए गए फेरबदल
गृह सचिव की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक आईपीएस जावेद शमीम को एडीजी कानून व्यवस्था नियुक्त किया गया है। आईपीएस त्रिपुरारी अथर्व को आर्थिक अपराध निदेशालय का निदेशक नियुक्त किया गया है। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी अभिषेक गुप्ता को ईएफआर सेकेंड बटालियन का कमांडिंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है। दीपक सरकार को उत्तरी मंडल कोलकाता का उपायुक्त नियुक्त किया गया है।

एसटीएफ के ADG बने विनित कुमार गोयल
आईपीएस अधिकारी ज्ञानवंत सिंह को खुफिया विभाग में एडीजी और आईजीपी के पद पर नियुक्त किया गया है, जबकि आईपीएस अधिकारी और कोलकाता के वर्तमान पुलिस आयुक्त विनित कुमार गोयल को स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) और पुलिस महानिरीक्षक (IGP) नियुक्त किया गया है। गृह मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक राज्यपाल ने सभी नियुक्तियों को मंजूरी दे दी है।

‘गर्मी में वकीलों को कोर्ट-गाउन पहनने से छूट मिले’; जनहित याचिका पर सुनवाई से अदालत का इनकार

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट के भीतर वकीलों की पोशाक से जुड़ी जनहित याचिका (PIL) पर विचार करने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत के समक्ष दायर पीआईएल में मांग की गई थी कि गर्मी के मौसम में वकीलों को काला कोर्ट और गाउन पहनने से छूट मिलनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर कहा कि कुछ ड्रेस कोड होना चाहिए। अदालतों में मुकदमों की पैरवी करने के दौरान वकील ‘कुर्ता-पायजामा’ नहीं पहन सकते।

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की पीठ ने क्या कहा
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, आखिरकार यह शिष्टाचार का मामला है। आपको उचित पोशाक पहननी चाहिए। आप ‘कुर्ता पायजामा’ या शॉर्ट्स और टी-शर्ट में अदालतों में बहस नहीं कर सकते। पीठ ने जनहित याचिका दायर करने वाले वकील शैलेंद्र मणि त्रिपाठी से कहा कि वे इस मुद्दे पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI), राज्य बार काउंसिल और केंद्र को ज्ञापन सौंप सकते हैं। अदालत ने साफ किया कि इस मुद्दे पर बार काउंसिल निर्णय ले सकते हैं।

राजस्थान और बंगलूरू की जलवायु में काफी अंतर है, बार काउंसिल या सरकार से अपील करें
त्रिपाठी ने अपनी दलील में कहा कि वकीलों को गर्मियों में काले कोट और गाउन पहनने से छूट दी जा सकती है। इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, राजस्थान की जलवायु बंगलूरू जैसी नहीं है। ऐसे में संबंधित बार काउंसिल को ही इस पर निर्णय लेने दें। तीन जजों की पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता ड्रेस कोड में उपयुक्त संशोधन के लिए बार काउंसिल और सरकार सरकार के पास ज्ञापन भेज सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर तीन जजों की पीठ ने विचार करने से इनकार कर दिया। ऐसे में त्रिपाठी ने पीआईएल वापस लेने की अनुमति मांगी। सीजेआई चंद्रचूड़ की पीठ ने याचिका वापस लेने की अपील मंजूर कर ली।

‘हैदराबाद मुक्ति दिवस न मनाने के पीछे सरकारों की वोट बैंक और तुष्टिकरण नीति

हैदराबाद:सिकंदराबाद लोकसभा सीट से निर्वाचित भाजपा सांसद और तेलंगाना बीजेपी प्रमुख जी किशन रेड्डी ने कहा है कि वोट बैंक की राजनीति के कारण कई दशों तक सरकारों ने ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के गठन के बाद की सरकारों ने तुष्टिकरण की नीति अपनाई। यही कारण रहा कि सरकारों ने 17 सितंबर को आधिकारिक तौर पर ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने से इनकार कर दिया।

तीन साल से हैदराबाद मुक्ति दिवस आधिकारिक तौर पर मना रही केंद्र सरकार
केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने आरोप लगाया है कि अविभाजित आंध्र प्रदेश और 2014 में तेलंगाना गठन के बाद राज्य सरकारों ने तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की पहल पर बीते तीन साल से हैदराबाद मुक्ति दिवस आधिकारिक तौर पर मनाया जा रहा है। हालांकि, राज्य सरकार इस मौके पर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत राष्ट्र समिति (BRS) और कांग्रेस राज्य की जनता को ‘मुक्ति दिवस’ के मौके पर लोगों को धोखा दे रही हैं।

कई वर्षों तक मुक्ति दिवस के दिन राज्य का आधिकारिक कार्यक्रम क्यों नहीं
गौरतलब है कि भारत की आजादी के बाद साल 1948 में हैदराबाद के तत्कालीन निजाम ने भारत में विलय की शर्त 17 सितंबर को मंजूर की थी। इस मौके को केंद्र सरकार बीते तीन साल से हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में मनाती है। केंद्र सरकार के एक समारोह में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव से सवाल किया कि आखिर राज्य सरकार ने कई वर्षों तक मुक्ति दिवस के दिन आधिकारिक कार्यक्रम क्यों नहीं आयोजित किए। रेड्डी ने आरोप लगाया कि सीएम बनने के बाद केसीआर ने अपने सुर बदल दिए। सहयोगी दल- ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के साथ मिलकर मुक्ति दिवस की गलत व्याख्या की।

तेलंगाना के लिए 17 सितंबर, 15 अगस्त जितना ही अहम
रेड्डी ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक की सरकारें हैदराबाद मुक्ति दिवस के मौके पर आधिकारिक कार्यक्रम कर रही हैं, लेकिन तेलंगाना और अविभाजित आंध्र प्रदेश की सरकारों ने आधिकारिक तौर पर इस दिन को मनाने से इनकार कर दिया है। केंद्रीय कोयला मंत्री ने आरोप लगाया कि तेलंगाना के इतिहास को दबाया गया। इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। लोगों को गुमराह किया गया। वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण के लिए गलत इरादों से तथ्यों को छिपाया गया। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को इतिहास से अवगत कराया जाना चाहिए। बकौल रेड्डी, तेलंगाना के लिए 17 सितंबर उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि देश के लिए 15 अगस्त। इस अवसर को मनाने के लिए ‘मुक्ति दिवस’ सही शब्द है। इसी दिन जनता को निजाम शासन से मुक्ति मिली थी और ‘रजाकारों’ (निज़ाम शासन के सशस्त्र समर्थकों) के अत्याचारों का अंत हुआ था।

‘BJP नेता के घर हमले के संदिग्धों की पहचान में सहयोग करें’, थाडौ समुदाय ने कुकी नेताओं को लिखा पत्र

इंफाल: मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में पिछले महीने दो बार भाजपा प्रवक्ता टी माइकल लामजाथांग हाओकिप के घर पर हुए हमले को लेकर थाडौ स्टूडेंट्स एसोसिएशन (टीएसए-जीएचक्यू) ने कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के प्रमुखों को पत्र लिखा है। पत्र में थाडौ समुदाय ने हमला करने वाले संदिग्धों की पहचान करने में सहयोग मांगा है।

टीएसए के प्रवक्ता विक्की थाडौ ने केएनओ अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को संबोधित पत्र में कहा है कि भाजपा प्रवक्ता हाओकिप के माता-पिता पेनियल गांव में अपने पैतृक घर में रहते हैं। उनका घर केएनओ के परिचालन क्षेत्र में आता है। जहां पर केएनओ के पांच घटक केएनए, केएनएफएमसी, केएनएफ-एस, केएनएफ-जेड और केएलए का प्रभुत्व है। थाडौ ने कहा, ‘हम हमलों के लिए केएनओ और स्थानीय नागरिक संगठनों को नैतिक रूप से जिम्मेदार मानते हैं।’

कुकी संगठनों ने थाडौ समुदाय के आरोपों का खंडन किया
वहीं, कुकी नेशनल फ्रंट (सैमुअल) और केएनएफ (एस) ने टीएसए के आरोप का खंडन किया है। साथ ही लोगों से आग्रह किया है कि वे ‘इस गलत सूचना और आरोप से दूर रहें।’ केएनएफ (एस) ने जारी बयान में कहा, ‘संगठन यह स्पष्ट करने के लिए बाध्य है कि परिचालन निलंबन समझौता (एसओओ) पर हस्ताक्षर करने के बाद से वह किसी भी हिंसक कृत्य में शामिल नहीं है। उसे भाजपा प्रवक्ता के घर पर हमले के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसके अलावा, घटना का स्थान केएनएफ (एस) के परिचालन क्षेत्र के भीतर नहीं है। इसलिए, यह स्पष्ट आरोप कि घटना संगठन के संचालन क्षेत्र के भीतर हुई थी। यह केएनएफ (एस) की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के अलावा और कुछ नहीं है।’

आज 74 वर्ष के हो जाएंगे पीएम मोदी; सेवा पखवाड़ा चला कर भाजपाई करेंगे जनसेवा

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 17 सितंबर को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। वे आज 74 साल के हो गए हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर सरकार और राज्यों के दिग्गज नेताओं समेत विपक्षी दलों के नेता बधाई दे रहे हैं। देश विदेश से पीएम मोदी को जन्मदिन के शुभकामना संदेश भेजे जा रहे हैं। नरेंद्र मोदी का नाम सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों की सूची में शामिल है।

पीएम मोदी के जन्मदिन के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी सेवा पखवाड़ा आरंभ करने जा रही है। 17 सितंबर से दो अक्तूबर तक चलने वाले सेवा पखवाड़े के दौरान भाजपा कार्यकर्ता विभिन्न समाजों और वर्गों से जुड़कर समस्याओं का समाधान खोजेंगे। भाजपा शासित राज्य सरकारों ने भी प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन की खास तैयारी की है। भारतीय जनता पार्टी 17 सितंबर से 2 अक्तूबर तक चलने वाले इस पखवाड़े में पार्टी देश के सभी जिलों में अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। इसके तहत गांव, गली, चौराहों, चौपालों में सेवा कार्य किया जाएगा। इस दौरान स्वच्छता से जुड़े अभियान भी चलाए जाएंगे।

ओडिशा में ‘सुभद्रा’ योजना की करेंगे शुरुआत करेंगे
प्रधानमंत्री 17 सितंबर को अपने जन्मदिन के मौके पर ओडिशा का दौरा करेंगे। यहां भुवनेश्वर में वह जनता मैदान में आयोजित कार्यक्रम में ‘सुभद्रा’ योजना की शुरुआत करेंगे। इस योजना के तहत एक करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। इस योजना के तहत, 21-60 वर्ष की आयु के सभी पात्र लाभार्थियों को 2024-25 से 2028-29 के बीच 5 वर्षों की अवधि में 50000 रुपये मिलेंगे। दो समान किस्तों में प्रति वर्ष 10,000 रुपये की राशि सीधे लाभार्थी के आधार कार्ड से जुड़े बैंक खाते में जमा की जाएगी। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री 10 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में धन हस्तांतरण की शुरुआत करेंगे।

17 सितंबर 1950 को पैदा हुए नरेंद्र मोदी 2014 से लगातार देश के प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले 2002 से 2014 तक उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला। नरेंद्र मोदी उन बिरले राजनेताओं में हैं जो चुनावी राजनीति में उतरने के बाद से राज्य और केंद्र में लगातार शीर्ष पद पर ही रहे।

पीएम मोदी के जन्मदिन पर आज से शुरू होगा भाजपा का सेवा पखवाड़ा, सीएम योगी भी होंगे शामिल

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर मंगलवार से भारतीय जनता पार्टी पूरे प्रदेश में सेवा पखवाड़ा शुरू करेगी। मंगलवार को पार्टी पूरे प्रदेश में स्वच्छता अभियान चलाएगी और रक्तदान शिविर भी आयोजित करेगी। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक लखनऊ में स्वच्छता अभियान कार्यक्रम में शामिल होंगे।

पार्टी के प्रदेश महामंत्री एवं सेवा पखवाड़ा अभियान के प्रदेश प्रभारी संजय राय ने बताया कि रक्तदान शिविरों में युवा मोर्चा के कार्यकर्ता रक्तदान करेंगे। सीएम योगी वाराणसी में रक्तदान शिविर का उद्घाटन करेंगे। स्वच्छता अभियान और रक्तदान शिविर में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, राज्य सरकार के मंत्री, जनप्रतिनिधि सम्मिलित होंगे।

मंत्रियों में सुरेश कुमार खन्ना लखनऊ में, स्वतंत्र देव सिंह गोरखपुर, अनिल कुमार मुरादाबाद, सुनील शर्मा सहारनपुर, संजय निषाद कानपुर देहात, सूर्य प्रताप शाही अयोध्या, राकेश सचान रायबरेली, दारा सिंह चौहान गोंडा, धर्मपाल सिंह उन्नाव, जयवीर सिंह आगरा, बेबीरानी मौर्य हाथरस, लक्ष्मी नारायण चौधरी कासगंज, एके शर्मा जौनपुर, ओम प्रकाश राजभर सुल्तानपुर, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी‘ बांदा, अनिल राजभर आजमगढ़, आशीष पटेल बांदा, कमलेश पासवान गोरखपुर सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम में शामिल होंगे।