Saturday , November 23 2024

देश

‘कांग्रेस से हाथ मिलाने का सवाल नहीं’, पूर्व सीएम कुमार स्वामी बोले- कर्नाटक में बनेगी NDA सरकार

रामनगर: कर्नाटक के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमार स्वामी ने कहा कि कर्नाटक में भाजपा और जद एस मिलकर NDA सरकार बनाएगी। इसके लिए वह दोनों दलों के नेताओं और कार्यकर्ता मिलकर काम करेंगे। उनकी पार्टी का एक बार फिर से कांग्रेस से हाथ मिलाने का कोई सवाल ही नहीं है।

मुदा घोटाले के खिलाफ निकाली जा रही मैसूर पदयात्रा के दौरान एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि भाजपा और जदएस के कार्यकर्ता मिलकर काम करें। मेरे लिए मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह महत्वपूर्ण नहीं है। आप सबके आशीर्वाद से मैं दो बार कर्नाटक का सीएम रहा। कर्नाटक और यहां के लोगों का विकास मेरे लिए जरूरी है। मैं आने वाले दिनों में आपके लिए काम करूंगा। मेरा लक्ष्य भाजपा-जद(एस) गठबंधन सरकार को वापस लाना है। जो हर परिवार के कल्याण की देखभाल करेगी।

कांग्रेस के साथ 14 महीने तक सरकार चलाने के अनुभव को लेकर कुमार स्वामी ने कहा कि अब मेरा कांग्रेस में जाने का कोई सवाल ही नहीं है। मैं मुख्यमंत्री बनने नहीं आया था। वो तो आप लोगों ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन मैनें पैसा लूटने की कोशिश नहीं की। बल्कि किसानों का 25 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया।

कुमार स्वामी बोले कि मैनें येदयुरप्पा के साथ विश्वासघात नहीं किसा। कुछ लोगों के कारण यह स्थिति पैदा हुई। मैं नहीं भूल सकता कि भाजपा के कार्यकर्ता और जद (एस) ने मुझे पाला-पोसा है। भाजपा और जद (एस) के बीच गठबंधन ने कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ा दी है।

सीएम सिद्धारमैया पर विपक्ष ने साधा निशाना, मुदा घोटाले के खिलाफ पदयात्रा के बीच भाजपा ने बोला हमला

कर्नाटक में हुए कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण साइट आवंटन (मुदा) घोटाले के खिलाफ भाजपा और जद एस की पदयात्रा रविवार को दूसरे दिन भी जारी रही। इस दौरान यात्रा में शामिल भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर हमला बोला।

अरुणाचल के दो युवक दो साल से लापता, आखिरी बार चीन सीमा पर देखा गया था; परिजनों का बुरा हाल

इटानगर: चीन सीमा के नजदीक से अरुणाचल प्रदेश के लापता हुए दो युवकों का अब तक पता नहीं चल पाया है। युवकों का पता लगाने के लिए दो साल से तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, मगर फिर भी निराशा ही हाथ लगी है। हालांकि, माना जाता है कि दोनों युवक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की हिरासत में हैं, लेकिन चीन ने अबतक दोनों की अपने क्षेत्र में होने की बात को स्वीकार नहीं की है।

जड़ी- बूटी की तलाश में गए थे युवक
अरुणाचल प्रदेश के दो युवक 33 साल के बेटिलम टिकरो और 35 वर्षिय बेइंग्सो मन्यु 19 अगस्त 2022 को औषधीय पौधों ( जड़ी- बूटी) की तलाश में अंजॉ के चगलगाम के लिए रवाना हुए थे। मगर वह वहां पहुंचे ही नहीं और न अपने घर वापस आए। उन्हें आखिरी बार 24 अगस्त को देखा गया था, उसके बाद से उनके बारे में कोई खबर नहीं मिली। परिजनों ने काफी तलाश करने के बाद नौ अक्तूबर को शिकायत दी थी।

चीनी हिरासत में हैं…
टिकरो के भाई दिशांसो चिकरो ने फोन पर पीटीआई को बताया कि उन्हें पता चला है कि उनके भाइयों को चीनी सेना ने हिरासत में ले लिया है। उन्होंने अपने भाइयों के बारे में जानकारी मांगने के लिए कई बार स्थानीय सेना के अधिकारियों से संपर्क किया। इस पर उनसे कहा गया कि भारतीय सेना ने अपने चीनी समकक्षों के साथ इस मुद्दे को उठाया है। मगर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

अंजॉ विधायक और राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री दसांगलू पुल ने इस बात की पुष्टि की है कि दोनों चीन से सटी सीमा पर जड़ी बूटियों की तलाश में गए थे, तभी से लापता हैं। उन्होंने फोन पर बताया कि चीन ने अभी तक यह स्वीकार नहीं किया है कि दोनों युवक उनकी हिरासत में हैं। मगर मुझे जानकारी मिली है कि वे अब भी जिंदा हैं।

दो साल पहले दी थी शिकायत
टिकरो के भाई चिकरो ने दो साल पहले नौ अक्तूबर को हायुलियांग पुलिस स्टेशन में लापता व्यक्तियों की दो शिकायतें दी थीं। शिकायत में कहा गया है कि कुछ गांव के लोगों ने उन दोनों को आखिरी बार 24 अगस्त 2022 में चीन की सीमा के पास देखा, लेकिन तब से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।

वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग, केंद्रीय मंत्री बोले- वैधानिकता पर विचार करेंगे

तिरुवनंतपुरम:केरल के वायनाड में भूस्खलन से हुई भारी तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठ रही है। जब इसे लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री सुरेश गोपी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए इसकी वैधानिकता की जांच करेगी। वायनाड के भूस्खलन में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। केंद्रीय राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने रविवार को भूस्खलन प्रभावित वायनाड का दौरा किया। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये बात कही।

‘राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए कानूनी पहलू पर विचार करेगी सरकार’
केंद्रीय पर्यटन, पेट्रोलियम और नैचुरल गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने कहा कि ‘वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए केंद्र सरकार इसके कानूनी पहलू पर विचार करेगी और इसके लिए भूस्खलन प्रभावित इलाकों मुनदक्कई और चूरालमाला की समीक्षा के साथ ही भूस्खलन के प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा।’ केंद्रीय मंत्री ने वायनाड दौरे पर बचाव कार्यों में लगे अधिकारियों से तलाशी अभियान की जानकारी ली। केरल राज्य को केंद्र से मदद मिलने के सवाल पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि ‘राज्य को भूस्खलन से हुए नुकसान की समीक्षा करके केंद्र सरकार को इसकी सूचना देनी होगी और सहायता की मांग करनी होगी। उसके बाद ही केंद्र सरकार मदद कर सकती है।’ केंद्रीय मंत्री ने पीड़ितों की काउंसिलिंग कराने की मांग राज्य सरकार से की।

पूर्व केंद्रीय मंत्री बोले- राष्ट्रीय आपदा का कॉन्सेप्ट ही नहीं
वायनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान में विभिन्न बलों के सैंकड़ों जवान लगे हुए हैं। इनमें एनडीआरएफ, के-9 डॉग स्कवॉड, सेना, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप, पुलिस, अग्निशमन बल, वन विभाग, नौसेना के साथ ही तटरक्षक बल के जवान भी अभियान में जुटे हैं। वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग पर भाजपा ने रविवार को प्रतिक्रिया दी। भाजपा ने कहा कि यूपीए की सरकार में तय किए गए प्रावधानों के तहत केरल के भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया जा सकता।

धारावी पुनर्विकास परियोजना में आएगी तेजी, निवासी निकाय ने सरकारी सर्वेक्षण को दिया समर्थन

मुंबई:एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्ती धारावी के पुनर्विकास में अब तेजी आने की उम्मीद है। दरअसल धारावी और उसके आसपास के निवासियों के एक नवगठित संघ ने राज्य सरकार के नेतृत्व में चल रहे सर्वेक्षण को अपना समर्थन दे दिया है। तीन अरब डॉलर की धारावी पुनर्विकास परियोजना को अदाणी समूह द्वारा विकसित किया जाएगा। इस परियोजना से धारावी के करीब 10 लाख निवासियों का जीवन बदलने का वादा किया गया है।

धारावी के निवासी निकाय ने कहा- बिना किसी देरी के आगे बढ़े काम
धारावी निवासियों के ‘नागरिक और समाज विकास कल्याण निकाय’ ने 30 जुलाई को महाराष्ट्र सरकार के ‘धारावी पुनर्विकास परियोजना/झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण’ (डीआरपी/एसआरए) के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास को लिखा, ‘हम विनती करते हैं कि पुनर्विकास का काम बिना किसी और देरी के आगे बढ़ाया जाए,

ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सर्वेक्षण जल्द से जल्द किया जाए।’ ‘धारावी बनाओ’ आंदोलन का नारा देने वाले नागरिक और समाज विकास कल्याण के प्रतिनिधियों ने श्रीनिवास से मुलाकात की और धारावी में किए जा रहे सर्वेक्षण को शीघ्र शुरू करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा।

परियोजना पूरी होने में लग सकता है सात वर्ष का समय
18 मार्च, 2024 को शुरू हुए राज्य सरकार के सर्वेक्षण में अब तक घर-घर जाकर 10,000 मकानों की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि 21,000 से ज़्यादा मकानों की गिनती की जा चुकी है। इसमें धारावी के रिहायशी, व्यावसायिक मकान और धार्मिक संरचनाएं भी शामिल हैं। घनी आबादी वाले धारावी का लगभग 600 एकड़ क्षेत्र का मानचित्रण पुनर्विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जिसे पूरा होने में सात साल का समय लगने की संभावना है।

परियोजना पूरी होने के बाद पात्र निवासियों को इस क्षेत्र में 350 वर्ग फुट का फ्लैट मिलेगा, जबकि अपात्र निवासियों को मुंबई में कहीं और फिर से बसाया जाएगा। 3-डी मैपिंग विशेषज्ञ जेनेसिस इंटरनेशनल लिमिटेड इस क्षेत्र का मानचित्रण करेगा, जबकि यूके कंसल्टेंसी ब्यूरो हैपोल्ड लिमिटेड भौतिक बुनियादी ढांचे की ज़रूरतों को रेखांकित करेगा और बोस्टन स्थित सासाकी एसोसिएट्स इंक समग्र पुनर्डिज़ाइन का काम करेगी।

ममता बनर्जी ने झारखंड के CM हेमंत सोरेन से की बात, बांध से पानी छोड़ने पर ध्यान देने का अनुरोध

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि उन्होंने झारखंड के सीेम हेमंत सोरेन से बातचीत की है। ममता बनर्जी ने कहा कि बातचीत के दौरान उन्होंने झारखंड के बाधों से पानी छोड़ने को लेकर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। ममता बनर्जी ने दावा किया है कि झारखंड के बांधों से छोड़े जाने वाले पानी की वजह से पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति पनप रही है। उधर, झारखंड और पश्चिम बंगाल में विभिन्न हाइड्रो पावर प्रोजक्ट का संचालन करने वाली कंपनी दामोदर वैली कोर्पोरेशन (डीवीसी) का कहना है कि बारिश झारखंड में इस बार बारिश की कमी देखने को मिली है। डीवीसी का यह भी कहना है कि उसे निचले इलाकों में किसी तरह की बाढ़ का खतरा नजर नहीं आया है।

ममता बनर्जी ने क्या कहा?
सोशल मीडिया मंच एक्स पर ममता बनर्जी ने लिखा, ‘मैंंने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से बात की है। मैंने उनसे बाढ़ के हालातों के बारे में चर्चा की। बातचीत के दौरान तनुघाट से पानी छोड़ने पर चर्चा की गई, जिस वजह से पश्चिम बंगाल में बाढ़ के हालात पनपे हैं। मैंने उन्हें बताया कि झारखंड द्वारा पानी छोड़ने की वजह से पश्चिम बंगाल में बाढ़ आ गई है। मैंने उनसे इसका ध्यान रखने का अनुरोध किया है।’ पश्चिम बंगाल की सीएम ने यह भी कहा कि उनकी बाढ़ के हालातों पर नजर बनी हुई है। इसके साथ ही वह इसे लेकर लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं।

‘बाढ़ के हालातों पर बनी हुई है नजर’
ममता बनर्जी ने आगे कहा, ‘मेरी बाढ़ के हालात पर लगातार नजर बनी हुई है। मैंने बंगाल के दक्षिण और उत्तरी क्षेत्र के जिलाधिकारियों से इस संबंध में बातचीत की है। मैंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगले तीन से चार दिन तक बाढ़ के हालातों पर लगातार नजर बनाए रखें। मैंने उनसे सभी एहतियाती कदम उठाने को कहा ताकि कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो।’ उधर, डीवीसी का कहना है कि बारिश में कमी के कारण झारखंड के तनुघाट से कम पानी छोड़े जाने की उम्मीद है।

अरब सागर में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध 15 अगस्त तक बढ़ा, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

अहमदाबाद :  गुजरात सरकार ने अरब सागर में मछली पकड़ने पर लगाए गए प्रतिबंध को 15 अगस्त बढ़ाने का फैसला किया है। कांग्रेस ने इस कदम को अनुचित बताया है। विपक्षी पार्टी ने कहा कि इससे मछुआरा समुदाय को वित्तीय नुकसान होगा। हालांकि, राज्य के मत्स्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मछलियों के प्रजनन और उन्हें समय देने के लिए मछुआरा संघ की ओर से प्रतिवेदन मिला, जिस पर विचार करने के बाद ही केंद्र सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया।

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस फैसले तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिक आंकडों और मौसम की स्थिति को भी ध्यान में रखा। अधिकारी ने कहा कि इस कदम को अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाए जाने की संभावना है। साल 2021 से राज्य में वार्षिक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध 1 जून से 31 जुलाई तक प्रभावी रहा।

मत्स्य विभाग ने 31 जुलाई को गुजरात मत्स्य पालन (संशोधन) नियम, 2020 में संशोधन करते हुए एक अधिसूचना जारी की थी। जिसमें कहा गया था कि कोई भी व्यक्ति एक कैलेंडर वर्ष में 1 जून से 15 अगस्त (कुल 76 दिन) तक अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय जल क्षेत्र मं किसी भी प्रकार की मछली नहीं पकड़ेगा।

हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने आज एक बयान में कहा, 15 अगस्त तक मछली पकडने पर प्रतिबंध लगाने का गुजरात सरकार का फैसला अनुचित है। हम मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गुजरात सरकार से आग्रह करते हैं कि वे इस पर विचार करें और मछुआरों को तुरंत समुद्र में जाने दें।

उन्होंने दावा किया मत्स्य आयुक्त ने 31 जुलाई को दोपहर 12 बजे एक सर्कुलर जारी किया। जिसमें कहा गया कि अगर 1, 2 और 3 अगस्त को मौसमम खराब रहता है, तो मछुआरों को समुद्र में मछली पकड़ने जाने के लिए टोकन नहीं मिलेगा। गोहिल ने कहा कि उसी दिन शाम सात बजे एक और सर्कुलर जारी किया गया, जिसमें 15 अगस्त तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

उन्होंने कहा कि मछुआरों से चर्चा किए बिना अचानक मत्स्य पालन अधिनियम 2003 के नियमों में संशोधन किया गया। इस वजह से मछुआरों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि एक अगस्त से मछली पकड़ने का मौसम शुरू होने के साथ ही मछुआरों ने अपनी नावों पर डीजल, बर्फ औऱ खाद्य पदार्थों आदि की व्यवस्था की थी। दूर-दराज के मछुआरे ये सोचके कच्छ के जखाऊ पहुचे थे कि सीजन एख अगस्त को शुरू होगा। उन्होंने अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए रेल टिकटों पर पैसे खर्च किए हैं, जहां उन्हें अगले दो हफ्ते तक बैठने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

महाराष्ट्र के सियासी रण में चाचा-भतीजे के बीच छिड़ी जंग! आदित्य के खिलाफ इसे उतारेंगे राज ठाकरे

मुंबई: लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद महाराष्ट्र में भाजपा के अगुवाई वाली महायुति और विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी ने विधानसभा की तैयारियां शुरू कर दी हैं। हाल के लोकसभा चुनावों में वर्ली में उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के उम्मीदवार की बढ़त सात हजार से कम होने के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को एक अवसर का आभास हो रहा है और वह इस विधानसभा सीट से संदीप देशपांडे को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे का मुकाबला मनसे के उम्मीदवार से हो सकता है।

कई योजनाएं ठप
मुंबई दक्षिण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के वर्ली में भारत के कुछ सबसे धनी लोगों का घर है। यह व्यापारिक गतिविधियों के लिए खासा जाना जाता है। हालांकि, यहां बीडीडी चॉल और पुलिस कॉलोनियां पुनर्विकास के इंतजार में हैं। कई झुग्गी पुनर्वास परियोजनाएं ठप पड़ी हुई हैं।

राज ठाकरे ने सीएम शिंदे से की मुलाकात
इन सबके बीच, मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शनिवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। इस दौरान वर्ली के मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, बैठक के बाद शिंदे ने अधिकारियों को वर्ली के मुद्दों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। वहीं, दूसरी ओर मनसे के नेता संदीप देशपांडे वर्ली निवासियों की चिंताओं को दूर करने के लिए सक्रिय रूप से उनके साथ जुड़ रहे हैं।

क्या था 2019 का चुनावी आांकड़ा
विशेष रूप से, मनसे ने 2019 के विधानसभा चुनावों में वर्ली से उम्मीदवार नहीं उतारा था क्योंकि उद्ध ठाकरे वाली शिवसेना (के प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे अपना पहला चुनाव लड़ रहे थे। बिना किसी मजबूत विरोध के ठाकरे ने 62,247 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। शिवसेना (यूबीटी) की जीत के बाद भी इस साल के लोकसभा चुनावों के दौरान वर्ली विधानसभा क्षेत्र में बढ़त में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई।

वायनाड भूस्खलन में अब तक 300 से अधिक मौतें, छठे दिन भी राहत व बचाव कार्य जारी; जानें सब कुछ

वायनाड : केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी थी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अबतक 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हैं। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों चूरलमाला और मुंडक्कई में सेना का राहत व बचाव कार्य छठे दिन भी जारी है। अभी भी मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। वहीं, राज्य के तीन जिलों के लोगों के लिए जीवन रेखा रही चलियार नदी भूस्खलन के बाद से विनाश का प्रतीक बन गई है।

केरल के पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास का कहना है कि उत्तरी केरल के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में छठे दिन भी बचाव अभियान जारी रहेगा और उन स्थानों पर अधिक बल और उपकरण तैनात किए गए हैं, जहां शवों के बरामद होने की संभावना ज्यादा है।

…और शवों के मिलने की संभावना
उन्होंने कहा कि वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड जिलों से बहने वाली चलियार नदी के 40 किलोमीटर के हिस्से में खोज अभियान जारी रहेगा, क्योंकि मलप्पुरम में नीलांबुर के पास कई शव और अवशेष बरामद किए गए हैं। भूस्खलन से तबाह हुए मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में बचाव अभियान पिछले कुछ दिनों की तरह ही जारी रहेगा और उन स्थानों पर अधिक बल और उपकरण तैनात किए जाएंगे, जहां शवों के मिलने की संभावना अधिक है।

पुनर्वास के बारे में पीड़ितों के विचार जानेंगे: रियास
जो लोग प्राकृतिक आपदा से जिंदा बच गए हैं, उनके पुनर्वास के बारे में पर्यटन मंत्री ने कहा कि सभी के साथ चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘शिविरों और अस्पतालों में रह रहे लोगों के विचारों को प्राथमिकता दी जाएगी। मगर अभी चर्चा नहीं की जाएगी। इन सब पर बात तब होगी जब यह लोग बात करने की स्थिति में होंगे।’

मंत्री ने कहा कि पहचान और अन्य महत्वपूर्ण रिकॉर्ड खो चुके लोगों की मदद के लिए तत्काल हस्तक्षेप किया जाएगा। वहीं, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा किसी भी तरह से बाधित न हो, इसके लिए भी कदम उठाए जाएंगे।

‘मध्यस्थता लंबे समय से भारतीय संस्कृति का हिस्सा’, सुप्रीम कोर्ट के कार्यक्रम में बोले कानून मंत्री मेघवाल

नई दिल्ली: कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा कि मध्यस्थता लंबे समय से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रही है। अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए उन्होंने महाभारत की कहानियों का सहारा लिया। मेघवाल ने कहा कि आत्म निरीक्षण विवादों को सुलझाने में मदद करती है। कानून मंत्री ने वैवाहिक मुद्दों को निपटाने में लोक अदालतों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जो पहले परिवार के बुजुर्गों द्वारा किया जाता था, उनका हल अब विवाद सुलझाने वाली प्रणालियों के जरिए किया जा रहा है।

मेघवाल ने कहा कि पहली लोक अदालत भगवान कृष्ण ने आयोजित की थी। उन्होंने पांडव और कौरवों का विवाद लोक अदालत के जरिए ही सुलझाने की कोशिश की थी। इसी के साथ उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की भी पंक्तियों का उदाहरण दिया। इन पंक्तियों के माध्यम से उन्होंने बताया कि कैसे श्रीकृष्ण ने शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकाला था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मुआवजा, भूमि अधिग्रहण, वैवाहिक मतभेदों से लेकर विवादों को निपटाने के लिए विशेष लोक अदालत सप्ताह का आयोजन किया है। मेघवाल ने बताया कि हजार से ज्यादा मामले निपटाए गए हैं।

मणिपुर में असम राइफल्स की जगह CRPF की तैनाती का विरोध, कुकी-जो विधायकों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

इंफाल:  मणिपुर के 10 कुकी और जो विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में विधायकों ने सरकार के उस फैसले से नाराजगी जताई है, जिसमें मणिपुर से असम राइफल्स की दो बटालियंस को हटाकर उनकी जगह सीआरपीएफ की बटालियंस तैनात करने का फैसला किया गया है। पत्र में मांग की गई है कि जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर के संवेदनशील इलाकों में असम राइफल्स को ही तैनात रखा जाए।

‘केंद्र का फैसला भयावह साजिश’
कुकी-जो विधायकों ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में लिखा कि ‘जब केंद्र सरकार संघर्ष को खत्म करने की कोशिश कर रही है तो ऐसे वक्त में असम राइफल्स को हटाकर ऐसे नए सुरक्षा बलों की तैनाती करना, जो इलाके से वाकिफ भी नहीं हैं, उससे हिंसा में बढ़ोतरी हो सकती है।’ उल्लेखनीय है कि ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं कि सरकार कंगवई और कांगपोकपी इलाकों से असम राइफल्स को हटाकर सीआरपीएफ की तैनाती करने की तैयारी कर रही है। कुकी जो विधायकों ने असम राइफल्स को निष्पक्ष बल बताया और दावा किया कि केंद्र सरकार के फैसला एक भयावह साजिश है।

जम्मू में तैनात की जा सकती हैं असम राइफल्स की बटालियन
रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार असम राइफल्स की नौवीं और 22वीं बटालियन को हटाकर इनकी जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की बटालियंस की तैनाती कर सकती है। विधायकों ने पीएम मोदी से इस फैसले में हस्तक्षेप की अपील की है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि असम राइफल्स की बटालियंस को मणिपुर से हटाकर जम्मू में तैनात किया जाएगा। हाल के समय में जम्मू में आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ है, यही वजह है कि सरकार जम्मू में सैन्य तैनाती बढ़ाने पर विचार कर रही है।

पत्र में कहा गया है, ‘मणिपुर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में असम राइफल्स के पास सबसे अधिक अनुभव है, साथ ही स्थानीय लोगों, कुकी-जो जनजातियों और मैतेई समुदाय, दोनों के बारे में उन्हें अद्वितीय जानकारी है। क्षेत्र की संस्कृति और भू-राजनीतिक संवेदनशीलताओं के बारे में भी उनकी समझ शांति के माहौल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रही है।’ पत्र में मांग की गई है कि अगर असम राइफल्स की बटालियंस को कहीं और तैनात किया जाता है तो उनकी जगह भी असम राइफल्स की बटालियंस को ही तैनात किया जाए।